दिन के कारोबार के लिए एक परिचय

इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक का चुनाव कैसे करें

इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक का चुनाव कैसे करें
What is trading account in hindi

सीएनसी आदेश क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइसका मतलब है कि आप इस शेयर को खरीद कर कुछ दिनों या महीनों या सालों के लिए रखना चाहते हैं और आपको ये शेयर अपने डीमैट अकाउंट में चाहिए। CNC को चुन कर आप अपने ब्रोकर को अपनी ये इच्छा बताते हैं। अगर आप इंट्राडे ट्रेड (Intraday) करना चाहते हैं तो आप NRML या MIS चुनेंगे।

ज़ेरोधा में ट्रेडिंग कैसे करें?

ज़ेरोधा में ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करें? Zerodha Me Option Trading Kaise Kare

  • स्टॉक का नाम सर्च करें
  • मंथली सीरीज सेलेक्ट करें
  • प्राइस लेवल का चयन करें
  • कॉल और पुट ऑप्शन का चयन कर वॉचलिस्ट लिस्ट में ऐड करें
  • खरीदने/बेचने का आर्डर प्लेस करें
  • पोजीशन स्क्वायर ऑफ कर मुनाफा बुक करें

क्या Zerodha में विकल्प प्रीमियम है?

इसे सुनेंरोकेंआप किसी भी कीमत पर ऑप्शन एग्रीमेंट कर सकते हैं, बस आपको उससे जुड़ा प्रीमियम देना होगा। उदाहरण के तौर पर आप 340 के कॉल ऑप्शन को 4 रूपये 75 पैसे का प्रीमियम देकर ले सकते हैं। इसे ऊपर लाल रंग से दिखाया गया है। ये खरीदार को एक्सपायरी के अंत तक ITC का शेयर 340 रूपये पर खरीदने का विकल्प देगा।

शेयर कौन खरीदता है?

इसे सुनेंरोकेंअब एक सवाल आता है shares खरीदने का मतलब क्या है? जब कोई कंपनी खुद को NSE या BSE से रजिस्टर करके अपनी कंपनी में निवेश बढ़ने के लिए अपनी कंपनी के हिस्सों को बेचती है तब उस हिस्सेदारी को share कहा जाता है. जो भी व्यक्ति उस कंपनी के शेयर को खरीदता है वो उस कंपनी में उतने शेयर्स का हिस्सेदार बन जाता है.

ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंTrading Kya Hai? ट्रेडिंग का मतलब होता है किसी भी वास्तु या सेवा को कम दाम में खरीदना और फिर उस वास्तु या सेवा का दाम बढ़ जाने पर उसे बेच देना . ट्रेडिंग का मुख्य मकसद किसी भी वास्तु या सेवा को खरीद कर कम समय में लाभ कमाना होता है .

इसे सुनेंरोकेंयह लंबी अवधि के निवेश के लिए होता है, जहां आप अपने डीमैट खाते में विशेष स्टॉक को लंबे समय के लिए रखे बिना प्रोडक्ट कोड CNC का उपयोग कर नहीं बेच पाएंगे। CNC सिर्फ एक प्रोडक्ट कोड है यदि आप एक इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक का चुनाव कैसे करें ही दिन शेयर खरीदने और बेचने के लिए CNC उपयोग करते है,तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए एक ऑर्डर माना जाएगा।

इसे सुनेंरोकेंकैश एंड कैरी (CNC) का इस्तेमाल इक्विटी में डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग के लिए किया जाता है। डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग में,स्टॉक को आप जितनी दिन तक चाहें, उसे होल्ड कर सकतें हैं। अगर आप CNC प्रोडक्ट कोड का इस्तेमाल करते है, तब आपको कोई लीवरेज नहीं मिलेगा,और न ही आपकी पोजीशन को ऑटो स्क्वायर ऑफ किया जायेगा।

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे सीखें?

इसे सुनेंरोकेंऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए आप कई तरह के ऐप, शेयर मार्केट से जुड़े यू-ट्यूब चैनल और पॉडकास्ट की मदद ले सकते हैं। वहीं ऑफलाइन विकल्प के लिए आप इंट्राडे ट्रेडिंग की कुछ बेहतरीन हिंदी किताबों की मदद ले सकते हैं जिसकी सूची दी गई गई है। यदि आपके पास वक्त की कमी नहीं है तो आप इसके लिए कोई भी जा सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे?

इसे सुनेंरोकेंस्विंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको एक स्ट्रेटेजी बनानी होगी कि आप किस कंपनी के शेयर खरीदेंगे और कितने दिन तक के लिए ट्रेडिंग करेंगे . तो सबसे पहले स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर को चुनने कि स्ट्रेटेजी बनाना सीखते है ताकि हम आसानी से स्विंग ट्रेडिंग करना सीख सके.

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?

इसे सुनेंरोकेंध्यान देने वाली बातें (व्हाट इस स्विंग ट्रेडिंग) स्टॉक का चुनाव nifty 50 य nifty bank से करे । हाई वॉल्यूम और ज्यादा उथल – पुथल वाला स्टॉक को ही चुने । ऐसे स्टॉक चुने जो पिछले कुछ सालो में बढ़िया परफॉर्म कर रही हो । चार्ट को सिंपल रखें ज्यादा इंडिकेटर का इस्तेमाल नहीं करे ।

इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक का चुनाव कैसे करें

अनुभवी प्रोफेशनल्स के लिए भी ऑनलाइन ट्रेडिंग भ्रमित करने वाली हो सकती है. इसलिए सफल होने के लिए सही मार्गदर्शन जरूरी है. हालांकि, सोशल मीडिया की ताकत ने जानकारी, टिप्स और ट्रिक्स को इकट्ठा करना और भी आसान बना दिया है. आज, ब्रोकर्स और ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म सहित कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हैं.

Written by Web Desk Team | Published :September 1, 2022 , 7:46 am IST

अनुभवी प्रोफेशनल्स के लिए भी ऑनलाइन ट्रेडिंग भ्रमित करने वाली हो सकती है. इसलिए सफल होने के लिए सही मार्गदर्शन जरूरी है. हालांकि, सोशल मीडिया की ताकत ने जानकारी, टिप्स और ट्रिक्स को इकट्ठा करना और भी आसान बना दिया है. आज, ब्रोकर्स और ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म सहित कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म हैं. इतने सारे उपलब्ध विकल्पों के साथ, सबसे विश्वसनीय और भरोसेमंद सोर्स का निर्धारण करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. लेकिन 5paisa इस मामले में आपकी मदद कर सकता है.

5paisa एक अंब्रेला प्लेटफॉर्म है जो इक्विटी ट्रेडिंग, म्यूचुअल फंड निवेश, बीमा, रिसर्च प्रोडक्ट, कमोडिटी और करेंसी ट्रेडिंग, डिजिटल गोल्ड निवेश, रोबो एडवाइजरी और पर्सनल लोन सहित सभी प्रकार की वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है.

ये प्लेटफॉर्म भारत का पहली पब्लिकली लिस्टेड ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी है. ये टॉप 10 डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्मों की रैंकिंग में शामिल है और यह वर्तमान में सबसे तेजी से बढ़ने वाला डिस्काउंट ब्रोकर है. फर्म को देश की लीडिंग डायवर्सिफाइड फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी इंडिया इंफोलाइन लिमिटेड (IIFL) का समर्थन है.

5पैसा प्लेटफॉर्म पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिसका अर्थ है कि किसी भी कागजी कार्रवाई का झंझट नहीं है. उपयोगकर्ता 0% ब्रोकरेज पर 20 रुपए की फ्लैट दर पर डीमैट खोल सकते हैं, और 2100 रुपए के लाभ प्राप्त कर सकते हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बेस्ट-इन-क्लास ट्रेडिंग एक्सपीरियंस प्रदान करता है. इसलिए, इसके 450,000 ग्राहक और 35 लाख से अधिक ऐप यूजर है, जिससे 30,000 करोड़ से अधिक का डेली टर्नओवर होता है.

इतने विशाल बाजार में ये ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म इतना लोकप्रिय क्यों बना? आइए जानते हैं –

5paisa के साथ, यूजर्स को स्टॉक, डेरिवेटिव, कमोडिटीज, करेंसी, म्यूचुअल फंड, आईपीओ और यहां तक कि यूएस स्टॉक मार्केट में निवेश करने का मौका मिलता है. 5पैसा की कुछ प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं-
•इंडस्ट्री एक्सपर्ट के सुझावों के आधार पर इंटेलिजेंट पोर्टफोलियो
•सही समय पर एक्शन के लिए इंट्राडे, शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग के लिए टाइमली सुझाव
•4000 से ज्यादा शेयरों की फंडामेंटल और इन-डेप्थ रिसर्च
•फिनस्कूल के साथ अपने ट्रेडिंग गेम को लेवल करने का मौका
•ड्राइंग टूल और पावरफुल चार्ट की एक वाइड रेंज
•ऑप्शन्स ट्रेडिंग में सहायता के लिए स्मार्ट टूल्स

5पैसा का ऑफिशियल मोबाइल ट्रेडिंग ऐप सभी सेगमेंट में ट्रेडिंग ऑफर करता है, जैसे-
•इक्विटी कैश ट्रेडिंग (डिलीवरी)
•इक्विटी डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग (F&O)
•करेंसी डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग (F&O)

इसके अलावा, 5पैसा प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स के लिए एक और उपयोगी रिसोर्स प्रदान करता है – इसके ब्लॉग. ब्लॉग ट्रेडिंग, अकाउंट खोलने, आईपीओ, 5पैसा वेल्थ फीचर, फंड ट्रांसफर, पीक मार्जिन आवश्यकता, अंतरराष्ट्रीय निवेश और अन्य चीजों पर फोकस करते हैं. यह वित्तीय सेवाओं में रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक का चुनाव कैसे करें नॉलेज बेस के रूप में काम करता है.

तो अब जब आप प्लेटफॉर्म के बारे में जान गए हैं, तो आइए समझते हैं कि इसका उपयोग कैसे करना है.

5paisa प्लेटफॉर्म को इसकी आधिकारिक वेबसाइट 5paisa.com या 5paisa ऐप के जरिए एक्सेस किया जा सकता है. 5पैसा ऐप आईफोन और एंड्रॉयड फोन के लिए उपलब्ध है, जिससे यूजर्स चलते-फिरते ट्रेड कर सकते हैं.

5paisa ऐप का उपयोग कैसे करें?

1.एंड्रॉइड यूजर्स प्ले स्टोर से और iOS यूजर्स एपल स्टोर से ऐप डाउनलोड करें
2.अपनी कस्टमर आईडी और इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक का चुनाव कैसे करें पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करें
3.अपने बैंक खाते से अपने ट्रेडिंग खाते में फंड ट्रांसफर करने के लिए ‘पे-इन’ बटन का उपयोग करें
4.स्टॉक या म्यूचुअल फंड सर्च करें
5.बाय या सेल ऑर्डर प्लेस करें

यह पार्क में टहलने जैसा लग रहा था, है ना? और जब आप इसे पढ़ रहे हैं, हम जानते हैं कि आप ऑनलाइन ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं. उस स्थिति में, 5पैसा ऐप चेकआउट करें – यह एक ऐसा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसे आप मिस नहीं करना चाहेंगे.

आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? कैसे करें ऑनलाइन ट्रेडिंग

What is trading account in hindi

What is trading account in hindi

  • ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट
  • Trading Account ऐसे करता है काम
  • ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है: शेयर बाजार में निवेश करने या फिर ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है।

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से यही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है। इसमें ट्रेडर अपने Buy या Sell करने के आर्डर को ब्रोकर को कॉल करके बता देता है। या फिर ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से खुद ही अपना आर्डर करता है।

ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग में ट्रेडर्स ब्रोकर के माध्यम से ही शेयर को खरीदता और बेचता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में ट्रेडर ब्रोकर की वेबसाइट की सुविधा के द्वारा इस प्रक्रिया को करता है। इसके लिए ट्रेडर को KYC और ट्रेडर का रजिस्ट्रेशन का फॉर्म भरना होता है। इसके बाद ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग का अकाउंट खुल जाता है। इसके बाद ब्रोकर अपने ग्राहक को एक यूजर आईडी और पासवर्ड देता है। इसको डाल कर ट्रेडर लॉगिन करके शेयर को खरीद या बेच सकता है। ट्रेडिंग एकाउंट को डीमैट अकाउंट से जोड़ दिया जाता है जिससे शेयर खरीदे जाने पर वह डीमैट अकाउंट में चला जाता है।

ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट

ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद आसान प्रक्रिया है। इसके लिए ब्रोकर की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है। –

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What is New Margin Rule of SEBI in HINDI

  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • नॉमिनी की फोटो
  • एड्रेस प्रूफ जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी,
  • कैंसिल चेक और लेटेस्ट बैंक स्टेटमेंट
  • डीमैट अकाउंट की डिटेल

Trading Account ऐसे करता है काम –

ट्रेडिंग अकाउंट में सबसे पहले निवेशक इसी ट्रेडिंग एकाउंट में पैसा जमा करता है उसके बाद जिस शेयर को खरीदना या बेचना है उसके दाम को चेक करता है और आर्डर करता है। यह आर्डर स्टॉक एक्सचेंज के पास जाता है। इस ऑर्डर को काउंटर ऑर्डर मिल जाने के बाद यह एग्जीक्यूट (Execute) हो जाता है। इस दौरान पैसे पर लगने वाले टैक्स या फिर चार्ज ट्रेडिंग अकाउंट से ही काटे जाते हैं। इसके बाद शेयर 2 दिन में डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं। लेकिन यदि शेयर को बेचने का ऑर्डर किया गया रहता है तो शेयर का पैसा टैक्स और ब्रोकरेज कट होने के बाद ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाता है।

ट्रेडिंग अकाउंट होने से ऑनलाइन चैटिंग की सुविधा आसान हो जाती है शेयर को खरीद कर पैसे कटाना और बेचने पर पैसे जमा होना, यह सारी प्रक्रिया अपने आप ऑटोमेटिक होती है। इसके लिए किसी लिखित पेपर या कॉल की जरूरत नहीं पड़ती है। ऑर्डर बहुत जल्दी ही पूरा हो जाता है। मोबाइल के द्वारा भी किसी भी जगह से शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?

ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले एक ट्रेडिंग का चयन करना होगा। जिसके साथ अपना ट्रेडिंग डिमैट अकाउंट ओपन करना होता है। शेयर मार्केट में कई प्रकार की ट्रेडिंग होती है। इसके इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विप ट्रेडिंग, पोजीशनल ट्रेडिंग आदि है। इनमें से किसी भी ट्रेडिंग का चुनाव करके ट्रेडिंग की जा सकती है।

ट्रेडिंग स्टाइल के चयन के बाद ट्रेडिंग प्लस और मनी मैनेजमेंट की बारी आती है। इसमें ट्रेडिंग प्लस में कौन सा शेयर खरीदना है और कब खरीदना है जैसी बातें शामिल होती है।

वही मनी मैनेजमेंट में कितने रुपए का निवेश करना है टारगेट क्या होगा?, ऐसी बातों का ध्यान दिया जाता है।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक का चुनाव कैसे करें को दो भागों में बांटते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग

इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को एक ही दिन में खरीद कर उसे बेचना होता है। इसमें शेयर को वास्तविकता में नहीं खरीदा जाता बल्कि ब्रोकर को कुछ मार्जिन देखा शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव जब आता है तो उसका फायदा उठाया जाता है। डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग में शेयर को वास्तव में खरीदा जाता है और जितने भी शेयर लिए जाते है, उनका पूरा पैसा चुकाना होता है। डिलीवरी बेस्ट ट्रेडिंग में आप शेयर को जब तक चाहे अपने पास रख सकते हैं।

Stocks चुनने से लेकर इससे होने वाले फायदे यहां जानिए

Stocks चुनने से लेकर इससे होने वाले फायदे यहां जानिए

यह शेयर बाजार खुलने से लेकर बंद होने की बीच की गई शेयर की खरीदी बिक्री की प्रक्रिया होती है . यहां पैसा लगाने वाले निवेशकों का मुख्य उद्देश्य लंबे समय तक शेयर को होल्ड करना नहीं बल्कि उसी दिन बाजार बंद होने के पहले बेचकर फायदा कमाना होता है .

इन बातों का रखे ध्यान

इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय ध्यान रखने वाली सबसे जरूरी बात इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए संबंधित ऑर्डर ठीक ढंग से तैयार करना होता है . यदि कोई ऐसा करने में विफल रहता है, तो उनका ब्रोकर आपकी स्थिति को चौपट कर सकता है यदि आप स्वयं से ट्रेडिंग कर रहे हैं तो हानि उठा सकते हैं .

चाहे कोई आदमी अनुभवी हो या नया निवेशक, उसे इंट्राडे ट्रेडिंग में एक साथ होने वाली कई घटनाओं पर नजर रखना पड़ता है . इसलिए हिंदुस्तान में इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय रुझानों और संकेतकों पर नज़र रखने से बहुत सहायता मिल सकती है . यहां कुछ संकेतक दिए गए हैं, जिन पर दिन के कारोबार के दौरान विचार किया जा सकता है, जो अच्छी इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉक का चुनाव कैसे करें कमाई में सहायता कर सकते हैं .

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ

  • नियमित आय अर्जित करने का मौका
  • कम कमीशन शुल्क
  • अधिक लाभ
  • लिक्विडिटी
  • बाजार में उतार-चढ़ाव के माध्यम से पूंजीगत लाभ

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें यह समझने के लिए निवेश करते समय सर्वोत्तम इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक की पहचान करना आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें अपेक्षाकृत अधिक जोखिम होता है . ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो . जिन शेयरों की लिक्विडिटी अधिक होती है, उन्हें आदमी सरलता से जब चाहे बाजार खुले रहने तक सेल कर सकता है . यदि आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप उसे किसको बेचेंगे, ऐसे में आपको हानि उठाना पड़ जाएगा .

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