क़ानूनी रूप से कितना वैद्य है क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेन्सी क्या है?एक व्यापक अवलोकन
क्रिप्टोकरेन्सी क्या है?क्रिप्टोकरेन्सी काम कैसे करता है ? क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार ?कैसे क्रिप्टोकरेन्सी फायदेमंद है ? कैसे क्रिप्टोकरेन्सी नुकसानदेह ? क्रिप्टोकरेन्सी में इन्वेस्ट कैसे करे ? क्या क्रिप्टोकरेन्सी भारत में वैध है ?
क्रिप्टोकरेन्सी को लेकर दुनिया में आजकल एक नयी दीवानगी छाई हुई है | लोगो के बीच यह चर्चा का विषय है | लोगो के बीच इसके वर्तमान तथा भविष्य को लेकर तरह तरह के विचार व्यक्त किये जा रहे है | किसी ने कहा की यह future ऑफ़ करेंसी है,किसी ने इसे भविष्य का गोल्ड तो किसी ने gamble करार दिया | पूरी दुनिया में कुछ लोग रातोरात लखपति बने तो कुछ लोगो ने अपने पैसे गवाएं भी | आखिर ये क्रोटोकरेन्सी है क्या ? आइए इसे समझे और दुसरो को भी समझाए क्योकि यह दीवानगी आज नहीं तो कल आपको भी प्रभावित करनेवाली है |
1 . क्रिप्टोकरेन्सी क्या है ?
क्रिप्टो +करेंसी =क्रिप्टोकरेंसी | यहाँ क्रिप्टो का अर्थ अज्ञात है और करेंसी का मतलब करेंसी यानि ऐसी करेन्सी जो anonymous है | हम सब लोग यह जानते है की हरेक देश में उसका एक सेंट्रल बैंक होता है जो उस देश की करेंसी को रेगुलेट करता है | जैसे हमारे देश में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया है | लेकिन क्रिप्टोकरेन्सी एक ऐसी करेंसी है जिसको कोई रेगुलेट नहीं करता ,इसका कोई अथॉरिटी नहीं होता | हम इससे अगर कुछ ख़रीदे या बेचे तो बैंक कोई middleman नहीं होता | यह एक ऐसा चेन है जो चौबीसों घंटे और सातो दिन काम करता है |
आमतौर पर क़ानूनी रूप से कितना वैद्य है क्रिप्टोकरेंसी लोग क्रिप्टोकरेन्सी और बिटकॉइन को लेकर कंफ्यूज जाते है | क्या आपको पता है कि क्रिप्टोकरेंसीनेटवर्क में दुनिया में कितनी करेंसी है |
अगर नहीं पता तो जान लीजिये —- इस चेन में लगभग 4000 करेंसी पूरी दुनिया में है और बिटकॉइन उसमे से एक करेंसी का नाम है | चूँकि बिटकॉइन ज्यादा मशहूर है इसलिए लोग क्रिप्टोकरेन्सी और बिटकॉइन के बीच अंतर करने में कन्फ्यूज हो जाते है | वास्तव में यह एक डिजिटल एसेट है जिसका उपयोग प्रोडक्ट और सेवाओं को खरीदने के लिए किया जा सकता है |
2 .क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करता है ?
अगर हम बैंक से लेन -देन करते है तो बैंक उसका हिसाब -किताब रखता है जिसे हम एकाउंटिंग की भाषा में बुक कीपिंग कहते है | क्रिप्टोकरेंसी में सबकुछ एक कोड द्वारा होता है | दुनियाभर में लोग इस कोड को देख सकते है लेकिन यह पता नहीं कर सकते की यह कोड किसका है | यानि कोड होल्डर की पहचान छिपी रहेगी | बाकि बची बुक कीपिंग तो यह काम जो कोड लिखता है वही करता है |
यह एक पूरे चेन के माध्यम से काम करता है जिसे ब्लॉकचैन के नाम से जाना जाता है |
3 .क्रिप्टोकरेंसी कितने प्रकार के:-
जैसा की हमने ऊपर समझ कि क्रिप्टोकरेंसी चेन में लगभग 4000 तरह की क्रिप्टोकरेंसी है | कुछ मशहूर क्रिप्टोकरेंसी के नाम निचे दिए जा रहे है |
बिटकॉइन ने बनाया रिकॉर्ड, निवेश से पहले इन 5 बातों का रखें ध्यान
वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन फिर चर्चा में है. बीते शुक्रवार को एक बिटकॉइन की कीमत 5800 डॉलर के पार चली गई है.
एंजेल ब्रोकिंग के प्रमुख अनुज गुप्ता (कमोडिटी एवं करेंसी) का कहना है कि वैश्विक राजनीतिक तनाव बढ़ने से बिटकॉइन की कीमत पर दिखने लगा है. इससे निवेशक बिटकॉइन को सुरक्षित निवेश के तौर पर भी देखने लगे है. ईरान और उत्तर कोरिया के साथ अमेरिका के तल्ख होते रिश्ते से बिटकॉइन में हालिया तेजी आई है. लेकिन निवेशकों को सलाह है कि जब भी बिटकॉइन में मुनाफा मिले मुनाफा वसूली कर लें. ज्यादा लंबे समय का लक्ष्य न रखें.
अमेरिकी निवेश बैंक जेपी मॉर्गन चेज के सीईो जैमी डिमॉन ने बिटकॉइन के बारे में यह तक बोल दिया है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा फ्रॉड है और इसमें निवेश करना बेवफूकी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF की डायरेक्टर ने भी बिटकॉइन की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जताई है.
वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि इसमें निवेश मुनाफा भरा है. Coindesk के मुताबिक बिटकॉइन का मार्केट कैप करीब 93 अरब डॉलर है. ऐसे में इस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है.
निवेश से पहले जानें ये 5 जरूरी बातें
1- भारी उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बहुत जोखिम भरा है क्योंकि इस वर्चुअल करेंसी में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा है. रेगुलेशन न होने से इसमें बहुत ज्यादा उठापटक देखने को मिलती है. जनवरी से अब तक बिटकॉइन की कीमतें 6 गुना चढ़ी हैं. जनवरी में एक बिटकॉइन की कीमत 1000 डॉलर से भी कम थी जबकि फिलहाल इसकी कीमत 5800 डॉलर के करीब है
2- न ये कमोडिटी है न ही करेंसी
पुराने जमाने में सोने-चांदी जैसी धातुओं के सिक्के चलते थे. इसके बाद सरकार द्वारा या आरबीआई की ओर से चलाए गए सिक्के आए. इन्हें फिएट करेंसी बोला जाता था. जबकि बिटकॉइन अब तक न करेंसी की कैटेगरी में न ही कमोडिटी है.
3- अब तक कोई रेगुलेटर नहीं
बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रण करने के लिए अब तक कोई रेगुलेटर नहीं हैं. न इस पर सरकार का नियंत्रण है और न ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया . इसके अलावा इस पर सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) का भी कोई कंट्रोल नहीं है.
4- कानून की नजर से कितनी सही है क्रिप्टोकरेंसी
भारत में जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं उनके लिए सबसे बड़ी रुकावट है कि इसको लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं हैं. रिजर्व बैंक ने इसे न कानूनी घोषित किया है न ही गैरकानूनी. आरबीआई ने 2013 में एक प्रेस रिलीज के जरिये कहा था कि जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड कर रहे हैं वो अपने रिस्क पर इसमें निवेश करें. इसी साल फरवरी 2017 में क़ानूनी रूप से कितना वैद्य है क्रिप्टोकरेंसी बैंक ने फिर रिलीज जारी कर कहा कि आरबीआई ने किसी बैंक या संस्था को बिटकॉइन में कारोबार के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है.
सरकार के नियंत्रण से बाहर होने से आतंकवादी, माफिया और हैकर्स बिटकॉइन का इस्तेमाल गैर कानूनी धंधों में कर रहे हैं. इसमें लेनदेन में पहचान छुपी रहती है. इसलिए सरकार की पकड़ में ऐसे लोग नहीं आ पाते हैं. हैकर भी फिरौती के लिए बिटकॉइन को माध्यम बना रहे हैं. हाल ही रैनसममवेयर के हैकर ने बिटकॉइन में फिरौती मांगी थी.
5- पोंजी स्कीम का रैकेट
क्रिप्टोकरेंसी में सिर्फ ऑपरेशनल खतरे ही नहीं बल्कि इसमें दूसरे जोखिम भी हैं. ठगी के लिए पोंजी स्कीम लॉन्च की जा रही हैं. ये निवेशकों से गारंटीड रिटर्न का वादा कर रहे हैं. आईएफआईएम में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैकिंग के प्रोफेसर एवं चेयरमैन राजेन्द्र के सिन्हा का कहना है कि कुछ कंपनियां कम समय क़ानूनी रूप से कितना वैद्य है क्रिप्टोकरेंसी में दोगुना रिटर्न के वादा कर रही हैं . निवेशकों को इनसे बचना चाहिए क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के भाव में बहुत उतार-चढ़ाव रहता है.
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं इसे क्रिप्टो करेंसी भी कहा जाता है. यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पॉन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बडी बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन के लिए इसका इस्तेमाल खूब कर रही हैं.
ऐसे चढ़ी बिटकॉइन की कीमतें
महीना - कीमत (डॉलर में) - कीमत (रुपये में)
Bitcoin को अल-सल्वाडोर में लीगल करेंसी का दर्जा, ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना
अल सल्वाडोर में बिटकॉइन को लीगल करेंसी मान लिए जाने के बाद वहां इस पर कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगेगा. वहां की सरकार ने क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर्स को स्थायी तौर पर रहने की छूट देने का एलान भी किया है.
As a nation, we can’t afford to have a scenario where this category of investment exists unregulated.
Bitcoin Declared Legal Currency in El Salvador : अल सल्वाडोर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी दर्जा देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. अब तक किसी देश ने इसे अपनी वैध करेंसी नहीं घोषित किया था. अल-सल्वाडोर अब आधिकारिक रूप से पहला देश बन गया है कि जहां बिटकॉइन को किसी भी सौदे के लिए कानूनी करेंसी के तौर पर मान्यता मिल गई है. अल-सल्वाडोर की संसद में बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई. राष्ट्रपति नायिब क़ानूनी रूप से कितना वैद्य है क्रिप्टोकरेंसी बुकेले ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इस ऐलान के बाद बिटक्वाइन की कीमत 33,98 डॉलर से बढ़ कर 34,398 डॉलर पर पहुंच गई.
अब कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा
राष्ट्रपति बुकेले ने सोमवार को ऐलान किया था कि देश की कानूनी मुद्रा बन जाने के बाद इस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगाया जाएगा. देश में क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर को तुरंत स्थायी तौर पर रहने की अनुमति दी जाएगी. राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद अल-सल्वाडोर में प्रॉपर्टी की पूछताछ बढ़ गई. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि बिटकॉइन और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट अब स्वतंत्र तौर पर स्थापित होने लगेंगे. कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा. बिटकॉइन में लेन-देन कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे. डॉलर में किए जाने वाले पेमेंट अब बिटकॉइन में भी किए जा सकेंगे.
The #BitcoinLaw has been approved by a supermajority in the Salvadoran Congress.
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62 out of 84 votes!
History! #Btc.
— Nayib Bukele . (@nayibbukele) June 9, 2021
कई निवेशकों ने किया फैसले का स्वागत
इस कानून पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिलिकन वैली के एंजेल इनवेस्टर बालाजी श्रीनिवास ने कहा कि यह अद्भुत फैसला है. अब उन सभी इकोनॉमिक एजेंटों को बिटकॉइन में पेमेंट लेना शुरू कर देना चाहिए, जो टेक्नोलॉजी के तौर पर इसमें सक्षम हैं. हाल में दुनिया भर के क्रिप्टोकरेंसी में काफी तेजी देखी गई है. भारत समेत दुनिया के कई देशों में निवेशकों के बीच इसने काफी दिलचस्पी पैदा की है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के आरबीआई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
डिजिटल रुपये के आगाज से आसान होगा वित्तीय जीवन
भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर, 2022 को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश में शुरू कर दिया, पर फिलहाल इसका इस्तेमाल सरकारी प्रतिभूतियों के थोक कारोबार में किया.
भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर, 2022 को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश में शुरू कर दिया, पर फिलहाल इसका इस्तेमाल सरकारी प्रतिभूतियों के थोक कारोबार में किया जा रहा है। जल्द ही, केंद्रीय बैंक इसके जरिये खुदरा क्षेत्र में भी कारोबार को मुमकिन बना देगा।
यह हमारे और देश के लिए गर्व व उपलब्धि का क्षण है, क्योंकि एक तय समय-सीमा के अंदर देश में आंशिक रूप से इस संकल्पना को लागू कर दिया गया, जबकि अब भी दुनिया के अनेक केंद्रीय बैंक सीबीडीसी को अपने देश में अमलीजामा पहनाने में सफल नहीं हुए हैं। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया की संकल्पना को जमीन पर उतारने की घोषणा की थी और वह कामयाब भी रही। रिजर्व बैंक ने सीबीडीसी के पायलट परीक्षण के लिए 10 बैंकों का चुनाव किया है। सीबीडीसी को बैंक जारी करेंगे। किसी कॉरपोरेट या सरकारी एजेंसी को किसी खास व्यक्ति को सीबीडीसी देना है, तो उसे सरकारी या निजी बैंक से संपर्क करना होगा। चूंकि सीबीडीसी की भुगतान प्रक्रिया का स्वरूप इलेक्ट्रॉनिक है, इसलिए कागजी मुद्रा के रखरखाव की तरह इसकी लागत बहुत ज्यादा नहीं होगी।
सीबीडीसी क्रिप्टोकरेंसी से अलग है। क्रिप्टो का लेन-देन निजी तौर पर किया जाता है और इसे नियंत्रण करने वाली कोई एजेंसी दुनिया में नहीं है, जबकि सीबीडीसी का नियंत्रण रिजर्व बैंक करेगा। नियामक की निगरानी में होने की वजह से आतंकवादी गतिविधियों, मनी लॉ्ड्रिरंग, धोखाधड़ी की आशंका सीबीडीसी के जरिये लेन-देन में कम रहेगी। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल गलत कार्यों के लिए ज्यादा किया जाता है। सीबीडीसी के लिए किसी बैंक में खाता खोलने की जरूरत नहीं होगी। मोबाइल के जरिये सेकंडों में पैसों का लेन-देन किया जा सकेगा, जिसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में देखा भी जा सकेगा। हालांकि, सीबीडीसी में पेपर करेंसी के सारे फीचर होंगे और लोग इसे पेपर करेंसी से बदल भी सकेंगे। एक प्रकार से इसे डिजिटल नकदी कह सकते हैं। सीबीडीसी ब्लॉक चेन तकनीक पर काम करेगा और पेपर करेंसी की तरह यह कानूनी रूप से वैध होगा। इस प्रणाली में बिचौलिया की कोई भूमिका नहीं होगी, क्योंकि सीबीडीसी भुगतान करने वाले और भुगतान लेने वाले को सीधे तौर पर जोड़ेगी। सीबीडीसी के जरिये सरकारी योजनाओं से जुड़े क़ानूनी रूप से कितना वैद्य है क्रिप्टोकरेंसी विभाग या संस्थान बिना किसी व्यक्ति के संपर्क में आए सीधे लाभार्थियों को लाभ पहुंचा सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान किया जाए, जिससे भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आएगी। हालांकि, यह साफ नहीं है कि वैसे लाभार्थियों के संदर्भ में सरकार या निजी संस्थान या कॉरपोरेट क्या करेंगे, जिनके पास मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैब आदि नहीं हैं। वित्तीय रूप से साक्षर लोग ही सीबीडीसी का उपयोग करने में समर्थ होंगे। सीबीडीसी प्रणाली को अमलीजामा पहनाने में बैंकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी, पर बैंक पहले से ही कई सामाजिक योजनाओं को पूरा करने में भूमिका निभा रहे हैं। इस नई क़ानूनी रूप से कितना वैद्य है क्रिप्टोकरेंसी प्रणाली के आने से बैंकों पर और अधिक कार्यभार बढ़ेगा, लेकिन बैंक के कर्मचारियों की संख्या में फिलहाल इजाफा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है, जिससे बैंकों को इस नई प्रणाली को अमलीजामा पहनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
सीबीडीसी एक ऐसी भुगतान प्रणाली है, जिसका इस्तेमाल पेपर करेंसी के विकल्प के तौर पर भविष्य में किया जा सकता है, लेकिन भारत में वित्तीय साक्षरता की स्थिति अब भी दयनीय है। दूसरी तरफ, भले ही भारत डिजिटलीकरण और डिजिटल लेन-देन के मामले में विश्व में एक प्रमुख देश बनकर उभरा है, लेकिन डिजिटलीकरण के साथ-साथ देश में डिजिटल या ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं भी बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। इसलिए, सबसे महत्वपूर्ण है कि सीबीडीसी या अन्य डिजिटल सुविधाओं को लागू करने के साथ-साथ वित्तीय साक्षरता के अभियान को मुहिम की तरह पूरे देश में 365 दिन चलाया जाए। दुर्घटना से बचने का सबसे आसान तरीका सावधानी बरतना ही है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)
Cryptocurrency में कमाई पर टैक्स,क्या crypto में लेन देन को लीगल करने के मूड में है सरकार !
इस मसले को लेकर टैक्स एक्सपर्ट्स को सुने तो उनके अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में हुए क्रिप्टो लेनदेन के लिए भी बजट 2022 में भी 30% टैक्स का भुगतान किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में संभावित कानूनी पचड़े से बचा जा सकें।
Pulkit Sharma
वित्त अधिनियम 2022 में केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency), NFT जैसे वर्चुअल डिजिटल एसेट को नई श्रेणी में शामिल किया है। इस फैसले से फर्क ये पड़ेगा की अब इन प्लेटफार्म के जरिये निवेश करने वाले भारतीयों को अपनी आय पर 30% टैक्स देना होगा। ये नियम कुछ कुछ लाटरी आदि जैसे इनाम जीतने पर मिलने वाली राशि पर लगने वाले टैक्स के समान है।
केंद्र द्वारा लागू ये नियम 1 अप्रैल 2022 के बाद से हुए लेनदेन पर लागू किये जाएंगे। हालाँकि बजट 2022 वित्त वर्ष 2021-22 को लेकर शांत दिखाई पड़ता है। इसके अलावा इस बात को लेकर भी मसला है की संबंधित वर्ष के लिए टैक्स का भुगतान करे तो करें कैसे। इस मसले को लेकर टैक्स एक्सपर्ट्स को सुने तो उनके अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में हुए क्रिप्टो (Crypto) लेनदेन के लिए भी बजट 2022 में भी 30% टैक्स का भुगतान किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में संभावित कानूनी पचड़े से बचा जा सकें।
वैसे अमेरिका और ब्रिटैन जैसे कई देशो में क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) के जरिये हुई आय को एसेट माना जाता है और इसी के चलते उससे हुई आय पर कैप्टिल गेन टैक्स(Capital Gain Tax) लगाया जाता है। ऐसे में देश में भी संभवतः ऐसा ही विचार रखकर क्रिप्टो (Cryptocurrency) के जरिये होने वाली कमाई पर ये टैक्स लगाया गया है।
क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency)से होने वाली इनकम पर स्टैण्डर्ड टैक्स नियमो के अनुसार टैक्स लगाया जा सकता है और इसी तरह से क्रिप्टो (Cryptocurrency) की होल्डिंग अवधि के आधार पर उससे हुए मुनाफा या घाटा (36 महीने या उससे कम ) या लॉन्ग टर्म (36 महीने से अधिक) श्रेणी में एनलिस्ट किया जा सकता है। लॉन्ग टर्म गेन (Long Term Gain) 20 फीसदी टैक्स के लिए उपयुक्त है जबकि शार्ट टर्म गेन (Short Term Gain) पर सामान्य रूप से लागू स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जा सकता है।
तो क्या इसे वैध मान लिया जाएगा? केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) चेयरमैन जे बी महापात्र इस पर बाच करते हुए बताते है कि ऑनलाइन डिजिटल असेट्स (Online Digital Assets) को टैक्स के दायरे में लाने से Income Tax Department को देश में हो रहे क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) के कारोबार की गहराई, इस क्षेत्र के निवेशक और उनके निवेश की प्रकृति के बारे में जानने में मदद मिलेगी। जे बी महापात्र साथ ही में ये यह भी कहा कि इस कदम का ये मतलब बिलकुल नहीं है कि इससे देश में क्रिप्टोकरंसी का लेनदेन वैध हो जाएगा।
आप क्या करें ? यदि आपकी क्रिप्टो (Crypto) से आमदनी हुई है और वो कानून द्वारा घोषित दिन से पहले की गई है तो इस संबंध में आप किसी विशेषज्ञ की राय लें। कानून क्यों कि एक अप्रैल 2022 से लागू होता है तो निवेशक अपने हिसाब से इसका जिक्र करने को लेकर स्वतंत्र रह सकता है लेकिन अगर इस पर आपने 30 फीसदी टैक्स का भुगतान नहीं किया तो फिर आप पर क़ानूनी कार्रवाई होने की आशंका बनी रहेगी।