एसएंडपी 500

अमेरिकी शेयर मार्केट 2 साल के निचले स्तर पर: नैस्डैक और S&P-500 में मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट, बिटकॉइन 2.62 लाख रुपए घटा
कोरोना की वजह से अमेरिकी शेयर मार्केट में लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट दर्ज की गई है। नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स और एसएंडपी 500 (दोनों अमेरिकी स्टॉक मार्केट इंडेक्स हैं) के लिए यह मार्च 2020 के बाद सबसे खराब सप्ताह था। शुक्रवार को नैस्डैक में 2.7% टूटा आई, वहीं S&P 500 में 1.89% की गिराटव दर्ज की गई। इस हफ्ते नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स में 7.55% और S&P 500 में 5.7% गिरावट आई है।
साल के शुरुआती वक्त में निवेशक जोखिम नहीं उठाना चाह रहे हैं। वहीं, अमेरिकी फेडरल रिजर्व मुद्रास्फीति से निपटने के लिए इस साल कई बार ब्याज दरें बढ़ा सकता है, इस वजह से भी मार्केट पर असर पड़ रहा है।
भारतीय बाजार पर भी दिखेगा इसका असर
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि अमेरिकी शेयर मार्केट में गिरावट का असर भारत में भी देखने को मिलेगा। इसी के चलते आने वाले दिनों में NSE और BSE में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। अनुज गुप्ता के अनुसार अमेरिकी शेयर मार्केट में गिरावट के कारण दूसरे देशों के शेयर बाजार में भी दबाव देखने को मिल रहा है।
ब्याज दर के डर से सहमे निवेशक
पिछले हफ्ते फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने तेज से बढ़ती मुद्रास्फीति को देश के आर्थिक सुधार के लिए गंभीर खतरा बताया था। जिसके बाद निवेशकों लग रहा है कि फेडरल रिजर्व इस साल मुद्रास्फीति से निपटने के लिए कई बार ब्याज दरें बढ़ाएगा। इस वजह से भी मार्केट प्रभावित हुआ है।
बिटकॉइन की कीमत भी 2.50 लाख घटी
शेयर मार्केट के साथ साथ क्रिप्टो करेंसी के मार्केट में भी भारी उथल पुथल मची है। सबसे चर्चित क्रिप्टो बिटकॉइन की कीमत में आज रात 3.40 तक 8.69% कमी आई है। बिटकॉइन की कीमत 2.62 लाख रुपए की गिरावट आई है। फिलहाल एक बिटकॉइन की कीमत 27. 64 लाख रुपए पहुंच गई, जो कि 6 महीने पहले 33.73 लाख रुपए थी।
कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट
शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट आई है। RCB कैपिटल मार्केट्स के एक्पर्ट्स के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें 0.55% गिरकर 87.89 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। अमेरिका के साथ साथ यूरोप में STOXX Europe 600 1.8% गिर गया। इसके अलावा चीन के शंघाई कंपोजिट इंडेक्स और जापान का निक्केई में भी गिरावट दर्ज की गई।
भारतीय शेयर मार्केट में भी लगातार चौथे दिन गिरावट रही। शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 427 पॉइंट्स (0.72%) गिर कर 59,037 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 140 अंक (0.79%) गिरकर 17,617 पर बंद हुआ। हालांकि सुबह के सत्र में सेंसेक्स 700 अंकों से ज्यादा टूट गया था।
डॉव जोन्स एसएंडपी 500 इंडेक्स एक अस्थिर सप्ताह के बाद बढ़ गया
बाजार के लोगों के अनुसार, हाल ही में क्रिप्टो ट्रेडिंग की दुनिया में मार्जिन कॉलों की झड़ी लग गई है। ऐसे मामलों में, निवेशकों को अपने ऋणों पर संपार्श्विक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अक्सर तरल संपत्ति बेचनी पड़ती है।
एक मार्जिन कॉल ऋणदाता से ऋण वापस करने के लिए उधारकर्ता से अधिक संपार्श्विक के लिए अनुरोध है। वे आमतौर पर तब होते हैं जब मूल गारंटी का मूल्य एक निश्चित सीमा से कम हो जाता है। इस मामले में, उधारकर्ता को अक्सर नई संपार्श्विक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुछ अन्य संपत्ति बेचनी पड़ती है, या ऋण का परिसमापन होता है।
यह एक कारण है कि बिटकॉइन और ईथर जैसी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी पर हाल ही में इतना दबाव रहा है: वे सबसे अधिक तरल हैं और जल्दी से बेचने में सबसे आसान हैं। डॉव जोंस बाजार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 दिनों में बिटकॉइन 34% गिरा है। उस अवधि में ईथर 41% नीचे है।
हाई-फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग फर्म डेक्सटेरिटी कैपिटल के सह-संस्थापक माइकल सवाई ने कहा, “बड़े पैमाने पर, प्रत्येक क्रिप्टो ऋणदाता अपनी तरलता में सुधार कर रहा है।” “मैं किसी को नहीं जानता जो ऐसा नहीं करेगा।”
टीथर होल्डिंग्स लिमिटेड कंपनी, जो स्थिर मुद्रा जारी करती है और बनाए रखती है, ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
निवेश पर चाहिए ज्यादा रिटर्न तो इस स्कीम में लगाएं पैसा, 1 साल में मिला 75 फीसदी तक रिटर्न, 26 नवंबर तक है मौका
Mutual Funds: S&P BSE 500 ETF फंड ऑफ फंड्स के लिए नया फंड ऑफर 12 नवंबर को लॉन्च किया गया था और यह 26 नवंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी
Updated on: Nov 17, 2021 | 6:14 AM
अगर आप अपने निवेश पर फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो आप म्यूचुअल फंड की ‘फंड ऑफ फंड्स’ (Funds of Fund) कैटेगरी में निवेश कर सकते हैं. एसेट मैनेजमेंट कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड (ICICI Prudential Mutual Fund ) ने एक ओपन-एंडेड फंड ऑफ फंड (FoF) स्कीम शुरू की है जो आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसएंडपी बीएसई 500 ईटीएफ (ICICI Prudential SP BSE 500 ETF) यूनिट्स में निवेश करती है. यह एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) SP BSE 500 इंडेक्स को ट्रैक करेगा जिसमें प्रमुख इंडियन सेक्टर्स और थीम्स का प्रतिनिधित्व करने वाले 500 स्टॉक शामिल हैं.
आपको बता दें कि फंड ऑफ फंड्स म्यूचुअल फंड की ऐसी स्कीम हैं जो दूसरी म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश करती हैं. फंड ऑफ फंड्स में कंपनी के शेयर या बॉन्ड नहीं होते हैं, फंड ऑफ फंड्स अन्य स्कीम्स की यूनिट होल्ड करते हैं.
26 नवंबर तक कर सकते हैं निवेश
SP BSE 500 ETF फंड ऑफ फंड्स के लिए नया फंड ऑफर 12 नवंबर को लॉन्च किया गया था और यह 26 नवंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा. इस योजना का प्रबंधन कायजाद एग्लीम और निशित पटेल करेंगे.
एक साल में दिए 75 फीसदी तक रिटर्न
फंड्स ऑफ फंड ने निवेशकों फिक्स्ड डिपॉजिट से कई गुना ज्यादा रिटर्न दिए हैं. इसमें एक साल में 75 फीसदी तक रिटर्न मिला है. ICICI प्रूडेंशियल इंडिया थीमेटिक एडवांटेज फंड ने एक साल में 74.48 फीसदी रिटर्न दिया है. वहीं निप्पॉन इंडिय जूनियर एसएंडपी 500 BeES FoF ने 53 फीसदी, ICICI प्रूडेंशियल इंडिया इक्विटी FoF ने 71.36 फीसदी, क्वांटम इक्विटी फंड ऑफ फंड्स ने 48.89 फीसदी एसएंडपी 500 तक रिटर्न दिए हैं.
इन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प
एसएंडपी बीएसई 500 ईटीएफ एफओएफ उन निवेशकों के लिए एक अवसर प्रदान करता है जो बाजार पूंजीकरण में अपने पोर्टफोलियो में व्यापक परिसंपत्ति आवंटन की तलाश कर रहे हैं.
फंड हाउस के अनुसार, एसएंडपी बीएसई 500 इंडेक्स को भारतीय बाजार का व्यापक प्रतिनिधित्व करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. बीएसई में लिस्टेड टॉप 500 कंपनियों से मिलकर, इंडेक्स भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख उद्योगों को कवर करता है.
फंड हाउस का कहना है कि SP BSE 500 टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) ने 2021 तक SP BSE 200 TRI और SP BSE सेंसेक्स TRI को 10 में से छह बार मात दी है.
मिनिमम 1000 रुपये से करें निवेश
एनएफओ अवधि के दौरान आवश्यक न्यूनतम निवेश 1,000 रुपये है और उसके बाद 1 रुपये के गुणकों में निवेश किया जा सकता है. ईटीएफ जिसे ICICI Prudential SP BSE 500 कहा जाता है, मई 2018 में लॉन्च किया गया था और इसमें 67 करोड़ रुपये के एसेट अंडर मैनेजमेंट है.
SIP के जरिए करें निवेश
म्यूचुअल फंड में एक साथ पैसा लगाने की बजाए सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP द्वारा निवेश करना बेहतर है. SIP के जरिए आप हर महीने एक फिक्स्ड रकम इसमें लगाते हैं. इससे रिस्क और कम हो जाता है क्योंकि इस पर बाजार के उतार चढ़ाव का ज्यादा असर नहीं पड़ता.
एसएंडपी बीएसई 500 इंडेक्स की टॉप पांच होल्डिंग्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (7.02%), HDFC बैंक लिमिटेड (6.09%), इंफोसिस लिमिटेड (5.44%) और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड (4.82%) हैं.
2008 की आर्थिक मंदी की सटीक भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री ने कही-ये भौचक करने वाली बात
Business News: रूबिनी, जिन्होंने बाजारों के जरिए से चेतावनी दी है कि वैश्विक कर्ज लेवल शेयरों को नीचे खींच लेंगे। उन्होंने कहा कि बिना हार्ड लैंडिंग के 2 प्रतिशत मुद्रास्फीति एसएंडपी 500 दर हासिल करना फेडरल रिजर्व के लिए मिशन असंभव होने जा रहा है।
Roubini-Macro: अर्थशास्त्री नूरील रूबिनी (Photo- Facebook/ https://www.facebook.com/Prognosis-109963571864218/)
2008 के वित्तीय संकट की सही भविष्यवाणी अर्थशास्त्री नूरील रूबिनी ने किया था। अब उन्होंने अमेरिका और विश्व स्तर पर 2022 के अंत में एक लंबी आर्थिक मंदी को लेकर चौंकाने वाली बात कही हैं। उनके अनुसार ये मंदी साल 2023 तक चल सकती है। रूबिनी मैक्रो एसोसिएट्स के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूबिनी ने सोमवार (19 सितंबर) को एक साक्षात्कार में कहा, “यहां तक कि एक सादे वेनिला मंदी में भी एसएंडपी 500 तीस प्रतिशत तक गिर सकता है।”
अर्थशास्त्री रूबिनी ने कहा कि अमेरिका में मंदी आने की उम्मीद करने वालों को निगमों और सरकारों के बड़े कर्ज अनुपात को देखना चाहिए। जैसे-जैसे दरें बढ़ती हैं और कर्ज चुकाने की लागत बढ़ती है। उन्होंने कहा, “कई ज़ोंबी संस्थान, ज़ोंबी घर, कॉरपोरेट, बैंक, छाया बैंक और ज़ोंबी देश खत्म वाले हैं।” रूबिनी, जिन्होंने बाजारों के जरिए से चेतावनी दी है कि वैश्विक कर्ज लेवल शेयरों को नीचे खींच लेंगे। उन्होंने कहा कि बिना हार्ड लैंडिंग के 2 प्रतिशत मुद्रास्फीति दर हासिल करना फेडरल रिजर्व के लिए मिशन असंभव होने जा रहा है। उन्हें मौजूदा बैठक में 75 आधार अंक और नवंबर और दिसंबर दोनों में 50 आधार अंकों की वृद्धि की उम्मीद है। इससे फेड फंड की दर साल के अंत तक 4 फीसदी से 4.25 फीसदी के बीच हो जाएगी।
फेड फंड की दर 4 फीसदी से 4.25 फीसदी के बीच होगी
इससे फेड फंड की दर साल के अंत तक 4 फीसदी से 4.25 फीसदी के बीच हो जाएगी। हालांकि, लगातार मुद्रास्फीति विशेष रूप से मजदूरी और सेवा क्षेत्र में इसका मतलब होगा कि फेड के पास शायद कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने कहा, “धन की दरें 5 प्रतिशत की ओर जा रही हैं। उसके ऊपर महामारी, रूस-यूक्रेन संघर्ष और चीन की शून्य कोविड सहिष्णुता नीति से आने वाले नकारात्मक आपूर्ति के झटके उच्च लागत और कम आर्थिक विकास लाएंगे।
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रूबिनी को क्या है उम्मीद?
रूबिनी को उम्मीद है कि आपूर्ति के झटके और वित्तीय संकट कितने गंभीर होंगे। वह इस बात पर निर्भर करती है कि अमेरिका और वैश्विक मंदी पूरे 2023 तक चलेगी। साल 2008 के आर्थिंक संकट के दौरान घरों और बैंकों के लिए सबसे कठिन दौर रहा। रूबिनी की नई किताब मेगाथ्रेट्स में उन्होंने 11 मध्यम अवधि के नकारात्मक आपूर्ति झटकों की पहचान की है, जो उत्पादन की लागत में वृद्धि करके संभावित विकास को कम करते हैं। इनमें वैश्वीकरण और संरक्षणवाद, चीन और एशिया से यूरोप और अमेरिका में विनिर्माण का स्थानांतरण, उन्नत अर्थव्यवस्थाओं और उभरते बाजारों में जनसंख्या की उम्र बढ़ने, प्रवास प्रतिबंध, अमेरिका और चीन के बीच विवाद, वैश्विक जलवायु परिवर्तन और महामारी शामिल हैं।
निवेशकों के लिए रुबिनी की सलाह
अर्थशास्त्री रूबिनी ने निवेशकों को सलाह दी है कि आपको इक्विटी पर हल्का होना चाहिए और अधिक नकदी होनी चाहिए। हालांकि मुद्रास्फीति से नकदी का खत्म होती है। इसका मूल्य नाममात्र का शून्य पर रहता है। जबकि इक्विटी और अन्य संपत्तियां 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 30 प्रतिशत तक गिर सकती हैं। फिक्स्ड इनकम में वह लंबी अवधि के बॉन्ड से दूर रहने और शॉर्ट टर्म ट्रेजरी या TIPS जैसे इन्फ्लेशन इंडेक्स बॉन्ड से इन्फ्लेशन प्रोटेक्शन जोड़ने की सलाह देते हैं।
ऐपल बनी ट्रिलियन डॉलर कंपनी, 500 गुना हो चुका है कंपनी के शेयरों का मूल्य
सैन फ्रांसिस्को। दिग्गज टेक्नोलॉजी फर्म एप्पल ट्रिलियन डॉलर कंपनी बन गई है। गुरुवार को कारोबार के दौरान अमेरिकी शेयर बाजार में एप्पल का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) एक लाख करोड़ डॉलर (करीब 69 लाख करोड़ रुपये) के स्तर को पार गया।
एप्पल इस स्तर को छूने वाली अमेरिका की पहली लिस्टेड कंपनी है। कंपनी ने मंगलवार को जून तिमाही के नतीजे जारी किए थे। तब से इसके मार्केट कैप में करीब नौ फीसद की वृद्धि एसएंडपी 500 हुई है। गुरुवार के कारोबार में एप्पल के शेयर 2.8 फीसद उछलकर 207.05 डॉलर के ऊंचे स्तर तक पहुंच गए।
एप्पल का बाजार मूल्यांकन एक्सन मोबिल, प्रोक्टर एंड गैंबल और एटीएंडटी के संयुक्त बाजार पूंजीकरण से भी ज्यादा हो गया है। इसका एम-कैप एसएंडपी-500 के चार फीसद के बराबर है।
दिसंबर, 1980 में कंपनी जिस मूल्य पर सूचीबद्ध हुई थी, उसकी तुलना में आज इसका शेयर मूल्य 500 गुना हो चुका है। लगभग चार दशक की इसी अवधि में एसएंडपी-500 में मात्र 20 गुना की वृद्धि हुई है।
कई देशों की अर्थव्यवस्था से भी बड़ा हुआ आकार
1976 में स्टीव जॉब्स के एक गैराज से शुरू हुई इस कंपनी का आकार आज पुर्तगाल और न्यूजीलैंड जैसे कई देशों की अर्थव्यवस्था से भी बड़ा हो गया है। जॉब्स ने 2007 में कंपनी के नाम से 'कंप्यूटर' शब्द हटाते हुए आइफोन लांच किया था। आइफोन की लांचिंग के बाद से कंपनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आइफोन की लांचिंग से ठीक पहले यानी 2006 में कंपनी की बिक्री 20 अरब डॉलर और मुनाफा दो अरब डॉलर रहा था। एक दशक बाद पिछले साल कंपनी की बिक्री 11 गुना होकर 229 अरब डॉलर और मुनाफा 48.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पिछले साल एप्पल अमेरिका की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी रही।
अमेजन और अल्फाबेट से मिलेगी चुनौती बाजार पूंजीकरण के मामले में इस समय एप्पल के सबसे ज्यादा करीब अमेजन डॉट कॉम है। इसका मार्केट कैप 880 अरब डॉलर के करीब है। गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट और माइक्रोसॉफ्ट के बाजार पूंजीकरण भी इसी के आसपास हैं।
एप्पल से पहले एक ट्रिलियन डॉलर का स्तर चीन की सरकारी कंपनी पेट्रो चाइना ने छुआ था। 2007 में शंघाई में लिस्टिंग के तुरंत बाद इसका बाजार मूल्यांकन 1.1 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया था। अभी इसका मार्केट कैप 200 अरब डॉलर के करीब है।