ग्रोथ या डिविडेंड

ध्यान दें dividend आपके पैसे से ही आता है| आपको जितना dividend मिलता है, उतना ही आपके फण्ड का NAV कम हो जाता है| दरअसल, NAV कुछ ज्यादा गिरता है क्योंकि dividend पर Dividend डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) भी लगता है| यह टैक्स आपको नहीं देना होता| म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी यह टैक्स काटकर ही आपको पैसा देती है|
म्यूच्यूअल फण्ड में ग्रोथ (Growth) और डिविडेंड (Dividend) विकल्प क्या होते हैं? किसमें करें निवेश?
हर म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में निवेश के दो विकल्प होते हैं|
#1 Growth (ग्रोथ)
आपको कोई डिविडेंड नहीं मिलता| अगर आपको अपने निवेश से कुछ पैसा चाहिए, तो आपको अपनी कुछ यूनिट्स को बेचना ग्रोथ या डिविडेंड होगा| यूनिट्स बेचने पर जो मुनाफा होता है, उस पर आपको capital gains टैक्स देना होता है|
ग्रोथ विकल्प में आपका पैसा निवेशित रहता है आर बेहतर तरीके से कंपाउंड (compound) हो सकता है|
SBI BlueChip Fund-Growth
#2 Dividend (डिविडेंड)
समय-समय पर आपको dividend मिलता है| Dividend कब मिलना है और कितना मिलना है, यह आपकी इच्छा के अनुसार नहीं होता| फण्ड मेनेजर पर निर्भर करता है| साथ ही dividend केवल मुनाफे में से दिया जा सकता है| इसलिए अगर स्टॉक market अच्चा नहीं कर रहे, तो फण्ड की dividend देने की क्षमता प्रभावित हो सकती है|
ग्रोथ या डिविडेंड किस विकल्प में निवेश करें?
ग्रोथ विकल्प में आपके पास पैसा केवल यूनिट्स बेचें पर आता है| ऐसे में आपको कैपिटल गेन्स हो सकते हैं और उस पर आपको टैक्स देना होगा|
डिविडेंड विकल्प में आपके dividend पर DDT (डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स) लगता है|
इसलिए आपका निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा की आपको किस पर कम टैक्स देना होगा|
Capital gain पर या Dividend पर?
अगर कैपिटल gain पर कम टैक्स देना होगा, तो Growth option बेहतर है|
अगर dividend पर कम टैक्स देना होगा, तो Dividend विकल्प बेहतर है|
म्यूच्यूअल फण्ड बेचने पर या dividend मिलने पर कितना टैक्स देना होता है?
इस बारे में मैंने इस पोस्ट में विस्तार से चर्चा करी है|
संक्षिप्त में जानकारी के लिए नीचे देख सकते हैं|
ग्रोथ और डिविडेंड ऑप्शन्स के बीच क्या अंतर है?
कुछ निवेशक म्यूचुअल फंड्स में इसलिए निवेश करते हैं क्योंकि वे लंबी अवधि में पैसे बनाना चाहते हैं। वे अपने करियर की शुरुआत में ही निवेश करना शुरू कर देते हैं। फिर ऐसे निवेशक होते हैं जो रिटायरमेंट (सेवानिवृत्ति) के करीब होते हैं या जिनके पास निवेश करने के लिए रिटायरमेंट की रकम होती है जो सेवानिवृत्ति के दौरान उनकी आय के स्रोतों की पूरक हो सकती है। इन दोनों विपरीत निवेश-संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स दो विकल्प पेश करते हैं।
ग्रोथ ऑप्शन भावी विकास और फंड वैल्यू को बढ़ाने के लिए फंड में होने वाले मुनाफ़े को उसकी अंतर्निहित सिक्योरिटीज़ में पुनः निवेश करता है। ग्रोथ प्लान की NAV ज़्यादा होती है क्योंकि सिक्योरिटीज़ से होने वाले मुनाफ़े को वापस स्कीम में निवेश कर दिया जाता है और चक्रवृद्धि ब्याज अपना कमाल दिखाता है।
डिविडेंड से ग्रोथ फंड में स्विच करते समय निवेशकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
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कल्पना कीजिए कि आपने फ्लाई इंडिया एयरलाइंस की बंगलुरु से चेन्नई की सुबह 8 बजे की फ्लाइट बुक की है। आपको एहसास होता है आपने गलत फ्लाइट बुक ग्रोथ या डिविडेंड की है और आपको फिर से बुक करना होगा। आपको क्या लगता है कि फ्लाई इंडिया किस तरह के चार्ज लगाएगा? आपको अपना मन बदलने की पेनल्टी चुकानी होगी फिर चाहे वही एयरलाइन हो, यात्रा की वही तारीख हो, उसी जगह जाना हो और वही यात्री हो!
म्यूचुअल फंड निवेश के मामले में भी ऐसा ही है, अपने निवेश को उसी स्कीम में एक विकल्प से दूसरे विकल्प में स्विच करना एक तरह से बिक्री (रीडेंप्शन) है इसलिए, इस स्विच पर एक्जिट लोड के साथ ही कैपिटल गेन टैक्स लगेगा जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितने समय तक निवेश किया है।
म्यूचुअल फंड की ग्रोथ और डिविडेंड स्कीम में कौन बेहतर ?
ग्रोथ का विकल्प वैसे निवेशकों के लिए सही है, जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं. इसकी वजह यह है कि रिटर्न पर कैपिटल गेंस नहीं देना पड़ता. दूसरा, लंबी अवधि में रिटर्न बढ़ जाता है. क्योंकि सिक्योरिटी खासकर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता रहता है. लंबी अवधि में रिटर्न पर इस उतार-चढ़ाव का असर कम देखने को मिलता है. ग्रोथ के विकल्प में निवेशक को कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है. इसलिए यह विकल्प उन निवेशकों के लिए सही है, जिन्हें अपने निवेश पर नियमित आय नहीं चाहिए.
चूंकि इस स्कीम में डिविडेंड का भुगतान नहीं किया जाता, जिससे स्कीम का एनएवी डिविडेंड ऑप्शन के मुकाबले काफी ज्यादा होता है. आर्क प्राइमरी एडवाइजर्स के डायरेक्टर हेमंत बेनिवाल कहते हैं कि जो निवेशक पैसे पर ज्यादा रिटर्न चाहते हैं उन्हें ग्रोथ ऑप्शन का चुनाव करना चाहिए.
म्यूचुअल फंड के निवेशक ग्रोथ और डिविडेंड के ग्रोथ या डिविडेंड विकल्प को लेकर अक्सर उलझन में रहते हैं. हम यहां आपको ग्रोथ और डिविडेंड के विकल्प के बारे में बता रहै हैं. इससे आपको स्कीम में निवेश करते वक्त सही फैसला लेने में मदद मिलेगी. निवेश पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए सही निवेश रणनीति सबसे जरूरी चीज है.
- News18Hindi
- Last Updated : November 10, 2021, 07:36 IST
Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोग हमेशा उन तरीकों को अपनाना चाहते हैं जिस पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिल सके. इसी तरह म्यूचुअल फंड के निवेशक ग्रोथ और डिविडेंड के विकल्प को लेकर अक्सर उलझन में रहते हैं. हम यहां आपको ग्रोथ और डिविडेंड के विकल्प के बारे में बता रहै हैं. इससे आपको स्कीम में निवेश करते वक्त सही फैसला लेने में मदद मिलेगी.
ग्रोथ ऑप्शन
आइए समझते हैं कि ग्रोथ ऑप्शन में क्या होता है. मान लीजिए किसी ने 10 रुपये की एनएवी प्राइस पर 100 यूनिट खरीदी. उसने कुल 1 हजार रुपये इन्वेस्ट किए. 5 साल बाद उस एनएवी की वैल्यू 30 रुपये हो गई तो उसे एक एनएवी पर 20 रुपये का फायदा हुए. यानी अब उसे कुल फायदा 2 हजार रुपये का हुआ.