क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है

क्या भारत में NFT (Non-Fungible Token) खरीदना या बेचना कानूनी है? जानें क्या है देश में NFTs की कानूनी स्थिति
साल 2009 में सतोषी नाकामोटो नाम के व्यक्ति द्वारा ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित पहली वर्चुअल या क्रिप्टोकरेंसी क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है बिटकॉइन को बनाया गया, तब से अब तक समय के साथ धीरे-धीरे ब्लॉकचेन तथा क्रिप्टोकरेंसी को दुनियाँ भर में लोकप्रियता मिलती गई है और पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी को सामान्य मुद्रा की भाँति इस्तेमाल किया जाने लगा है। दक्षिण अमेरिकी देश एल सेल्वाडोर ऐसा पहला देश बन गया है, जिसने क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक मुद्रा के समान मान्यता प्रदान की है।
बिटकॉइन समेत हजारों क्रिप्टोकरेंसी, जो वर्तमान समय में प्रचलन में हैं ब्लॉकचेन तकनीक का केवल क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है एक अनुप्रयोग है, जबकि समय के साथ ब्लॉकचेन तकनीक पर हुई शोधों से यह स्पष्ट हो चुका है, कि इस तकनीक का इस्तेमाल कई अन्य क्षेत्रों जैसे शिक्षा, चिकित्सा, गवर्नेंस, बिजनेस इत्यादि में किया जा सकता है। ब्लॉकचेन तकनीक का ऐसा ही एक महत्वपूर्ण अनुप्रयोग NFTs या Non-Fungible Token पिछले कुछ समय से काफ़ी चर्चाओं में रहा है।
NFT ब्लॉकचेन आधारित डेटा की एक युनिट है, जिसमें किसी डिजिटल संपत्ति जैसे फोटो, वीडियो, पेंटिंग, संगीत इत्यादि की जानकारी दर्ज होती है। ब्लॉकचेन आधारित होने के चलते इस टोकन में मौजूद डेटा को बदला नहीं जा सकता अतः एक बार किसी संपत्ति को NFT रूप में परिवर्तित कर लेने से कोई डिजिटल कलाकार अपने स्वामित्व को सुरक्षित रख सकता है।
NFT क्या है? कैसे कार्य करता है? तथा इसके फायदे एवं नुकसानों समेत NFTs से जुड़े कई प्रश्नों को हम एक अन्य लेख में विस्तार से समझा चुके हैं, जिसे आप नीचे दी गई लिंक के माध्यम से पढ़ सकते हैं। इस लेख में हम चर्चा करने जा रहे हैं NFTs की भारत में कानूनी स्थिति (Legality of NFT in India) पर, जानेंगे भारत में NFTs खरीदने या बेचने के संबंध में कानून क्या कहता है।
भारत में NFTs का नियमन
किसी देश में कोई भी व्यवस्था तब तक प्रासंगिक नहीं है जब तक कि, उसे कानूनी मान्यता प्राप्त न हो। NFT एक क्रिप्टोकरेंसी आधारित बाज़ार है और क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में भारतीय कानून व्यवस्था वर्तमान में मौन है। हालाँकि 2020 में सर्वोच्च न्यायालय की तीन-न्यायाधीशों की बैंच ने Internet and Mobile Association of India बनाम Reserve Bank of India मामले की सुनवाई करते हुए, अप्रैल 2018 में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर रिजर्व बैंक द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को रद्द कर दिया था, किन्तु इस फैसले का यह आशय बिल्कुल नहीं है कि, देश में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त हैं।
इसके अतिरिक्त यदि बात NFTs की करें तो भारत सरकार द्वारा इस संबंध में भी अभी तक कोई कानून नहीं बनाया गया है, जो किसी भारतीय निवासी को NFTs खरीदने या बेचने से रोकता हो। यहाँ तक कि अभी तक यह भी तय नहीं है कि, NFTs कोई कमॉडिटी है या प्रतिभूति। सीधे तौर पर NFTs की खरीद-बिक्री गैर-कानूनी नहीं है किंतु जैसा कि, हम जानते हैं NFTs एक डिजिटल संपत्ति हैं अतः पूर्व में संपत्तियों के हस्तांतरण के संबंध में लागू कई अन्य कानून हैं, जो NFT ट्रेडिंग को गैर-कानूनी घोषित कर सकते हैं, ऐसे कुछ कानून निम्नलिखित हैं।
Securities Contract (Regulation) Act, 1956
ऐसे वित्तीय उपकरण, जो अपना मूल्य किसी अंतर्निहित परिसंपत्ति (Underlying Asset) द्वारा प्राप्त करते हैं उन्हें डेरिवेटिव (Derivatives) कहा जाता है, उदाहरण के तौर पर 100 रुपये का नोट डेरिवेटिव उत्पाद है, क्योंकि नोट की अपनी कोई कीमत नहीं है, उसकी कीमत केन्द्रीय बैंक द्वारा निर्धारित की गई है, इसके विपरीत कोई सिक्का डेरिवेटिव नहीं है, क्योंकि उस सिक्के की कीमत उसके पदार्थ या जिस धातु से वह बना है उससे होती है।
हालाँकि सरकार ने NFTs को अभी डेरिवेटिव की श्रेणी में शामिल नहीं किया है, किन्तु NFTs भी ऐसे डिजिटल वित्तीय उपकरण हैं, जो अपना मूल्य किसी अंतर्निहित संपत्ति (डिजिटल कलाकृति) से प्राप्त करते हैं, अतः यदि इन्हें “ डेरिवेटिव उत्पाद ” समझा जाए तो Securities Contract (Regulation) Act, 1956 की धारा 18A के तहत डेरिवेटिव उत्पादों की खरीद-बिक्री किसी वर्चुअल प्लेटफ़ॉर्म पर नहीं की जा सकती है, यह केवल मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज जैसे BSE या NSE में ही ट्रेड किए जा सकते हैं, जो NFT ट्रेडिंग को गैर-कानूनी बना सकता है।
Collective Investment Scheme क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है Regulations, 1999
किसी भी कंपनी द्वारा प्रस्तुत की गई कोई ऐसी व्यवस्था, जिसके तहत निवेशकों द्वारा किए गए योगदान (Contribution) या भुगतान को आय, लाभ या संपत्ति प्राप्त करने के उद्देश्य से जमा किया जाता है एवं निवेशकों के लिए प्रबंधित किया जाता है, Collective Investment Scheme कहलाती है। म्यूचुअल फंड इस प्रकार की व्यवस्था के मुख्य उदाहरण हैं, जहाँ निवेशकों से प्राप्त धनराशि को जमा कर उनके लाभ हेतु निवेश किया जाता है।
PAK द्वारा निर्मित NFT “The Merge” की स्थिति में हमनें देखा कि, उसे 28,983 संग्राहकों द्वारा 312,686 अलग-अलग शेयरों के रूप में US $91.8 मिलियन में खरीदा गया। अतः यदि NFTs सामूहिक रूप से खरीदने योग्य वित्तीय उत्पाद हैं, जो भविष्य में निवेशकों को लाभ दे सकते हैं तो ये उक्त कानून के अंतर्गत आ सकते हैं, जो बिना किसी वैध लाइसेंस के इनकी ट्रेडिंग गैर-कानूनी बनाता है।
Intellectual Property Rights, 1957
किसी कलाकार की बौद्धिक संपत्ति क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है को सुरक्षित रखने के लिहाज़ से बौद्धिक संपदा कानून बनाए गए हैं, किन्तु NFTs के संबंध में यह कानून किस प्रकार लागू होगा यह बहुत हद तक स्पष्ट नहीं है। उक्त कानून में कुछ विशेष कलाकृतियों को ही सुरक्षित किया गया है, जबकि इसके इतर भी कई डिजिटल संपत्तियों (GIF, ट्वीट) को NFT रूप में बनाया एवं बेचा जा रहा है।
उदाहरण के तौर पर हमनें ऊपर देखा “जैक डोर्सी” ने अपने पहले ट्वीट का NFT 2.9 मिलियन डॉलर में बेचा, जो बौद्धिक संपदा अधिकारों के तहत संरक्षित नहीं हैं, ऐसे में इस प्रकार की डिजिटल संपत्तियों के निर्माता अपनी कृति पर कानूनी दावा कैसे करेंगे यह एक चुनौती है।
इसके अतिरिक्त NFT एक अंतर्निहित डिजिटल संपत्ति पर बनाया गया डिजिटल टोकन है, इसलिए यह सवाल उठना भी लाज़मी है कि, क्या NFT बनाने वाले व्यक्ति के पास कानूनी तौर पर उस संपत्ति का स्वामित्व या कॉपीराइट है, जिस पर NFT को निर्मित किया गया है? ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं, जब कुछ लोगों द्वारा ऐसी संपत्तियों के NFTs बनाए गए, जिनके कानूनी मालिक वे स्वयं नहीं थे। चूँकि NFTs कॉपीराइट विशेषाधिकार प्रदान नहीं करते हैं अतः किसी कलाकृति का NFT होने का यह आशय नहीं है कि, NFT धारक ही उसका कानूनी तौर पर मालिक है।
Foreign Exchange Management Act, 1999 (FEMA)
भारत में निवास कर रहे व्यक्तियों द्वारा यदि भारत के बाहर किसी परिसंपत्ति (Asset) को खरीदा या उसे बेचा जाता है, तो ऐसे लेन-देन विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 द्वारा विनियमित होते हैं। चूँकि NFTs कोई भौतिक संपत्ति नहीं हैं अतः इन्हें अमूर्त संपत्तियों (Intangible Asset) के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है। कोई NFT लेन-देन इस कानून के तहत गैर-कानूनी न हो इसके लिए उक्त कानून का अध्ययन आवश्यक हो जाता है।
उदाहरण के तौर पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून ऐसे देशों में किसी प्रकार की संपत्ति के लेन-देन की मंजूरी नहीं देता, जिन्हें Financial Action Task Force द्वारा गैर-सहयोगी देशों की सूची में शामिल किया गया है। अब चूँकि NFTs की भौतिक स्थिति ज्ञात करना लगभग नामुमकिन है अतः इस बात की बहुत संभावना है कि, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर NFT ट्रेडिंग FEMA कानून का उल्लंघन करे। इसके अतिरक्त NFTs का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग तथा अन्य आपराधिक गतिविधियों को संचालित करने के उद्देश्य से भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष
जैसा कि, हमनें पूर्व में बताया अभी तक देश में क्रिप्टोकरेंसी तथा NFTs (Legality of NFT in India) को विनियमित करने हेतु कोई कानून नहीं है, किन्तु इस बात की संभावना है कि, सरकार आने वाले समय में इसके संबंध में कोई ठोस कानून निर्मित करे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप देने के संबंध में सरकार एक विधेयक “ डिजिटल करेंसी बिल ” पर विचार कर रही है। इसके अनुसार कुछ अपवादों को छोड़कर लगभग सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की संभावना है, जबकि ट्रेडर्स को केवल रिजर्व बैंक द्वारा जारी स्वदेशी क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की छूट दी जाएगी।
क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने में अमेरिका और चीन से भी आगे हैं भारतीय और पाकिस्तानी-रिपोर्ट
बिज़नस न्यूज़ डेस्क-क्रिप्टोकरेंसी हमारे जीवन को प्रभावित कर रही है जैसा कि इंटरनेट ने अतीत में किया है। हालांकि इस बारे में अभी भी अनिश्चितता है कि दुनिया भर की सरकारें इसे कैसे नियंत्रित करेंगी, अपूरणीय टोकन और विकेंद्रीकृत वित्तीय परियोजनाओं में निवेश बढ़ रहा है। क्रिप्टो डॉट कॉम के अनुसार, वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले लोगों की संख्या इस साल दोगुनी होकर लगभग 220 मिलियन हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, निवेशकों ने 2021 में क्रिप्टोकरेंसी में करीब 30 अरब डॉलर का निवेश किया, जो पिछले सभी सालों से ज्यादा है। जबकि अल सल्वाडोर जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन को कानूनी निविदा के रूप में स्वीकार किया है, कई देश क्रिप्टो से सावधान हैं। चैनलिसिस ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, उच्चतम क्रिप्टो अपनाने की दर वाले शीर्ष छह देशों पर एक नज़र डालते हैं।
> वियतनाम - वियतनाम ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में 1 के इंडेक्स स्कोर के साथ पहले स्थान पर है। इसके पीछे मुख्य कारण रेमिटेंस पेमेंट है। क्रिप्टोक्यूरेंसी वियतनामी यात्रियों को विनिमय शुल्क का भुगतान किए बिना घर लौटने का एक तरीका प्रदान करती है। नतीजतन, लगभग 20 प्रतिशत वियतनामी बिटकॉइन में निवेश करने का दावा करते हैं।
भारत - भारत ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में 0.37 के इंडेक्स स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर है। भारत में 7.3 मिलियन क्रिप्टो उपयोगकर्ता हैं और .8 21.8 बिलियन से अधिक का कारोबार है। छोटे भारतीय शहरों के लोगों ने भी क्रिप्टो में निवेश करना शुरू कर दिया है। बिटकॉइन की कीमत में तेज उछाल भारत में क्रिप्टो में बढ़ती दिलचस्पी का मुख्य कारण था।
> पाकिस्तान- पाकिस्तान इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है। ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स पर देश का स्कोर 0.36 है। अधिकांश निवेश खनन और व्यापारिक क्रिप्टोकरेंसी से आता है। सोशल मीडिया और ऑनलाइन एक्सचेंजों ने पाकिस्तान में क्रिप्टो क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है को बढ़ावा दिया।
यूक्रेन - यूक्रेन 0.29 के स्कोर के साथ ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में चौथे स्थान पर है। यूक्रेनी सरकार ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाया है। देश का दैनिक व्यापार $37 मिलियन से अधिक है! इसके अलावा, यूक्रेनी सरकार जल्द ही निवेशकों और व्यवसायों के लिए एक क्रिप्टो बाजार खोलने की योजना बना रही है।
केन्या - केन्या पांचवें स्थान पर है। यहां क्रिप्टो एडॉप्शन स्कोर 0.28 है। यह केन्या में पीयर-टू-पीयर लेनदेन की बढ़ती संख्या के कारण है। केन्या में लोग दुनिया में कहीं और की तुलना में अधिक सक्रिय रूप से एक दूसरे के साथ क्रिप्टो व्यापार कर रहे हैं।
नाइजीरिया - नाइजीरिया ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स में छठे स्थान पर है। कुल नाइजीरियाई आबादी का लगभग 24.2% विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी का मालिक है। परिणामस्वरूप, देश का क्रिप्टो एडॉप्शन स्कोर 0.26 है। बिटकॉइन नाइजीरिया में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो है, इसके बाद एथेरियम है। विनिमय-व्यापार की मात्रा में उल्लेखनीय गिरावट के कारण इस वर्ष अमेरिका और चीन 6वें से 8वें और चौथे से 13वें स्थान पर आ गए हैं।
पोंजी कंपनियों पर कसेगा शिकंजा, 7 साल तक की जेल
कैबिनेट ने चिट फंड कानून में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है
सरकार संसद में जल्द प्रस्तावित कानून से जुड़े बिल को पेश कर सकती है. इनके नाम हैं- बैनिंग आफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स बिल, 2018 व चिट फंड (अमेंडमेंट) बिल, 2018.
अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स बिल का मकसद गैर-कानूनी तरह से पैसे जमा करने की गतिविधियों पर अंकुश लगाना है. इनके जरिये भोले-भाले निवेशकों को ठगा जाता है. उनकी गाढ़ी कमार्इ को चपत लगा दी जाती है.
सूत्रों ने बताया कि बिल में प्रस्ताव किया गया है कि कानून के लागू होते ही पैसे जमा करने वाली सभी संस्थाओं को नामित एजेंसी के पास पंजीकरण कराना होगा. गैर-कानूनी तरह से पैसे जमा करने की सभी गतिविधियां प्रतिबंधित होंगी. जमा स्वीकारने वालों का डेटाबेस भी बनाया जाएगा. नियमों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को इस कानून के दायरे से बाहर रखा है. अभी देश में बिटकॉइन या इस तरह के भुगतान के साधन वैध नहीं हैं.
देश में गैर-कानूनी तरह से चल रही स्कीम में निवेशकों का पैसा डूबने के कर्इ मामले देखे जा चुके हैं. इनमें सहारा और शरद ग्रुप की स्कीम के मामले शामिल हैं. इन स्कीम में करोड़ों निवेशकों को चपत लगी है. इन्हीं को देखते हुए सरकार ने ताजा कदम उठाया है.
हिन्दी में शेयर बाजार और पर्सनल फाइनेंस पर नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. पेज लाइक करने के लिएयहां क्लिक करें
क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है
बजट Highlights
- सिर्फ मोदी हैं जो पुतिन-जेलेंस्की से बात करते हैं, उनको दुनिया का हर देश ग्लोबल लीडर मानता है- राजनाथ
- सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला मोदी जी ही ले सकते थे- राजनाथ सिंह
- मोदी जी सबसे टैलेंटेड नेता, उनमें संगठन और शासन चलाने की कुशलता- राजनाथ सिंह
- राहुल गांधी हताश और निराश नेता, उनकी मानसिक आयु आज क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है भी बच्चों जैसी- शिवराज सिंह
- मोदी जी ने तिरंगे की आन पूरी दुनिया में स्थापित की, दुनिया का नजरिया बदला- शिवराज
- मोदी जी देश के लिए ईश्वर के वरदान हैं, भगवान ने विशेष काम के लिए उनको भेजा है- शिवराज सिंह
- मैं 22 ग्रीन एक्सप्रेसवे बनाने वाला हूं, ऐसी सड़कें बनाऊंगा कि ट्रैफिक आधा हो जाएगा- गडकरी
- मैंने मोदी से मांगकर रोड मिनिस्ट्री ली, अब तक 50 लाख करोड़ का काम पूरा किया- गडकरी
- पीएम मोदी कभी किसी मंत्री के काम में दखल नहीं देते, कोई गलत करेगा तो पीएम अंकुश लगाते हैं- गडकरी
- हिंदू धर्मग्रंथों में ज्ञानवापी का जिक्र, मुस्लिम पक्ष बताए आपके पास ज्ञानवापी का क्या सबूत- सुधांशु त्रिवेदी
- 2014 से पहले भारत आंशिक मुस्लिम राष्ट्र था, इसके बाद देश सही मायनों में सेकुलर- सुधांशु त्रिवेदी
- हम दूसरे देशों को मिसाइल बेचते हैं पर अपने घर में सुरक्षित नहीं-सलमान खुर्शीद
- राहुल युवा अवस्था में अध्यक्ष बनकर रिटायर हुए-सुधांशु त्रिवेदी
- देश बदल गया है हैप्पीनेस खो गई है-सलमान खुर्शीद
- ज्ञानवापी का मामला अदालत में है और अदालत इसे तय करेगी-स्वामी रामदेव
- ऐतिहासिक तौर पर यह तथ्य है कि इस देश में सैकड़ों मंदिरों को तोड़ा गया-स्वामी रामदेव
- किसानों से लेकर गरीबों के कल्याण की योजनाओं तक बहुत काम हुआ-स्वामी रामदेव
- मोदी जी ने हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई जहाज का सफर करा दिया-स्वामी रामदेव
- हम उसकाल खंड में है जब मोदी जी जैसा क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है यशस्वी पीएम है-रामदेव
- धारा 370 हटने से कश्मीर को फायदा-अतहर हुसैन देहलवी
- ज्ञानवापी में गौरी श्रृंगार की पूजा की इजाजत मांगी गई थी-संबित पात्रा
- देश न शरियत से चलेगा, न सनातन से चलेगा, संविधान से चलेगा-देवकीनंदन ठाकुर
- 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, 12 करोड़ लोगों को शौचालय की सुविधा-संबित पात्रा
- मोदी सरकार ने खोदो इंडिया शुरू किया-कलीमुल हफीज
- कोरोना काल में सरकार ने बहुत अच्छा काम किया । विदेश में भी सहायता पहुंचाई -मोरारी बापू
- दुनिया में संवाद की बहुत जरूरत, इसी में राम राज्य की अवधारणा है-मोरारी बापू
- स्थानीय मुद्दों को राष्ट्रीय मुद्दे न बनाएं तो बेहतर-मदनी
- बुलडोजर मामले पर महमूद मदनी ने कहा- अदालत ही एकमात्र रास्ता
- आप आंख चुराकर जिएंगे तो जी तो सकते हैं लेकिन जीत नहीं सकते-मदनी
- मुसलमान देश में एक अलग राजनीतिक ताकत बने, यह सोच मुल्क के लिए ठीक नहीं -मदनी
- मैं तलाक के बिल्कुल खिलाफ हूं-मदनी
- मुझे जो दर्द है वो आंसुओं में छलका। जो मेरे दिल में है वही कहा-मदनी
- ज्ञानवापी-मुथरा केस पर आरिफ ने कहा- मामला अदालत में है उसका समाधान अदालत को करने दें
- मोदी सरकार किसी को धर्म का ठेकेदार नहीं मानती-आरिफ मोहम्मद खान
- कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.. था.. और रहेगा-आरिफ मोहम्मद खान
- मोदी सरकार ने धारा 370 हटाकर ऐतिहासिक कदम उठाया-आरिफ मोहम्मद खान
- मोदी जी के कार्यकाल में गुलामी की मानसिकता से पीछा छूटा है-आरिफ मोहम्मद खान
- विकसित देशों ने भारत की क्षमता को स्वीकार किया है-आरिफ मोहम्मद खान
- यह समझने की कोशिश करेंगे कि इस बदलाव से जनता को कितना लाभ हुआ-रजत शर्मा
- 8 साल में देश में क्या बदला ? आज हम यह जानने की कोशिश करेंगे-रजत शर्मा
- 2014 में बीजेपी ने केंद्र में दशकों से जारी गठबंधन की राजनीति का अंत कर दिया था।
- बीजेपी ने 2014 के आम चुनावों में 282 सीटें जीतकर अपने दम पर बहुमत हासिल किया था।
- नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने 2014 में केंद्र में सरकार बनाई थी।
- थोड़ी देर में शुरू होगा इंडिया टीवी संवाद महासम्मेलन
- मोदी सरकार के मंत्री देंगे 8 सालों के कामकाज का हिसाब
- इंडिया टीवी संवाद में चलेंगे तर्कों के तीर, होंगे तीखे सवाल-जवाब
- मोदी सरकार के कार्यकाल पर आज दिन भर होगी चर्चा
- इंडिया टीवी संवाद अलग-अलग क्षेत्रों की हस्तियां कर रही हैं शिरकत
- मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल पर इंडिया टीवी संवाद आज
प्रमुख ख़बरें
बजट में 'प्योर पेट्रोल-डीजल' पर बढ़ी एक्साइज ड्यूटी, जानिए आपकी जेब पर क्या पड़ेगा असर
बजट के दिन 'बमबम' शेयर बाजार, निवेशकों ने कमाए 600000 लाख करोड़ रुपये
Budget 2022: 5G सेवाएं इस साल से होंगी शुरू, क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है ये हैं कम कीमत वाले 5जी Smartphone
Budget 2022: वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए खोली ‘तिजोरी’, 2 मिनट में जानिए पूरे बजट का निचोड़
Dogecoin क्या है? क्या यह भारत में कानूनी है?
डॉगकोइन अब दुनिया भर में व्यापक और वर्तमान रुचि का एक बहुत चर्चित और स्पष्ट विषय बन गया है। कई पूंजीपति, बैंकर, निवेशक इस तथ्य पर जोर दे रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी भविष्य के भुगतान के तरीके को बदल क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है देगी। क्या यह आश्चर्य की बात नहीं है कि डॉगकोइन ने इस महीने 1000 प्रतिशत रिटर्न दिया है और अरबपतियों, मशहूर हस्तियों और टेस्ला के संस्थापक एलोन मस्क और डलास मावेरिक्स के मालिक मार्क क्यूबन जैसे एथलीटों से समर्थन प्राप्त कर रहा है? उन सभी के पास कहने के लिए एक बात समान है, वह यह है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी यहाँ रहने के लिए है। स्नूप डॉग ने भी इस बारे में बात की। फिर भी, पिछले डेढ़ साल में altcoins की वापसी हुई है।
Altcoin क्या है ?
बिटकॉइन के अलावा हर सिक्के/क्रिप्टोकरेंसी को altcoin कहा जाता है। उदाहरण वीचैन, डॉगकोइन, आदि होंगे। पिछले एक साल में Altcoin की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ी हैं, जो कि बिटकॉइन से लाभ लाभ को भी कम कर रहा है। altcoin उन निवेशकों के लिए एक आकर्षक निवेश रहा है जो कम समय में अधिक लाभ की तलाश में हैं। हाल के दिनों में डॉगकोइन नामक एक altcoin महत्व प्राप्त कर रहा है। आइए जानें कि वास्तव में डॉगकोइन क्या है और यह भारत में वैध है या नहीं।
Dogecoin क्या है ?
बिली मार्कस और जैक्सन पामर ने डॉगकोइन बनाया। यह एक मेम-आधारित क्रिप्टोक्यूरेंसी है जिसे 2013 में बनाया गया था और इसे एक समुदाय के रूप में तेजी से विकसित किया गया था। डोगे को उस समय एक गंभीर मुद्रा से अधिक एक मेम माना जाता था। इसका नाम शीबा इनु क्या बिटकॉइन में निवेश करने का एक कानूनी और वैध तरीका है के मेम के नाम पर रखा गया था, “डोगे” मेम से कुत्ता, जिसे इसके लोगो और नाम के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था। अधिकांश अन्य क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत, डॉगकोइन अनंत है, जिसका अर्थ है कि इस टोकन को बनाने या बनाने पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। इसका मतलब यह भी है कि इसकी कमी के कारण कीमत कभी भी अनिश्चित काल तक नहीं बढ़ सकती है।
Dogecoin का इतिहास
आईबीएम सॉफ्टवेयर इंजीनियर बिली मार्कस, जो पोर्टलैंड, ओरेगन से हैं, जैक्सन पामर के साथ, जो एक एडोब सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, ने डॉगकोइन बनाया। वे इस पीयर-टू-पीयर डिजिटल मुद्रा के माध्यम से बिटकॉइन की तुलना में एक व्यापक और बड़ा डिजिटल बाजार विकसित करना चाहते थे।
क्या Dogecoin भारत में वैध है?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत में डॉगकोइन का व्यापार करना कानूनी है? 2018 तक, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना (खरीदना और बेचना) अवैध था, जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इसे वैध बनाने का फैसला किया। तब से, क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार और उद्योग में तेजी आई है, और लाखों भारतीयों ने इस समृद्ध उद्योग में निवेश किया है। इतनी लंबी कहानी छोटी, हाँ, भारत में डॉगकोइन खरीदना कानूनी है।
कहा जा रहा है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकती है। हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि भारतीयों को क्रिप्टो बाजार के बारे में पता होना चाहिए क्योंकि कोई भी कानून इसे नियंत्रित नहीं करता है। बहरहाल, तथ्य यह है कि इसके संबंध में कोई विधेयक पेश नहीं किया गया है, हमें उम्मीद है कि सरकार इसकी जांच और शोध कर रही है।
भारत में Dogecoin कैसे खरीदें?
Dogecoin में निवेश करने वाले लोगों की संख्या भारत में बढ़ रही है। हालांकि, भारत में डॉगकोइन खरीदना एक थकाऊ प्रक्रिया हो सकती है। क्रिप्टो खरीदने में हमें सभी बारीकियों से बचाने के लिए, क्रिप्टो एक्सचेंज हैं जो ऐप/वेबसाइटों के रूप में हैं।
क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स, बिनेंस या रॉबिनहुड जैसे ऐप / वेबसाइट हैं जो शौकिया निवेशकों को क्रिप्टो में काफी आसान तरीके से व्यापार और निवेश करने की अनुमति देते हैं। भारत में ऐसे कई एक्सचेंज हैं जिनके जरिए लोग वजीरएक्स और कुबेर जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं।
Dogecoin में निवेश करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।
एक प्रतिष्ठित भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज स्थापित करें जैसे कि Coinswitch/WazirX/CoinDCX खुद को रजिस्टर करके और केवाईसी के जरिए वेरीफाई करके अकाउंट सेट करें। ऐ
प में अपना बैंक विवरण/यूपीआई विवरण जोड़ें और बैंक/यूपीआई विवरण पंजीकृत होने के बाद वॉलेट में पैसे जोड़ें।
अब आप भारत में डोगेकोइन या खरीद के लिए उपलब्ध कोई अन्य क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं।
भारतीय क्रिप्टो बिल और क्रिप्टोकुरेंसी के संबंध में चिंताएं-
उचित बुनियादी ढांचे की कमी, गुमनामी और बैंकिंग भागीदारों के साथ असंगत गठजोड़ ने भारत में संभावित निवेशकों को आंदोलित किया है।
अधिकारियों ने भारतीय क्रिप्टोक्यूरेंसी बिल के संबंध में उसी पर सवाल उठाए हैं और अपनी चिंता व्यक्त की है। हालाँकि सरकार ने ब्लॉकचेन तकनीक के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य अभी भी सवालों के घेरे में है।
क्या Dogecoin भविष्य है?
बेशक, आपके निवेश का 100 गुना लुभावना है, लेकिन अगर कोई सिक्का किसी प्रभावशाली व्यक्ति के ट्वीट के बाद आसमान छू सकता है, तो उसे डुबकी लगाने में देर नहीं लगेगी। एक मेम के आधार पर सिक्के का मूल मज़ेदार था, और इतिहास ने ऐसे सिक्कों की अस्थिरता को समझा है।
निष्कर्ष
चूंकि क्रिप्टोकुरेंसी विश्व स्तर पर अधिक पसंदीदा और मांग के बाद निवेश विकल्प बन रही है, इसलिए अधिक से अधिक लोग इसमें निवेश कर रहे हैं। फिर भी, बिटकॉइन और altcoin के लिए एक राष्ट्रव्यापी व्यापार मंच स्थापित करने के लिए एक जटिल प्रक्रिया लेकिन गहन शोध किया जा रहा है। हमेशा यह सलाह दी जाती है कि निवेश में प्रवेश करने से पहले, पूरी तरह से बाजार अनुसंधान किया जाना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वज़ीरएक्स जैसे मौजूदा क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंजों ने बाजार का अध्ययन करना आसान बना दिया है। लोग क्रिप्टो आसानी से और सुरक्षित रूप से खरीद सकते हैं; निवेश करते समय सावधानी जरूरी है। जैसा कि एलोन मस्क ने हाल ही में सलाह दी थी कि लोगों को अपनी जीवन बचत को क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगाना चाहिए। भारत में डॉगकोइन का भविष्य उतना उज्ज्वल हो भी सकता है और नहीं भी, इसलिए केवल वही निवेश करें जो आप खो सकते हैं; सनक जल्द ही मर सकती है!