क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें

क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें
Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration

क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें

अस्वीकरण :
इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook यह गारंटी नहीं देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, तो Khatabook किसी भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

We'd love to hear from you

We are always available to address the needs of our users.
+91-9606800800

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने इस साल दिया 123% तक का रिटर्न, जानिए आप कैसे कर सकते हैं निवेश

बिटकॉइन की कीमतों में अपने उच्च स्तर से 50% से ज्यादा की गिरावट आ गई है। इसके अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी गिरावट दिख रही है। डाऊ जोंस समेत अन्य शेयर बाजारों में गिरावट का भी असर क्रिप्टोकरेंसी पर असर दिख रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने इस साल दिया 123% तक का रिटर्न, जानिए आप कैसे कर सकते हैं निवेश

Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration

बिटकॉइन दुनिया की सबसे पॉप्युलर क्रिप्टोकरेंसी है। इस साल बिटकॉइन ने अपने निवेशकों को जबरदस्त कमाई कराई है। लेकिन बीते कई महीनों से बिटकॉइन की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। इसका कारण कई देशों की सरकारों की ओर से क्रिप्टोकरेंसी पर नियंत्रण लगाने और इसकी माइनिंग पर उठे सवाल हैं।

इस साल की शुरुआत के पहले चार महीनों में बिटकॉइन ने अपने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। 1 जनवरी 2021 को बिटकॉइन की कीमत 29,001 डॉलर प्रति यूनिट थी। यह 14 अप्रैल 2021 को अपने उच्चतम स्तर 64,863 डॉलर प्रति यूनिट पर पहुंच गई थी। यानी इसने अपने निवेशकों को 1 जनवरी से 14 अप्रैल 2021 के दौरान 123% का रिटर्न दिया था। अप्रैल में अमेरिका की कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने बिटकॉइन में 1 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया था। इससे अन्य निवेशकों में भरोसा जगा था और बिटकॉइन की मांग बढ़ी थी। इसी वजह से बिटकॉइन की कीमतें अपने उच्च स्तर पर पहुंची थीं।

अप्रैल के बाद हो रही लगातार गिरावट: 14 अप्रैल को उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद बिटकॉइन की कीमतें लगातार गिर रही हैं। अब तक बिटकॉइन की कीमतों में 50% से ज्यादा की गिरावट आ गई है। मंगलवार को दोपहर करीब 12.30 बजे बिटकॉइन की कीमत 6.22% की गिरावट के साथ 29,831.70 डॉलर प्रति यूनिट पर कारोबार कर रही थी। इसके साथ ही बिटकॉइन के मार्केट कैप में भारी कमी दर्ज की गई है। अप्रैल में बिटकॉइन का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया था। अब यह 55 हजार करोड़ डॉलर के पास आ गया है।

Venus Transit: शुक्र ग्रह ने किया वृश्चिक राशि में प्रवेश, इन 3 राशि वालों को मिली दरिद्र योग से मुक्ति, धनलाभ के आसार

Budhaditya Yog: सूर्य देव का होगा वृश्चिक में प्रवेश, बुधादित्य राजयोग से 3 राशि वालों की चमक सकती है किस्मत

Raj Yog: नवपंचम राजयोग बनने से इन 3 राशि वालों का चमक सकता है भाग्य, बुध और शुक्र ग्रह की रहेगी असीम कृपा

इस वजह हो रही गिरावट: अभी क्रिप्टोकरेंसी पर सरकारों का नियंत्रण नहीं है। गिन-चुने देशों ने ही इसे मान्यता दी है। दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का चलन बढ़ रहा है। इस कारण हाल के दिनों में दुनियाभर की सरकारें क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम बनाने में जुटी हैं। भारत समेत कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इसका निवेशकों पर बुरा असर पड़ रहा है। बैन की आशंका को लेकर निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में लगे निवेश को निकालने में जुटे हैं। इस कारण इसमें गिरावट हो रही है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क कई बार बिटकॉइन की माइनिंग में इस्तेमाल होने वाली एनर्जी पर सवाल उठा चुके हैं। इसका भी नेगेटिव असर हो रहा है। अमेरिका के डाऊ जोंस समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में होने वाली उठापटक का भी क्रिप्टोकरेंसी पर असर पड़ता है।

अन्य क्रिप्टोकरेंसी का हाल: ऐसा नहीं है कि केवल बिटकॉइन को ही गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे इथेरियम, इथेरियम क्लासिक, बिनाका कॉइन, डॉगक्वाइन समेत अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में गिरावट आ रही है। मंगलवार को इथेरियम 7.86% की गिरावट के साथ 1762 डॉलर प्रति यूनिट, टीथर 0.02% की गिरावट के साथ 1 डॉलर प्रति यूनिट, बिनाका कॉइन 12.03% की गिरावट के साथ 266 डॉलर प्रति यूनिट, डॉगक्वाइन 7.58% की गिरावट के साथ 0.1662 डॉलर प्रति यूनिट, इथेरियम क्लासिक 7.18% की गिरावट के साथ 39.06 डॉलर प्रति यूनिट पर कारोबार कर रही हैं।

ऐसे कर सकते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश: आप किसी भी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज की वेबसाइट के जरिए इसमें निवेश कर सकते हैं। सबसे पहले आपको एक्सचेंज पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद आप किसी क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें भी तरीके से भुगतान करके क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं। सभी एक्सचेंज अपने ग्राहकों से कमीशन लेते हैं। इसलिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले एक्सचेंज कमीशन की अच्छी तरह से जांच कर लें। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले अपने देश के नियम-कानूनों की भी अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?: क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। इसके जरिए लेन-देन भी किया जा सकता है। पूरी दुनिया में इस समय करीब 4 हजार क्रिप्टोकरेंसी हैं। बिटकॉइन दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की संख्या 1 करोड़ के पार पहुंच गई है। इनका कुल निवेश 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है।

क्रिप्टो बज़ से बेखबर? रिपोर्ट में दावा- क्रिप्टोक्राइम से दुनिया को हर साल 30 बिलियन डॉलर का लगेगा चूना

अमेरिकी शोध फर्म की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2025 तक साइबर अपराध 10.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा और 2031 तक साइबर क्राइम पीड़ितों को रैंसमवेयर हमलों से होने वाला नुकसान का आंकड़ा 265 बिलियन डॉलर सालाना हो जाएगा.

क्रिप्टोकरेंसी की प्रतीकात्मक तस्वीर | विकीमीडिया कॉमन्स

नई दिल्ली: क्रिप्टो करेंसी से जुड़े अपराध, जिन्हें आमतौर पर क्रिप्टो क्राइम कहा जाता है, इनके कारण 2025 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था को 30 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है. यह अनुमान एक नई रिपोर्ट में लगाया गया है.

वैश्विक साइबर अर्थव्यवस्था पर केंद्रित अमेरिकी शोध फर्म साइबरस्पेस वेंचर्स की बुधवार को जारी रिपोर्ट में साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा पर तमाम तथ्यों और आंकड़ों का ब्योरा दिया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘डिसेंट्रलाइज फाइनेंस (डीएफआई) सेवाओं के उपयोग में तेजी आने से वैश्विक वित्तीय प्रणालियों के बीच एक नए तरह का जोखिम उत्पन्न हो रहा है जो अपराधियों को क्रिप्टोक्राइम के नए तरीके अपनाने को बढ़ावा दे रहा है. साइबर सिक्योरिटी वेंचर का अनुमान है कि ‘रग पुल’ और अन्य तरह के साइबर हमलों से दुनिया को अकेले 2025 में करीब 30 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है.’

‘रग पुल’ शब्द का इस्तेमाल क्रिप्टो वर्ल्ड में एक घोटाले के संदर्भ में किया जाता है जहां क्रिप्टो टोकन डेवलपर्स अनजान उपयोगकर्ताओं को एक परियोजना में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हैं, लेकिन फिर इसे बंद कर देते हैं, और निवेशक एकदम खाली हाथ रह जाते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर साइबर क्राइम की वजह से होने वाला नुकसान वैश्विक स्तर पर हर साल 15 प्रतिशत बढ़कर 2025 तक 10.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है, जबकि 2015 में यह 3 ट्रिलियन डॉलर था.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

इसमें यह भविष्यवाणी भी की गई है कि कि रैंसमवेयर (एक मैलिसियस सॉफ्टवेयर जो फिरौती चुकाने तक आपके कंप्यूटर तक पहुंच बाधित कर देता है) का इस्तेमाल कर 2031 तक हर दो सेकंड पर किए जाने वाले एक हमले के साथ पीड़ितों को 265 बिलियन डॉलर सालाना का चूना लग सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में रैंसमवेयर से संबंधित नुकसान 20 बिलियन डॉलर आंका गया था और हर 11 सेकंड एक हमला हुआ था.

क्रिप्टो क्राइम में तेजी

रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक क्रिप्टो क्राइम के कारण सालाना 30 बिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान है, जो 2021 के 17.5 बिलियन डॉलर के आंकड़े की तुलना में लगभग दोगुना है.

इसमें कहा गया है कि क्रिप्टो क्राइम और इसके कारण चुकाई जाने वाली कीमत आने वाले वर्षों में सालाना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ने के आसार हैं.

इसमें कहा गया है, ‘साइबर अपराधी कई तरीकों से क्रिप्टो क्राइम को अंजाम देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.’

इनमें हैकर्स का क्रिप्टो एक्सचेंजों को निशाना बनाने के कई उदाहरण शामिल हैं, क्रिप्टो एक्सचेंज वो वर्चुअल प्लेटफॉर्म होते हैं जहां क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और बेची जा सकती है. उदाहरण के तौर पर, जनवरी 2022 में क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म क्रिप्टो डॉट कॉम ने स्वीकार किया कि हैकर्स ने यूजर्स की 30 मिलियन डॉलर मूल्य की क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली थी.

अन्य क्रिप्टो क्राइम में मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर जानबूझकर यूजर्स की क्रिप्टोकरेंसी हथिया लेने वाले घोटाले शामिल हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अकेले पिछले साल क्रिप्टो घोटालों की बदौलत स्कैमर्स ने पीड़ितों से 7.7 बिलियन डॉलर का चूना लगाया.’ साथ ही कहा गया कि यह 2020 की तुलना में 81 प्रतिशत अधिक है.

यूएस फेडरल ट्रेड कमीशन ने भी कहा था कि 2021 में क्रिप्टो क्राइम के कारण नुकसान पिछले 12 महीनों में दस गुना बढ़ गया.

‘मनीलॉन्ड्रिंग भी क्रिप्टो क्राइम की एक बड़ी वजह’

दिग्गज टेक कंपनी आईबीएम की तरफ से इस साल जुलाई में जारी एक रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया था, ‘डेटा ब्रीच अब तक सबसे शीर्ष स्तर पर पहुंचकर 2022 में औसतन 176 मिलियन (रुपये) रहा है. यह पिछले साल की तुलना में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.’

आईबीएम की रिपोर्ट ने डेटा ब्रीच के कारण होने वाले नुकसानों क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें को चार श्रेणियों में रखा—लॉस्ट बिजनेस, डिटेक्शन एंड एस्केलेशन, नोटिफिकेशन और पोस्ट-ब्रीच रिस्पांस. इसमें पाया गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने पोस्ट ब्रीच रिस्पांस पर 71 मिलियन रुपये (7.1 करोड़ रुपये) का नुकसान उठाया. आईबीएम की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पोस्ट ब्रीच रिस्पांस के कारण होने वाली क्षति 2021 में 67.20 मिलियन रुपये से बढ़कर 2022 में 71 मिलियन रुपये हो गई.’

यद्यपि साइबरस्पेस वेंचर्स की 2022 की रिपोर्ट भारत पर फोकस नहीं करती, ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर डेटा मुहैया कराने वाली न्यूयॉर्क स्थित एक कंपनी चैनालिसिस की फरवरी 2021 की रिपोर्ट में भारत से जुड़े एक मामले का उल्लेख है जिससमें क्रिप्टोकरेंसी को कथित तौर पर आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए उपयोग किया गया.

मार्च 2020 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ओखला से एक कश्मीरी जोड़े—जहांजेब सामी और हिना बशीर बेग को गिरफ्तार किया था. बाद में दोनों पर 2019 और 2020 के बीच कथित तौर पर हथियारों और विस्फोटकों की खरीद के लिए ‘सीरिया में बैठे आईएसआईएस ऑपरेटिव से मिले एक बिटकॉइन एड्रेस पर क्रिप्टोकरेंसी का डोनेशन कराने का आरोप लगाया गया था.

चैनालिसिस की रिपोर्ट इस पर भी जोर देती है कि क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें ‘मनी लॉन्ड्रिंग क्रिप्टो करेंसी आधारित अपराध का एक बड़ा साधन है.’

चैनालिसिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराधी, जो क्रिप्टो करेंसी चुराते हैं या इसे अवैध सामानों के भुगतान के रूप में स्वीकार करते हैं, ‘अपनी क्रिप्टो संपत्ति को बदलने के लिए आश्चर्यजनक रूप से सेवा प्रदाताओं के छोटे समूह पर भरोसा करते हैं.’

इसमें कहा गया है कि इनमें कुछ प्रदाता ‘मनी लॉन्ड्रिंग सेवाओं के विशेषज्ञ हैं, जबकि अन्य केवल बड़ी क्रिप्टो करेंसी सेवाएं और मनी सर्विसेज व्यवसाय (एमएसबी) हैं, जिनके काम करने का कोई ठोस आधार नहीं है.’

इस सबके बीच भारत में अपना आधार बनाने वाले क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो निवेश ऐप, मसलन क्वाइनडीसीएक्स, क्वाइनस्विच कुबेर और वजीरएक्स के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के संभावित उल्लंघनों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है.

द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन कथित उल्लंघनों में ‘व्यापार-आधारित मनी लॉन्ड्रिंगट और ‘ई-हवाला’ का उपयोग शामिल है.

भारत में क्रिप्टो निवेश हुआ 200 गुणा, कौन और क्यों लगा रहा पैसा?

भारत में करीब 1.5 करोड़ लोग क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार करते हैं.

भारत में क्रिप्टो निवेश हुआ 200 गुणा, कौन और क्यों लगा रहा पैसा?

अनेक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार उफान पर है. चेनालिसिस (Chainalysis) के अनुसार बीते वर्ष में भारतीयों का क्रिप्टो निवेश 200 मिलियन से 40 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. कॉइनगेको की माने तो भारत के चार सबसे बड़े एक्सचेंज में क्रिप्टो की डेली ट्रेडिंग एक वर्ष में 10.6 मिलियन डॉलर से करीब 102 मिलियन डॉलर हो गई है.

भारत में करीब 1.5 करोड़ लोग क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार करते हैं. US के लिए यह नंबर 2.3 करोड़ है जबकि UK में महज 23 लाख लोग क्रिप्टो में ट्रेड करते हैं. चीन में क्रिप्टो बाजार करीब 161 बिलियन डॉलर का है.तमाम चिंताओं के बावजूद भारतीयों का क्रिप्टोकरेंसी के लिए रुझान कम होने की जगह बढ़ता जा रहा है. पारंपरिक तौर पर गोल्ड की बड़ी मांग वाले देश में क्रिप्टो बाजार के विस्तार की रफ्तार चौंकाने वाली है.

सवाल है कि जिन क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में रूल-रेगुलेशन स्पष्ट नहीं है,जिसका मार्केट और भविष्य इतना अनिश्चित है और जिसपर सरकार तथा RBI का रुख पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है,उस भारत में लोग इतनी बड़ी संख्या में इसमें निवेश क्यों कर रहे हैं?

कौन-क्यों कर रहा क्रिप्टोकरेंसी में निवेश?

क्रिप्टोकरेंसी तेजी से एक स्वीकार्य एसेट क्लास बनता दिख रहा है. 18-35 आयु वर्ग के निवेशक खासतौर पर गोल्ड की तुलना में डिजिटल करेंसी पर ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल डाटा के मुताबिक भी 34 वर्ष से कम के निवेशकों को येलो मेटल कम लुभाता है. क्रिप्टो के आकर्षक होने की अहम वजह सोने की तुलना में ज्यादा ट्रांसपेरेंसी और कम अवधि में रिटर्न है. साथ ही डिजिटल करेंसी के साथ वेरिफिकेशन की भी परेशानी नहीं होती. खरीद बिक्री में आसानी ने भी निवेशकों को क्रिप्टो की तरफ मोड़ा है.

देश में दुनिया की सबसे बड़ी IT आबादी है और यह बढ़ते स्मार्टफोन बाजारों में से एक है.इसी का परिणाम है कि ई-कॉमर्स प्लेयर्स और ऑनलाइन भुगतान भी तेजी से बढ़ रहे हैं.इससे क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जागरूकता का स्तर और जिज्ञासा भी बढ़ी है. ई-कॉमर्स प्लेयर्स तेजी से क्रिप्टोकरेंसी को अपने पेमेंट गेटवे के रूप में अपना सकते हैं.

तेजी से क्यों बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी क्रेज ?

भारत में क्रिप्टोकरेंसी क्रेज का सबसे बड़ा कारण है कि इसमें लेनदेन में वक्त जाया नहीं होता.खरीदने,ट्रांसफर करने और ट्रांजेक्शन की तेज तकनीक इसे भारत की बड़ी युवा आबादी के बीच पॉपुलर करती है.

एक कारण यह भी है कि पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम की तरह यहाँ फीस नहीं देनी पड़ती.

क्रिप्टोकरेंसी में प्रयोग होने वाली ब्लॉकचेन तकनीक भी लोगो को इसकी ओर आकर्षित कर रही है.ट्रेड फाइनेंस में ब्लॉकचेन तकनीक का प्रमुख लाभ यह है कि यह प्रोसेसिंग टाइम को कम कर सकता है, कागज के उपयोग को समाप्त कर सकता है और पारदर्शिता, सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करते हुए पैसे बचा सकता है.

क्रिप्टोकरेंसी पर किसी एक का कब्जा नहीं है.यहां पर यूजर के पास तमाम विकल्प उपलब्ध है.यह बैंकिंग सिस्टम की अपेक्षा इसे ज्यादा लचीला बनता है.

कोविड -19 वैक्सीन तेजी से आर्थिक सुधार को सक्षम कर सकती है.ऐसे समय में जब सरकारें और केंद्रीय बैंक अभी भी बड़ी मात्रा में आपातकालीन सहायता प्रदान कर रहे हैं - जो मुद्रास्फीति के एक विस्फोट को ट्रिगर कर सकता है. कुछ निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को सोने के समान एसेट स्टोर के रूप में देखते हैं, जो आर्थिक तनाव या बढ़ती मुद्रास्फीति के समय भी अपने मूल्य को बनाए रख सकता है.

सरकारी बेरुखी का निवेशकों पर असर नहीं

केंद्र सरकार और RBI ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर समय समय पर चिंता जताई है. RBI ने कुछ महीने पहले संबंधित 'मेजर कंसर्न' की तरफ इशारा किया था. वहीं, सरकार की तरफ से डिजिटल कॉइन पर प्रतिबंध के संकेत मिले थे.राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि "वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मसलों से निपटने के लिए अलग से कोई कानून नहीं है. इस प्रकार आरबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर प्राधिकरण जैसे सभी संबद्ध विभाग और काननू का अनुपालन करवाने वाली एजेंसियां मौजूदा कानून के अनुसार कार्रवाई करती हैं."

इसके बावजूद क्रिप्टो के लिए बढ़ती रुचि अहम है. सख्त बैन की खबरों के बाद से अब तक गवर्नमेंट इस विषय पर शांत है. 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने 2018 का एक नियम खारिज कर दिया जिसमें बैंकों को क्रिप्टो व्यापार से दूर रखा गया था. जानकारों के मुताबिक अगर यह बैन नहीं आया होता तो क्रिप्टो बाजार और भी बड़ा हो सकता था.

रेगुलटरी स्तर पर अनिश्चितता के कारण निवेशकों में क्रिप्टो निवेश को लेकर स्वाभाविक तौर पर काफी संशय है.

बिटकॉइन पर क्यों है बवाल, समझिए क्यों बंटी दुनिया?

बिटकॉइन पर क्यों है बवाल, समझिए क्यों बंटी दुनिया?

अगर बैन लगा तो ये निवेशक क्या कर सकते हैं?

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की स्थिति में, कई निवेशकों के लिए अपनी एसेट्स(क्रिप्टो) को बेचना सबसे आसान और तार्किक मार्ग होगा, लेकिन उनके पास अन्य विकल्प भी मौजूद हैं-

निवेशक अपनी क्रिप्टो एसेट को 'सेल्फ-कस्टडी वॉलेट' में ट्रांसफर कर सकते हैं, जो USB ड्राइव, माइक्रो SD कार्ड या क्रिप्टो करेंसी पर भरोसा कैसे करें स्मार्ट कार्ड के रूप में डिजिटल डिवाइस हैं. ये डिवाइस निवेशकों की निजी बिटकॉइन key या keys को संग्रहीत करते हैं. बिटकॉइन को स्टोर करने के लिए कुछ लोकप्रिय हार्डवेयर वॉलेट जैसे लेजर, ट्रेजर, सेफपाल और बिटलॉक्स उपलब्ध हैं.निवेशक इन वॉलेट में अपनी क्रिप्टो एसेट को स्टोर कर सकते हैं और इन वॉलेट्स को विदेशों में रह रहें अपने दोस्तों या परिवार को भेज सकते हैं,यदि वे बैन की स्थिति में अपने वॉलेट को भारत में रखने को लेकर चिंतित हैं.

हालाँकि, यहाँ भी एक मुश्किल है. यदि निवेशक भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज से वॉलेट के माध्यम से अपनी क्रिप्टो एसेट को हार्ड ड्राइव या पेन ड्राइव में स्थानांतरित करता है, तो रेगुलेटरी ऑथोरिटी इन क्रिप्टोकरेंसी को ट्रैक कर सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि सभी भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज KYC (अपने ग्राहक को जानें) मानदंडों का पालन करते हैं और यूजर्स को साइन अप करने के लिए अपने पैन कार्ड डिटेल देने की आवश्यकता होती है.

रेटिंग: 4.80
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 526
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *