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बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया

बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया

क्रिप्टो बाजार में अधिक नियामकीय स्पष्टता की जरूरत: बाइनेंस सीईओ

कोवेंट्री (ब्रिटेन), 15 नवंबर (द कन्वरसेशन) दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बाइनेंस के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चांगपेंग झाओ ने क्रिप्टो बाजार को लेकर अधिक नियामकीय स्पष्टता का आह्वान किया है। क्रिप्टो करेंसी बाजार में अफरातफरी और गत एक वर्ष में निवेशकों को दो हजार अरब डॉलर का नुकसान होने के अनुमान के बीच उन्होंने यह बात कही है।

झाओ ने बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें क्रिप्टो बाजार में नियमों को स्पष्ट और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।’’

हालांकि लोगों के हितों की रक्षा के लिए केवल नियामक ही जिम्मेदार नहीं हैं, उद्योग को ऐसे नये मॉडल की तलाश करनी चाहिए जिनसे इस बारे में मदद मिल सके।

एफटीएक्स के हाल में धराशायी होने का पूरे क्रिप्टो करेंसी उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ा है। एफटीएक्स ने अमेरिका में दिवाला प्रक्रिया के लिये अर्जी भी लगा दी है। इस साल की शुरुआत में इसका कुल कारोबार मूल्य 32 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया था।

वहीं एफटीएक्स संकट के बाद सबसे मजबूत डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गई। क्रिप्टो करेंसी व्यापारियों या निवेशकों को बैंकों और बिचौलियों की आवश्यकता के बिना खरीदने और बेचने की अनुमति देती है।

ब्लॉकचेन तकनीक एफटीएक्स और इसके प्रतिद्वंद्वी बाइनेंस जैसे एक्सचेंज पर क्रिप्टोकरेंसी के आपस में लेनदेन की सुविधा देती है।

लेन-देन को सत्यापनकर्ताओं के एक समूह द्वारा आम सहमति के माध्यम से सत्यापित किया जाता है जिन्हें आम तौर पर ‘माइनर’ कहा जाता है।

सत्यापन का कार्य करने वाले ‘माइनर’ ऐसा करने के लिए जटिल गणितीय पहेलियों को हल करते हैं। हालांकि जब इन लेनदेन को व्यवस्थित करने की बात आती है, तो बाइनेंस और उससे जुड़ी कंपनियां उसी "लिमिट ऑर्डर बुक" मॉडल का उपयोग करते हैं, जो किसी भी पारंपरिक एक्सचेंज जैसे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में होता है।

इसका मतलब है कि यह एक केंद्रीकृत ढांचा है जो खरीदारों और विक्रेताओं को मिलाती है तथा क्रिप्टो एक्सचेंज से खरीद-बिक्री करने वाले नकदी की आपूर्ति करते हैं और लेनदेन के लिये कारोबारियों से प्रभार वसूलते हैं। इस तरह की संरचना ने क्रिप्टो बाजार में हाल की घटनाओं को कुछ हद बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया तक बढ़ा दिया है।

एफटीएक्स के केंद्रीकृत मॉडल ने इस साल की शुरुआत में संकटग्रस्त क्रिप्टो कंपनियों को ऋण की अनुमति दी। हालांकि उभरते मॉडल, विकेन्द्रीकृत एक्सचेंज, क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य निर्धारण और शासन के लिए अलग-अलग नियमों के तहत काम करते हैं जो ऐसे जोखिमों को कम कर सकते हैं।

वे निवेशकों को एल्गोरिथम रूप से निर्धारित मूल्य पर टोकन खरीदने और बेचने की अनुमति देते हैं। यह स्वचालित मॉडल पेशेवर बाजार प्रतिभागियों पर भरोसा नहीं करता है, इसके बजाय व्यक्तिगत निवेशक नकदी की आपूर्ति करते हैं और लेनदेन से शुल्क का एक हिस्सा एकत्र करते हैं।

बिटकॉइन क्या है? बिटकॉइन माइनिंग को समझे आसान भाषा में ?

Bitcoin Cryptocurrency Exchange का एक डिजिटल माध्यम है जो विशेष रूप से ऑनलाइन मौजूद है; Bitcoin सबसे
लोकप्रिय प्रकारों में से एक है। यह विकेन्द्रीकृत कंप्यूटर नेटवर्क एक वितरित खाता बही के माध्यम से बिटकॉइन में
लेनदेन को ट्रैक करता है। जब भी नेटवर्क पर कोई कंप्यूटर किसी लेनदेन को सत्यापित और संसाधित करता है तो हर
बार नए बिटकॉइन बनाए जाते हैं।
बिटकॉइन में भुगतान के बदले में, ये नेटवर्क वाले कंप्यूटर, जिन्हें खनिक के रूप में जाना जाता है, लेनदेन की प्रक्रिया
करते हैं।
बिटकॉइन सहित अधिकांश Cryptocurrency Blockchain तकनीक द्वारा संचालित हैं। ब्लॉकचेन विकेंद्रीकृत नेटवर्क पर सभी
लेन-देन का खाता है। स्वीकृत लेनदेन के समूह एक ब्लॉक पर एक श्रृंखला बनाने के लिए जुड़ते हैं। इसे रसीद के समान
लंबे समय तक चलने वाले सार्वजनिक रिकॉर्ड के रूप में कल्पना करें। बिटकॉइन माइनिंग की प्रक्रिया को चेन में ब्लॉक
जोड़ना कहा जाता है।

आइए बिटकॉइन माइनिंग के बारे में बात करते हैं

बिटकॉइन माइनिंग के कई पहलू गोल्ड माइनिंग के समान हैं। माइनिंग नए बिटकॉइन बनाने के साथ-साथ बिटकॉइन
के लेन-देन और स्वामित्व पर नज़र रखने के लिए एक कंप्यूटर प्रक्रिया है। यह कोई रहस्य नहीं है कि गोल्ड माइनिंग
और बिटकॉइन माइनिंग दोनों ही बहुत अधिक ऊर्जा की खपत करते हैं, लेकिन ये दोनों बहुत अधिक धन उत्पन्न कर
सकते हैं।
जानें कि बिटकॉइन खनन कैसे काम करता है और यह बिटकॉइन लेनदेन और निवेशकों को इसमें गहराई से कैसे
प्रभावित करता है।

बिटकॉइन खनन प्रक्रिया विस्तार से

बिटकॉइन माइनिंग के दौरान जटिल कंप्यूटर कोड का उपयोग करके एक सुरक्षित क्रिप्टोग्राफ़िक प्रणाली बनाई जाती
है। क्रिप्टोग्राफी का उपयोग बिटकॉइन के खनन, बिटकॉइन लेनदेन को सुविधाजनक बनाने और क्रिप्टोकरेंसी के
स्वामित्व वाली संपत्तियों पर नज़र रखने के लिए किया जाता है, इसी तरह सरकारों और जासूसों द्वारा उपयोग किए
जाने वाले गुप्त कोड। ब्लॉकचेन बिटकॉइन डेटाबेस के रूप में कार्य करता है।
माइनिंग बिटकॉइन को पिक और फावड़ियों के बजाय परिष्कृत उपकरण की आवश्यकता होती है। बिटकॉइन लेनदेन
को सत्यापित करना और बिटकॉइन में पुरस्कार अर्जित करना खनिकों का काम है। क्रिप्टोकुरेंसी खनिकों की पहली
चीज कंप्यूटर उपकरण है जो विशेष रूप से खनन के लिए डिज़ाइन की गई है, और उन्हें आम तौर पर कम लागत
वाली ऊर्जा तक पहुंच की आवश्यकता होती है।

बिटकॉइन लेनदेन को संसाधित करने के लिए, प्रतिस्पर्धी खनिक जटिल गणितीय कार्यों को पूरा करते हैं, जिन्हें हैश
कहा जाता है। माइनिंग हैश दरें बताती हैं कि कंप्यूटर का माइनर कॉन्फ़िगरेशन कितनी तेजी से गणितीय समीकरणों
को हल करने में सक्षम है। प्रूफ-ऑफ-वर्क माइनिंग का नाम इस तरह रखा गया है क्योंकि पहला खनिक जो साबित
कर सकता है कि उन्होंने एक जटिल समीकरण हल कर लिया है, अगले बिटकॉइन ब्लॉक को संसाधित करने के लिए
मिलता है।
जैसे ही एक खनिक लेनदेन के एक नए ब्लॉक का सत्यापन पूरा करता है, नया ब्लॉक अन्य सभी खनिकों और किसी
भी अन्य डिवाइस को बिटकॉइन ब्लॉकचैन की पूरी प्रति के साथ वितरित किया जाता है। (इन उपकरणों को बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया नोड्स
कहा जाता है।) दुनिया भर में कई कंप्यूटरों द्वारा ब्लॉकचेन का रखरखाव किया जाता है, एक इतिहास को बनाए
रखना जिसे बदलना या हैक करना लगभग असंभव है।

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Crypto Crash: क्रिप्टो एक्सचेंज में इतनी बड़ी गिरावट की क्या है वजह? जानिए

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह इतने बड़े पैमाने पर हुई कोई पहली गिरावट नहीं है. बचाव की राह मुश्किल एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का बहुलांश स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस साल की शुरुआत में अन्य बदहाल क्रिप्टो कंपनियों को मुश्किल से उबारा था.

crypto crash 2022

Crypto Crash Reason: अधिक समय नहीं हुआ जब एफटीएक्स दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग मंचों में से एक था. वर्ष 2019 में स्थापित इस क्रिप्टो एक्सचेंज में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई और वर्ष 2022 की शुरुआत में इसका मूल्य 30 अरब डॉलर तक पहुंच गया था. लेकिन पिछले दो हफ्तों में पूरी तस्वीर ही बदल चुकी है.

सबसे पहले एफटीएक्स और परिसंपत्ति-व्यापार फर्म अल्मेडा रिसर्च के संबंधों को लेकर चिंताएं सामने आयीं. इस दौरान ग्राहकों के पैसे को एफटीएक्स से अल्मेडा में स्थानांतरित किये जाने की चर्चाएं भी शामिल हैं.

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कुछ दिनों बाद सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज और एफटीएक्स के प्रतिद्वंद्वी बिनेंस ने ऐलान किया कि वह एफटीटी टोकन की अपनी होल्डिंग को बेच देगी. इससे घबराये ग्राहक एफटीएक्स से धन निकालने के लिए दौड़ पड़े और यह एक्सचेंज अब पतन के कगार पर पहुंच चुका है. इसकी वेबसाइट पर यह संदेश भी जारी कर दिया गया है कि वह वर्तमान में निकासी की प्रक्रिया में असमर्थ है.

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह इतने बड़े पैमाने पर हुई कोई पहली गिरावट नहीं है. बचाव की राह मुश्किल एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का बहुलांश स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस साल की शुरुआत में अन्य बदहाल क्रिप्टो कंपनियों को मुश्किल से उबारा था.

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लेकिन अब वह अपनी कंपनियों को बचाने के लिए आठ अरब डॉलर का निवेश करने वाले की तलाश में हैं. लेकिन कई फर्मों के पहले ही एफटीएक्स में अपनी हिस्सेदारी को बट्टे खाते में डाल देने से बैंकमैन-फ्राइड के लिए इच्छुक निवेशकों को ढूंढना आसान नहीं होगा.

बिनेंस ने इस क्रिप्टो एक्सचेंज का अधिग्रहण करने के बारे में सोचा लेकिन आखिर में उसका फैसला नकारात्मक ही रहा. इसने कदाचार के आरोपों और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग की जांच से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए अपने कदम पीछे खींच लिये. ऐसी स्थिति में अब एफटीटी की कीमत बहुत गिर गई है.

एक हफ्ते पहले यह 24 डॉलर पर कारोबार कर रहा था लेकिन अब यह चार डॉलर से भी नीचे आ गया है. सावधानी का सबक सही तरह से विनियमित नहीं हो रहे एक्सचेंजों पर बिना किसी अंतर्निहित मौलिक मूल्य के 'परिसंपत्तियों' में व्यापार करना हमेशा एक बहुत ही जोखिम भरा प्रयास होता है.

कई लोगों के लिए यह नुकसान का सौदा बन सकता है. क्रिप्टो से अलग तरह की परिसंपत्तियों का मामला अलग होता है. आम कंपनी के शेयरों का एक बुनियादी मूल्य होता है जो कंपनी के मुनाफे से भुगतान किये गए लाभांश पर आधारित होता है. रियल एस्टेट का भी एक आधारभूत मूल्य होता है, जो निवेशक को मिलने वाले किराये या उस पर उसके भौतिक कब्जे को दर्शाता है.

एक बांड का भी मूल्य उस पर मिलने वाले ब्याज की राशि पर निर्भर करता है. यहां तक ​​कि सोने का भी कुछ व्यावहारिक उपयोग होता है. लेकिन बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन जैसी कथित क्रिप्टो मुद्राओं का ऐसा कोई बुनियादी मूल्य नहीं होता है. वे पार्सल आगे बढ़ाने वाले खेल की तरह हैं, जिसमें सट्टेबाज कीमत गिरने से पहले उन्हें किसी और को बेचने की कोशिश करते हैं.

क्रिप्टो पर प्रभाव इन घटनाओं ने क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास को और कम कर दिया है. इस नयी घटना से पहले ही क्रिप्टो-मुद्राओं का 'मूल्य' तीन लाख करोड़ डॉलर के उच्च स्तर से गिरकर एक लाख करोड़ डॉलर पर आ गया था. अब तो यह और भी नीचे गिर गया है.

जिस तरह इंटरनेट आधारित कारोबार में अमेजन जैसी कुछ कंपनियां ही दिग्गज बन पाई हैं, उसी तरह यह संभव है कि क्रिप्टो की रूपरेखा तय करने वाली ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर केवल कुछ कंपनियां ही स्थायी तौर पर उपयोगी साबित हों.

मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप के विचार को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की शक्ल में अब अपनाया जा रहा है. लेकिन बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के मुख्य अर्थशास्त्री ह्यून सोंग शिन के शब्दों में कहें तो 'क्रिप्टो से जो कुछ भी किया जा सकता है वह केंद्रीय बैंक के पैसे से बेहतर किया जा सकता है.

('द कंवरसेशन' में प्रकाशित इस लेख को जॉन हॉकिंस ने लिखा है, जो कैनबरा यूनिवर्सिटी के कैनबरा स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स, इकोनॉमिक्स एंड सोसाइटी में वरिष्ठ व्याख्याता हैं.)

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बिटकॉइन के लाभ शून्य और हानि पर्यावरण, अपराध, रिस्क—तीनों

किसी समय इंग्लैंड में एक अमीर थे रॉत्सचाइल्ड। इनकी कई देशों में व्यापारिक शाखाएं थी। यदि किसी व्यक्ति को एक देश से दूसरे देश में रकम पहुंचानी होती थी तो वह ट्रांसफर रॉत्सचाइल्ड के माध्यम से सुरक्षापूर्वक हो जाता था। जैसे मान लीजिए आपको दिल्ली से मुम्बई रकम पहुंचानी है। आपने रॉत्सचाइल्ड के दिल्ली दफ्तर में एक लाख चांदी के सिक्के जमा करा दिए। उन्होंने आपको एक लाख सिक्कों की रसीद दे दी। आप मुंबई गए और रॉत्सचाइल्ड के मुंबई दफ्तर में वह रसीद देकर आपने एक लाख सिक्के प्राप्त कर लिए। इतने सिक्कों को लेकर जाने के झंझट से आप मुक्त हो गए। समय क्रम में रॉत्सचाइल्ड ने देखा कि उनके लिखे हुए प्रॉमिसरी नोट या रसीद पर लोगों को अपार विश्वास है। उन्होंने स्वयं ही प्रॉमिसरी नोट बनाए और मिली रकम से अपना व्यापार बढ़ाया।

जैसे मान लीजिये उन्हें कोई मकान खरीदना था। उन्होंने एक करोड़ सिक्कों का प्रॉमिसरी नोट लिख दिया और मकान के विक्रेता ने उस रसीद को सच्चा मानकर उन्हें मकान बेच दिया। रॉत्सचाइल्ड द्वारा जारी की गई यह रसीदें अथवा प्रॉमिसरी नोट ही आगे चलकर नकद नोट के रूप में प्रचलित हुए। समय क्रम में सरकारों ने अथवा उनके केंद्रीय बैंकों ने इसी प्रकार के प्रॉमिसरी नोट छापना एवं जारी करना शुरू कर दिया। इन्हीं नोट को नकद नोट बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया कहा जाता है। आप देखेंगे कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी नोट पर लिखा रहता है, ‘मैं धारक को एक सौ रुपये अदा करने का वचन देता हूं।’ ऐसा ही वचन रॉत्सचाइल्ड ने दिया था, जिससे कि नकद मुद्रा का चलन शुरू हो गया। जाहिर है कि नोट का प्रचलन इस बात पर टिका हुआ है कि उसे जारी करने वाले पर समाज को विश्वास है अथवा नहीं। इसी विश्वास के आधार पर बिटकॉइन एवं अन्य क्रिप्टोकरंसी का अाविष्कार हुआ है।

ऐसा समझें कि सौ कम्प्यूटर इंजीनियर एक हॉल में बैठे हैं और उन्होंने एक सुडोकू पहेली को आपस में हल करने की प्रतिस्पर्धा की। जिस इंजीनियर ने उस पहेली को सर्वप्रथम हल कर दिया, उसके हल की अन्य इंजीनियरों ने जांच की, और सही पाने पर उन्हें एक बिटकॉइन इनाम स्वरूप दे दिया। इन इंजीनियरों ने आपसी लेन-देन इन बिटकॉइन बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया में करना शुरू कर दिया। एक इंजीनियर को दूसरे से कार खरीदनी हो तो उसका पेमेंट दूसरे को बिटकॉइन से कर दिया। यह संभव हुआ चूंकि दोनों इंजीनियरों को उस बिटकॉइन पर भरोसा था।

अब इस बिटकॉइन की विश्वसनीयता सिर्फ उन सौ कंप्यूटर इंजीनियरों के बीच है, जिन्होंने उस खेल में भाग लिया था। समय क्रम में ये सौ कम्प्यूटर इंजीनियर बढ़कर दस लाख हो गए या एक करोड़ हो गए और तमाम लोगों को इस प्रकार के बिटकॉइन पर विश्वास हो गया, बिल्कुल उसी तरह जैसे रॉत्सचाइल्ड द्वारा जारी किए गए प्रॉमिसरी नोट पर जनता को विश्वास हो गया था।

आज विश्व में इस प्रकार की तमाम क्रिप्टोकरंसी हैं। बिटकॉइन को एक करोड़ कंप्यूटर इंजीनियर मान्यता देते हैं तो एथेरियम को मान लीजिए पचास लाख कंप्यूटर इंजीनियर मान्यता देते हैं। जितनी मान्यता है, उतना ही प्रचलन है। इस प्रकार तमाम बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया लोगों ने अपनी-अपनी क्रिप्टोकरंसी बना रखी है। आज विश्व में लगभग पंद्रह सौ अलग-अलग क्रिप्टोकरंसी चालू है। मूल बात यह है कि बिटकॉइन की विश्वसनीयता इस बात पर टिकी हुई है कि भारी संख्या में लोग इसे मान्यता देते हैं। जबकि इसके आधार में कुछ भी नहीं है। रॉत्सचाइल्ड अथवा रिज़र्व बैंक ने प्रॉमिसरी नोट का भुगतान नहीं किया तो आप उनके घर-दफ्तर पर धरना दे सकते थे। लेकिन बिटकॉइन का कोई घर नहीं है। ये एक करोड़ कंप्यूटर इंजीनियर अलग देशों में रहते हैं और इन्होंने कोई लिखित करार नहीं किया है।

बिटकॉइन में तमाम समस्याएं दिखने लगी हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि आज बिटकॉइन बनाने की बड़ी फैक्टरियां लग गई हैं। सुडोकू की पहेलियां इतनी जटिल हो गई हैं कि इन्हें हल करना मनुष्य की क्षमता के बाहर हो गया है। उद्यमियों ने बड़े कंप्यूटर लगा रखे हैं जो इन पहेलियों को हल करते हैं और जब इनका हल हो जाता है तो उन्हें बिटकॉइन का समाज एक बिटकॉइन दे देता है। जिस प्रकार आप दुकान में कंप्यूटर लगाने में निवेश करते हैं, उसी प्रकार ये उद्यमी बिटकॉइन की पहेलियां हल करने के लिए कंप्यूटर लगाने में निवेश करते हैं और बिटकॉइन कमाते हैं। यह प्रक्रिया पूर्णतया पर्यावरण के विरुद्ध है। बड़ी-बड़ी फैक्टरियों में भारी मात्रा बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया में बिजली खर्च होती है, जिससे ये कंप्यूटर चलाएं जाते हैं और इससे किसी प्रकार का जनहित हासिल नहीं होता।

दूसरी समस्या अपराध की है। बीते समय में अमेरिका की कॉलोनियल आयल कंपनी के कंप्यूटरों को हैक कर लिया गया। हैकर्स ने कॉलोनियल आयल कंपनी को सूचना दी कि वे अमुख रकम बिटकॉइन के रूप में उन्हें पेमेंट करें तब वे उनके कंप्यूटर से जो मॉलवेयर यानी कि जो उसमें अवरोध पैदा किया गया था, उसको हटा देंगे। कॉलोनियल ऑयल कंपनी ने उन्हें लगभग पैंतीस करोड़ रुपये का मुआवजा बिटकॉइन के रूप में दिया, जिससे कि उनके कंप्यूटर पुनः चालू हो जाएं। इस प्रकार बिटकॉइन जैसी बिटकॉइन बनाने की प्रक्रिया करंसी आज अपराध को बढ़ावा दे रही है क्योंकि इनके ऊपर किसी सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं है। बिटकॉइन बनाने वाली फैक्टरी या उसका उद्यमी रूस में है, चीन में है, भारत में है या इंडोनेशिया में, इसकी कोई जांच नहीं होती क्योंकि सारा लेन-देन इंटरनेट पर होता है। इस प्रकार आज अपराधियों द्वारा वसूली बिटकॉइन के माध्यम से की जा रही है।

तीसरी समस्या रिस्क की है। बिटकॉइन हाथ का लिखा हुआ या प्रिंटिंग प्रेस का छपा हुआ नोट नहीं होता। यह केवल एक विशाल नंबर होता है जो कि किसी कंप्यूटर में सुरक्षित रखा जाता है। ऐसे भी वाकये हुए हैं कि किसी व्यक्ति का कंप्यूटर क्रैश कर गया और उसमें रखा हुआ बिटकॉइन का नंबर पूर्णतया पहुंच के बाहर हो गया। उन्हें उस बिटकॉइन का घाटा लग गया। इसलिए बिटकॉइन का लाभ शून्य है और हानि पर्यावरण, अपराध और रिस्क—तीनों की है।

इन्हीं समस्याओं को देखते हुए रिजर्व बैंक ने दो वर्ष पहले अपने देश में बिटकॉइन पर प्रतिबंध लगा दिया था। बीते वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक के उस प्रतिबंध को गैर कानूनी घोषित कर दिया। इसलिए वर्तमान में देश में बिटकॉइन का व्यापार कानूनी ढंग से किया जा सकता है। लेकिन सरकार को नया कानून लाकर इसे प्रतिबंधित करने पर विचार करना चाहिए एवं सुप्रीम कोर्ट को इसके नुकसानों को समझना चाहिए, जिससे यह हानिप्रद व्यवस्था समाप्त की जा सके।

30 बिलियन अमरीकी डालर के क्रिप्टो एक्सचेंज का शानदार पतन कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए

कैनबरा: कुछ समय पहले, एफटीएक्स क्रिप्टोकरेंसी के लिए दुनिया के सबसे बड़े ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में से एक था। 2019 में स्थापित, बहामास-आधारित क्रिप्टो एक्सचेंज में प्रमुखता से वृद्धि हुई थी, और इस वर्ष की शुरुआत में इसका मूल्य 30 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक था।

पिछले दो हफ्तों में सब कुछ बदल गया है। सबसे पहले, एफटीएक्स और अल्मेडा रिसर्च नामक एक परिसंपत्ति-व्यापार फर्म के बीच संबंधों के बारे में चिंताएं सामने आईं, जिसमें यह सुझाव भी शामिल है कि ग्राहकों के फंड को एफटीएक्स से अल्मेडा में स्थानांतरित कर दिया गया है।

कुछ दिनों बाद, प्रतिद्वंद्वी फर्म बिनेंस (सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज) ने घोषणा की कि वह एफटीटी टोकन की अपनी होल्डिंग्स को बेच देगा, एक क्रिप्टो जिसमें कथित तौर पर अल्मेडा की अधिकांश संपत्ति शामिल है।

घबराए हुए ग्राहक एफटीएक्स से धन निकालने के लिए दौड़ पड़े, और कंपनी अब पतन के कगार पर है, इसकी वेबसाइट पर एक बैनर संदेश के साथ यह घोषणा की गई है कि यह "वर्तमान में निकासी की प्रक्रिया में असमर्थ है"।

यह पहला ऐसा तीव्र विघटन नहीं है जिसे हमने क्रिप्टोक्यूरेंसी की शिथिल विनियमित दुनिया में देखा है, और यह अंतिम होने की संभावना नहीं है।

FTX और Alameda दोनों के अधिकांश मालिक, सैम बैंकमैन-फ्राइड, ने इस साल की शुरुआत में अन्य परेशान क्रिप्टो कंपनियों को बचाया था। अब वह अपनी कंपनियों को बचाने के लिए 8 बिलियन डॉलर के आलसी निवेशक की तलाश में है।

कई फर्मों ने पहले ही FTX में अपनी हिस्सेदारी के मूल्य को बट्टे खाते में डाल दिया है। इसलिए बैंकमैन-फ्राइड के लिए नए फंडिंग के इच्छुक निवेशकों को ढूंढना आसान नहीं होगा।

Binance ने परेशान कंपनी को एकमुश्त संभालने के बारे में सोचा। इसने कदाचार के आरोपों और यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन द्वारा जांच के बारे में चिंताओं का हवाला देते हुए इसके खिलाफ फैसला किया।

एफटीटी की कीमत अब गिर गई है। एक हफ्ते पहले यह 24 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था। अब यह 4 अमेरिकी डॉलर से भी कम पर है।

ढीले विनियमित एक्सचेंजों पर बिना किसी अंतर्निहित मौलिक मूल्य के "परिसंपत्तियों" में व्यापार करना हमेशा एक बहुत ही जोखिम भरा प्रयास होता है। कई लोगों के लिए, यह आँसू में समाप्त होने की संभावना है।

अन्य प्रकार की संपत्ति अलग हैं। कंपनी के शेयरों का कंपनी के मुनाफे से भुगतान किए गए लाभांश (या कम से कम एक अपेक्षित भविष्य के लाभांश) के आधार पर एक मौलिक मूल्य होता है।

रियल एस्टेट का एक मौलिक मूल्य होता है जो निवेशक द्वारा अर्जित किराया (या मालिक-कब्जे वाला बचाता है) को दर्शाता है।

एक बांड का मूल्य उस ब्याज की राशि पर निर्भर करता है जो वह भुगतान करता है। यहां तक ​​कि सोने का भी कम से कम कुछ व्यावहारिक उपयोग होता है, आभूषण, दांतों की फिलिंग या इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए।

लेकिन क्रिप्टो तथाकथित मुद्राएं जैसे कि बिटकॉइन, ईथर और डॉगकोइन (और हजारों और "ऑल्ट-सिक्के" और "मेम-सिक्के") का ऐसा कोई मौलिक मूल्य नहीं है।

वे पास-द-पार्सल का खेल हैं, जिसमें सट्टेबाज कीमत गिरने से पहले उन्हें किसी और को बेचने की कोशिश करते हैं।

एक बार उनकी सुदृढ़ता के बारे में संदेह उभरने के बाद, प्रत्येक व्यक्ति को पैसे खत्म होने से पहले अपने पैसे निकालने के लिए कतार में जल्दी होने का प्रोत्साहन मिलता है।

हाल ही में एक साक्षात्कार में, बैंकमैन-फ्राइड ने अपने व्यवसाय मॉडल का विवरण दिया, जो कि संपत्ति के आंतरिक मूल्य के आधार पर भविष्य के रिटर्न के बजाय नए निवेशकों द्वारा इंजेक्ट किए गए धन पर बहुत अधिक निर्भर करता है।

इन घटनाओं ने क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास को और कम कर दिया है। इस नवीनतम उपद्रव से पहले, क्रिप्टोकरेंसी का "मूल्य" पहले ही 3 ट्रिलियन अमरीकी डालर से अधिक के शिखर से गिरकर 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर हो गया था। यह अब और भी नीचे गिर गया है।

जिस तरह अमेज़ॅन जैसे कुछ सितारे डॉट-कॉम बुलबुले के मलबे से उभरे हैं, उसी तरह यह संभव है कि क्रिप्टो को रेखांकित करने वाली ब्लॉकचेन तकनीक के केवल कुछ मुट्ठी भर अनुप्रयोगों में स्थायी उपयोगिता हो।

और मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक रूप के विचार को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं के रूप में महसूस किया जा रहा है।

लेकिन जैसा कि बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के मुख्य अर्थशास्त्री ह्यून सोंग शिन ने कहा, "क्रिप्टो के साथ जो कुछ भी किया जा सकता है वह केंद्रीय बैंक के पैसे से बेहतर किया जा सकता है"। (बातचीत)

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