लाभदायक ट्रेडिंग के लिए संकेत

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है?

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है?
जब आप कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक अपनी स्थिति पर ही रहना चुनते हैं, तो इसे दीर्घकालिक पोजीशनल ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है। बड़े ट्रेडिंग रेंज के परिणामस्वरूप, यहां स्टॉप लॉस के जोखिम के स्तर 200 अंक तक पहुंच सकता हैं, जबकि साथ ही, किसी के पुरस्कार 1000 अंक या उससे भी अधिक हो जाएंगे।, वास्तव में यह कहा जाता है कि किसी को पहले इंट्राडे ट्रेडिंग के साथ-साथ लॉन्ग-टर्म पोजिशनल ट्रेडिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले शॉर्ट-टर्म पोजिशनल ट्रेडिंग करनी चाहिए।

पोजिशनल ट्रेडिंग क्या होता है?

Stock Market पेपर ट्रेडिंग क्या होता हैं ? पेपर ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?

क्रिकेट के प्लेयर्स नेट प्रैक्टिस करते है। स्टॉक मार्केट ट्रेडर्स पेपर ट्रेडिंग करते हैं। समझ लिया, लेकिन थोड़ा ठहरो और पूरी बात को समझो। नेट प्रैक्टिस की तरह इसे भी लगातार करना होता हैं। पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटेजी बनानी हो तो और भी ज्यादा वक्त देना होता हैं।

आपको यह बात जानकर हैरानी होगी की, स्टॉक मार्केट में 80% ट्रेडर्स पेपर ट्रेडिंग नहीं करते हैं। बस 20 % ट्रेडर्स ही यह करते हैं। इनमे से ही आगे चलकर ट्रेडिंग में करियर करते हैं।

पेपर ट्रेडिंग क्या हैं ?

"पेपर ट्रेडिंग याने की पेपर पर ट्रेडिंग करना।" आसान हैं ? तो ठीक हैं। इतनी आसान बात को मुश्किल क्यों बनाना ?

इस बात पर ध्यान दें की, अपनी मेहनत की कमाई को स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा काम हैं। और इससे भी ज्यादा जोखिम ट्रेडिंग में होती हैं। इसलिए नेट प्रैक्टिस तो बनती ही हैं। हैं ना ? इससे डर और लालच पर कंट्रोल करने में मदद मिलती हैं। फियर अँड ग्रीड के बारे में हम यहीं से दूसरे पेज पर जाकर पढ़ सकते हैं। और फिर यहाँ कंटीन्यू कर सकते हैं।

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में, क्रिकेट की ही तरहा, गया तो सिक्स वर्ना कैच आउट वाली सिच्युएशन की संभावना रहती हैं। इसे पहचानने के लिए और बचने के लिए हमें पेपर ट्रेडिंग करनी होती हैं। और हम यह भी कह सकते हैं की, ट्रेडिंग में प्रॉफिट का सिक्सर लगाने के लिए हमें इसे करना चाहिए।

पेपर ट्रेडिंग की सामग्री और स्टेप्स

यहाँ पर हम सामग्री और प्रोसेस को समझ लेते हैं।

पेपर ट्रेडिंग की सामग्री

पेपर, पेन्सिल या पेन हो तो भी चलेगा। मोबाईल या लॅपटॉप जो अवेलेबल हैं और इंटरनेट कनेक्शन। पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? बस इतने से काम चल जाएगा।

महत्वपूर्ण बात

पेपर ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता नहीं होती है। यह अगले स्टेप में आता हैं। आइए पहले हम पेपर ट्रेडिंग के स्टेप्स समज़ते हैं।

पेपर ट्रेडिंग करने के 8 स्टेप्स

1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना, टेक्निकल एनालिसिस करना। यह हम इन्वेस्टिंग की वेबसाइट पर कर सकते हैं।

2 ) बायिंग, सेलिंग और स्टॉप लॉस ऑर्डर्स को समज़ना।

3 ) ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स, इंडेक्स, इत्यादि का चुनाव करना। इनकी लिस्ट बनाना।

4 ) पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? अपने चुने हुए स्टॉक्स को चार्ट एनालिसिस के जरिए ट्रैक करना।

पेपर ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?

जवाब में कहते हैं कि, नए ट्रेडर्स को बेसिक पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए। और जो ऑलरेडी ट्रेडर्स हैं, ट्रेडिंग करते हैं उनको एडव्हान्स लेवल के साथ पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए। स्टॉक मार्केट चर्निंग करने के लिए भी पेपर ट्रेडिंग उपयुक्त साबित होता हैं।

A ) पेपर ट्रेडिंग नए ट्रेडर्स के लिए

अगर हम नए ट्रेडर हैं। और शुरुआत करने जा रहे हैं तो, ऊपर दिए गए 8 स्टेप्स को इस तरह से फॉलो करना है।

1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना। इसमें हम स्टॉक मार्केट में कौन-कौनसे शेयर्स हैं यह देखकर उनमे से कुछ शेयर्स की लिस्ट बनाएँगे। और उनकी प्राइस कितनी है यह जानकारी लेंगे।

2 ) टेक्निकल एनालिसिस करना। इसमें हम सिर्फ शेयर के प्राइस चार्ट को लेते हैं। चार्ट पर सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन को सेट करते हैं। शुरुआत में इतना काफी है।

Positional Trading क्या है – पोजीशनल ट्रेडिंग कैसे करे

आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि Positional Trading Kya Hai और Positional Trading Kaise Kare. लोग हर साल लाखों रुपए का मुनाफा कमाते हैं क्योंकि यह ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है जो कि आपको अन्य ट्रेडिंग और से ज्यादा मुनाफा कमा कर दे सकती हैं चलिए जानते हैं पोजीशनल ट्रेडिंग के बारे.

Positional Trading Kya Hai

Positional Trading Kya Hai

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Positional Trading Meaning in Hindi

Positional Trading का Hindi Meaning “स्थिति का व्यापार” करना होता है। इस ट्रेडिंग में हम लोग एक महीने से ज्यादा की ट्रेडिंग करते है.

Positional Trading Kya Hota Hai

जिस ट्रेडिंग में हम 1 महीने से ज्यादा की ट्रेडिंग करते है उसे ही Positional Trading कहा जाता है.

Positional Trading Kya Hai

What is Positional Trading in Hindi: स्टॉक मार्केटिंग की एक इसी स्ट्रेटेजी है जिसमे हम किसी भी एक कंपनी के शेयर को कम से कम 1 महीने से लेकर 1 साल के अन्दर तक होल्ड कर के रखते है. इसके बाद जब उस शेयर में उछाल आये तब आप उसको बैच कर मुनाफा कमा सकते है.

Positional Trading में हम Share को पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? 1 महीने से लेकर 1 साल के अन्दर तक होल्ड करके रख सकते है. इसके बाद जब पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? शेयर मार्केट में उछाल आता है. अप इस शेयर को बैच कर मुनाफा कमाते है.

उदाहारण के तौर पर आप किसी भी कंपनी के शेयर को 1000 रूपए के 10 शेयर को खरीदते है. जिसके कुछ महीने बाद उस शेयर में 20% का उछाल आता है. आप इस शेयर को इस भाव में बैच देते है. जिससे आपके यह 1000 के शेयर की कीमत 1200 रूपए हो जाती है. इस तरह आप इसमें 200 रूपए का प्रॉफिट कमा लेते है.

Positional Trading Kaise Kare

Positional Trading करने के लिए आपको सबसे पहले यह तय करना है की आप शेयर को कितने दिन रख सकते है. आप शेयर को कम से कम 1 महीने तक पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? जरुर होल्ड करके रखे. जिससे आपको इसमें नुकशान होने की उम्मीद ना रहे.

इसके बाद आप किसी भी एक कंपनी के शेयर को खरीद सकते है. उदाहरण के तौर पर आप किसी भी कंपनी के 2000 की प्राइस के 10 शेयर को खरीदते है. इसके बाद आप 1900 की प्राइस के 10 शेयर और खरीद लीजिये.

इसके कुछ महीने बाद इसी एक शेयर की कीमत बढ़ कर 2500 हो जाती है. तो आपको एक शेयर पर 500 रूपए का प्रॉफिट हो जाता है. इसी तरह आपके पास 20 शेयर के 10,000 रूपए का प्रॉफिट हो जाता है.

Positional Trading Me Stop Loss Kaise Lagaye

Positional Trading में स्टॉप लोस लगाने के लिए आपको सबसे पहले इसकी एक योजना बनानी होगी. इसमें आपको यह तय करना होगा की शेयर के कितना निचे गिरने पर अपने आप बिक जाये और कितना प्रॉफिट होने पर वो शेयर अपने आप बिक जाए.

डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है

a) फ्यूचर ट्रेडिंग

शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।

b) ऑप्शन ट्रेडिंग

शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।

ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?

बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।

1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक

इंट्राडे और पोजिशनल ट्रेडिंग में तुलना: आपको कौन सा पसंद करना चाहिए?

हिंदी

स्टॉक मार्किट में निवेश सबसे अधिक मांग वाले कौशल में से एक है, यही कारण है कि लाखों लोग हर दिन सार्वजनिक एक्सचेंजों पर ट्रेड और पैसा लगाते हैं। एक ट्रेडर के रूप में शुरू करते समय दो तरीके होते हैं जिनमें कोई ट्रेड कर सकता है: पोजिशनल या इंट्राडे ट्रेडर के रूप में। आप या तो ट्रेड कर सकते हैं (इंट्राडे) या आप लंबी अवधि (पोजिशनल ट्रेडिंग) में इनसे अपना मुनाफा निकालने के लिए धैर्यपूर्वक पोजिशनल ट्रेडिंग क्या है? इंतजार कर सकते हैं। इन दोनों रणनीतियों का आमतौर पर अभ्यास किया जाता है व्यापारियों के बीच इंट्राडे ट्रेडिंग को अधिक पसंद किया जाता है।

यदि आप मुख्य रूप से थोड़े ही समय के लिए लाभ चाहते हैं, तो कोशिश करने के लायक ट्रेडिंग का एक रूप इंट्राडे ट्रेडिंग है। वास्तव में, इस प्रकार के व्यापार में एक ही व्यापारिक दिन के भीतर स्टॉक के साथ-साथ अन्य वित्तीय साधनों की खरीद और बिक्री शामिल है। इसलिए, इंट्राडे ट्रेडिंग का उद्देश्य छोटे बाजार की गतिविधियों पर कब्जा करना है। हालांकि, एक और तरीका है जिससे कोई शेयर बाजार के माध्यम से लाभ कमा सकता हैं: पोजिशनल ट्रेडिंग। पोजिशनल ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग और लंबी अवधि के निवेश के बीच में रखा जा सकता है।

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इंट्राडे ट्रेडिंग जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक एक ही दिन में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। वे शेयर बाजार के बंद होने के समय से पहले ट्रेडिंग बंद कर देते हैं। एक ही दिन में वे मुनाफा और घाटा बुक करते हैं।

निवेशक इन शेयरों में एक दिन में कुछ सेकंड, घंटे के लिए या इसमें दिन भर में कई बार ट्रेड ले सकते हैं। इसलिए इंट्राडे एक अत्यधिक वोलाटाइल ट्रेडिंग रणनीति मानी जाती और इसके लिए तेजी से निर्णय लेना होता है।

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