बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन

हफ्ते भर में 130 करोड़ Shiba Inu बर्न, इसका ये हो सकता है असर
दुनिया World में जहां एक तरफ क्रिप्टोकरेंसी Cryptocurrency का चलन बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ Shiba Inu टोकन की बर्निंग थमने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन करोड़ों SHIB टोकन को बर्न किया जा रहा है। इस टोकन की बर्निंग Token burning के लिए SHIB प्रोजेक्ट ने Ryoshi Vision के साथ मिलकर Shiba Inu बर्न पोर्टल लॉन्च किया था, जिसके जरिए टोकन बर्न करने वाले होल्डर्स को रिवॉर्ड Reward to holders देने का वादा भी किया गया था।
वहीं, इसमें कम्युनिटी ने रिवॉर्ड मिलने में देरी की शिकायत भी की है। इसके बाद भी टोकन की बर्निंग में कमी नहीं आई है। बर्निंग एक्टिविटी Burning activity पर नजर रखने वाले एक ट्रैकर का दावा है कि सात बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन दिनों के भीतर 1.13 बिलियन यानी 130 करोड़ SHIB टोकन बर्न किए गए हैं। Shibburn ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया है कि शीबा इनु होल्डर्स द्वारा 130 करोड़ टोकन को बर्न कर दिया गया है।
टोकन बर्निंग का मतलब यह है कि इन टोकन को मुख्य सर्कुलेटिंग सप्लाई Main circulating supply से स्थाई रूप से बाहर कर दिया जाता है। बर्निंग का असर लंबे समय में टोकन की कीमत Token price पर सकारात्मक असर के रूप में देखा जाता है। यदि आप सोच रहे हैं कि 130 करोड़ टोकन बहुत ज्यादा है, तो बता दें कि ये SHIB की 550 लाख करोड़ की कुल सर्कुलेटिंग सप्लाई का मात्र 0.0002 फीलदी है।
मौजूदा वक्त में Shiba Inu टोकन 0.000998 रुपए में ट्रेड हो रहा है। यदि 130 करोड़ शीबा इनु टोकन की बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन वैल्यू Token value वर्तमान कीमत के हिसाब से करीब 12 लाख रुपए होती है।
हफ्ते भर में 130 करोड़ Shiba Inu बर्न, इसका ये हो सकता है असर
दुनिया World में जहां एक तरफ क्रिप्टोकरेंसी Cryptocurrency का चलन बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ Shiba Inu टोकन की बर्निंग थमने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन करोड़ों SHIB टोकन को बर्न किया जा रहा है। इस टोकन की बर्निंग Token burning के लिए SHIB प्रोजेक्ट ने Ryoshi Vision के साथ मिलकर Shiba Inu बर्न पोर्टल लॉन्च किया था, जिसके जरिए टोकन बर्न करने वाले होल्डर्स को रिवॉर्ड Reward to holders देने का वादा भी किया गया था।
वहीं, इसमें कम्युनिटी ने रिवॉर्ड मिलने में देरी की शिकायत भी की है। इसके बाद भी टोकन की बर्निंग में कमी नहीं आई है। बर्निंग एक्टिविटी Burning activity पर नजर रखने वाले एक ट्रैकर का दावा है कि सात दिनों के भीतर 1.13 बिलियन यानी 130 करोड़ SHIB टोकन बर्न किए गए हैं। Shibburn ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया है कि शीबा इनु होल्डर्स द्वारा 130 करोड़ टोकन को बर्न कर दिया गया है।
टोकन बर्निंग का मतलब यह है कि इन टोकन को मुख्य सर्कुलेटिंग सप्लाई Main circulating supply से स्थाई रूप से बाहर कर दिया जाता है। बर्निंग का असर लंबे समय में टोकन की कीमत Token price पर सकारात्मक असर के रूप में देखा जाता है। यदि आप सोच रहे हैं कि 130 करोड़ टोकन बहुत ज्यादा है, तो बता दें कि ये SHIB की 550 लाख करोड़ की कुल सर्कुलेटिंग सप्लाई का मात्र 0.0002 फीलदी है।
मौजूदा वक्त में Shiba Inu टोकन 0.000998 रुपए में ट्रेड हो रहा है। यदि 130 करोड़ शीबा इनु टोकन की वैल्यू Token value वर्तमान कीमत के हिसाब से करीब 12 लाख रुपए होती है।
Cryptocurrency पर सरकार विचार करने को तैयार, बिल भी लाने की है बात
Cryptocurrency in India: क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है. इस करेंसी में कोडिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है.
सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कुछ और कानून बनाने पर विचार कर रही है. (रॉयटर्स)
Cryptocurrency in India: दुनिया के कई देशों में अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) चलन में हैं. इनमें बिटकॉइन का नाम काफी पॉपुलर है. ठीक इसी तरह की एक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अब भारत में भी चर्चा हो रही है. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा है कि सरकार प्रशासन में सुधार के लिए क्रिप्टोकरेंसी सहित नई टेक्नोलॉजी पर विचार करने को तैयार है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने उद्यमियों के संगठन ईओ पंजाब की बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद प्रशासन के विभिन्न पहलुओं बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन में टेक्नोलॉजी को अपनाने के मजबूत समर्थक हैं.
इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी का स्वागत (Innovation and new technology welcome)
खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि हम इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी का स्वागत करते हैं. ब्लॉकचेन एक नई उभरती हुई तकनीक है. क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल करेंसी (Virtual currency) का एक रूप है. मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें हमेशा खुले दिमाग से नए विचारों का मूल्यांकन, खोज और प्रोत्साहन करना चाहिए. इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा था कि सरकार अभी भी क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी राय तैयार कर रही है.
सरकार बिल भी ला सकती है (The government can also bring the bill)
इससे पहले पिछले दिनों खबर आई कि क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बिल ला सकती है. इस बारे में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने ही जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि सरकार का मानना बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन है कि देश में क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) के लिए पर्याप्त कानून नहीं है. ऐसे में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कुछ और कानून बनाने पर विचार कर रही है.
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी (What is cryptocurrency)
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है. इस करेंसी में कोडिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है. इसके जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है.
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एक गलती और लोगों के खातों में पहुंची 650 करोड़ की Cryptocurrency, जानें फिर क्या हुआ?
लंदन। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बेचने वाली एक कंपनी से ऐसी गलती हो गई कि अब उसके CEO को लोगों से अपील (Appeal to the people to the CEO) करनी पड़ रही है. दरअसल, कंपनी ने गलती से कई यूजर्स के खातों में लगभग 90 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी(90 million dollar cryptocurrency) भेज दी और अब उसकी वापसी के लिए लोगों से अनुरोध किया जा रहा है. बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी(cryptocurrency) का बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन उपयोग तेजी से बढ़ रहा है. खासतौर पर कोरोना (Corona) काल में निवेश के नए विकल्प के रूप में लोगों ने इसमें जमकर पैसा लगाया है.
खबरों के अनुसार, मशहूर क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म(cryptocurrency platform) कंपाउंड (Compound) ने हाल ही में बताया कि एक बग ने यूजर्स को गलती से लगभग 90 मिलियन डॉलर (लगभग 650 करोड़ रुपये) बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन की क्रिप्टोकरेंसी भेज दी. जिसे वापस लेने के लिए कंपनी के सीईओ ने यूजर्स से अनुरोध किया है. यह सब तब हुआ जब बिना इन्वेस्ट किए ही यूजर्स के खाते में ये क्रिप्टोकरेंसी पहुंच गई.
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कंपनी के सीओ रॉबर्ट लेशनर ने अपने ट्वीट में कहा है कि यदि आपको कंपाउंड प्रोटोकॉल त्रुटि से एक बड़ी, गलत राशि प्राप्त हुई है तो कृपया इसे कंपाउंड टाइमलॉक पर वापस कर दें. इसके साथ ही उन्होंने लोगों को रेवेन्यू सर्विस को रिपोर्ट करने की चेतावनी भी दी है. बताया जा रहा है कि डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस प्लेटफॉर्म ‘कंपाउंड’ में अपडेट के बीच एक तकनीकी गलती की वजह से उसके कई यूजर्स को गलती से क्रिप्टोकरेंसी भेज दी गई.
पिछले कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी का चलन काफी तेजी से बढ़ा है. भारत में भी इनमें निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है. करीब तीन साल पहले रिजर्व बैंक ने बिटकॉइन, एथेरियम, डॉगकॉइन जैसी तमाम क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया, जिसके बाद इसमें निवेश में इजाफा हुआ. बताया जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी में जमकर हो रहे निवेश को देखते हुए अब इस पर कई चरणों में टैक्स लगाने की तैयारी हो रही है. बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिससे सिर्फ ऑनलाइन लेनदेन किया जा सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी पर संकट: एलन मस्क के एक ट्विट से 17% टूटा बिटकॉइन, 2 घंटे में ही 6.71 लाख रुपए कम हुई एक यूनिट की कीमत
इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को बड़ा झटका दिया है। मस्क ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि पर्यावरण चिंताओं को देखते हुए टेस्ला बिटकॉइन में भुगतान स्वीकार नहीं करेगी। मस्क के इस ट्विट के बाद बिटकॉइन की कीमतों में 17% की गिरावट आ गई है।
1 मार्च के निचले स्तर पर पहुंची कीमत
बिटकॉइन दुनिया की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है। एलन मस्क के ट्विट के बाद दो घंटे में ही बिटकॉइन की कीमत 54,819 डॉलर प्रति यूनिट से घटकर 45,700 डॉलर प्रति यूनिट तक आ गई थी। यह मार्च के बाद बिटकॉइन का सबसे निचला स्तर है। भारतीय रुपयों में बिटकॉइन की कीमतों में दो घंटे में 6.71 लाख रुपए प्रति यूनिट की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, बाद में इसकी कीमतों में तेजी देखी गई। खबर लिखे जाते समय बिटकॉइन 50,955 डॉलर प्रति यूनिट पर कारोबार कर ही थी।
मस्क ने सोशल मीडिया पोस्ट में क्या कहा?
मस्क ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा,'' हम बिटकॉइन की माइनिंग और ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल होने वाल फॉसिल बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन ऑयल के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर चिंतित हैं। खासतौर पर कोयले के इस्तेमाल को लेकर, जो किसी भी फ्यूल के मुकाबले सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाता है।'' मस्क का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी कई स्तर पर एक अच्छा आइडिया है। हम भरोसा है कि यह भविष्य का वादा करता है लेकिन यह पर्यावरण की बड़ी कीमत पर नहीं आ सकता है।
टेस्ला ने इसी साल बिटकॉइन खरीदी थी
टेस्ला ने इस साल की शुरुआत में 1.5 बिलियन डॉलर की बिटकॉइन खरीदने की घोषणा की थी। तब टेस्ला ने कहा था कि वह भविष्य में बिटकॉइन को कारों की बिक्री के लिए भुगतान के तौर पर स्वीकार करेगी। टेस्ला की इस घोषणा के बाद बिटकॉइन की कीमतों में तेज उछाल दर्ज किया था। अब मस्क ने कहा है कि टेस्ला किसी भी बिटकॉइन की बिक्री नहीं करेगी।
मस्क ने बिटकॉइन को कैश की तुलना में बेहतर बताया था
बिटकॉइन में निवेश की घोषणा करते समय एलन मस्क ने बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन कहा था कि उनकी कंपनी टेस्ला आने वाले वक्त में बिटकॉइन को पेमेंट ऑप्शन के रूप में स्वीकार कर सकती है। इसके कुछ दिनों बाद मस्क ने कहा था कि कैश की तुलना में बिटकॉइन को रखना बेहतर है। उन्होंने कहा था कि फिएट करेंसी (रुपया, डॉलर आदि) में जब नेगेटिव रियल इंटरेस्ट है तो कोई मू्र्ख ही दूसरे विकल्प की तलाश नहीं करेगा। मस्क ने कहा था कि फिएट करेंसी की तरह बिटकॉइन की भी अपनी कमियां हैं।
दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है। दुनिया में इस वक्त 4 हजार से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। बिटकॉइन इनमें सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। हर बिटकॉइन ट्रांजेक्शन ब्लॉकचेन के जरिए पब्लिक लिस्ट में रिकॉर्ड होता है। जो डिसेंट्रलाइज तरीके से अलग-अलग यूजर्स द्वारा किया जाने वाला रिकॉर्ड मेंटेनेंस सिस्टम है। क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। बिटकॉइन इसका एक ब्रांड है।
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी होती है। डॉलर या रुपए जैसी करेंसी की तरह क्रिप्टोकरेंसी से भी लेन-देन किया जा सकता है। भारत में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। पेपाल ने अपने प्लेटफॉर्म पर बिटकॉइन के जरिए लेन-देन को मंजूरी दे दी है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसको लेकर देश में कोई कानून या गाइडलाइंस नहीं है।