ट्रेडर्स के लिए शुरुआती गाइड

इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
types of trading in share market

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Make money with Demand and Supply trading Hindi 2022

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Bullish candlestick pattern को समझकर पैसे कमायें

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Moving Average से ट्रेडिंग करके पैसे कमायें

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how to make money with breakout trading in hindi book review

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September effect क्या होता है

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Hammer Candlestick से कैसे ट्रेड करें in 2022

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Swing trading in Hindi | Swing trading क्या होता है

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What are Altcoins in Hindi और Bitcoin से कैसे अलग है

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Make money by breakout trading in hindi ब्रेकआउट ट्रेडिंग क्या होता है 2022

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Types of trading in the share market Hindi

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शेयर बाजार में trading क्या है? शेयर बाजार में trading के कितने प्रकार हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग के क्या नुकसान हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग किसे करना चाहिए, शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए कितने धन की अवश्यकता होती है। शेयर बाजार में पैसा… Continue reading Types of trading in the share market Hindi

liquid stocks kya hai| liquid volatile stocks for intraday| option trading

Volatile stocks for nse| Best liquid stocks kaise search kare

अगर आप एक ट्रेडर है और अपने stocks के बारे में रिसर्च करते रहते हैं तब आपने ट्रेडिंग से संबंधित एक शब्द जरूर सुना होगा इसको लिक्विड स्टॉक Liquid stocks और दूसरा शब्द आपने सुना होगा Volatile stocks

आखिर इनको लिक्विड Liquid stocks क्यों बोलते हैं, क्या इनमे बहुत ही ज्यादा तरलता होती है इस वजह से इनको लिक्विड स्टॉक बोला जाता है, या फिर कोई और कारण है.

आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि लिक्विड स्टॉक्स में बहुत ही ज्यादा तरलता होती है और इसमें काफी अच्छी volality होती है

What is the meaning of Liquidity stocks in stock market hindi

शेयर बाजार में लिक्विडिटी से यह मतलब होता है कि ऐसे प्रकार के एसेट में चाहे वह स्टॉक हो या फिर कोई बॉन्ड या कोई और कमोडिटी उसको कितनी जल्दी खरीदा और बेचा जा सकता है ताकि उसको जल्दी से नकदी Cash में बदला जा सके

अगर हम इसको सरल शब्दों में बात करें कि लिक्विड स्टॉक में बहुत ही ज्यादा खरीद और बिक्री होती है, और ऐसे स्टॉक बहुत ही ज्यादा ऊपर नीचे करते हैं.

जैसे इसको अगर हम एक उदाहरण से मान लेते हैं . श्वेता ने एक स्टॉक को 800 रुपए पर खरीदा और उसको 30 मिनट के अंदर 810 रुपए पर बेच दिया.

तब इस तरह का स्टॉक लिक्विड स्टॉक माना जाएगा क्योंकि इसमें प्राइस का मूवमेंट काफी तेजी से हो रहा होता है. अब आपको समझ में आ गया होगा कि जिस स्टॉक्स में प्राइस का मोमेंट बहुत तेजी से होता है ऐसे स्टॉप लिक्विड स्टॉक कहलाते हैं.

Volatility meaning in trading | volality ka kya matlab hota hai

Volality एक प्रकार का Rate जिससे किसी भी स्टॉक सिक्योरिटी की कीमत बढ़ जाती है या घट जाती है. इस तरह के उतार-चढ़ाव को स्थिरता नहीं रह पाती है तब ऐसे स्टॉक वोलेटाइल स्टॉक्स बोला जाता है.

अगर किसी स्टोक्स में बहुत तेजी से कोई प्राइस अचानक से ऊपर बढ़ जाता है और अचानक से नीचे गिर पड़ता है तब ऐसे स्टॉक स्थिर नहीं रहता है

और इस तरह के स्टॉक को वोलेटाइल स्टॉक्स बोलते हैं.

अगर किसी स्टॉक में धीरे-धीरे प्राइस बदलता है तब ऐसा स्टॉक कम वोलेटाइल स्टॉक्स कहलाता है.

बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव को मापने के लिए India Vix Index का सहारा लिया जाता है.

India vix indicator यह एक तरह का इंडिकेटर है जो यह बताता है कि मार्केट में कितनी ज्यादा uncertanity फैली हुई है.

India Vix range normal 12 to 16

अगर इंडिया विक्स रेंज 18 से ऊपर निकल जाती है तब यह माना जाता है कि बाजार में एक डर का माहौल पैदा हो रहा है इसलिए इसको कम करने के लिए कोशिश की जाती है.

लिक्विडिटी और volality क्या अंतर है दोनों में| Diffrence liquidity and volality

Volality कई तरह के कारण पर निर्भर है जैसे मार्केट में खरीददार क्या डर के माहौल में खरीद रहे हैं या जब भी वह खरीद रहे हैं तब वह निश्चित नहीं है उनको भरोसा नहीं होता है तब वह किसी भी समय अपने स्टॉक को अचानक से बेच देते हैं इस वजह इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है? से मार्केट में गिरावट शुरू हो जाती है तब ऐसे समय बाजार को Volality में मापा जाता है और यह बोला जाता है कि मार्केट बहुत ही ज्यादा Volatile हो गया है.

जबकि लिक्विडिटी किसी भी स्टॉक का Bid प्राइस और Ask price के बीच का अंतर बताने में मदद करता है.

लेकिन अगर अगर मार्केट में लिक्विडिटी कम हो जाएगी तब मार्केट बहुत ही ज्यादा Volatile हो सकता है.

volatile stocks for swing trading|swing trading k lie volatile stocks

स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है जिसमें stock का मोमेंटम हमेशा बना होता है. स्विंग इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है? ट्रेडिंग के लिए हमें ऐसे स्टॉक ढूंढने चाहिए जो कि अपने हाई से काफी ज्यादा गिर चुके हैं और उनके फिर से उठने के चांस बाकी है.

ऐसे स्टॉक ढूंढने के लिए आप कुछ टेक्निकल इंडिकेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि सपोर्ट और रेजिस्टेंस कैसे ढूंढा जाता है सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस क्या है आप इसके बारे में यहां पर पढ़ सकते हैं.

आप आर.एस.आई RSI और एमएससीडी इंडिकेटर MACD लगा कर के भी इसके बारे में स्विंग ट्रेडिंग के स्टॉक को ढूंढ सकते हैं.

अगर स्टॉक अपने करंट मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है? प्राइस से अंडरवैल्यू है और मार्केट की कंडीशन और मार्केट के पैरामीटर्स सब एकदम सही हैं तब आप ऐसे स्टॉक पर दांव खेल सकते हैं क्योंकि ऐसे स्टॉक पर दांव खेलना सही दांव खेलना माना इसलिए जाएगा क्योंकि यहां पर स्टॉक दोबारा से ऊपर की तरफ रिवर्ट्स करेगा.

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कहां से ढूंढे| swing trading k liye high volatile stocks

इस तरह के स्टॉक ढूंढने के लिए आप कंपनी की न्यूज़ के बारे में पढ़ें ऐसे न्यूज़ आर्टिकल को अपने मोबाइल अलर्ट में लगा करके रखें ताकि जब भी इस तरह की न्यूज़ आए तब आपको पता लग जाए कि किस कंपनी में क्या हो रहा है.

और इस तरह के इंडिकेटर आप इस्तेमाल करें और ऐसे स्टॉक्स अपनी वॉच लिस्ट में हमेशा लगाकर रखें जो कि अपने हाई प्राइस से थोड़ा मार्केट में नीचे की तरफ ट्रेड हो रहे हैं तो ऐसे स्टॉक को हम अंडरवैल्यूड स्टॉक बोलते हैं.

वोलेटाइल स्टॉक्स फॉर ऑप्शन ट्रेडिंग.

ऐसे स्टॉक्स में आप इन्वेस्ट भी कर सकते हैं क्योंकि ऐसे स्टॉक्स में रिवर्स आने का पूरा मौका होता है और ऐसे स्टॉक्स आप इस तरह से ढूंढ सकते हैं जो कि Nifty 50, स्टॉक है और stocks all time high बना करके थोड़ा नीचे की तरफ गिर चुके हो. स्टॉक का नेचर Highly volatile होना चाहिए.

स्टॉक आप ऐसे कोशिश करिए कि ऐसा स्टॉक हमेशा Blue chip catagory के अंतर्गत आता हो ,क्योंकि ऐसे स्टॉक्स में अगर आप पैसा डालेंगे आपका पैसा ना फंसे और आपका पैसा वहां से निकलने की पूरी गुंजाइश हो इसलिए ऐसे स्टॉक्स ब्लू चिप स्टॉक्स की कैटेगरी में आने चाहिए.

How to find liquid stocks for intraday and option

लिक्विड स्टॉक्स की पहचान करना एक प्रोफेशनल ट्रेडर के लिए जरूरी हो जाता है. इसके लिए कुछ पॉइंट आपको अपने दिमाग में रखनी चाहिए

what is the difference between the bid price and ask price for liquid stocks?

जब स्टॉक्स खरीदा जाता है तो उसमें bid लगाई जाती है उसका एक प्राइस होता है जिसे बिड प्राइस बोला जाता है और उसी तरह से एक प्राइस और होता है ask price अगर इन दोनों प्राइस का डिफरेंस काफी कम होता है और इनके बीच का अंतर काफी कम होता है तब हमें यह पता लग जाता है कि इस स्टॉक में खरीदने वाले buyers काफी ज्यादा है और स्टॉक्स में लिक्विडिटी आ गई है

stock trading volume is high

स्टॉक ट्रेडिंग वॉल्यूम बहुत ज्यादा है यानी स्टॉक्स में बहुत ही ज्यादा खरीदी और बिकवाली हो रही है तब भी यह समझ में आता है कि स्टॉक्स में लिक्विडिटी है

ज्यादा ट्रेडिंग वाली एक अच्छी निशानी है और इसको पॉजिटिविटी से देख सकते हैं और यह अंदाजा लगा सकते हैं कि आने वाले समय में इसमें buyers काफी ज्यादा एक्टिव होने वाले हैं

High trading volume float price stocks

float इस प्रकार के शेयर होते हैं जो मार्केट में पूरी तरीके से उपलब्ध होते हैं ट्रेडिंग करने के लिए और यह पब्लिक ट्रेडिंग में उपलब्ध किए जाते हैं यानी ओपन मार्केट में ट्रेड किए जाते हैं अगर ट्रेडिंग float high है तब इससे स्टॉक्स में लिक्विडिटी आ सकती है

शेयर मार्केट में ऐसे कौन से शेयर हैं जो बहुत ज्यादा ऊपर – नीचे होते हैं?

आप ऐसे स्टॉक्स गूगल करके देख सकते हैं क्योंकि मैं यहां पर किसी भी स्टॉक का नाम लेना ठीक नहीं समझता हूं क्योंकि मैं यहां किसी भी तरह की एडवाइज या फिर टिप्स प्रोवाइड नहीं करता हूं इसलिए मैं यहां पर किसी स्टॉक का नाम नहीं ले रहा हूं.

इंट्रा-डे की जगह बी.टी.एस.टी. या स्विंग ट्रेड ही करें

इंट्रा-डे की जगह बी.टी.एस.टी. या स्विंग ट्रेड ही करें

यदि आप इंट्रा-डे की जगह मार्जिन पर ट्रेड न करके 'कैश एंड कैरी' में शेयर लेते हैं और अगले दिन बेच देते हैं तो इसे 'बाय टुडे सेल टुमारो' इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है? कहते हैं। इसी का संक्षिप्त नाम 'बी.टी.एस.टी. ' है। जब शेयरों को 2 से 30 दिन तक होल्ड करके बेचा जाता है तो इसे 'स्विंग ट्रेड' कहते हैं।

इंट्रा-डे की जगह 'बी.टी.एस.टी.' था। स्विंग ट्रेड की पोजीशन लेना आपके जीतने की संभावना को बढ़ा देता है, क्योंकि इसमें एक तो ऑपरेटर आपकी लिवरेज पोजीशन को ट्रिगर नहीं करवा सकता; दूसरा, आपके पास समय भी ज्यादा होता है, जिसमें शेयर परफॉर्म कर सकता है।

इंट्रा-डे में एवरेज आउट करना घाटे का सौदा हो सकता है; परंतु स्विंग ट्रेड में आप यदि अनुशासन के साथ बताए गए नियमों से एवरेज करते हैं और प्रत्येक एवरेज के साथ-साथ अपना प्रॉफिट टारगेट भी कम करते रहते हैं तो आप इसमें आसानी से बगैर नुकसान किए बाहर निकल सकते हैं।

स्विंग ट्रेड में चूँकि शेयरों की डिलिवरी ली जाती है, इसलिए इसको ट्रेडिंग की जगह निवेश माना जाता है। टैक्स नियमों में भी यह ट्रेडिंग का सट्टा आय के दायरे में न आकर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के दायरे में आता है, जिसे आप.इन्कम टैक्स हार्वेस्टिंग से बचा सकते हैं। इन्कम टैक्स हारवेस्टिंग के बारे में आप आगामी टिप्स में पढ़ेंगे।

यदि आप इंट्रा-डे में ट्रेड करते हैं तो भी आप VWAP से ब्रेकआउट पर ट्रेड कर सकते हैं। इसके लिए उस दिन के VWAP और शेयर के प्राइस पर निगाह रखिए। यदि शेयर का मार्केट प्राइस उस दिन की VWAP से ऊपर है तो उसके इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है? नीचे आने की प्रतीक्षा करें।

जैसे ही यह परिस्थिति बदले, अर्थात् शेयर VWAP से ऊपर ट्रेड करते करते नीचे आ जाए तो आप शॉर्ट पोजीशन बनाएँ। आप देखेंगे कि ज्यादातर मामलों में उस दिन की VWAP से ऊपर ट्रेड कर रहा शेयर नीचे आ जाने के बाद और गिरकर लगभग 0.5 से 1 प्रतिशत तक और गिर ही जाता है। हालाँकि ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले दिनों में वापस भी ऊपर जल्दी आ जाता है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करके 0.5 प्रतिशत रिटर्न मिले तो ले लें।

इसी प्रकार, यदि शेयरं का मार्केट प्राइस उस दिन की VWAP नीचे है तो उसके ऊपर जाने की प्रतीक्षा करें। यदि यह VWAP से नीचे ट्रेड करते-करते अचानक ऊपर आ जाए तो आप उसी समय पर लॉन्ग पोजीशन बनाएँ।

आप देखेंगे कि ज्यादातर मामलों में उस दिन की VWAP से नीचे ट्रेड कर रहा शेयर ऊपर आ जाने के बाद और बढ़कर लगभग 0.5 से 1 प्रतिशत तक और बढ़ ही जाता है। हालाँकि ज्यादा उतार-चढ़ाववाले दिनों में वापस भी नीचे जल्दी आ जाता है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करके 0.5 प्रतिशत रिटर्न मिले तो ले लें।

यह मैथड 60 से 80 प्रतिशत मामलों में ही सही जाता है, इसलिए यह भी शत-प्रतिशत परफेक्ट नहीं है; पर ट्रेडिंग एक कला है और उस कला का यह आवश्यक भाग है।

इस विधि में स्टॉप लॉस वगैरह आप पिछली टिप्स में बताए अनुसार रख सकते हैं, अर्थात् इसमें स्ट्रॉप लॉस व प्रॉफिट में 1:2 का अनुपात होना चाहिए।

मेरे अनुभव में स्टॉप लॉस रखने पर नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है, क्योंकि प्राइस बहुत तेजी से ऊपर-नीचें होने से छोटे स्टॉप लॉस उड़ जाते हैं तो आपको क्या करना चाहिए? बगैर स्टॉप लॉस के ट्रेड लेने से आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।

मैंने इसका तोड़ निकाला है। आपको स्टॉप लॉस का स्मॉल ट्रेड मैथड इस्तेमाल करना चाहिए या आपको समग्न आधारित स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करना चाहिए, जिनका वर्णन आगामी टिप्स में किया गया है।

  • Make A Strategy Before Trading
  • How Did I Become A Millionaire
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Trading Meaning In Hindi – Trading क्या होती है? जाने इसके प्रकार

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Trading kya hai, इसे कैसे किया जाता है, यह कितनी तरह की होती है, क्या ट्रेडिंग और निवेश करने में कोई अंतर होता है, Trading in hindi से जुड़े कई तरह के प्रश्न आपके दिमाग में आते होंगे। यह सभी शंकाएं आपके दिमाग में तब तक रहेगी जब तक कि आपको ट्रेडिंग का सरल शब्दों में अर्थ ना समझ में आ जाए।

इसलिए आपकी सभी शंकाओं पर विराम लगाते हुए आज हम आपको ट्रेडिंग की संपूर्ण जानकारी देंगे जिसमें ट्रेडिंग मीनिंग इन हिंदी, इसके प्रकार, ट्रेडिंग कैसे करते हैं इत्यादि का संपूर्ण विश्लेषण करेंगे। तो आइए शुरू करते हैं।

ट्रेडिंग मीनिंग इन हिंदी | Trading Meaning In Hindi

ट्रेडिंग का अर्थ व्यापार करने से होता है। इसमें एक चीज़ को लेकर उसे कुछ ज्यादा दाम में दूसरों को बेच दिया जाता है। जिस प्रकार किसी धंधे में एक व्यापारी अपने व्यापार से संबंधित चीजों को खरीद कर उसे अपने ग्राहकों को कुछ ज्यादा दाम में बेचकर लाभ कमाता हैं, ठीक उसी प्रकार ट्रेडिंग में होता है।

Trading Meaning in Hindi = व्यापार / लेन देन

ट्रेडिंग का अर्थ सरल शब्दों में | Trading Ka Matlab

इसे यदि हम सरल शब्दों में आपको बताना चाहे तो आप अपने आसपास की दुकानों का उदाहरण ले सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप चायपत्ती को लीजिए। आप इसे अपने आसपास की दुकान से या बाजार जाकर खरीदते होंगे।

अब आप इसे जिस दुकान से खरीदते हैं वह आपको उस चायपत्ती को उसी दाम में तो नही बेचता होगा ना। मान लो आप एक किलो चायपत्ती 300 रुपए की खरीदते हैं तो वह चायपत्ती उस दुकानदार को उससे कुछ कम दाम में पड़ती होगी।

अब वह चायपत्ती उस दुकानदार को चाहे 250 रुपए में पड़ी हो या 280 रुपए में लेकिन आपने उसे उसके सही दाम से कुछ ज्यादा दाम में उस दुकानदार से खरीदा। इस तरह वह दुकानदार उस चायपत्ती को आपको बेचकर लाभ कमा रहा है।

यही बात आपके द्वारा खरीदी जाने वाली हर चीज़ पर लागू होती हैं। ठीक उसी प्रकार ट्रेडिंग ऑनलाइन व्यापार होता है लेकिन यह किसी वस्तु से संबंधित नही होता है। आइए जाने ट्रेडिंग का संबंध किससे होता है।

ट्रेडिंग क्या है | What is Trading In Hindi

अब तक आप यह तो जान ही गए कि ट्रेडिंग कहते किसे हैं लेकिन ट्रेडिंग में किस चीज़ का आदान-प्रदान होता है, इसके बारे में जानना भी आवश्यक है। ट्रेडिंग में किसी वस्तु का लेनदेन ना होकर शेयर का लेनदेन होता है। हर बड़ी कंपनी के अपने शेयर होते है और उनका कुछ मूल्य होता है।

ट्रेडिंग में व्यक्ति किसी कंपनी के कुछ शेयर खरीदता हैं और उसे कुछ ज्यादा दाम में कुछ समय के बाद किसी और को बेच देता है। इस तरह ट्रेडिंग का व्यापार किया जाता है और लाभ कमाया जाता है।

उदाहरण के तौर पर आप रिलायंस कंपनी के शेयर ले लीजिए। रिलायंस के एक शेयर का मूल्य 2300 रुपए के आसपास होता है। यह प्रतिदिन ऊपर-नीचे होता है। अब यदि किसी दिन रिलायंस का एक शेयर 2310 रुपए का है और आपने इसके 100 शेयर खरीद लिए। अगले दिन यही शेयर 2320 रुपए का हो जाता है और आपने यह शेयर बेच दिए तो इस तरह आपने एक दिन में 1000 रुपए कमा लिए।

इसी तरह शेयर मार्किट में हजारों कंपनियां हैं जिनके शेयर वहां उपलब्ध हैं। हर कंपनी के शेयर का मूल्य अलग-अलग होता है। आपको शेयर मार्किट में 2-3 रुपए से लेकर हजारों रुपए के मूल्य वाले शेयर मिल जाएंगे। यह आप पर निर्भर करता हैं कि आप कितना निवेश करना चाहते हैं।

ट्रेडिंग के प्रकार | Types of Trading In Hindi

Trading meaning in hindi

आपके द्वारा शेयर खरीद कर उसे बेचने की अवधि के आधार पर ट्रेडिंग को 4 भागों में बांटा गया है। आइए इसके बारें में भी जाने।

1. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग | Scalping Trading Kya Hai

यदि आप एक शेयर को खरीद कर उसे उसी दिन कुछ ही समय में बेच देते हैं तो इसे स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के अंदर माना जाता है। यह समय कुछ सेकंड, मिनट से लेकर कुछ घंटो का हो सकता है। जैसे कि आपने एक शेयर सुबह 10 बजे खरीदा और उसे 11 बजे के आसपास बेचकर लाभ कमा लिया।

2. इंट्राडे ट्रेडिंग | Intraday Trading Meaning In Hindi

इसमें इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है? शेयर को खरीद कर उसे बेचने का समय एक दिन का होता है। कहने का तात्पर्य हुआ कि आपने एक शेयर सुबह बाजार खुलने के समय ले लिया और उसे उसी दिन बाज़ार बंद होने से पहले बेच दिया। सरल शब्दों में एक शेयर को बाजार खुलने पर खरीद कर, उसी दिन बाजार बंद होने से पहले बेच देना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत आता है।

3. स्विंग ट्रेडिंग | Swing Trading Kya Hai

इसमें आप किसी कंपनी के शेयर को खरीद कर उसे कुछ दिनों के लिए होल्ड पर रखते हैं और फिर उसे कुछ ज्यादा मूल्य में बेच देते हैं। अर्थात इसमें एक शेयर को कुछ घंटो या एक दिन के लिए नही बल्कि कुछ दिनों के लिए अपने पास रखा जाता है और मूल्य बढ़ने पर उसे बेच दिया जाता है।

4. पोजीशनल ट्रेडिंग | Positional Trading Meaning In Hindi इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

इसमें शेयर को होल्ड रखने की अवधि दिनों से बढ़कर महीने की हो जाती है। अर्थात यदि आप किसी शेयर को लेकर उसे अपने पास कुछ महीनो के लिए रखकर उसके मूल्य के बढ़ने का इंतज़ार करना चाहते हैं तो वह पोजीशनल ट्रेडिंग के अंतर्गत आती है।

ट्रेडिंग व इन्वेस्टिंग में अंतर | Difference between Trading Or Investing

इन्वेस्टमेंट की बात करें तो यह भी एक तरह से ट्रेडिंग का ही एक अगला चरण हैं लेकिन इसे ट्रेडिंग के प्रकारों में ना लेकर इन्वेस्टिंग में ले लिया जाता है। इसमें समय अवधि महीनो से ना रहकर सालों में आ जाती हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यदि आपकी पोजीशनल ट्रेडिंग की अवधि एक वर्ष को पार कर जाती है तो वह ट्रेडिंग से निकल कर इन्वेस्टिंग में आ जाती है।

इन्वेस्टिंग का अर्थ ही होता है किसी चीज़ में ज्यादा समय तक पैसा लगाकर रखना। ठीक वैसे ही जैसा हम जमीन इत्यादि में पैसा निवेश करते हैं। ठीक उसी प्रकार किसी शेयर में लंबे समय के लिए पैसे निवेश करना इन्वेस्टिंग के अंतर्गत आता है।

ट्रेडिंग कैसे करते हैं? | How to do Trading in Hindi

अब जब आपने ट्रेडिंग के बारे में लगभग सब जान लिया हैं तो सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न जो हम सभी के मन में आएगा कि आखिर ट्रेडिंग करते कैसे हैं। इसके लिए आपको शेयर मार्किट के बारे में अच्छे से जानकारी होना अति-आवश्यक है क्योंकि बिना इसके ट्रेडिंग बिज़नेस में जाना घाटे का सौदा हो सकता है।

कहने का अर्थ हुआ कि यह निश्चित नही कि आपके द्वारा लिए गए शेयर का मूल्य आगे बढ़े ही, क्या पता वह गिर जाए तब आप क्या करेंगे। इसलिए पहले आपको इसके बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा करनी होगी, जो शेयर आप ले रहे हैं, उसके बारे में आंकलन करना होगा।

यह इस पर भी निर्भर करता हैं कि आप ट्रेडिंग का कौन-सा प्रकार करना चाहते हैं और कितने दिनों तक निवेश करके रख सकते हैं। इसके अलावा अन्य कई फैक्टर होते हैं जिनका आपको ध्यान रखना होगा। ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है? करने के लिए कुछ ऐप्स हैं जिनकी सहायता आप ले सकते हैं।

ट्रेडिंग करने की ऐप्स :

  • Zerodha
  • Groww
  • Upstox
  • Angel Broking
  • 5Paisa इत्यादि।

ऐसे ही और भी ढेरों app हैं। आप अपने मुताबिक इन में से किसी भी app पर रजिस्टर करके अपना अकाउंट बना कर ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।

वीडियो से जाने ट्रेडिंग क्या है | Video of Trading Meaning in Hindi

तो दोस्तों ये थी ट्रेडिंग (trading in hindi) के बारे में जानकारी। हम आशा करते हैं की आप Trading Meaning in Hindi समझ गए होंगे। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें और हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें ताकि आपको ऐसी ही जानकारी मिलती रहे।
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BTST और STBT Trading क्या है – [2022] BTST And STBT Trading In Hindi

BTST And STBT Trading In Hindi

BTST And STBT Trading In Hindi

बी. टी. एस. टी ट्रेडिंग क्या है – What Is BTST Trading In Hindi

BTST And STBT,BTST Trading क्या है (BTST Trading For Beginners): आज ख़रीदे हुये शेयर को कल बेच देने को BTST (Buy Today Sell Tomorrow) ट्रेडिंग कहते है कई बार कोई स्टॉक आज जिस Price पर Close हुआ है अगले दिन उससे ज्यादा या कम में Open होता है इसका फायदा उठाने को BTST ट्रेडिंग कहते है

उदाहरण: मान लीजिये कोई शेयर है जो आज 10% गिर चूका है अब अगर आपको यह लगता है की ये शेयर बहुत गिर चूका है कल ये थोड़ा ऊपर जायेगा इस आधार पर अगर आज शेयर को buy करते है कल Sell करने के लिए इसे ही इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है? BTST Trading कहते है BTST Trading का अर्थ होता है आज खरीद कल बेच।

एस. टी. बी. टी. ट्रेडिंग क्या है – What Is STBT Trading In Hindi

STBT Trading क्या है (STBT Trading For Beginners): BTST के ठीक उलट एक और ट्रेडिंग स्टाइल होती है जिसे STBT (Sell Today Buy Tomorrow) कहते है जिसका अर्थ होता है आज बेच कल खरीद इसमें पहले Sell करना होता है और अगले दिन जब Share की कीमत और गिर जाये तब Buy किया जाता है जिस तरह BTST के लिए शेयर का चयन किया जाता है ठीक उसी प्रकार STBT के लिए भी शेयर का चयन किया जाता है

BTST और STBT को करने के नियम लगभग एक जैसे होते है बस फर्क इतना सा ही है की BTST में आज खरीदेंगे और कल बेचेंगे और STBT में आज बेचेंगे और कल खरीदेंगे। Sell और Buy के बीच के अंतर को प्रॉफिट में गिना जाता है।

BTST And STBT Trading Tips In Hindi (जोखिम और फायदे)

BTST ट्रेडिंग को Cash Market और Futures Market दोनों में किया जा सकता है लेकिन STBT ट्रेडिंग को सिर्फ Futures Market में किया जा सकता है कैश मार्किट में खरीदने पर पूरा पैसा अपनी जेब से देना होता है और फ्यूचर मार्किट में खरीदने पर मार्जिन मिलता है जिससे कम पैसे में भी ज्यादा Quantity खरीदी जा सकती है।

BTST पर मार्जिन मिलता है या नहीं ये ब्रोकर To ब्रोकर निर्भर करता है इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है? जैसे Zerodha BTST पर कोई मार्जिन नहीं प्रोवाइड करता है वहीं ICICI Direct 5 गुना तक मार्जिन देता है जिसे 5 Trading Days में Settle करना होता है। भारतीय शेयर बाजार में STBT पर मार्जिन ट्रेडिंग Allowed नहीं है लेकिन BTST पर मार्जिन ट्रेडिंग Allowed है।

BTST Trading और STBT Trading में सबसे बड़ा Risk Gap Up और Gap Down Opening का होता है इसकी वजह से अप्रत्यशित फायदा या नुकसान दोनों हो सकता है।

BTST Trading Delivery Settlement

भारतीय शेयर बाजार में शेयर्स की डिलीवरी T+2 Trading Days में होती है जिसमें T का अर्थ होता है वह दिन जब शेयर ख़रीदे गये है इसके अलावा और 2 दिन लगते है जिसे Clearing Day और Settlement Day के नाम से जाना जाता है। जिस दिन शेयर ख़रीदे है उसके तीसरे दिन वो शेयर डीमैट अकाउंट में आ जाते है।

BTST ट्रेडिंग T+1 इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है? Day में होती है जिसकी वजह से BTST Trading में शेयर्स डीमैट अकाउंट में नहीं आते है क्योंकि डीमैट अकाउंट में शेयर्स को आने में कम से कम 3 दिन लगते है

BTST Trading में STT (Security Transaction Tax) इंट्राडे की तुलना में 10 गुना तक ज्यादा लगते है और DP Charges जिसे डीमैट चार्जेज भी कहते है वो नहीं लगते है बाकि के सभी Charges Normal है जैसे सब में लगते है वैसे इसमें भी लगते है।

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Stock Market Trading के लिए बहुत ज्यादा Skill और Knowledge होना जरूरी है जो लोग Share Market में नये है उन्हें पहले Stock Market Trading के Basics सीख लेने चाहिये उस के बाद एक Trading Strategy बनाकर ट्रेडिंग शुरू करनी चाहिए।

उम्मीद करता हु आपको समझ आया होगा की BTST ट्रेडिंग क्या होती है और STBT ट्रेडिंग क्या होती है STBT And BTST Trading In Hindi अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल है BTST Trading In Hindi – STBT Trading In Hindi से जुड़ा हुआ तो कमेंट में जरूर बताये और इस पोस्ट को अपने सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करिये और ब्लॉग पर Visit करते रहिये।

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