अतिरिक्त कमाई

अतिथि शिक्षकों को बकाया मानदेय के लिए अतिरिक्त आवंटन जारी- MP karmchari news
श्री संजय कुमार अपर संचालक मित्र लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आवंटन आदेश जारी करते हुए बताया गया है कि, बीना, जैसीनगर, केसली, खुरई, मालथौन, राहतगढ़, सागर शहर एवं देवरी ब्लॉक में, एवं जबलपुर जिले के शाहपुरा ब्लॉक में अतिथि शिक्षकों के लिए अतिरिक्त आवंटन की मांग की गई थी। यह अतिरिक्त मांग शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए की गई थी। यानी अतिथि शिक्षकों का पिछला बकाया चुकता किया जाएगा।
निर्देशित किया गया है कि आवंटित राशि का उपयोग केवल अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान हेतु किया जाएगा। यदि कोई नियम विरुद्ध आहरण करता है अथवा भुगतान किया जाता है तो आहरण संवितरण अधिकारी एवं लेखापाल के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
SBI Gold Deposit: घर में रखे सोने को बनाएं कमाई का जरिया, SBI की स्कीम करेगी मदद
SBI Gold Banking: SBI की रीवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम में अगर आप अपने गोल्ड को FD की तरह जमा कराते हैं तो आप उस सोने पर ब्याज कमा सकते हैं.
कस्टमर्स एक एप्लिकेशन फॉर्म, पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और इंवेट्ररी फॉर्म भरकर सोना जमा कर सकते हैं.
SBI Gold Deposit: भारतीय संस्कृति में सोने का अलग महत्व है. हम सभी अपने घर में सोना रखते हैं ताकि वो मुश्किल समय में काम आ सके. बहुत से लोग सोना रखने के शौकीन होते हैं और उसका इस्तेमाल तमाम अवसरों पर करते हैं. घर में रखे सोने की कीमत समय के साथ बढ़ तो सकती है लेकिन आपको अतिरिक्त बेनेफिट नहीं दिला सकती है. लेकिन सोचिए अगर घर में पड़ा सोना आपके लिए अतिरिक्त कमाई का जरिया बन जाए तो अतिरिक्त कमाई यह कितना बेहतर होगा. इसके लिए आ SBI की गोल्ड डिपॉजिट स्कीम का फायदा उठा सकते हैं. SBI रीवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम में अगर आप अपने गोल्ड को FD की तरह जमा कराते हैं तो आप जमा किए गए सोने पर 2.5 फीसदी सालाना तक ब्याज कमा सकते हैं.
SBI Gold Deposit: कौन कर सकता है निवेश ?
-कोई व्यक्ति या तो सिंगल सा ज्वॉइंट अकाउंट खोल सकता है.
-पार्टनरशिप फर्म, प्रोपराइटरशिप
-HUFs
-सेबी के अंदर रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड/एक्सचेंज ट्रेड फंड, ट्रस्ट
-कंपनी
कितना सोना जमा किया जा सकता है?
– कम से कम 30 ग्राम सोना
-सोना रखने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है, आप कितना ही सोना जमा कर सकते हो.
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कितने साल के लिए डिपॉजिट?
– शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD)- 1 से 3 साल के लिए जमा कर सकते हैं सोना.
-मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MTGD)- 5 से 7 साल के लिए कर सकते हैं निवेश. सरकार की तरफ से बैंक ये सोना अपने पास जमा करेगा.
-लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD)- 12 से 15 साल के लिए कर सकते हैं निवेश. सरकार की तरफ से बैंक ये सोना अपने पास जमा करेगा.
कितना ब्याज मिलेगा?
#शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD)
1 साल के लिए जमा करने पर 0.55 फीसदी सालाना का ब्याज मिलेगा.
1 से 2 साल- 0.55 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा.
2 साल से 3 – 0.60 फीसदी का ब्याज मिलेगा.
#मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MTGD)- 2.25 फीसदी का ब्याज
#लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD) – 2.50 फीसदी का ब्याज
कैसे कर सकते हैं निवेश?
गोल्ड बार, सोने के सिक्के, ऐसे गहने जिसमें कोई पत्थर या कोई और मेटल ना लगा हो, ये सभी तरह का सोना बैंक में जमा किया जाता है.
कस्टमर्स एक एप्लिकेशन फॉर्म, पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और इंवेट्ररी फॉर्म भरकर सोना जमा कर सकते हैं.
नोट: इस स्कीम से संबंधित अतिरिक्त कमाई सभी जानकारी SBI की ऑफिशियल बेवसाइट से ली गई है.
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जैविक खेती के साथ गोपालन करके शुरू की डेयरी और बायो गैस प्लांट, दूध से पनीर, मावा तो गोबर से बनाते हैं बिजली और खाद, कमाई 30 लाख रुपए
किसान जयराम का कहना है कि शुरू में उनके पास दो गाय थीं और आज बढ़कर 60 हो गई हैं. उनसे मिलने वाले गोबर से गोबर गैस बनाते हैं, इससे बिजली उत्पादन भी होता है.
प्रगतिशील किसान जयराम गायकवाड़
gnttv.com
- बैतूल,
- 18 मई 2022, अतिरिक्त कमाई
- (Updated 18 मई 2022, 8:26 AM IST)
3 सरकारी नौकरियों के मौके को छोड़कर चुनी जैविक खेती की राह
जयराम ने खेती के साथ-साथ गोपालन को अपना जुनून बना लिया
मध्य प्रदेश के बैतूल एक शख्स ने सरकारी नौकरी करने की जगह खेती करना चुना और आज इस किसान की हर जगह चर्चा हो रही है. ये है बैतूल के बघोली गांव के किसान जयराम गायकवाड़. जयराम को 3 सरकारी नौकरियों को मौका मिला था पर जयराम ने ऑर्गेनिक फार्मिंग का रुख किया. और अब कुछ ही सालों में उनकी कमाई लाखों रुपए तक पहुंच गई है.
54 साल के एमए पास किसान जयराम बैतूल से 11 किलोमीटर अतिरिक्त कमाई दूर बघोली गांव के रहने वाले हैं. उनके पास 30 एकड़ पुश्तैनी जमीन है, जिस पर उनके पिता खेती किया करते थे. पढ़ाई के दौरान जयराम को CRPF में नौकरी का मौका मिला. इसके बाद आर्मी और फिर रेलवे में क्लर्क.
जयराम का मन नौकरी करने का तो हुआ, लेकिन वह अपनी माटी को छोड़ नहीं पाए. उन्होंने नौकरी छोड़कर खेती करने का निर्णय लिया.
जैविक खेती को बनाया लक्ष्य
जयराम ने बताया कि खेती को जैविक तरीके से आधुनिक बनाने का आइडिया उन्हें कृषि विभाग के टूर प्रोग्राम से आया. वह अपने भाईयों के साथ 30 एकड़ में खेती करते हैं और खेतों में बिल्कुल भी केमिकल्स और फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल नहीं करते. गाय के गोबर से बनी वर्मी कंपोस्ट खाद से ही खेती करते हैं.
30 में से 9 एकड़ में सिर्फ गेहूं और गन्ने की खेती होती है. जैविक खेती की वजह से उनका गेहूं 30 रुपए किलो बिकता है. वहीं, गुड़ की कीमत 60 रुपए किलो है. इसके अलावा वह बाकी खेत में टमाटर, बैंगन समेत अन्य फल और सब्जियां उगाते हैं.
खेती के साथ शुरू किया गोपालन भी
जयराम ने खेती के साथ-साथ गोपालन को अपना जुनून बना लिया। साल 2012 में 2 गायों से डेयरी की शुरुआत की थी. आज महज 10 सालों में वह 60 से ज्यादा हाइब्रिड और देशी गाय सहित कई बछड़ों के मालिक बन गए हैं. गोपालन के साथ-साथ वह गोबर का भी अच्छा इस्तेमाल कर रहे हैं.
उन्होंने गायों के लिए शेड का निर्माण कुछ इस तरह से कराया है कि जानवरों का मल नालियों के जरिए सीधे शेड के पीछे बने गोबर गैस प्लांट में जमा होता है. वह गोबर गैस के जरिए घरेलू गैस और बिजली बनाते हैं. गैस प्लांट से बचा वेस्ट आगे बने टैंकों में चला जाता है, जो वर्मी कंपोस्ट की प्रारंभिक प्रक्रिया है. यहां से यह वेस्ट जैविक खाद के रूप में तैयार हो जाता है.
यही खाद उनकी फसलों के लिए रामबाण औषधि बन जाती है. उन्होंने अतिरिक्त कमाई अपने यहां 8 लड़कों को भी रोजगार दिया है. डेयरी में शंकर नस्ल की कई गायें जयराम और उनके परिवार के लिए खेती से इतर आय का बड़ा जरिया है.
दूध है आय का बड़ा साधन
जयराम ने बताया कि हर रोज उन्हें 150 लीटर दूध मिलता है. इससे वह मावा, पनीर, दही और घी सहित अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स बनाते हैं. उन्हें डेयरी और खेती से सालाना 30 लाख रुपये की आय होती है. गोबर गैस से बनने वाली बिजली से वह जनरेटर चलाते हैं और इससे मावा मशीन चलती है.
दाना बारीक करने के लिए चक्की चलाते हैं. बाकी बायोगैस का इस्तेमाल मावा बनाने के लिए भी करते हैं. जयराम का कहना है कि वह गोबर से हर महीने में 300 क्विंटल खाद तैयार करते हैं. इससे उन्हें अतिरिक्त कमाई मिलती है.
दूसरे किसानों की कर रहे मदद
जयराम के नवाचारों ने उनकी खेती के तरीके को ही बदल दिया. यही वजह है कि सालों से पारंपरिक खेती करने वाले जयराम अतिरिक्त कमाई के सभी कायल हैं. दूसरे गांव के किसान भी उनसे जैविक खेती की राय लेने के लिए आते हैं और उनकी बातों को खेती में अपनाकर फायदा उठा रहे हैं.
उनका बेटा लोकेश गायकवाड़ अपने पिता की राह पर चलते हुए रीवा वेटनरी कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा है. स्थानीय युवा का कहना है कि उन्हें जब भी फसलों से लेकर मवेशियों तक कि कोई सलाह लेनी होती है तो वह जयराम की शरण में ही आते हैं. जैविक खेती और दुग्ध उत्पादन करने वाले इस किसान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम रहते हुए भी सम्मानित कर चुके हैं.
Business Ideas: इस बिजनेस से होगी हर महीने 1 लाख से अधिक कमाई, जानें कैसे करें शुरू
यदि आप अपनी जॉब से खुश नहीं हैं और पैसे कमाने का एक नया विकल्प ढूंढ रहे हैं तो ये लेख आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. इस लेख में हम आपको एक ऐसा बिज़नेस के बारे में बताएंगे, जिससे हर महीने बढ़िया अतिरिक्त कमाई कमाई होगी.
Business Ideas: यदि आप अपनी जॉब से खुश नहीं हैं और पैसे कमाने का एक नया विकल्प ढूंढ रहे हैं तो ये लेख आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. इस लेख में हम आपको एक ऐसा बिज़नेस (Business) के बारे में बताएंगे, जिससे हर महीने 40,000 से 1,00,000 या इससे अधिक कमाई होगी. आज के समय में कपड़ों को लेकर सभी में अधिक क्रेज है तो ऐसे में आप ट्रैक सूट के बिजनेस (Track Suit Business) में बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. तो चलिए हम आपको बताएंगे कैसे इस बिजनेस के माध्यम से आप अपनी आय ( Business Income) को कैसे बढ़ा सकते हैं.
किस फैब्रिक का होता है इस्तेमाल?
आज के समय में वॉक या फिर जिम सभी के लिए ट्रैक सूट का ट्रेंड काफी चल रहा है.प्लेयर के अलावा अधिकतर लोग इसका अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. ट्रैकसूट के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए इसमें कमाई का मौका बनता है.
कितना करना होगा इन्वेस्टमेंट?
खादी और ग्रामोद्योग आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, अगर आप ट्रैक सूट के बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको करीब 8 से 9 लाख रुपये का निवेश करना होगा. इसके अतिरिक्त इक्विपमेंट पर भी करीब 5 लाख रुपये का खर्च आएगा. वहीं, वर्किंग रिपोर्ट पर भी करीब 4 लाख रुपये लगेंगे.
जानें कितनी होगी कमाई
अगर इस बिज़नेस में कमाई की बात की की जाए तो आप 1 वर्ष में करीब 48,000 ट्रैक सूट की मैन्युफैक्चरिंग कर सकते हैं. यदि आप इसका 100 प्रतिशत प्रोडक्शन करते हैं और एक यूनिट की वैल्यू करीब 106 रुपये रखते हैं तो कुल 56,00,000 रुपये की सेल्स होगी.
हम आपको इस बिज़नेस की खास बात बता दें कि इस बिजनेस के लिए आप सरकार की मदद ले सकते हैं. केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM Mudra Yojana) के तहत आपको यह सुविधा देती है. इस स्कीम के तहत सरकार आपको 10 लाख रुपये तक के लोन की सुविधा देती है.