क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है

Blockchain Technology , Hash , Data , Mining in Hindi | ब्लॉकचैन तकनीक , हैश ,डाटा माइनिंग क्या होते है ?
ब्लॉकचैन दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला ब्लॉक (Block) और दूसरा चेन (Chain) | ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी ( Blockchain Technology) में बहुत सारे डेटा ब्लॉक होते है| इन ब्लॉक्स में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) यानी की डेटा रखा जाता है| अलग-अलग बॉक्स में अलग-अलग करेंसी यानी डेटा होते हैं, और ये एक-दूसरे से जुड़े होते हैं|
यहां हम आपको cryptocurrency के उस तकनीक के बारे में बतायेगे जिसके जरिए यह चलती है| यानी Blockhain के बारे में |
बिटकॉइन क्या है ( What is Bitcoin )
यह एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है| क्रिप्टोकरेंसी यानी वर्चुअल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर कार्य करती है | पिछले कुछ समय से बिटकॉइन नाम हर किसी ने सुना है| आप यह जानकर हैरान होंगे कि साल 2020 जहां देश-दुनिया के लिए परेशानियों भरा साल था वहीं दूसरी और बिटकॉइन होल्डर के लिए यह साल बहुत अच्छा रहा | Bitcoin के वैल्यू का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 2010 में 1 Bitcoin की कीमत महज 0.06 अमेरिकी डॉलर ( 2.85 रुपये) से भी कम थी, लेकिन अब एक Bitcoin की कीमत 50 लाख रुपये है| हमारे एक्सपर्ट बताते हैं कि यह Blockchain की वजह से हो पाया है क्योंकि ब्लॉकचेन की वजह से ही बिटकॉइन इतना कीमती, सुरक्षित और प्रसिद्ध हुआ|
ब्लॉकचेन दो शब्दों से मिलकर बना है| पहला ब्लॉक (Block) और दूसरा चेन (Chain) | ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ( Blockchain Technology) ब्लॉक का मतलब डेटा ब्लॉक से है| इन ब्लॉक्स में क्रिप्टोकरेंसी यानी की डेटा रखा जाता है| ये एक-दूसरे जुड़े होते हैं| और डेटा की एक लंबी चैन बनते जाती है| जैसे ही नया डेटा आता है, उसे एक नए ब्लॉक में दर्ज किया जाता है| एक बार जब ब्लॉक डेटा से भर जाता है तो उसे पिछले ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है| इसी तरह सभी ब्लॉक्स एक-दूसरे जुड़ते जाते हैं|
डेटा क्या होता है ( What is Data )
हर एक ब्लॉक में डेटा, हैश और पिछले ब्लॉक का हैश होता है| अब ये तीनों चीजें क्या होती हैं? ब्लॉकचेन में जो डेटा store रहता है उसमें ट्रांजैक्शन की डीटेल्स होती हैं| इसमें सेंडर, रीसिवर और अकाउंट से सम्बंधित जानकारियां दर्ज रहती हैं| इन Data Blocks में क्रिप्टोग्राफी टेक्नोलॉजी के जरिए डेटा को Encode किया जाता है और ये ब्लॉक एक-दूसरे से जुड़कर लंबी चैन बनाते हैं| प्रत्येक Block में उससे पिछले Block का एक क्रिप्टोग्राफी हैश, एक टाइमस्टैम्प और लेनदेने का डेटा इत्यादि होता है| हर ब्लॉक अपने से अगले ब्लॉक से जुड़ा रहता है|
हैश क्या होता है ( What is Hash )
हैश को आप एक तरह से बायोमेट्रिक समझ सकते हैं जो हर किसी के लिए युनीक होता है| यह एक तरह का कोड होता है, जो आपके Thumb इम्प्रेशन की तरह युनीक होता है| अगर आप Block में किसी तरह का छेड़छाड़ करते है, तो ये हैश यानी कोड बदल देता है| ये सभी ब्लॉक्स एक दूसरे से वर्चुअली कनेक्टेड होते हैं| यह ऐसा सिस्टम होता है, जिसमें छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं होती | अगर आप एक ब्लॉक का डेटा बदलते है, तो फिर आपको दूसरे ब्लॉक का भी डेटा बदलना होगा|
हैश खोजने के बाद क्या करते है
जब कोई माइनर कोई solid hash खोजकर उससे ब्लॉक को सिक्योर कर देता है तो उस हैश को ब्लॉकचेन से जोड़ देते है और नेटवर्क में दूसरे नोड के जरिए उसे वेरिफाई करते है| इस प्रक्रिया को आम सहमति कहते है|
आम सहमति मिलने के बाद क्या करते है?
अगर आम सहमति हो गया तो समझिए ब्लॉक के सिक्योर होने की पुष्टि हो गई| यदि वह सही पाया जाता है तो उसे सिक्योर करने वाले माइनर को क्रिप्टोक्वॉइन दिए जाते हैं| यह एक तरह का रिवार्ड होता है जिसे काम का सबूत माना जाता है|
माइनिंग क्या होती है ( What is Mining)
क्रिप्टोग्राफी के जरिए खरीदी को क्रिप्टो माइनिंग कहते है यहां पर हर जानकारी का डिजिटल रूप से डेटाबेस तैयार करना पड़ता है| तथा जिनके द्वारा यह माइनिंग की जाती है, उन्हें माइनर्स कहते है|
Blockchain Technology क्या है
यह एक तरह का एक्सचेंज प्रोसेस है| जोकि डेटा ब्लॉक पर काम करता है| प्रत्येक ब्लॉक को एंक्रिप्शन के द्वारा सुरक्षित किया जाता हैं| ये ब्लॉक एक दूसरे से इलेक्ट्रॉनिक के माध्यम से कनेक्ट रहते हैं| इस तकनीक को सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है स्टुअर्ट हबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटो ने 1991 में अपनाया था| इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य डिजिटल डॉक्यूमेंट्स को टाइमस्टैम्प करना था, ताकि इन डॉक्यूमेंट्स के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न की जा सके| सतोशी नाकामोतो ने 2009 में ब्लॉकचेन का इस्तेमाल से Bitcoin का आविष्कार करके दुनिया में क्रांति ला दी|
Bitcoin और Blockchain में अंतर
Blockchain Technology और Bitcoin दोनों में जमीन-आसमान का फर्क है| दरअसल, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, एक तरह का प्लेटफॉर्म है जहां हम ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रख सकते है| यानी ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर हैं| वहीं Bitcoin एक डिजिटल माध्यम है, जिसके जरिए कुछ चीजों को ख़रीदा और बेचा जा सकता हैं| हालांकि इसे करेंसी कहना गलत हैं, क्योंकि इसकी असल दुनिया में कोई भौतिक वैल्यू नहीं हैं|, बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी का बस एक उदाहरण है; कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क भी ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा संचालित होते हैं|
क्रिप्टोकरेंसी की किन देशों में क्या है स्थिति?
क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग पर चीन और थाइलैंड जैसे देशों में प्रतिबंध लगा हुआ है| चाइना ने जब प्रतिबंध लगाया था तो bitcoin और अन्य Alt coin के रेट तेजी से गिर गए थे| बाद में थाईलैंड ने भी इस पर प्रतिबंध लगा दिया | थाई सिक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फन्जिबल टोकन (NFTs) पर अत्यधिक सट्टेबाजी की चिंता जताते हुए इन पर प्रतिबंध लगाया है| |
भारत में क्रिप्टो को लेकर अनेक खबरे समाचारो में चलती रहती है। सभी के नजर इसी पर है कि सरकार कब और कैसे इसको विनियमित करने का कार्य करेगी।
कैसे करे क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग | Cryptocurrency Mining kaise kare
कैसे करे क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग | Cryptocurrency Mining kaise kare
Cryptocurrency Mining कैसे काम करती है आज हम इसके बारे में जानने वाले हैं इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि कैसे आप भी Crypto Miner बन सकते हैं और काफी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं क्रिप्टो को माइन करके।
Cryptocurrency माइनिंग का काम आजकल ज्यादा प्रचलन में है और ज्यादातर लोग इसे फुल टाइम जॉब की तरह देख रहे हैं और क्रिप्टो माइनिंग कर रहे हैं जिससे उन्हें काफी ज्यादा मुनाफा हो रहा है तो चलिए जान लेते हैं क्रिप्टो करेंसी कैसे माइन होती है और कैसे क्रिप्टो माइनर पैसा कमाते हैं और क्या-क्या सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर आपको क्रिप्टोकरंसी माइन करने में इस्तेमाल होगा ।
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Cryptocurrency Miner क्या करते हैं
Cryptocurrency एक वर्चुअल करेंसी है जोकि स्पेशल वर्चुअल वॉलेट में स्टोर होती है यह कंप्यूटर कैलकुलेशन की तरह है जिसे डिसेंट्रलाइज्ड फॉर्म में देखा जा सकता है।
Cryptocurrency Miner किसे कहते है
माइनिंग करना क्रिप्टोकरेंसी को और क्रिप्टोकरेंसी को माइन करके पैसा कमाना काफी ज्यादा आसान है इसके लिए आपको फेमस सॉफ्टवेयर माइनर की जरूरत पड़ सकती है और काफी ज्यादा अन्य प्रकार के सॉफ्टवेयर भी है जो Cryptocurrency को माइन करते हैं और जो पर्सन क्रिप्टो करेंसी चाहे एथेरियम हो या बिटकॉइन माइन करना चाहता है उसे यह सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सेट अप करना होगा और उसे ही हम माइनर कहते हैं जो क्रिप्टोकरंसी को माइन करने के पीछे ह्यूमन लगा हुआ है
Cryptocurrency Mining और Cryptocurrency को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के द्वारा ही आज के समय में संभव बनाया जा सका है। ब्लॉकचेन एक ऐसा टेक्नोलॉजी है या ब्लॉक चीन एक ऐसा डेटाबेस है सिंपल टेंस में जो सारे क्रिप्टोकरंसी के ट्रांजैक्शन को शोर करता है और उससे कई ज्यादा भी जो कि ग्रुप ऑफ ब्लॉक्स में डिवाइड रहता है और यह ब्लॉक काफी ज्यादा सिक्वेंस और चैन में बंधे हुए होते हैं जिसे वास्तव मैं हम चैन ऑफ ब्लॉक्स भी कहते हैं
हर क्रिप्टोकरंसी ओनर के पास एक कॉपी ऑफ चेन होती है या दूसरे की आईडेंटिकल कॉपी होती है जो कि काफी ज्यादा कॉन्प्लेक्स मैथमेटिकल कैलकुलेशन और हैकिंग से हम को बचाती है।
क्रिप्टोकरंसी माइनिंग कैसे की जाती है
क्रिप्टो करेंसी को माइन करना या क्रिप्टोकरंसी – काबिल गोल इस वर्चुअल करेंसी को ज्यादा से ज्यादा माइन करना और इसके बदले में जयादा क्रिप्टो करेंसी के फोन में रनिंग करना होता है जो कि इस क्रिप्टोकरंसी माइनिंग के द्वारा ही हो पाया है जिसे हम ब्लॉकचेन बेस्ट टेक्नोलॉजी कहते हैं
क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन में जो पहला माइनर होता है वह ब्लॉक को चीन में ऐड करता है जिसके द्वारा उसे रिकॉर्ड मिलता है डिजिटल करंसी के रूप में
क्रिप्टो करेंसी को माइन करने के 2 तरीके
- अकेले क्रिप्टोकरंसी माइन करना
- ग्रुप क्रिप्टो करेंसी माइंड करना
शुरुआत में Cryptocurrency Mining को लोग अलग-अलग सेपरेटली माइनिंग कर रहे थे जिसके पास एक कंप्यूटर भी होता था वह भी क्रिप्टोकरंसी को मन करता था लेकिन जैसे-जैसे साल बीतते गए क्रिप्टोकरेंसी के ब्लॉक स्कोर फाइंड कर पाना कठिन होता गया जिसके लिए उन्हें काफी ज्यादा कंप्यूटर्स को एक साथ सिक्वेंस में कनेक्ट करना पड़ा जिससे उनका खर्चा बढ़ गया और उन्हें काफी ज्यादा पैसे क्रिप्टोकरंसी माइन करने में लगने लगे जिससे उन्होंने एक ग्रुप में Cryptocurrency Mining करना चालू कर दिया जिससे हम क्रिप्टोकरंसी माइनिंग टूल्स भी कहते हैं
एक माइनिंग पूल एक बराबर होता है जो कि क्रिप्टोकरंसी की इस जटिल समस्या या जिसे आप मैथ प्रॉब्लम कहते हैं उसे सबटास्क में बदल देता है और बाकी किस तरह उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर उसे माइन करते हैं
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग पूल सरवर को सेट अप करने के बाद – को ज्यादा मुनाफा होने लगा जिससे उन्होंने काफी ज्यादा क्रिप्टोकरंसी माइंड की और अपनी रनिंग को भी बढ़ाया जिससे आज काफी ज्यादा पूल देखे जा सकते हैं
क्रिप्टोकरेंसी पुल चुनते समय इसकी रेपुटेशन इसकी प्रतिष्ठा साथ ही अन्य बारीकियों पर भी विचार करना होता है जिससे आपके पुल का आकार और आपका क्रिप्टोकरंसी माइन करने के बाद कमीशन और काफी अन्य खर्च आसानी से निकले जा सके
क्रिप्टोकरंसी माइनिंग के लिए इक्विपमेंट
शुरुआत में जब लोग क्रिप्टोकरंसी माइन करते थे जो क्रिप्टो होते थे वह अपने घर के कंप्यूटर से ही क्रिप्टोकरंसी को माइन कर देते थे पर जैसे-जैसे क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन बढ़ता गया और ज्यादा क्रिप्टो माइनिंग की जरूरत पड़ने लगी तो यह घर में बने कंप्यूटर या घर में इस्तेमाल करने वाले कंप्यूटर काफी नहीं पढ़े क्रिप्टो करेंसी क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है को माइन करने के लिए जिससे उन्हें क्रिप्टोकरेंसी पूल को खरीदना पड़ जाता है
क्रिप्टो करेंसी पूल काफी ज्यादा ताकतवर काफी ज्यादा कांपलेक्स और काफी ज्यादा महंगा होता है जिससे क्रिप्टोकरंसी माइन करना आज के समय में एक खर्चीला व्यवसाय कहलाया जा रहा है
Cryptocurrency Mining करने के लिए यहां पर दो तरह के इक्विपमेंट्स होते हैं जैसे कि एएसआईसी इंटीग्रेटेड सर्किट एंड जीपीयू वीडियो कार्ड
ईएसआईसी स्कीम के जरिए आप बिटकॉइन को माइन क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है कर सकते हैं काफी आसानी से लेकिन एक डिफरेंट एल्गोरिदम पर बना है जिसे माइन करने के लिए आपको अलग और आधुनिक उपकरण की जरूरत पड़ती है
Ethereum को कैसे माइन करें
Ethereum को माइन करने के लिए आपको सीरियल के अलग-अलग ओरिदम को समझना होगा क्योंकि एथेरियम और बिटकॉइन अलग-अलग ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर भेज दें और इस नियम को माइंड करने के लिए आपको जीपीयू वीडियो कार्ड के साथ-साथ प्रोसेसर और काफी ज्यादा पीसीआई स्लॉट की जरूरत पड़ेगी
What is cryptocurrency mining? क्रिप्टोकरंसी माइनिंग क्या है?
Mining क्या होती है? What is mining ?
आपके मन में यह प्रश्न तो जरूर आता होगा की यह सोना-चांदी,हीरे-जवाहरात कहां से आते हैं? जी हां वही से निकल का आता है “Mining” उसी का जवाब यहां देने की कोशिश करेगे। यह धातुएं खदानों से निकलती हैं या फिर पहाड़ों में पाई जाती है या फिर समुंदर में मिलती हैं लेकिन लेकिन यह यह इनका शुद्ध रूप नहीं होता है इनको साफ करके और शुद्ध बनाने के प्रोसेस को ही माइनिंग(Mining) कहा जाता है
ठीक उसी प्रकार से कोयले को खदानों से निकालने की प्रोसेस(Process) को माइनिंग (Mining) कहा जाता है तथा कोयले की खदानों को कॉल माइन(Coal mine)कहा जाता है।
इसी प्रकार से किसी भी देश की करेंसी यानी रुपया,डॉलर,पाउंड आदि को प्राप्त करने के प्रोसेस(Process) को मीटिंग (Minting) कहा जाता है। जैसे भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नए नोट छापती है।उसको mint बोला जाता है।
What is cryptocurrency mining? क्रिप्टोकरंसी माइनिंग क्या है?
किसी भी क्रिप्टोकरंसी को प्राप्त करने के प्रोसेस(Process) को क्रिप्टो माइनिंग (Crypto Mining) कहा जाता है।लेकिन क्रिप्टोकरंसी की mining करना इतना आसान भी नहीं है। क्योंकि क्रिप्टोकरंसी एक कॉन्प्लेक्स कंप्यूटराइज्ड एल्गोरिथ्म(क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है complex computerized algorithm) से बनती है।इसके लिए बड़े-बड़े ग्राफिक कार्ड और कंप्यूटर पावर की जरूरत होती है। इनके द्वारा एक डिफिकल्ट न्यूमेरिकल पजल (difficult numerical puzzle) को सॉल्व किया जाता है।उसके बाद ब्लॉकचेन में एक क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है ब्लॉक जुड़ता है।माइनिंग करते हुए तीन कार्य चलते रहते हैं।
- यह एक लॉटरी सिस्टम होता है क्योंकि बहुत सारे minor माइनिंग करते हैं लेकिन reward सिर्फ एक को मिलता है।
- जब एक नया ब्लॉक कंप्लीट होता है तो नई क्रिप्टोकरंसी बनती है इसी दौरान माइनर को reward दिया जाता है यह reward उस माइनर को दिया जाता है जो सबसे पहले ब्लॉक कंप्लीट होने की information देता है।
- जब हम एक-दूसरे को क्रिप्टोकरेंसी भेजते हैं जो इस process को वैलिडेट(Validate) करता है उसको माइनिंग कहा जाता है। तथा वैलिडेट(Validate) करने वाले को minor कहा जाता है।
What is Proof-of-work(POW)? Proof-of-work क्या है?
आइए प्रूफ ऑफ वर्क को सिंपल भाषा में समझने की कोशिश करते हैं।
हम अगर किसी को पैसे भेजते हैं तो उस भेजने वाले प्रोसेस को हमारे बैंक वैलिडेट करते हैं जिससे हमारा लेनदेन का प्रोसेस पूरी तरह से बगैर किसी प्रॉब्लम के कंप्लीट हो जाता है।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि क्रिप्टोकरंसी के लेन-देन में तो कोई बैंक होता ही नहीं है जी हां,आप सही हैं।
जब हम क्रिप्टोकरंसी का लेनदेन करते हैं और उस लेनदेन को जो वैलिडेट(Validate) करता है उसको माइनर(Minor) कहा जाता है। तथा वैलिडेट(Validate) करने के प्रोसेस(Process) को माइनिंग(Mining)कहा जाता है।
इन minor को reward के रूप में cryptocurrency मिलती है।
What is a Mining Pool? Mining Pool क्या है?
जब बहुत सारे Minor मिलकर एक साथ किसी क्रिप्टोग्राफीक प्रॉबलम को सॉल्व करते हैं।तथा reward प्राप्त करते हैं।इन validator के ग्रुप को माइनिंग पूल(Mining Pool) कहा जाता है।
Disadvantage of Proof-of-work Mining Proof-of-work mining के नुकसान
- बहुत महंगा होता है क्योंकि बड़े-बड़े ग्राफिक कार्ड का प्रयोग किया जाता है
- बहुत ज्यादा बिजली की खपत करता है
- वायु प्रदूषण करता है।
What is Proof-of-Stake (POS) ? Proof-of-Stake (POS) क्या है?
Proof-of-work consensus system में बहुत ज्यादा खामियां होने के कारण ज्यादातर क्रिप्टोकरंसी Proof -of-Work से Proof -of-Stake पर शिफ्ट हो रही है जिसमें सबसे ताजा उदाहरण है एथेरियम 2.0 का।
Proof-of-Stake ऐसे कार्य करता है जैसे कि आप अपनी fiat currency को ब्याज पर देते हैं तथा बदले में आप उससे ब्याज प्राप्त करते रहते हैंProof-of-Stake ट्रांजैक्शन को वैलिडेट(validator) करने के लिए वैलिडेटर होते हैं जिन वैलिडेटर(validator) ने अपनी क्रिप्टोकरंसी stake पर लगाई होती है उनमें से किसी को भी randomly ट्रांजैक्शन वैलिडेट करने के लिए चुना जाता है। ज्यादा मौका उस वैलिडेटर का होता हैं जिसकी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी Stake पर लगी होती है।
How to mine ETH after shift at Proof-of-Stake(POS)?Proof-of-Stake पर शिफ्ट होने के बाद एथेरियम को कैसे माइन करें?
एथेरियम को माइन करने के लिए किसी भी वैलिडेटर के पास 32 एथेरियम होना जरूरी है। क्योंकि एथेरियम को माइन करने के लिए Minimum 32 एथेरियम Stake पर होने जरूरी है।
What is the term slashing in cryptocurrency? क्रिप्टोकरेंसी की term में slashing क्या है?
Proof -of-Work में बहुत सारे miner mining करते हैं जिससे ट्रांजैक्शन के गलत Validate होने के कम chance होते हैं जबकि Proof-of-Stake में सिर्फ एक वैलिडेटर को वैलिडेट करने के लिए चुना जाता है।उससे गलती होने के ज्यादा chance होते हैं अगर उस वैलिडेटर से गलती हो जाती है तो उसकी stake की होगी गई सारी क्रिप्टोकरंसी को जब्त कर लिया जाता है और इसी जब्त करने वाले कार्य को स्लैशिंग(Slashing) कहा जाता है।
क्या होगा 21 मिलियन बिटकॉइन माइनिंग के बाद
बिटकॉइन (बीटीसीयूएसडी) की सबसे बड़ी विशेषताओं में से एक इसका रिस्ट्रिक्टेड कॉइन सप्लाय। क्रिप्टोकरेंसी के क्रिएटर सतोशी नाकामोतो की नज़र में बिटकॉइन डिजिटल गोल्ड था और वास्तविक गोल्ड के लिमिटेड नेचर की तरह इसकी भी सप्लाय पर लिमिट निर्धारित की।
बिटकॉइन (माइनिंग) की मात्रा 21 मिलियन तक सीमित है। हर 10 मिनट में, बिटकॉइन की सप्लाय में नया बिटकॉइन जुड़ता है। बिटकॉइन का नया ब्लॉक बनाने में औसतन इतना ही समय लगता है। इसका डिज़ाइन इस तरह तैयार किया गया है कि हर 2,10,000 ब्लॉक के बाद, या मोटे तौर पर हर चार साल में, हर ब्लॉक में बिटकॉइन की संख्या 50 प्रतिशत घट जाती है।
क्या कभी कुल 21 मिलियन बिटकॉइन होंगे?
संभव नहीं है कि बिटकॉइन की कुल संख्या 21 मिलियन को पार कर जाएगी। ऐसा इसलिए है कि बिटकॉइन नेटवर्क बिट-शिफ्ट ऑपरेटर का उपयोग करते हैं, जो एरिथ्मैटिक ऑपरेटर होते हैं और डेसीमल पॉइंट को घटाकर सबसे छोटे इन्टिजर तक ले आते हैं।
जब नया बिटकॉइन ब्लॉक बनाने के लिए ब्लॉक रिवॉर्ड को आधे में बांटा जाता है और नए रिवॉर्ड की राशि तय की जाती है, तो यह राउंडिंग डाउन संभव है। एक सतोशी 0.00000001 बिटकॉइन के बराबर होता है, सो रिवॉर्ड सतोशी में व्यक्त किया जाता है। एक सातोशी को आधे में विभाजित नहीं किया जा सकता क्योंकि यह बिटकॉइन नेटवर्क में मेज़रमेंट की सबसे छोटी इकाई है। एक नई रिवॉर्ड राशि निर्धारित करने के लिए एक सातोशी को आधे में विभाजित करते समय, बिटकॉइन ब्लॉकचैन को बिट-शिफ्ट ऑपरेटर का उपयोग करके अगले पूरे इन्टिजर तक राउंड डाउन करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है। सतोशी के फ्रैक्शन में बिटकॉइन ब्लॉक इंसेंटिव के निरंतर राउंड डाउन के कारण, वितरित बिटकॉइन की कुल राशि 21 मिलियन से कम रहने की आशंका है।
अनुमान है कि आखिरी बिटकॉइन 2140 से पहले नहीं बन सकता, क्योंकि हर ब्लॉक जारी किए गए नए बिटकॉइन की संख्या के मुकाबले हर चार साल में आधे से कम रह जाता है। जब बिटकॉइन पहली बार बनाया गया था, तो हर ब्लॉक में जारी किए गए नए बिटकॉइन की मात्रा 50 थी, हालांकि यह संख्या अब मई 2020 तक गिरकर 6.25 हो गई है।
हालाँकि 21 मिलियन बिटकॉइन की लिमिट है और इतने बनाए भी जा सकते हैं, लेकिन संभावना है कि प्रचलन में बिटकॉइन की संख्या बहुत कम होगी। यदि बिटकॉइन वॉलेट के मालिक अपने मुख्य पासवर्ड भूल जाते हैं या अपने वॉलेट की जानकारी दिए बिना गुज़र जाते हैं, तो अपने एसेट तक उनकी पहुँच ख़त्म हो जाएगी। क्रिप्टो फोरेंसिक फर्म चेनएनालिसिस द्वारा जून 2020 में जारी एक शोध के अनुसार, जारी किए गए सभी बिटकॉइन का 20 प्रतिशत तक स्थायी रूप से नष्ट किया जा सकता है।
जब 21 मिलियन बिटकॉइन हो जाएंगे तो क्या होगा
बिटकॉइन की अधिकतम संख्या हो जाने पर अतिरिक्त बिटकॉइन जारी /नहीं किया जाएगा, भले ही तादाद 21 मिलियन से थोड़ी कम क्यों ना हो। बिटकॉइन ट्रांजैक्शन को पूल और ब्लॉक में प्रोसेस करना जारी रहेगा, और बिटकॉइन माइनरों को मुआवजा दिया जाएगा, हालांकि संभावना है कि यह केवल ट्रांजैक्शन प्रोसेस फीस के जरिये होगा है।
जब क्रिप्टोकरेंसी सप्लाय के अपर लिमिट तक पहुंच जाती है, तो संभव है कि बिटकॉइन माइनर प्रभावित होंगे, लेकिन वे कैसे प्रभावित होंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी के रूप में कैसे डिवेलप होता है। यदि क्रिप्टो ब्लॉकचेन 2140 में बड़ी संख्या में ट्रांजैक्शन करता है, तो बिटकॉइन माइनर तब भी ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग शुल्क कमा सकते हैं।
यहां तक कि कम ट्रांजैक्शन की मात्रा और ब्लॉक रिवॉर्ड को हटाने के साथ, माइनर अभी भी 2140 में कमा सकते हैं यदि बिटकॉइन का उपयोग मुख्य रूप से दैनिक ट्रांजैक्शन के बजाय मूल्य के भंडार के रूप में किया जाता है। लाइटनिंग नेटवर्क जैसे अधिक कुशल "लेयर 2" ब्लॉकचेन के साथ रोज़मर्रा के बिटकॉइन खर्च में सहायता करने के साथ, माइनर बड़े ट्रांजैक्शन या ट्रांजैक्शन के बड़े बैच को प्रोसेस करने के लिए भारी-भरकम ट्रांजैक्शन शुल्क ले सकते हैं।
हालांकि, यदि ब्लॉक रिवॉर्ड के अभाव में माइनिंग प्रॉफिटेबल नहीं रह जाता है, तो निम्नलिखित विपरीत परिणाम हो सकते हैं:
- माइनर माइनिंग रिसोर्स पर नियंत्रण हासिल करने के लिए कार्टेल बना सकते हैं और अधिक ट्रांजैक्शन चार्ज मांग सकते हैं।
- सेल्फिश माइनिंग तब होती है जब माइनर साथ मिलकर नए वैध ब्लॉकों को छिपाए रखते हैं और फिर उन्हें ऑर्फ़न ब्लॉक के रूप में जारी कर देते हैं जिन्हें किसी बिटकॉइन नेटवर्क ने कन्फर्म न किया हो। यह मेथड ब्लॉक प्रोसेसिंग पीरियड को लंबा कर सकता है और जब नए ब्लॉक आखिरकार ब्लॉकचैन को जारी किए जाएँगे तो उनके साथ बड़ी फीस होगी।
निष्कर्ष
क्या 2140 में बिटकॉइन कैश या गोल्ड बार की तरह काम करेगा? बिटकॉइन का माहौल अभी भी विकसित हो रहा है, इसलिए यह संभव है, और यदि ऐसा संभव नहीं हुआ, तो यह अगले कुछ दशकों तक विकसित होता रहेगा। हालांकि, 21 मिलियन कॉइन की लिमिट पूरी होने बाद कोई अतिरिक्त बिटकॉइन जारी नहीं किया जाएगा, चाहे बिटकॉइन का सफ़र जैसा भी हो। इस सप्लाय लिमिट तक पहुंचने का असर बिटकॉइन माइनरों पर सबसे अधिक होगा, लेकिन संभव है कि इससे बिटकॉइन इन्वेस्टर्स भी प्रभावित हों।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है जानकारी देना, न कि इन्वेस्टमेंट के लिए कोई सलाह/टिप्स देना और न ही किसी स्टॉक को खरीदने या बेचने की सिफारिश करना।
एंजेल वन क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है लिमिटेड क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट और व्यापार का समर्थन नहीं करता है। यह लेख केवल शिक्षा और सूचना के उद्देश्यों के लिए है। इस तरह के जोखिम भरे कॉल करने से पहले अपने इन्वेस्टमेंट सलाहकार से चर्चा करें।