ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है

Stock Market: मसालों में ऑप्शन ट्रेडिंग को SEBI ने दी मंजूरी
जीरा, हल्दी, धनिया पाउडर, ये वो मसाले हैं जो आपकी किचन में मिलते हैं. अक्सर आपने सुना होगा कि इन मसालों का तड़का सिर्फ खाने बनाने में लगता है लेकिन स्टॉक मार्केट में भी इनकी अहम भूमिका है. मसालों की अब ऑप्शन ट्रेडिंग भी होगी. मार्केट रेगुलेटर सेबी ने मसालों की ऑप्शन ट्रेडिंग को मंजूरी दे दी है. अब 15 जुलाई से NCDEX पर ऑप्शन ट्रेडिंग को मंजूरी मिल गई है.
Option Trading Kaise Sikhe : ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखे
Option Trading Kaise Sikhe : यदि आप अपने पोर्टफोलियो में स्टॉक, म्यूच्यूअल फण्ड या ब्रांड में आगे जाना चाह्ते है तो ऑप्शन ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट है ऑप्शन ट्रेडिंग शुरवाती में आपको कठिन लग सकता है लेकिन आप इसे बड़ी आसानी से सीख सकते है, ऑप्शन ट्रेडिंग भारत में सबसे ज्यादा किया जाने वाला ट्रेडिंग है क्योकि ऑप्शन ट्रेडिंग काफी आसान होता है और ऑप्शन ट्रेडिंग करने के बहूत सारे फायदे है.
आज के इस लेख में आप जानेंगे की ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?, ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखे, ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे किया जाता है?, शेयर मार्किट में ऑप्शन क्या होता है, कॉल ऑप्शन क्या होता है?, ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है और फ्यूचर और ऑप्शन में क्या अंतर है इन सभी के बारे में आज के इस लेख में हम जानेंगे तो चलिए शुरू करते है इससे पहले आप सभी का स्वागत है हमारे वेबसाइट QuickFayde.Com पर अगर आप शेयर मार्किट, ट्रेडिंग, मेक मनी ऑनलाइन, पर्सनल फाइनेंस के बारे में रूचि रखते है तो आप हमारे वेबसाइट को visit कर सकते है.
Table of Contents
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?Option Trading जैसे की नाम से ही पता चल रहा है Option यानी की विकल्प उदहारण के लिए मान लीजिए आपने किसी कम्पनी का 10000 शेयर 50000 रुपये देकर एक महीने बाद का 1000 रुपये में खरीदने का ऑप्शन लेते है वैसे में उस कंपनी का स्टॉक 700 हो गया तब आपके पास विकल्प रहेगा उस शेयर को नुकशान में न खरीदने का ऑप्शन ट्रेडिंग में आपका पैसा उतना ही डूबता है जितना आप प्रीमियम लेते समय लिया था साधारण भाषा में कहू तो ऑप्शन ट्रेडिंग का इस्तेमाल कम से कम नुकसान के लिए प्रयोग किया जाता है.
ऑप्शन ट्रेडिंग कितने तरह के होते है.
ऑप्शन ट्रेडिंग दो तरह के होते है.
कॉल ऑप्शन
यह ऑप्शन ट्रेडिंग का एक ऐसा ऑप्शन है जिससे एक निश्चित समय में उचित मूल्य पर किसी भी स्टॉक को खरीदने का अधिकार देता है कॉल ऑप्शन में ऑप्शन खरीदने के लिए आपको एक उचित मूल्य देना होता है जिसे प्रीमियम कहा जाता है.
पुट ऑप्शन
यह कॉल ऑप्शन के ठीक विपरीत होता है इसमें स्टॉक को खरीदने का अधिकार नहीं होअता है इसमें एक उचित मूल्य पर स्टॉक बेचने का अधिकार होता है.
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करेऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आप इन विडियो को देख सकते है
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखे – Option Trading Kaise Sikhe
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे सीखे तो सबसे पहले आपको यह जाना पड़ेगा कि ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं और उनके लिए कितना पैसा लगाना पड़ेगा आप जितना पैसा लगाना चाहते हैं उन हिसाब से ट्रेडिंग पसंद करनी पड़ेगी अगर आप कम ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है पैसा लगा रहे हैं तो F&O से शुरू किया जा सकता है.
कई लोग सोचते हैं पहले थोड़ा पैसा लगाकर देखते हैं अगर अच्छा मुनाफा हुआ तो ज्यादा लगाएंगे यह सोच ही फ्यूचर एंड ऑप्शन में घाटा कराने को काफी है मार्जिन ट्रेडिंग में भी दूसरे तरीके हैं मगर नए लोगों के लिए एक सलाह के लायक नहीं है नए लोगों को उसने सबसे बढ़िया तरीका कैश मार्केट वाला है जितना पैसा है उतना लगाओ कैश मार्केट में भी दो प्रकार हैं यह समय के साथ आप खुद सीख जायेंगे
ट्रेडिंग कैसे सीख सकते है – Trading Kaise Sikhe
ट्रेडिंग सीखना आपकी सोच पर निर्भर करती है कई लोग मानते हैं कि पानी में कूद पड़ो धीरे-धीरे आ ही जाएगा कई लोग को प्रोफेशनल दिमाग होता है जो सिस्टमैटिक तरीके से किसी चीज को सीखते है, आप इधर-उधर स्टॉक मार्केट बुक्स पढ़कर और जान पहचान वाले के साथ रहकर कुछ सालों में ट्रेडिंग सीख सकते हैं दूसरा तरीका ट्रेनिंग क्लास ज्वाइन करके सीख सकते है आजकल ऑनलाइन क्लासेज भी चलते हैं तीसरा तरीका सबसे नया है जो कि पर्सनल कोचिंग का है कोई भी तरीका अपनाएं और आगे बढ़े एक बार मार्केट मार्किट अच्छी तरह से ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है आ गया तो तो अन्य काम फीके लगाने लगेंगे
मेरी शुभकामनाएं
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स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है आज बाजार में बहुत सारे स्टॉक ब्रोकर हैं जिससे आप अपना डीमेट अकाउंट बनवा सकते हैं लेकिन मैं आपको Suggest करूंगा कि आप अपना अकाउंट Upstox में बनाए यहाँ आपको ढेर सारे सुबिधा मिलते है Upstox में आपको किसी भी तरह का Hidden Charge और अकाउंट मेंटेनेंस चार्ज नहीं लिया जाता है और नीचे दिए गए लिंक से बनाने पर आपको ₹1000 का ब्रोकरेज कैशबैक भी मिलता है
जब हम ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को खरीदते है तो उसमे लगने वाले लगत प्रीमियम कहलाता है.
Finance Formula: शेयर मार्केट में Options से पैसा छापने की बड़ी रणनीति, ऐसे मुनाफा कमाने के बढ़ेंगे चांस
Share Market: नितिन मुरारका ने Option Trading Strategies के बारे में विस्तार से बताया है. नितिन मुरारका का कहना है कि ऑप्शन में ट्रेडिंग प्री-प्लान तरीके से करनी चाहिए. सोची-समझी रणनीति के तहत ही ऑप्शन से पैसा कमाया जा सकता है.
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Investment Tips: शेयर मार्केट में निवेशक बड़ा मुनाफा कमाने के इरादे से आते हैं. हालांकि शेयर मार्केट में निवेश के कई अलग-अलग तरीके शामिल हैं. इनमें Futures and Options भी शामिल है. निवेशक Futures and Options के जरिए भी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं शेयर बाजार में Options के जरिए अगर पैसा कमाना है तो एक रणनीति के तहत ट्रेडिंग करना बेहतर साबित हो सकता है. इस रणनीति को फॉलो करके ही Options के जरिए अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
रणनीति अपनाएं
SMC Global Securities के Derivative Head नितिन मुरारका ने Option Trading Strategies के बारे में विस्तार से बताया है. नितिन मुरारका का कहना है कि ऑप्शन में ट्रेडिंग प्री-प्लान तरीके से करनी चाहिए. सोची-समझी रणनीति के तहत ही ऑप्शन से पैसा कमाया जा सकता है.
Call and Put
ऑप्शन की रणनीति के बारे में बात करते हुए नितिन मुरारका ने बताया कि Option में पैसा लगाने से पहले देखें की बाजार की दिशा क्या है. बाजार जिस तरफ जा रहा है उसी दिशा के हिसाब से हमें Option में Call और Put का चुनाव करना चाहिए.
एंट्री प्वांइट
नितिन मुरारका ने बताया कि बाजार की दिशा देखने को बाद हमें एंट्री प्वांइट का ध्यान रखना चाहिए. किसी भी लेवल पर एंट्री कर लेना समझदारी नहीं है. ऐसे में आपको Option में सोच-समझकर ही एंट्री प्वॉइंट का ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा एक्जिट प्वॉइंट भी काफी मायने रखता है.
Stop Loss
नितिन मुरारका ने बताया कि जिस तरह से Options में एंट्री प्वॉइंट मायने रखता है, वैसे ही एग्जिट प्वॉइंट भी मायने रखता है. ऐसे में हमें एग्जिट प्वॉइंट के बारे में भी ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है क्लियर रहना चाहिए. साथ ही ऑप्शन में बिना स्टॉप लॉस के काम नहीं करना चाहिए. Options Trading में Stop Loss का काफी महत्व है. ऐसे में बिना स्टॉप लॉस के ऑप्शन में नहीं उतरना चाहिए.
इस वीडियो में समझें Option Trading Strategies:
(डिस्कलेमर : किसी भी तरह का निवेश करने से पहले एक्सपर्ट से जानकारी कर लें. जी न्यूज किसी भी तरह के निवेश के लिए आपको सलाह नहीं देता.)
ऐसे जानिए ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़ी हर बात, होगा फायदा
पिछले कुछ सालों में हमने भारतीय डेरिवेटिव्स बाजार में ऑप्शन सेगमेंट की ट्रेडिंग गतिविधियों में तेज वृद्धि देखी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) फ्यूचर और ऑप्शन (एफ एंड ओ) सेगमेंट में दैनिक कारोबार 4 लाख करोड़ को पार कर गई है और इस इंडेक्स में ऑप्शन का 80% से अधिक योगदान रहा है। यही कारोबार बैंक निफ्टी पर साप्ताहिक और मासिक समाप्ति के दिनों पर 10 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। आजकल ऑप्शन सेगमेंट अपनी प्रोफ़ाइल के कारण अधिक लोकप्रिय हो गया है और यह 50 ओवर या टेस्ट सिरीज मैचों की तुलना में आईपीएल या टी-20 मैचों की लोकप्रियता की तरह ही लगता है। इस सेगमेंट में ट्रेडिंग गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं क्योंकि यह सभी प्रकार के बाजार सेंटिमेंट्स का लाभ पाने का अवसर प्रदान करती है चाहे वह बुलिश, बियरिश, रेंज बाउंड या अत्यधिक अस्थिर हो। आइए पहले समझें कि ऑप्शन है क्या जो सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है? नकद बाजार, जहाँ शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, के अलावा एक्सचेंज में एक ऐसा सेगमेंट भी होता है जहाँ इन शेयरों या इंडेक्स के भविष्य और विकल्प खरीदे या बेचे जाते हैं।
संक्षेप में यदि आप किसी भी स्टॉक या इंडेक्स का भविष्य अनुबंध खरीदते हैं या बेचते हैं और यदि यह आपकी अपेक्षित दिशा के विपरीत चल रहा है, तो इसका मतलब है कि आपकी जोखिम असीमित है, वहीं अगर आपने भविष्य के अनुबंध के स्थान पर एक विकल्प अनुबंध खरीदा है, जिसका मतलब है कि आपकी जोखिम रिटर्न भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए सीमित है जबकि फेवरेबल मार्केट मूवमेंट तक विस्तार करने के लिए रिटर्न ऑप्शंन ट्रेडिंग क्या है असीमित होता है। ऑप्शन खरीदारों को प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है ताकि उन्हें अधिकार तो प्राप्त हो लेकिन कोई दायित्व न हो, इसलिए बाजार में गिरावट होने पर जोखिम सीमित होती है, जबकि बाजार में बढ़ोत्तरी होने पर रिवॉर्ड असीमित होता है। दूसरी ओर, चूँकि ऑप्शन विक्रेताओं को प्रीमियम प्राप्त होता है, इसलिए उनकी जोखिम असीमित होती है, जबकि लाभ केवल इस प्रीमियम के अनुबंध तक सीमित होता है जो उन्हें इस ऑप्शन के अनुबंध के लिए मिलता है। कॉल खरीदार को खरीदने का अधिकार मिलता है जबकि पुट खरीदार को बेचने का अधिकार मिलता है, जबकि ऑप्शन विक्रेताओं को दायित्व हस्तांतरित होता है चाहे वे कॉल चुनें या पुट।
ऑप्शन खरीदारों के लिए लाभ
ऑप्शन खरीदारों को केवल प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता होती है, इसलिए अनुबंध प्राप्त करने के लिए बहुत कम निवेश की आवश्यकता होती है। जोखिम सीमित होती है जो कि अधिकतम प्रीमियम राशि तक ही रहती है, चाहे बाजार स्थितियाँ कितनी भी प्रतिकूल हों। सुरक्षात्मक पुट्स ले कर पोर्टफोलियो की प्रतिरक्षा (हेजिंग) की जा सकती है।
ऑप्शन विक्रेताओं के लिए लाभ
रेंज बाउण्ड मूव से लाभ जैसे कि जब यह सीमा में रहता है तो प्रीमियम में गिरावट आती है। घटते प्रीमियम का लाभ जैसे कि डीप ओटीएम स्ट्राइक में कुछ प्रीमियम शामिल होते हैं, और इस बात की संभावना काफी उच्च होती है कि ये प्रीमियम शून्य की ओर बढ़ेंगे।
मनी कॉल की बिक्री करके स्थिति की लागत को कम करना।
ऑप्शन और ऑप्शन व्यापार के मिथक तथा वास्तविकता
ऑप्शन जोखिम से भरा होता है : ऑप्शन केवल तभी जोखिम भरे होते हैं जब हम उनका उपयोग करना नहीं जानते। खरीदार के लिए जोखिम केवल प्रीमियम राशि तक सीमित होता है। नेकेड विक्रेता होने पर ही ऑप्शन में उच्च जोखिम की संभावना होती है। इसलिए इसमें उचित बाजारगत निर्णय या हेजिंग रणनीति की आवश्यकता होती है जो वास्तव में जोखिम को कम कर देता है और यही ऑप्शन सेगमेंट की खूबसूरती है।
ऑप्शन को समझना मुश्किल है: ऑप्शन की वास्तविकता को समझना कोई मुश्किल काम नहीं है। असल में, आपको एक निर्दिष्ट मूल्य पर अंतर्निहित स्टॉक खरीदने या बेचने का अधिकार प्राप्त होता है। इससे भी बेहतर, केवल दो ऑप्शन हैं :- कॉल और पुट; और आप या तो खरीद सकते हैं या बेच सकते हैं। यदि आप इस क्षेत्र में नये हैं, तो कॉलर, लेडर स्प्रेड, आयरन कोंडोर, स्ट्रिप, स्ट्रैप, बटरफ्लाई, कैलेंडर स्प्रेड, बॉक्स इत्यादि के बजाय अपेक्षाकृत सरल रणनीतियों के साथ रहना सबसे अच्छा है।
ऑप्शन बेचना मुफ्त पैसे प्राप्त करने जैसा है: एक गलत धारणा यह भी है कि ऑप्शन की बिक्री लगभग जोखिम मुक्त है। यद्यपि नकदी एकत्र करने के लिए ऑप्शन की बिक्री की जा सकती है, लेकिन नेकेड या असुरक्षित विकल्पों को बेचने पर यह जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि इसमें रिस्क असीमित है। ऑप्शन विक्रेता ज्यादातर समय फायदे में रह सकते हैं; लेकिन कभी-कभी आकस्मिक नुकसान भारी पड़ सकता है जब अनुभवहीन निवेशक नियम के अनुसार जोखिम का प्रबंधन न करे।
केवल ऑप्शन विक्रेता पैसे कमाते हैं: तथ्य यह है कि दोनों ही यानी ऑप्शन के खरीदार और विक्रेता ऑप्शन व्यापार से लाभ कमा सकते हैं। यदि केवल विक्रेता ही पैसा कमाएंगे तो कोई खरीदार नहीं होगा, कोई खरीदार नहीं होगा तो कोई बाजार नहीं होगा। कभी-कभी कई स्थितियों में विकल्प खरीदने में भी बढ़त मिलती है, खासकर उच्च अस्थिरता, ट्रेंडिंग या विनिर्दिष्ट बाजार के परिदृश्य में। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि प्रीमियम कई गुना हो जाता है।
एक सामान्य मिथक यह है कि ऑप्शन व्यापार बहुत जोखिम भरा है। ऑप्शन जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन हमेशा ऐसा होना जरूरी नहीं है। जोखिम की सहनशीलता के आधार पर कोई ऑप्शन कम या अधिक जोखिम भरा हो सकता है। इसका उपयोग अनुमान के लिए भी किया जा सकता है और हेजिंग, सुरक्षा और लेवरेज के लिए भी। ऑप्शन के साथ पैसे कमाने के एक से अधिक तरीके हैं और हम मानते हैं कि ऑप्शन की ऐसी खूबसूरती और अनुकूलित ऑप्शन की रणनीति भारतीय डेरिवेटिव्स बाजार में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी।