फाइनेंस कितने प्रकार का होता है?

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प्रोफाइल के आधार पर हम अपने कस्टमर्स को सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरें प्रदान करने का प्रयास करते हैं।
बिजनेस लोन: प्री-ईएमआई क्या होती है? – emi kya hota hai
बहुत से लोगों का सवाला होता है कि ईएमआई क्या होता – emi kya hota hai और प्री ईएमआई क्या होता है? तो इस आर्टिकल में emi kya hota hai और प्री ईएमआई क्या है जैसे सवाल का विस्तार से उत्तर दिया जा रहा है। emi kya hota hai? जानिए
ईएमआई यानी लोन चुकाने के लिए हर महीने जमा की जाने वाली धनराशि। विस्तार से समझते हैं- जब भी कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का लोन लेता है तो उस लोन को एक निश्चित समय – सीमा के भीतर चुकाना होता है। लोन चुकाने के लिए लोन लेने वाला व्यक्ति छोटे – छोटे अमाउंट यानी अपने मुताबिक एक निश्चित धनराशि तय करता है और निश्चित तारीख पर उसको जमा करता है।
यह फाइनेन्शियल कंपनियों और ग्राहक दोनों के लिए फायदेमंद होता है। फाइनेन्शियल कंपनी को जहां अपना पैसा मिल जाता है वो भी ब्याज के साथ, वहीं ग्राहक को अपना लोन चुकाने में आसानी होती है। छोटी – छोटी राशि में लोन भुगतान भी हो जाता है और ग्राहक को इसका भार भी नहीं पड़ता है।
व्यक्ति अगर बैंक से लोन लेता है तो उसे बैंक में हर महीने एक निश्चित तारीख को जाकर पैसा जमा करना होता है। कुछ बैंक ऑनलाइन भी EMI जमा करने का विकल्प देते हैं। एनबीएफसी की अधिकतर कंपनियां ऑनलाइन ही EMI डीडेक्ट करती हैं जिसके लिए ग्राहक से पहले ही ब्लांक चेक ले लिया जाता है।
ईएमआई दो तरह की होती हैं- पहली प्री EMI और दूसरी रेगुलर EMI । कभी – कभी ग्राहक जब लोन लेने जाते हैं या लोन के लिए किसी कंपनी से संपर्क करते हैं तो ईएमआई और प्री EMI को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बन जाती है। आइए इस ब्लॉग में EMI और प्री EMI के बारे में विस्तार से समझते हैं।
Table of Contents
EMI क्या होती है?- emi kya hota hai
Equated monthly instalments (EMI) यानी समेकित मासिक किस्त। आइए इसे आम बोलचाल की भाषा में समझते हैं- यह एक मंथली किश्त होती है। जब कोई व्यक्ति किसी बैंक या फाइनेंसियल कंपनी से एक बड़ा अमाउंट का लोन लेता है जिसे एक ही बार चुकाना संभव नहीं होता है तो उस धनराशि को चुकाने के लिए छोटी – छोटी कई किश्तें बनाई जाती है, ईएमआई की किश्तों को महीने के शुरुवात में जमा करना होता है। इसे ही EMI कहते हैं।
ईएमआई का निर्धारण लोन इस बात से तय किया जाता है कि लोन कितना बड़ा है और कितने समय के लिए है। अगर लोन की अवधि यानी लोन चुकाने का समय अधिक होता है तो EMI कम होती है। लोन की धनराशि अधिक होने के साथ – साथ चुकाने का समय भी कम होता है तो इस स्थिति में EMI की धनराशि अधिक होती है।
इसे और बेहतर तरीके से समझने के लिए एक उदाहरण के रुप में समझते हैं:
माना रमेश ने किसी कंपनी से 5 लाख का बिजनेस लोन लेता है जिसे चुकाने के लिए 2 साल का समय तय किया गया है। ब्याज दर 28 प्रतिशत के करीब हो तो उस स्थिति में रमेश की मंथली EMI करीब 28 हजार रुपये होगी। (यह सिर्फ उदाहरण दिया गया है EMI को समझने के लिए, वास्तविक ब्याज दर और मासिक ईएमआई अलग हो सकती है)
प्री ईएमआई क्या होती है – What is pre EMI?
प्री का मतलब पहले से होता है। प्री ईएमआई का मतलब (pre emi meaning in hindi) है – जिस महीने लोन की धनराशि आपके बैंक खाता में आती है उसी महीने से EMI कटनी शुरु हो जाती है। आइए अब इसे विस्तार से समझते हैं:
माना दिनेश ने 5 लाख का बिजनेस लोन लिया। दिनेश का बिजनेस लोन 2 साल के लिए तय किया गया है, EMI 28 हजार रुपये सालाना है और हर महीने की 5 2 1 तारीख को EMI जमा करने की तारीख तय की गई है। लोन की रकम 15 तारीख को दिनेश के बैंक खाता में जमा हुई हो गई। अब जब ज्यों ही 1 तारीख आयेगी दिनेश के बैंक अकाउंट से 12 हजार रुपये प्री EMI के रूप में कट जायेगा।
अब आप सोचेंगे कि अभी तो महीना भी पूरा नहीं हुआ और लोन की ईएमआई कटनी शुरु हो गई, ऐसा क्यों? तो इसका उत्तर है यह प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) के रुप में पैसा कटा है। अब आप कहेंगे कि फिर EMI और प्री ईएमआई pre emi meaning in hindi) में अंतर क्या हुआ? तो इसका उत्तर है – ईएमआई के रुप में जो पैसा कटता है उसपर ब्याज भी लगता है जबकि प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) के रुप में कटने वाला पैसे पर किसी भी तरह का ब्याज नहीं लगता है। प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) की धनराशि रेगुलर ईएमआई से कम होती है। प्री-ईएमआई कैलकुलेटर लोन के लिए कारकों कैसे प्रभावित कर सकता है।
प्री-ईएमआई लोन का विकल्प कौन सकता है ?
ऐसे बहुत से लोग होते हैं जिनके पास इतना धन नहीं होता कि वह एक समय में ही दो EMI को भर सके। ऐसे में अगर किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए प्री ईएमआई का विकल्प बेहतर होता है। प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) की रकम तभी कटती है जब लोन का पैसा बैंक खाता में आ जाता है यानी जो पैसा लोन के रुप में मिलता है उसी में से प्री ईएमआई की रकम कटती है। यानी ग्राहक को अपनी पाकेट से पैसा नहीं देना होता है।
ZipLoan कंपनी कारोबारियों की आर्थिक जरूरतों को समझते हुए बिजनेस लोन की प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) का विकल्प सभी कारोबारियों को उपलब्ध कराती है। यानी आपके बैंक खाता में पैसा चला जाता है तभी प्री ईएमआई कटती है। प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) का विकल्प चुनना सभी कारोबारियों के लिए बेहतरीन विकल्प साबित होता है।
ईएमआई कैलकुलेटर कैसे काम करता है? – How an EMI Calculator Works?
किसी भी तरह की EMI की कैलकुलेशन EMI कैलकुलेटर के जरिए की जा सकती है। ZipLoan कंपनी में यह सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध है। ये कैलकुलेटर आपको अंतिम रिजल्ट देते हैं यानी आप अपनी ईएमआई खुद से कैलकुलेट कर सकते हैं। ईएमआई कैलकुलेट करने में सिर्फ 4 से 5 मिनट का समय लगता ही।
आइए देखते हैं कि EMI निर्धारित होने किन कारकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है:
- लोन की रकम: EMI में के लिए यह मूल है। मंथली EMI अधिक होगी या कम यह बात लोन की रकम पर ही निर्भर होता है। अगर लोन की रकम अधिक है तो ईएमआई अधिक होगी और लोन की रकम कम होगी तो मंथली ईएमआई कम होगी।
- लोन चुकाने का समय: लोन चुकाने का समय से मतलब उस समय यानी अवधि से है जिसमे लिया गया लोन चुकाने की बात तय होती है। अगर लोन चुकाने का समय अधिक होगा तो मंथली EMI कम होगी और लोन चुकाने का समय कम होगा तो मंथली अधिक होगा।
- ब्याजदर: ब्याज दर को इंग्लिश में इंटरेस्ट रेट भी कहा जाता है। ब्याज दर वह होती है जो लोन की रकम पर लगती है। इसे बिल्कुल सिंपल तरीके से समझिए जब बैंक या फाइनेंसियल कंपनी किसी को लोन देती है तो लोन पर ब्याज लेती है। ब्याज दर कई प्रकार की होती है जैसे – फ्लोटिंग / हाइब्रिड / फिक्स्ड रेट। ब्याज दर की राशि कंपनी और बैंक के नियमों के अनुसार बदलती रहती है।
लोन ईएमआई को प्रभावित करने वाले कारक – Factors Affecting Loan EMI
कई कारकों होते हैं जिसके कारण लोन की ईएमआई में समय के साथ बदलाव होता रहता है:
सिबिल स्कोर: बिजनेस लोन की EMIतय होने में सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट स्कोर की भूमिका अहम होती है। अगर कारोबारी का सिबिल स्कोर 700 से अधिक हुआ तो लोन चुकाने के लिए अधिक समय मिलता है, जिसके कारण लोन की ईएमआई कम होती है।
गिरवी/कोलैटरल: लोन दो तरह का होता है। प्रॉपर्टी गिरवी रखने के बदले और बिना कुछ गिरवी रखे बिजनेस लोन। जब प्रॉपर्टी गिरवी रखने के बदले लोन लिया जाता है तो उसकी मंथली EMI कम होती है वहीं जब बिना प्रॉपर्टी गिरवी रखे बिजनेस लोन लिया जाता है तो उसकी मंथली EMIअपेक्षाकृत अधिक होती है।
ZipLoan से मिलता है बेहद आसान शर्तों पर बिजनेस लोन
फिनटेक सेक्टर की प्रमुख एनबीएफसी कंपनी ZipLoan द्वारा कारोबारियों को 1 से 7.5 लाख फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? तक का बिजनेस सिर्फ 3 दिन* में दिया जाता है। ZipLoan के बिजनेस लोन की शर्ते बेहद आसान हैं। जानिए ZipLoan से बिजनेस लोन लेने से होने वाले लाभों के बारे – ZipLoan से बिजनेस लोन लेने के फायदे
पर्सनल लोन कितने प्रकार के होते हैं?
क्या आप पर्सनल लोन के बारे में जानना चाहते है की पर्सनल लोन क्या होता है पर्सनल लोन कितने प्रकार के होते हैं. पर्सनल लोन कितना तक मिल सकता है. इन सभी प्रश्नो के अतिरिक्त कई प्रश्नो के उत्तर इस लेख में जानेंगे पर्सनल लोन सम्बंधित जानकारी के लिए इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़े पूर्ण जानकारी मालूम हो जायेगा।
पर्सनल लोन अधिकतर लोग अपने जीवन की खुवाहिसो को पूरा करने के लिए लेते है चाहे देश विदेश घूमना हो, अपनी शादी या घर के किसी मेंबर की शादी हो, जेवर खरीदने के लिए हो, पढाई करने के लिए लोन हो, या किसी अन्य कार्य को पूरा करने के लिए हो आप पर्सनल लोन ले सकते है अपने इन सभी कार्यो के अलावा भी किसी कार्य के लोन ले सकते है।
वैसे पर्सनल लोन आप किसी भी कार्य के लिए ले सकते है जैसे आपको पर्सनल लोन का रकम बैंक में मिल जाये आप उसे निकालकर किसी कार्य के लिए इस्तेमाल में ले सकते है बिना किसी प्रकार का कोई जमानत जमा किये हुए पर्सनल लोन लेने के लिए कोई अधिक दस्तावेज की आवश्यकता नहीं पड़ती है इस लोन सुविधा को किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी से लिया जा सकता है।
पर्सनल लोन की ब्याज दर भी कोई खास नहीं होता है सरकारी बैंको के द्वारा कम से कम 9.60 फीसदी में मिल जाता है कई बैंको का इससे अधिक होता है कुछ बैंक इसी ब्याज दर पर अपने ग्राहक को लोन्स मुहैया करवा देते है पर्सनल लोन बड़ी आसानी से बैंक के द्वारा दे दिया जाता है अन्य लोन्स के मुकाबले, इस लिए किसी छोटे बड़े कामो को करने के लिए पर्सनल लोन ले सकते है।
पर्सनल लोन कितने प्रकार के होते हैं?
सबसे पहले हमे ये जानने की आवश्यकता है की पर्सनल लोन क्या होता है तो मैं आपको बता दू जब हमे पैसो की आवश्यकता पड़ती है चाहे वो किसी कार्य के लिए हो कोई इमरजेंसी आ पड़ती है उस वक़्त हमें बैंक से लोन दीखता है बैंक सभी व्यक्ति के ज़रूरतों पर पड़ने वाली रकम की भरपाई करता है चाहे वो व्हीकल लोन लेना हो, होम लोन लेने हो, प्रॉपर्टी लोन लेना हो, एजुकेशन लोन लेना हो, मकान लोन लेना हो, या पर्सनल लोन लेना हो, इस वक़्त पर बैंक हमारी मदद के पैसे देता है फिर उस पैसो से हम लोग अपने कार्यो को पूरा करते है और उस रकम को किस्तों में बैंक को वापस कर देते है।
बैंक हर एक चीज पर लोन मुहैया करवाता है लेकिन सभी लोन सुविधा को लेना का दस्तावेज अलग अलग होता है अलग अलग प्रकिर्या हो सकती है लोन तो अधिकतर बैंक और फाइनेंस कंपनी सभी तरह के मुहैया करवाते है उसी में पर्सनल भी लोन आता है जो किसी भी बैंक से लिया जा सकता है पर्सनल लोन अकसर लोग अपने ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लेते है जैसे घर घर बनवाना हो शादी करना हो घूमना हो मन पसंद चीजों को खरीदना हो ज्वेलरी खरीदना हो आदि के लिए बैंक से पर्सनल लोन लिया जाता है।
किसी भी बैंक से लोन लेने से पहले हम सभी आवेदक को बैंक के शर्तो और नियमो को जानना ज़रूरी है जैसे लोन लेने के बाद रीपेमेंट कैसे होगा कितने किस्तों में वापस करना होगा क्या क्या डॉक्यूमेंट लगेंगे कितनी रकम तक मुझे मिल सकता है कितने ब्याज दर पर बैंक हमे लोन देगा और लोन से सम्बंधित चीजों पर विचार से जानना ज़रूरी है।
पर्सनल लोन के प्रकार।
वैसे पर्सनल लोन कई प्रकार के हो सकते है किस काम के लिए क्या करने के लिए आप लोन ले रहे है ये बैंक को बताना ज़रूरी है इसी लिए सभी बैंक अलग अलग पर्सनल लोन उधारकर्ता को मुहैया करवाते है।
- वैवाहिक लोन
- हॉलिडे लोन
- एनआरआई लोन
- फ्रेशर फंडिंग
वैवाहिक लोन अक्सर लोग अपनी और अपने बेटा बेटी भाई बहन या किसी परिजन की शादी में पैसो को खर्च करने के लिए लेते है इस लिए वैवाहिक लोन लेते है फॉर्म में ये मेंशन करना होता है आप एक्सएक्ट किस काम के लिए लोन ले रहे है।
हॉलिडे लोन वर्तमान समय में भाग दौड़ भरी जिंदगी से लोग ऊबकर अपने कार्यालय की छुट्टियों के दिनों में घूमना पसंद करते है एक दूसरे स्टेट में घूमना अच्छी जगहों को एक्स्प्लोर करना देश विदेश घूमना अधिकतर लोग पसंद करते है तो इसके फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? लिए भी आप बैंक से लोन ले सकते है।
एनआरआई लोन घूमने विवाह करने और अपने घर को नया रूप देने के लिए बैंक से लोन ले सकते है इन सभी कार्यो के लिए बैंक लोन देने के लिए बैठा है कभी भी जाकर बैंक से लोन के लिए बात कर सकते है अधिकतक बैंक से पर्सनल लोन बहुत जल्दी पास कर दिया जाता है और लोन्स के मुकाबले।
फ्रेशर फंडिंग अपने सपनो को सही में देख सकते है फ्रेशर फंडिंग में आपको बैंक से लोन मिल जाता है इस लिए आप अपने सपनो को सच्चाई में तब्दील कर सकते है और नौकरी पाकर इन लोन्स रकम को चूका सकते है।
पर्सनल लोन कितना तक मिल सकता है?
इस प्रश्न का उत्तर अक्सर वो खोजते है जो बैंक से या किसी फाइनेंस संस्था से पर्सनल लोन लेते है तो मैं आपको बता दू पर्सनल आपके इनकम स्रोत्र यानि सैलरी पर निर्भर करता है यदि आपकी सैलरी अच्छी है तो आप बैंक से 10 लाख से लेकर 25 लाख तक न्यूनतम डॉक्यूमेंट के साथ पर्सनल लोन प्राप्त कर सकते है।
सभी बैंक आपके सैलरी स्लिप के मुताबिक निर्धारित करती है की आपको कितना पर्सनल लोन में रकम मिलना चाहिए इस लिए बैंक कम से कम और ज्यादा से ज्यादा पैसो को देने में उधारकर्ता की मदद करता है।
पर्सनल लोन पर कितना ब्याज लगता है?
पर्सनल लोन की तो ऊपर लेख में बात हो चुकी है लेकिन जो सबसे ज़रूरी प्रश्न है वो ये है पर्सनल लोन पर कितना ब्याज देना होता है यह सभी बैंको का अलग अलग ब्याज रेट हो सकती है लेकिन जो देश के बड़े बैंक है वो 9.60 फीसदी ब्याज दर पर उधारकर्ता को देते है कम से कम ब्याज दर यही होता है अधिकतर बैंको की, इससे अधिक भी हो सकता है सभी बैंको का फिक्स्ड नहीं होता है इसलिए कभी भी लोन के लिए बैंक से बात करे तो ब्याज दर के बारे में ज़रूर जानकारी प्राप्त करले ताकि लोन रकम चुकाने में आपको परेशानी न हो।
सबसे सस्ता पर्सनल लोन कौन सी बैंक देती है?
लोन्स अधिकतर बैंक और फाइनेंस कंपनी देती है चाहे पर्सनल लोन हो या कोई दूसरा लोन हो आपको सभी बैंको में लोन्स की सुविधा मिल जाएगी चाहे वो सरकारी बैंक हो या फिर कोई प्राइवेट बैंक हो बड़ी आसानी से आप लोन्स प्राप्त कर सकते है क्योकि बैंक की अधिकतर कमाई लोन्स के पैसो से ही होती है।
आशा है इस लेख में बताई गयी जानकारी पर्सनल लोन कितने प्रकार के होते हैं. आपको समझ आया होगा और आपके द्वारा खोजे जा रहे प्रश्नो के उत्तर आपको मिल गए होंगे ऐसे ही जानकारी के लिए आप हमारे ब्लॉग पर विजिट कर सकते है और नयी नयी जानकारी ब्लॉग से प्राप्त कर सकते है यदि इसके अलावा आपका कोई और प्रश्न है तो आप कमेंट बॉक्स के जरिये पूछ सकते है उसका उत्तर आपको कमेंट के जरिये ही मिल जायेगा।
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सबसे सस्ता होम लोन चाहिए? तो इन सरकारी बैंकों में आइये, इससे बढ़िया मौका नहीं मिलेगा
Home loan interest rates- RBI ने भले ही क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरें नहीं घटाईं, लेकिन आपके पास सस्ते होम लोन का मौका अब भी है. होम लोन अब तक की सबसे निचली दरों पर मिल रहे हैं.
अगर आप भी होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो इन बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से होम लोन ले सकते हैं. (प्रतीकात्मक)
Home loan interest rates: अपने घर का सपना पूरा करने के लिए होम लोन आपकी मदद करता है. लेकिन इसके लिए उन्हें एक ऐसे लोन ऑफर की तलाश होती है, जिसमें कम ब्याज दर पर लोन मिल सके. ज्यादातर 30 लाख रुपए से लेकर 75 लाख रुपए तक के लोन लिए जाते हैं. RBI ने भले ही क्रेडिट पॉलिसी में ब्याज दरें नहीं घटाईं, लेकिन आपके पास सस्ते होम लोन का मौका अब भी है. होम लोन अब तक की सबसे निचली दरों पर मिल रहे हैं. कई बैंक आपको बेहद कम दरों पर लोन ऑफर कर रहे हैं, अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको 7 फीसदी से नीचे होम लोन मिल जाएगा.
अगर आप भी होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो इन बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से होम लोन ले सकते हैं. घर खरीदते समय इस बात पर सबसे पहले ध्यान दें कि EMI कैसे चुकाएंगे. होम लोन की EMI सैलरी के 35 फीसदी से ज्यादा ना हो और सारे लोन की किस्तें सैलरी के 50 फीसदी से अधिक ना हो.
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आवास के बारे में
आवास फायनेंसियर्स लिमिटेड (इससे पहले "एयू हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड" के रूप में जाना जाता था), मूल रूप से जयपुर, राजस्थान में 23 फरवरी 2011 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत, "एयू हाउसिंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड" के नाम से एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर स्थापित की गई थी।
कंपनी ने औपचारिक रूप से मार्च 2012 में अपना काम-काज शुरू किया।
10 जनवरी, 2013 को प्राइवेट कंपनी से पब्लिक लिमिटेड कंपनी "एयू हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड" में परिवर्तित कर दी गयी।
29 मार्च 2017 को, नए सर्टिफिकेट ऑफ़ इनकॉर्पोरेशन (सीओआई) के माध्यम से, कंपनी का नाम "एयू हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड" से बदलकर "आवास फायनेंसियर्स लिमिटेड" (आवास) कर दिया गया।
आवास हाउसिंग लोन देने वाली एक कंपनी है, जिसका मुख्य उद्देश्य रूप से ऐसी जगहों पर है जहाँ अभी तक सेवाएँ पहुँची नहीं है या कम पहुँची हैं और इनमें राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा और कर्नाटक जैसे राज्य शामिल हैं।
हमारे ग्राहकों के अनुभव
मैं सवाई मानसिंह चिकित्सालय में काम करता हूँ। मुझे काफी समय से संपत्ति खरीदनी थी। दादी का फाटक पर मैंने मकान देखा मुझे यह मकान पसंद आया। मुझे थोड़ा संपत्ति की जानकारी न होने के कारण मैंने आवास फाईनेंसियर्स से सम्पर्क किया। इन्होने मुझे संपत्ति खरीदने से लेकर अधिकार तक लोन दिलाने में हर तरह से इन्होने मेरी मदद की जिसके लिए मैं इनका जीवन भर आभारी रहूँगा।
सुरेन्द्र कुमार शर्मा ,जयपुर
यहाँ जयपुर में कमा के खाने के लिए आया हूँ। मैं रंग-पेंट का कार्य करता हूँ। जयपुर फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? में जो पेपर में विज्ञापन निकला था जेडीए की तरफ से उसमें हमारा जेडीए की तरफ से फ्लैट आवंटन हो गया। हमारे पास रुपयों की व्यवस्था बिल्कुल नहीं थी। हम गरीब आदमी हैं तो हमने आवास फाईनेंसियर्स से लोन लिया था, हमारा लोन पास भी हो गया, पास होने के बाद में हमें सब्सिडी भी मिल गई, तो हम इसलिए आवास फाईनेंसियर्स के आभारी है।
भगवती प्रसाद महावर , बांदीकुई
मैं जयपुर की रहने वाली हूँ। मैं गृहणी हूँ। हमें घर बनाने केे लिए रूपयों की आवश्यकता थी। खुद का घर नहीं होने के कारण हम बहुत परेशान रहा करते थे। हमने आवास फाईनेंसियर्स से जाकर सम्पर्क किया वहाँ हमें बिना किसी ज्यादा लिखा पढ़ी के सुविधा पूर्वक लोन पास हुआ। यहाँ के सभी कर्मचारियों का व्यवहार बहुत अच्छा है, और उन्होने हमारा लोन पास करवाने की प्रक्रिया में बहुत सहयोग किया जिसकी वजह से हमें आसानी से 2-3 दिन में लोन पास हो गया, और हमने अपना मकान बनाना शुरू कर दिया और अब हमारा मकान बनकर तैयार हो चुका है। अब हम अपने परिवार के साथ खुशहाल जिन्दगी जी रहे है।