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निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म

निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म
निवेश के इस विकल्प की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको EEE (निवेश के वक्त करमुक्त, ब्याज पर करमुक्त, निवेश भुनाने पर करमुक्त) का लाभ देता है.
निवेश के इस विकल्प में सरकारी गारंटी इसकी लोकप्रियता को और बढ़ा देती है.

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निवेश कर अमीर बनने के ये हैं 10 बेहतरीन विकल्प

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निवेश के किसी विकल्प को चुनते वक्त आपको जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के बारे में जानना-समझना जरूरी है. कुछ निवेश ऐसे हैं जिनमें लंबी अवधि में अधिक जोखिम के साथ अधिक रिटर्न का मौका मिलता है.

निवेश के वास्तव में दो तरीके हैं-वित्तीय और गैर वित्तीय निवेश विकल्प.

इसे भी पढ़ें: कैसे ट्रांसफर करें PPF अकाउंट?

वित्तीय प्रोडक्ट में आप शेयर बाजार से संबद्ध विकल्प (शेयर, म्यूचुअल फंड) चुन सकते हैं या फिक्स्ड इनकम (PPF, बैंक FD आदि) के विकल्प चुन सकते हैं. गैर वित्तीय निवेश विकल्प में सोना, रियल एस्टेट आदि आते हैं. ज्यादातर भारतीय निवेश अब तक निवेश के इसी गैर वित्तीय निवेश विकल्प का प्रयोग करते रहे हैं.

P2P प्लेटफॉर्म में निवेश करने की रहे हैं सोच? तो हो जाएं सावधान

P2P प्लेटफॉर्म में निवेश करने की रहे हैं सोच? तो हो जाएं सावधान

प्लेटफॉर्म पर मिलने वाला 16 फीसदी का रिटर्न हर मायने में किसी भी निवेश पर मिलने वाले रिटर्न से ज्यादा था.

प्रियंका संभव | Edited By: Ravikant Singh

Updated on: Jul 20, 2022 | 8:14 PM

राजीव सेठी की बैंक FD (Bank Fixed Deposit) जैसे ही मैच्योर हुई, उन्होंने उस पैसे को निकाल कर P2P यानी पीयर टू पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश कर दिया. लेंडिंग (Lending) प्लेटफॉर्म पर मिलने वाला 16 फीसदी का रिटर्न हर मायने में किसी भी निवेश (Investment) पर मिलने वाले रिटर्न (Return) से ज्यादा था. तीन महीने तो सबकुछ ठीक चला लेकिन चौथे महीने से पेमेंट की देरी और फिर कर्ज लेने वालों के डिफॉल्ट ने रिटर्न पर फुल स्टॉप लगा दिया. यानी 16 फीसदी के रिटर्न की चाहत आखिर में मूल राशि को हासिल करने की जद्दोजहद बन गई.

P2P प्लेटफॉर्म पर कैसे फंस सकता है आपका रिटर्न?

P2P प्लेटफॉर्म पर मिलता है क्विक लोन. ये प्लेटफॉर्म निवेशकों को रिटर्न का वादा करते हैं और उनसे फंड जुटाते हैं. इस फंड को कर्ज के तौर पर आगे उन लोग तक पहुंचाया जाता है, जिन्हें बैंक और वित्तीय संस्थान से लोन नहीं मिल पाता है. इन प्लेटफॉर्म पर लो क्रेडिट रेटिंग वाले लोग लोन लेते हैं. हर पी2पी प्लेटफॉर्म पर लोन लेने वाले की प्रोफाइल बनती है. लोन लौटाने की क्षमता के आधार पर कर्जदारों की ग्रेडिंग होती है. जिस कर्जदार का प्रोफाइल कमजोर होता है, उन्हें लोन पर ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है. पैसा जमा करने वाले ज्यादा रिटर्न के लालच में लो-क्रेडिट स्कोर वाले कैंडिडेट को चुन लेते हैं, जिनके डिफॉल्ट करने का डर सबसे ज्यादा रहता है.

सुपरफाइन माइक्रोफाइनेंस के फाउंडर जितेन्द्र नेहरा कहते हैं कि इन प्लेटफॉर्म में पैसा जमा करने वालों को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. कंपनी की साख देखे बिना अपनी मेहनत की कमाई इनके सुपूर्द न करें. इन प्लेटफॉर्म के बिजनेस मॉडल को चेक करें, इनका ट्रैक रिकॉर्ड देखें, कितने लोन दे रहें हैं और उससे भी ज्यादा जरूरी कि लोन की वापसी इनके प्लेटफॉर्म पर कैसी है. डिफॉल्ट रेट चेक करें और समझें कि अगर लोन डिफॉल्ट होता है, तो निवेशक के पैसे लौटाने को लेकर कंपनी के पास क्या विकल्प है. जितेन्द्र नेहरा अपनी कैलकुलेशन से बताते हैं कि छोटे लोन्स 12 साल में 528 गुने का रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन इसमें लेंडिंग प्लेटफॉर्म की की पॉलिसीज पर काफी कुछ निर्भर करता है.

क्या कहता है RBI?

RBI के दिशानिर्देश के मुताबिक, एक निवेशक इन कंपनी में 50 लाख रुपए से ज्यादा जमा नहीं कर सकता है. 10 लाख से ज्यादा पैसे जमा करने वालो को चार्टर्ड अकाउंटेंट से अपनी नेटवर्थ का सर्टिफिकेट देना निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म होता है. P2P प्लेटफॉर्म एक व्यक्ति से लिए गए पैसों को अलग-अलग निवेशकों में बांटता है, ताकि निवेश पर जोखिम को कम किया जा सके.

पी2पी प्लेटफॉर्म का दावा है कि इनका डिफॉल्ट रेट 2- 3 फीसदी से ऊपर नहीं जाता है. लेकिन हकीकत कुछ और है. जिसे कहीं से निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म लोन नहीं मिलता वो यहां पहुंचता है. लोन वापस नहीं करने की स्थिति में कर्जदार पर वसूली का दवाब बनाया जाता है. जो पैसों का इंतजाम कर लेता है वो पैसे वापस कर देता है लेकिन कई बार यहां से लोन लेने वाले लोग कर्ज लेकर गायब हो जाते हैं, जिनसे वसूली नहीं की जा सकती. आखिर में यह लोन बट्टे-खाते में डालना पड़ता है. P2P प्लेटफॉर्म आरबीआई की ओर से रेगुलेटड है. केंद्रीय बैंक की गाइडलाइन्स के मुताबिक, रिकवरी के कॉल भी कर सकते हैं और इन कंपनियों के पास वसूली के लिए अदालत जाने का विकल्प रहता है.

बिटकॉइन-इथीरियम में 100 रुपये लगाकर पा सकते हैं बंपर मुनाफा, SIP की तरह करना होगा निवेश

बिटकॉइन-इथीरियम में 100 रुपये लगाकर पा सकते हैं बंपर मुनाफा, SIP की तरह करना होगा निवेश

TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh

Updated on: Jun 17, 2021 | 6:49 PM

भारत में क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) इंडस्ट्री ने तेजी से जगह बनाई है. बहुत कम समय में इसका बाजार बढ़ा है. क्रिप्टो आधारित कंपनियों पर से सुप्रीम कोर्ट की ओर से पाबंदी हटने के बाद इसमें और बढ़ोतरी देखी जा रही है. आज की तारीख में तकरीबन 1 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टो में निवेश किया है. पिछले एक साल में इन निवेशकों ने अच्छा रिटर्न भी पाया है. निवेशकों के लिए किसी भी क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने का तरीका वैसे ही है, जैसे इक्विटी आदि में लगाते हैं. नए निवेशक चाहें तो 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं.

क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में जानें

Giottus एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म है जहां इसकी ट्रेडिंग की जा सकती है. ट्रेडिंग के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है. 5 मिनट के अंदर रजिस्ट्रेशन हो जाता है, वह भी भारतीय केवाईसी नियमों के साथ. केवाईसी के तुरंत बाद अगर डॉक्युमेंट दुरुस्त हों तो वेरिफिकेशन हो जाता है निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म और 15 मिनट में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. जियोटस जैसे प्लेटफॉर्म पर एक साथ 100 से ज्यादा क्रिप्टोकरंसी की जानकारी मिलती है जहां 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. इसके लिए प्लेटफॉर्म पर पैसा जमा करना होता है. कुछ प्लेटफॉर्म पैसा जमा करने के लिए शुल्क निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म लेते हैं, कुछ नहीं. इसी जमा पैसे से क्रिप्टो में निवेश शुरू होता है.

क्रिप्टोकरंसी में निवेश निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म के इच्छुक किसी व्यक्ति को पहले अपना अकाउंट खोलना होता है. एक पैन कार्ड पर क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक अकाउंट ही खोल सकते हैं. जैसा बैंकों में निमय है, वैसा ही क्रिप्टो के लिए भी है. हालांकि एक पैन से क्रिप्टो के अलग-अलग एक्सचेंज में कई अकाउंट खोल सकते निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज में 24 घंटे और सातों दिन ट्रेडिंग कर सकते हैं. नए निवेशकों के लिए सलाह दी जाती है कि जोखिम को ध्यान में रखते हुए ही क्रिप्टो की ट्रेडिंग करें. क्रिप्टो के दाम उतार-चढ़ाव में या तो तेजी से गिरते हैं या तेजी से चढ़ते हैं. यानी कि भारी मुनाफे के साथ भारी गिरावट का भी खतरा होता है. इसलिए दिल थाम कर क्रिप्टो की ट्रेडिंग में हाथ लगाना चाहिए.

बिटकॉइन से करें शुरुआत

हर क्रिप्टोकरंसी अपने आप में यूनिक है और उसी हिसाब से उसकी ट्रेडिंग होती है. नए निवेशक जब खरीदारी करने चलें तो उसके बारे में ठीक से रिसर्च कर लें. जैसे नंबर टू क्रिप्टोकरंसी इथीरियम एक प्लेटफॉर्म भी है जिसे अलग-अलग ऐप के जरिये खरीदा जा सकता है. ऐसा नहीं है कि किसी खास ऐप से ही इसकी ट्रेडिंग और खरीदारी होगी. जैसे मोबाइल में एंड्रॉयड सिस्टम अलग-अलग मोबाइल कंपनियों में काम करता है, वैसे ही इथीरियम अलग-अलग ऐप पर भी काम करता है. नए निवेशकों को एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बिटकॉइन और इथीरियम में पैसा लगाकर शुरुआत करनी चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे इक्विटी में एसआईपी के जरिये निवेश शुरू करते हैं.

भारत में अभी क्रिप्टोकरंसी रेगुलेटेड नहीं है, सरकार और रिजर्व बैंक का अभी रुख साफ नहीं है. ऐसे में कम पैसे में निवेश करने की सलाह दी जाती है. ट्रेडिंग का मतलब होता है कि खरीदारी पर कितना मुनाफा कमाते हैं. कोई किप्टो कितने में खरीदते हैं, ट्रेडिंग का मकसद यह नहीं होता है. इसी हिसाब से क्रिप्टो में पैसे लगाने और उसे जारी रखने पर फोकस करना चाहिए. नए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 2-3 परसेंट क्रिप्टोकरंसी को रखना चाहिए. बाद में मार्केट की समझ हो जाए तो निवेश बढ़ा सकते हैं.

मोबाइल से कैसे करें Mutual Fund में निवेश? अपनाएं ये शानदार Tips

म्यूचुअल फंड में निवेश काफी आसान हो गया है. अब घर बैठे भी निवेशक म्यूचुअल फंड में पैसा लगा सकता है. पेटीएम जैसे वॉलेट तक म्यूचुअल फंड में निवेश की सुविधा देते हैं.

निवेशकों के लिए मोबाइल के जरिए निवेश करना बेहद आसान है. (फोटो: PTI)

म्यूचुअल फंड में निवेश काफी आसान हो गया है. अब घर बैठे भी निवेशक म्यूचुअल फंड में पैसा लगा सकता है. पेटीएम जैसे वॉलेट तक म्यूचुअल फंड में निवेश की सुविधा देते हैं. जल्द ही वॉट्सऐप के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश की बात की जा रही है. हालांकि, अभी भी कई ऐसे ऐप हैं, जिनके म्यूचुअल फंड में आसानी से निवेश किया जा सकता है. दरअसल, लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें, कौन सा फंड चुनें, किसके अपना फाइनेंशियल पार्टनर बनाए जैसे सवालों में घिरे रहते हैं. ऐसे ही निवेशकों के लिए मोबाइल के जरिए निवेश करना बेहद आसान है.

मोबाइल से कैसे करें Mutual Fund में निवेश? अपनाएं ये शानदार Tips

म्यूचुअल फंड में निवेश काफी आसान हो गया है. अब घर बैठे भी निवेशक म्यूचुअल फंड में पैसा लगा सकता है. पेटीएम जैसे वॉलेट तक म्यूचुअल फंड में निवेश की सुविधा देते हैं.

निवेशकों के लिए मोबाइल के जरिए निवेश करना बेहद आसान है. (फोटो: PTI)

म्यूचुअल फंड में निवेश काफी आसान हो गया है. अब घर बैठे भी निवेशक म्यूचुअल फंड में पैसा लगा सकता है. पेटीएम जैसे वॉलेट तक म्यूचुअल फंड में निवेश की सुविधा देते हैं. जल्द ही वॉट्सऐप के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश की बात की जा रही है. हालांकि, अभी भी कई ऐसे ऐप हैं, जिनके म्यूचुअल फंड में आसानी से निवेश किया जा सकता है. दरअसल, लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें, कौन सा फंड चुनें, किसके अपना फाइनेंशियल पार्टनर बनाए जैसे सवालों में घिरे रहते हैं. ऐसे ही निवेशकों के लिए मोबाइल के जरिए निवेश करना बेहद आसान है.

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