लाभदायक ट्रेडिंग के लिए संकेत

चिट फंड के प्रकार

चिट फंड के प्रकार
मुंबई में हूई पूछताछ

निवेशकों की राशि वापसी के लिए चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई जारी

चिटफंड कंपनियों में अपने गाढ़े पसीने की कमाई लगाने वाले निवेंशकों की राशि की वापसी के लिए कार्रवाई तेजी से जारी है। रायपुर जिले में ऐसी कंपनियों के संचालकों और कंपनियों की संपत्तियों की पूरी जानकारी प्रशासन द्वारा खंगाली जा रही है। अभी तक चिटफंड कंपनियां बनाकर निवेशकों से बड़ी रकम जमा कराने वाले 14 डायरेक्टरों की गिरफ्तारी रायपुर पुलिस ने कर ली है। इसके साथ ही निवेशकों की से जमा कराई गई राशि से कंपनियों द्वारा खरीदी गई संपत्तियों की जानकरी भी जिला प्रशासन तेजी से चिट फंड के प्रकार जुटा रहा है। अभी तक ऐसी 17 कंपनियों की संपत्तियों का प्रशासन ने पता लगा लिया है और इन संपत्तियों को नीलाम कर निवेशकों की राशि लौटाने के लिए कार्रवाई की जा रही है।

चिटफंड कंपनियों के 14 डायरेक्टर गिरफ्तार

रायपुर पुलिस ने चिटफंड कंपनियों के 14 डायरेक्टरों को अब तक गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इन सभी की गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत की गई है। अभी तक साई प्रकाश प्रापर्टी डेवलपमेंट कंपनी, गोल्ड की इन्फावेंचर लिमि., अग्रोहानगर डीडीनगर रायपुर और डेसीड बेनीफिट कंपनी लालपुर रायपुर, PACL इंडिया लिमिटेड, साई प्रसाद कंपनी, PACL इंडिया लिमिटेड पल्स ग्रीन,जी.एन.गोल्ड कंपनी, वसुंधरा रियलकॉन लिमी.कंपनी, बी.एन.गोल्ड, सन साइन इन्फा बिल्ड कार्पाेरेशन लिमिटेड चिटफंड कंपनियों के संचालक मंडल के संदस्यों को गिरफ्तार कर किया गया है। पुलिय प्रशासन द्वारा अन्य चिटफंड कंपनियों के संचालकों की भी सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

चिटफंड कंपनियों द्वारा लोगों की मेहनत की कमाई जमा कराकर अर्जित की गई संपत्तियों का भी जिला प्रशासन द्वारा तेजी से पता लगाया जा रहा है। प्रशासन ने अब तक 17 चिटफंड कंपनियों की संपत्तियों का पता लगा लिया है। इन संपत्तियों को प्रशासन द्वारा छत्तीसगढ़ के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत नीलाम करने की भी प्रक्रिया शुरू की दी गई है। अनियमित वित्तीय चिटफंड कंपनियों पर अपराध पंजीबद्ध होने के बाद पुलिस प्रतिवेदन के अधार चिट फंड के प्रकार पर प्रकरण दर्ज कर प्रशासन द्वारा नीलामी की कार्रवाई की जा रही है। अभी तक दो कंपनियों शुष्क इंडिया कंपनी और देवयानी प्रापर्टी प्राइवेट लिमिटेड की संपत्तियों की नीलामी कर चार करोड़ रूपये से अधिक की राशि भी प्रशासन को मिल चुकी है।

इन पर की जाएगी कार्रवाई

इसमें से देवयानी प्रापर्टी प्राइवेट लिमिटेड की संपत्ति की नीलामी से जिला प्रशासन को 4 करोड़ 14 लाख 92 हजार 500 रूपये मिले है जो कि कलेक्टर कार्यालय की नाजरात शाखा में बैंक ड्राफ्ट के रूप में जमा है। इसी प्रकार शुष्क इंडिया कंपनी की संपत्ति कुर्की से मिली 6 लाख 45 हजार रूपये की राशी दुर्ग जिले निवेशकों को लौटाने के लिए कलेक्टर दुर्ग को दी जा चुकी है। रायपुर जिले में निर्मल इंफ्रा. होम कार्पोरेशन लिमिटेड भोपाल, गुरूकृपा इंफ्रा. रियेल्टी इं. लिमिटेड, गोल्ड की. इंफ्रावेंचर लि. और डेसीड बेनीफिट एंड लिमिटेड, गोल्ड रियल स्टेट एलाइड लिमि. और आरोग्य धनवर्षा डेवलपर्स प्रा. लिमिटेड चिटफंड कंपनियों की अब तक ज्ञात संपत्तियों की नीलामी की कार्रवाई जारी है। सन शाइन इंफ्राबिल्ड चिटफंड कंपनी की संपत्तियों की नीलामी की कार्रवाई पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल नई दिल्ली कोर्ट द्वारा स्टे दिया गया है।

अब तक 11 हजार 513 निवेशकों से मिली ऑनलाइन जानकारी

चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों से जिला प्रशासन रायपुर को मिले आवेदनों का सूक्ष्मता से अवलोकन करने के बाद यह पाया गया है कि आवेदनों में विभिन्न प्रकार की जानकारियों का अभाव है, आवेदन अपूर्ण है और जरूरी दस्तावेज संलग्न नहीं है, विशेषकर रसीद की कमी है। जिला प्रशासन द्वारा इन सभी कमियों को दूर करने और निवेंशकों से ाही जानकारी लेने के लिए निवेशक न्याय बेव लिंक भी जारी किया गया है। प्रशासन ने इस वेब लिंक के चिट फंड के प्रकार माध्यम से निवेशकों से सही और वांछित जानकारी देने तथा दस्तावेज अपलोड करने कहा है। देवयानी कंपनी की संपत्ति नीलामी चिट फंड के प्रकार के बाद मिली राशी को भी निवेशकों को वितरण किया जाना है परंतु जानकारी स्पष्ट नहीं होने के कारण व अपूर्ण होने के कारण राशी वितरण में परेशानी आ रही है। ऐसे सभी निवेशकों से वेबलिंक https://niveshaknyay.com/ पर सही जानकारी देने को कहा गया है।

ईडी अधिकारियों ने की सारधा मामले में मिथुन चक्रवर्ती से पूछताछ

ईडी अधिकारियों ने की सारधा मामले में मिथुन चक्रवर्ती से पूछताछ

सारधा चिटफंड मामले में ईडी की एक टीम ने बॉलीवुड स्‍टार और टीएमसी सांसद मिथुन चक्रवर्ती से पूछताछ की है. मिथुन चक्रवर्ती ने इस मामले में किसी प्रकार से लाभांवित होने से इंकार किया है.

चार घंटे चली पूछताछ

ईडी के अधिकारियों ने सारधा चिट फंड स्केम के संबंध में मिथुन चक्रवर्ती से लगभग चार घंटे तक पूछताछ की है. ईडी ऑफिसर्स ने मिथुन चक्रवर्ती से पूछा कि उन्हें सारधा से कितने रुपये मिले और वह किस प्रकार से लाभांवित हुए हैं. इसके जवाब में मिथुन ने साफ लहजे में कहा कि सारधा की वजह से उनको फायदा चिट फंड के प्रकार नही बल्कि नुकसान हुआ है.

सारदा चिट फंड घोटाला : CBI आज दूसरे दिन कमिश्नर राजीव कुमार संग पूर्व टीएमसी सांसद से भी कर सकती है पूछताछ

‘रमन सिंह और उनका परिवार….चिटफंड कंपनी के ब्रांड एंबेसडर’; CM बघेल ने कहा-साढ़े 6 हजार करोड़ का घोटाला हुआ, ED जांच क्यों नहीं करती?

File Photo

​​​​​​​पेंड्रा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिटफंड कंपनी में हुए फर्जीवाड़े को लेकर पूर्व CM डॉ. रमन सिंह पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रमन सिंह और उनका परिवार चिटफंड चिट फंड के प्रकार कंपनी के एक प्रकार से ब्रांड एंबेसडर हैं।

अपनी सरकार में रोजगार मेला लगाकर चिटफंड कंपनियों में रुपए जमा करवाए। लोगों के साढ़े 6 हजार करोड़ रुपए फंसे हुए हैं। कहीं तो निवेश हुए होंगे। प्रदेश में ED और IT वाले घूमते रहते हैं। इसकी जांच क्यों नहीं करते। मुख्यमंत्री बघेल गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में मीडिया से बात कर रहे थे।

गौरेला में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राहुल गांधी पर एक आरोप लगा। उसकी न तो कहीं शिकायत और न ही FIR हुई। इसके बाद भी 5 दिनों तक दिल्ली में ED उन्हें बुलाकर पूछताछ करती रही। यहां रमन सिंह सरकार में साढ़े 6 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि ED जब यहां घूम रही है तो रमन सिंह के समय चिटफंड कंपनियों के जरिए हुए मनी लांड्रिंग की जांच होनी चाहिए। कहा कि अब हम कोशिश कर रहे हैं कि चिटफंड कंपनियों से वसूल कर लोगों को उनके रुपए का भुगतान कर दें।

रेटिंग: 4.45
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 149
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *