स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?

मार्केट ट्रेंड को आप विभिन्न एक्सचेंजों के इंडेक्सों के माध्यम से जान सकते हैं।
Meaning of Trading in Hindi | Types of Trading in Hindi
अगर आपने हमारी पिछली पोस्ट को पढ़ा होगा , तो आपको पता चल गया होगा की Investing क्या है और यह कैसे काम करती है | आज के article मैं हम देखेंगे की trading क्या है , यह कितने प्रकार की होती है | एकदम सरल और आसान भाषा में |
Trading का मतलब है “व्यापार” आमतौर पर जब कोई वस्तु या सेवा मुनाफा कमाने के उद्देश्य से खरीदी या बेचीं जाती है, तो उसे ट्रेडिंग कहा जाता है| अगर stock स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? market के sense में कहें तो कोई stock इस मकसद से खरीदना की बाद में उसे बेचकर मुनाफा कमाया जा सके, तो इसे शेयर ट्रेडिंग कहा जाता है यानि ” शेयरों का व्यापार “
मान लीजिये आज आपने 100 शेयर 100 रु की market price पर खरीदें और आज ही के दिन आपने उन शेयरों को 105 रु में बेच दिया , तो ऐसे स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? में इसे ट्रेडिंग कहा जायेगा|
Trading के प्रकार –
जैसा की हम जानते है की ट्रेडिंग समय सिमा पर आधारित है, इसलिए इसे समय सिमा के अनुसार ही चार भागों में बांटा गया है, जो की इस प्रकार है –
1. Intraday trading
भारतीय शेयर बाजार सुबह के 9:15 से दोपहर के 3:30 तक खुला रहता है, जिस दौरान इसमें ट्रेडिंग की जाती है| Intraday Trading में शेयरों को same day पर खरीदकर same day पर बेचने होतें है, इसलिए इसे डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है| इंट्राडे ट्रेडिंग में छोटी-छोटी trade ली जाती है जैसे 1-2 घंटे की और इसी दौरान stock price में होने वाले fluctuations से मुनाफा कमाया जाता है| इंट्राडे ट्रेडिंग में ब्रोकर की तरफ से margin Trading की सुविधा भी दी जाती है, जिसे Trading session के अंत तक मुनाफा कमा के stock broker को वापस कर सकते है|
यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की आपको वो शेयर्स उसी दिन sell करने पड़ते है जिस दिन अपने वो शेयर्स खरीदें होते है| आपको नुकसान हो या मुनाफा इससे stock broker को फ़र्क़ नहीं पड़ता , अगर आप ऐसा नहीं करतें है तो 3:30 से 20 मिनट पहले ही आपका ब्रोकर खुद-ब-खुद आपकी सभी positions square off कर देगा|
Trading के फायदें-
आमतौर पर ट्रेडिंग के कोई फायदे या नुक्सान नहीं होते| ट्रेडिंग से किसी को फायदा होगा या नुक्सान, यह निर्भर करता हैं उसके अनुभव और उसके द्वारा अपनाई जाने वाली ट्रेडिंग स्टाइल पर| अगर आप beginner हैं, तो पहले इसे समझिये और पूरी जानकारी लेने के बाद ही इसे शुरू कीजिये|
आमतौर पर ट्रेडिंग से होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार हैं :-
1. अगर आप 5-10 % तक का मुनाफा कमाना चाहतें हैं, तो स्विंग ट्रेडिंग एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता हैं|
2. जहाँ पर Investing में किसी बेहतर stocks को ढूंढ़ने में उसका fundamentals analysis बहुत जरुरी होता, जो की एक time consuming process हैं| वहीं पर ट्रेडिंग में आपको stock की price और movement पर ज्यादा ध्यान देना होता हैं|
3. ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फायदा यह हैं की, यहाँ पर आपको डे ट्रेडिंग में मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा मिल जाती हैं, जिसके जरिये अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं|
एएमसी कंपनी के कार्य
एएमसी स्टॉक्स के बारे में जानने से पहले AMC कंपनियां क्या कार्य करती है? यह भी जानना बहुत जरूरी है। एएमसी कंपनियां के ग्राहक बहुत ज्यादा होते हैं इसलिए वह प्रत्येक ग्राहक से व्यक्तिगत रूप से पूछकर उसके अनुसार, उसका पोर्टफोलियो नहीं बना सकती है। शेयर मार्केट में सीएमपी (CMP) current market price क्या होता है?
इसी वजह से AMC खुद के म्यूच्यूअल फंड्स निकालती हैं, यह कंपनियां अपने ग्राहकों से कहती हैं कि आप अपनी जरूरत के हिसाब से म्यूचुअल फंड चुनकर उसमें पैसा निवेश करिए। जैसे कि आईसीआईसीआई बैंक की अपनी खुद की एएमसी है। निवेशक आईसीआईसीआई बैंक की या अन्य किसी बैंक की एएमसी में जाकर ऑनलाइन जाकर चेक कर सकता है कि उसे किस म्यूच्यूअल फंड में अपना पैसा निवेश करना है।
आपने आईसीआईसीआई या जिस भी किसी AMC के बारे में आपने सर्च किया है। उसके म्यूचुअल फंडस के, कई तरह के विकल्प आपके सामने होते हैं। आप अपनी जरूरत और रिस्क उठाने की स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? क्षमता के अनुसार, निवेश करने के लिए म्यूच्यूअल फंड चुन सकते हैं। enny Stocks में एक हजार रूपये इन्वेस्ट करके एक लाख कैसे कमाए?
अपने लिए सही Mutual Fund कैसे चुने?
अगर कोई निवेशक ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहे और स्टेबल रिटर्न चाहता हो, तो वह लार्ज कैप म्युचुअल फंड्स (Large-cap mutual funds) में अपना पैसा निवेश कर सकता है। इसके विपरीत यदि कोई निवेशक जिसकी रिस्क उठाने की क्षमता ज्यादा है और वह अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न चाहता है। ऐसे निवेशक को स्मॉल कैप म्यूच्यूअल फंड में अपना पैसा निवेश करना चाहिए।
Small-Cap फंड्स इस पूरी तरह स्टॉक मार्केट के ऊपर निर्भर होते हैं, जब शेयर बाजार गिरता है तब ये फंड्स अन्य फंड्स के मुकाबले ज्यादा गिरावट होती है। यानी ज्यादा नुकसान होता है। जब स्टॉक मार्केट बुल रन में होता है, तब स्माल-कैप म्यूच्यूअल फंड्स अन्य सभी फंड्स से ज्यादा अच्छा रिटर्न देते हैं।
बैलेंस म्यूच्यूअल फंड (Balance mutual funds) यदि कोई निवेशक रिस्क कम लेना चाहता है और ज्यादा रिटर्न भी नहीं चाहता। तो ऐसे निवेशक को बैलेंस म्यूच्यूअल फंड में अपना पैसा निवेश करना चाहिए। इस तरह AMC अपने ग्राहकों को उनकी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग तरह के म्यूच्यूअल फंड्स के विकल्प प्रोवाइड करती है।
अपने लिए सही एएमसी कैसे चुने?
अपना पैसा निवेश करने के लिए आपको, एएमसी की रेपुटेशन यानी साख को ध्यान में रखना चाहिए। अच्छी फार्म में ही अपने पैसे को निवेश करना चाहिए AMC, सेबी में रजिस्टर्ड है या नहीं यह भी चेक करना चाहिए। साथ ही एएमसी कितने सालों से इस क्षेत्र में काम कर रही है, यह भी आपको जानना चाहिए। इससे आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि आप अपना पैसा निवेश करने के लिए सही हाथों में दे रहे हैं या नहीं।
आप को एएमसी के फंड मैनेजर का बैकग्राउंड जरूर चेक करना चाहिए क्योंकि आपका म्यूच्यूअल फंड कैसे परफॉर्मेंस करेगा। यह फंड मैनेजर के ऊपर ही निर्भर करता है क्योंकि फंड मैनेजर ही फंड के शेयर खरीदने और बेचने का निर्णय करते हैं। फंड मैनेजर की परफॉर्मेंस देखने के लिए आपको उसके पिछले रिकॉर्ड को चेक करना चाहिए। ताकि आपको पता चल सके कि आप को इस फंड में निवेश करने पर कितना रिटर्न मिल सकता है।
AMC की फीस
एएमसी एक्सपेंशन रेश्यो के नाम पर आपसे फीस वसूल करती है। आमतौर पर एक्सपेंशन रेश्यो एक से कम होता है, इसी को अच्छा माना जाता है। एक्सपेंस रेश्यो एक से कम होने पर, आपके प्रॉफिट में से जो पैसा कटेगा वह कम कटेगा। जब भी आप एएमसी का चुनाव करें, तो उसकी साख और फंड मैनेजर के पिछले परफॉर्मेंस पर भी जरूर ध्यान देंना चाहिए। यदि आप म्यूच्यूअल के बारे में विस्तार जानना चाहते हैं तो आप डॉ योगेश शर्मा द्वारा लिखित बुक म्यूच्युअल फंड्स में INVESTMENT द्वारा मुनाफा कैसे कमाए को पढ़ सकते हैं।
एएमसी की फीस (एक्सपेंशन रेश्यो) हो जरूर ध्यान में रखना चाहिए। इसके बाद ही अपने पैसे को इन्वेस्ट करना चाहिए। अब आपके मन में एक सवाल उठ रहा होगा, क्या AMC के द्वारा म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपका पैसा सुरक्षित रहेगा? इसका जवाब हां है, क्योंकि Asset management company का सेबी रजिस्टर्ड होती है और यह उनके लिए अनिवार्य होता है।
Intraday trading कैसे कार्य करती है?
Intraday trading उच्च जोखिम के साथ ही उच्च लाभ वाली स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? टेक्निक है जिसमें व्यक्ति किसी शेयर या कमोडिटी मैं होने वाले उतार-चढ़ाव पर दांव लगाकर लाभ प्राप्त करने का प्रयत्न करता है।
इसमें ट्रेडर शेयरों के उतार-चढ़ाव के आधार पर बाजार में अपनी स्थिति बनाता है तथा बाजार बंद होने से पहले उसे अपनी पोजीशन को बंद करना पड़ता है। अन्यथा उसकी पोजीशन अपने आप स्क्वायर ऑफ हो जाती है।
Intraday trading कम समय में लाभ प्राप्त करने हेतु कारगर विकल्प है। क्योंकि इसमें पोजीशन को स्विंग ट्रेडिंग की भांति 1 दिन से अधिक के लिए नहीं रखना पड़ता इसलिए रातों-रात होने वाले बदलावों का जोखिम नहीं होता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग को विभिन्न प्रकार की परिस्थितियां प्रभावित करती हैं जिनके आधार पर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं।
Intraday trading में स्टॉक का सिलेक्शन कैसे करें?
किसी Intraday trading को शेयर बाजार में लाभ प्राप्त करने के लिए अच्छे स्टॉक का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।इसके आधार पर आप उच्च लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
अच्छे शेयरों का चयन करने हेतु निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
लिक्विडिटी
शेयर बाजारमैं किसी स्टॉक मैं ट्रेडिंग करने हेतु लिक्विडिटी बहुत आवश्यक है। इसके आधार पर आप अच्छे शेयरों का चुनाव कर सकते हैं।
इसके लिए किसी शेयर या कमोडिटी में उच्च लिक्विडिटी का होना स्टॉक को Intraday trading हेतु लाभकारी बनाता है। हाई लिक्विड स्टॉक उच्च वॉल्यूम वाले होते हैं जहां बहुत अधिक संख्या में शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं।जिसके कारण ट्रेडर बड़ी संख्या में शेयरों की खरीदी बिक्री का कार्य उसके स्थैतिक मूल्य के परिवर्तन कर सकता है। कम लिक्विडिटी वाले शेयरों Intraday trading को लाभ कमाने हेतु मौके उपलब्ध नहीं होते हैं परंतु उच्च लिक्विडिटी वाले शेयरों में उसके अनेक मौके होते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें
स्विंग ट्रेडिंग क्या है – swing trading kya hai in hindi-स्विंग ट्रेडिंग क्या है | स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें |
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रिवर्सल आपको क्या बताता है? [ What Does a Reversal Tell You? ]
उलटफेर अक्सर इंट्राडे ट्रेडिंग में होते हैं और जल्दी होते हैं, लेकिन वे दिनों, हफ्तों और वर्षों में भी होते हैं। रिवर्सल अलग-अलग समय सीमा पर होते हैं जो विभिन्न व्यापारियों के लिए प्रासंगिक होते हैं। पांच मिनट के चार्ट पर इंट्राडे रिवर्सल एक लंबी अवधि के निवेशक के लिए कोई मायने नहीं रखता है जो दैनिक या साप्ताहिक चार्ट पर रिवर्सल देख रहा है। फिर भी, एक दिन के व्यापारी के लिए पांच मिनट का उलटफेर बहुत महत्वपूर्ण है।
एक अपट्रेंड, जो उच्च स्विंग उच्च और उच्च चढ़ाव की एक श्रृंखला है, निम्न उच्च और निम्न चढ़ाव की एक श्रृंखला में बदलकर एक डाउनट्रेंड में उलट जाता है। एक डाउनट्रेंड, जो निम्न उच्च और निम्न निम्न की एक श्रृंखला है, उच्च उच्च और उच्च निम्न की श्रृंखला में बदलकर एक अपट्रेंड में उलट जाता है।
उदहारण इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने
इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने
चार्ट एक चैनल के साथ बढ़ते हुए एक अपट्रेंड को दिखाता है, जो समग्र रूप से उच्च उच्च स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? और उच्च निम्न बनाता है। कीमत पहले चैनल से बाहर और ट्रेंडलाइन के नीचे, एक संभावित प्रवृत्ति परिवर्तन का संकेत देती है। कीमत तब भी कम कम हो जाती है, चैनल के भीतर पिछले कम से नीचे गिरती है। यह आगे नीचे की ओर उलट होने की पुष्टि करता है।
कीमत तब कम जारी रहती है, जिससे कम चढ़ाव और कम ऊंचा हो जाता है। जब तक कीमत उच्च उच्च और उच्चतर निम्न नहीं हो जाती, तब तक उल्टा नहीं होगा। अवरोही प्रवृत्ति रेखा के ऊपर एक कदम, हालांकि, उलटफेर का एक प्रारंभिक चेतावनी संकेत जारी कर सकता है।
Difference Between a Reversal and a Pullback
एक उत्क्रमण एक परिसंपत्ति की कीमत में एक प्रवृत्ति परिवर्तन है। एक पुलबैक एक प्रवृत्ति के भीतर एक प्रति-चाल है जो प्रवृत्ति को उलट नहीं करता है। एक अपट्रेंड उच्च स्विंग हाई और उच्च स्विंग लो द्वारा बनाया गया है। पुलबैक उच्च चढ़ाव बनाते हैं। इसलिए, अपट्रेंड का उत्क्रमण तब तक नहीं होता है जब तक कि स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने? कीमत उस समय सीमा पर कम हो जाती है जब व्यापारी देख रहा होता है। रिवर्सल हमेशा संभावित कमियों के रूप में शुरू होते हैं। यह अंततः कौन सा बन जाएगा यह अज्ञात है जब यह शुरू होता है।
वित्तीय बाजारों में उलटफेर जीवन का एक तथ्य है। कीमतें हमेशा किसी न किसी बिंदु पर उलट जाती हैं और समय के साथ कई उल्टा और नीचे की ओर उलट होती हैं। उलटफेरों को नज़रअंदाज़ करने से अनुमान से अधिक जोखिम उठाना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, एक व्यापारी का मानना है कि एक स्टॉक जो $ 4 से $ 5 तक चला गया है, वह अधिक मूल्यवान बनने के लिए अच्छी स्थिति में है। उन्होंने प्रवृत्ति को अधिक बढ़ाया, लेकिन अब स्टॉक $ 4, $ 3, फिर $ 2 तक गिर रहा है। स्टॉक $ 2 तक पहुंचने से पहले रिवर्सल संकेत स्पष्ट रूप से स्पष्ट थे। संभावना है कि कीमत 4 डॉलर तक पहुंचने से पहले वे दिखाई दे रहे थे। इसलिए, उलटफेर देखने से व्यापारी लाभ में बंद हो सकता था या खुद को अब खोने की स्थिति से बाहर रख सकता था।