शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़

'शेयर मार्केट'
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़ एक व्यक्ति ने कथित तौर पर एक महिला की गला दबा कर हत्या कर दी और शव को चार दिनों तक कार में रखा रहा. मामला रविवार को उस समय सामने आया जब जिस कार में शव रखा गया था, उससे दुर्गंध आने लगी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है.
Sensex Nifty today: सेंसेक्स के शेयरों में एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इंफोसिस, लार्सन एंड टुब्रो और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने शुरुआती कारोबार में बढ़त दर्ज की. वहीं, दूसरी तरफ महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, टाइटन, टेक महिंद्रा और भारती एयरटेल नुकसान के साथ कारोबार कर रहे थे.
Cyber Security Framework: SEBI ने जून में स्टॉक ब्रोकरों से कहा था कि वे ऐसी घटनाओं का पता चलने के छह घंटे के भीतर उनके द्वारा अनुभव किए गए सभी साइबर हमलों, खतरों और उल्लंघनों की रिपोर्ट करें. स्टॉक ब्रोकर
Sensex Opening Bell: निफ्टी पर कोल इंडिया, सिप्ला, आयशर मोटर्स, ग्रासिम इंडस्ट्रीज और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप गेनर्स में रहे. वहीं, नेस्ले इंडिया, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स आज गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे.
Share Market Updates : मंगलवार को सेंसेक्स 158.85 अंक चढ़कर 61,783 पर और निफ्टी 49 अंक की बढ़त के साथ 18,378.15 के लेवल पर खुला. हालांकि, दोनों बेंचमार्क इंडेक्स उतार-चढ़ाव के बाद निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे.
मस्क ने कहा कि वह चाहते हैं कि ट्विटर पर वीडियो की अधिक संख्या के साथ ही लंबी अवधि के वीडियो को सपोर्ट मिले जिससे कंटेंट क्रिएटर्स इससे इनकम हासिल कर सकें
इंस्टाग्राम पर विवेक ने फिल्म का एक पोस्टर शेयर किया गया है। इसके कैप्शन में लिखा है कि यह देश में लड़े गए एक ऐसे युद्ध वास्तविक कहानी है जिसके बारे में आपको नहीं पता है
भारतीय शेयर मार्केट ने गुरुवार को गोता लगाया. जहां बीएसई सेंसेक्स 419.85 अंक टूटकर 60, 613.70 अंक पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 128.80 अंक की गिरावट के साथ 18,028.20 अंक पर बंद हुआ. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 280.36 अंक टूटकर 60, 753.19 अंक पर आया था जबकि निफ्टी 87.35 अंक की गिरावट के साथ शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़ 18,069.65 अंक पर कारोबार कर रहा था.
Brezza ने बीते साल में बेची 8,032 यूनिट्स की तुलना में इस साल 9,941 यूनिट्स बेची हैं। वहीं बीते महीने बेची 15,445 यूनिट्स की तुलना में गिरावट दर्ज की है।
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय शेयर बाजार ( Indian Stock Market) का मार्केट कैपिटलाईजेशन ( Market Capitalisation) दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा रहेगी. रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बाजार का मार्केट कैप 2032 तक 3.4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 11 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है.
Bitcoin News : बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी रखने वालों की क्यों रातोंरात उड़ गई नींद, जानें ये 10 बड़ी बातें
बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी में कभी भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल जाता है। पिछले सालों में कई मौकों पर बिटकॉइन बिना कोई संकेत दिए ही 40-50 फीसदी गिर गया। 2013 में अप्रैल महीने में बिटकॉइन की कीमत एक ही रात में 70 फीसदी से अधिक गिरी थी।
हाइलाइट्स
- भारत में सभी क्रिप्टो करेंसी में निवेश या उससे जुड़ी अन्य गतिविधियों पर रोक लगने वाली है
- लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, आगामी संसद सत्र में क्रिप्टो पर पाबंदी का बिल लाया जाएगा
- इस विधेयक में सभी प्राइवेट डिजिटल करेंसी को प्रतिबंधित करके सरकारी करेंसी लाई जाएगी
1. विधेयक आने की खबर से भूचाल
दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र में डिजिटल करेंसी पर एक विधेयक पेश किए जाने की खबर मंगलवार देर रात सामने आई। इसमें कहा गया है कि सरकार ने देश में क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित करने का कानून लाने का मन बना लिया है। यह खबर आते ही निवेशकों में भगदड़ मच गई।
2. लोकसभा बुलेटिन से मची खलबली
29 नवंबर से संसद के आगामी सत्र की शुरुआत होगी। बीती रात जारी लोकसभा बुलेटिन में उन 26 नए विधेयकों की लिस्ट प्रकाशित की गई है जिन्हें इस सत्र में विचार के लिए रखा जाएगा। इस लिस्ट में 10वें नंबर पर 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' भी शामिल है।
3. सरकारी डिजिटल करेंसी पर विचार
इस बिल में देश में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया गया है। विधेयक के नाम के आगे दी गई संक्षिप्त जानकारी में इस विधेयक लाने का मकसद बाया गया है। इसमें कहा गया है, 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल करेंसी बनाने के लिए मददगार ढांचा तैयार करना।'
4. पाबंदी के प्रस्ताव ने उड़ाई नींद
यहां तक तो ठीक है, लेकिन अगली पंक्ति में जो कहा गया है, उसने निवेशकों की नींद उड़ा दी। इसमें कहा गया है, 'विधेयक में भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। हालांकि, इसमें क्रिप्टोकरेंसी और इनके इस्तेमालों की कुछ अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने के कुछ अपवाद भी होंगे।'
लोकसभा बुलेटिन में दर्ज इस अंश से क्रिप्टो के निवेशकों में मची खलबली।
5. कानून बनने का डर
स्पष्ट है कि अगर भारत में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने का यह विधेयक संसद से पारित हो गया तो बिटकॉइन जैसी करेंसी में निवेश करना गैर-कानूनी हो जाएगा। यह प्रावधान निश्चित तौर पर निवेशकों का हौसला तोड़ने के लिए काफी है। जो लोग डिजिटल करेंसी में निवेश के जरिए दिन-दूनी, रात-चौगुनी कमाई करने का सपना देख रहे थे, उनके सपने का आधार ही खत्म हो गया। स्वाभाविक है कि पाबंदी का रास्ता तैयार होते ही निवेशक डिजिटल करेंसी में लगा पैसा निकालने पर तुल गए, जिसका असर क्रिप्टो एक्सचेंजों पर दिखा।
6. डर के ये कारण भी
निवेशकों का डर बढ़ने के और भी कारण हैं। मसलन, जब से खबर आई कि सरकार क्रिप्टो करेंसी के रेग्युलेशन के लिए कानून लाएगी, तब से इसकी रूपरेखा को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर स्थिति स्पष्ट करने से बचती रही। अगस्त महीने में जब विधेयक को कैबिनेट की स्वीकृति दिलाने के लिए पेश किया गया था तब भी मीडिया ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से इसके डीटेल को लेकर सवाल पूछे थे, लेकिन मंत्रालय बिल्कुल चुप रहा।
Cryptocurrency Bill: आ रहा क्रिप्टो पर बैन वाला बिल: बिटकॉइन में पैसा लगाने वालों का क्या होगा? क्या फंस जाएगा? समझिए सबकुछ
7. सवालों पर सरकारी चुप्पी
जब यह पूछा गया कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर बंपर फायदा कमाने का विज्ञापन आ रहा था और लोगों ने निवेश कर दिए तो अब उसका पैसा डूब गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा, तब भी सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। सरकार के इस रवैये से भी निवेशक डरे हुए हैं। जैसे ही विधेयक की खबर आई, उनका डर बढ़ गया और वो बेचैन हो उठे।
8. सरकार के रुख का दिखा असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ गृह और वित्त मंत्रालय के साथ इस मामले पर चर्चा की तो यह आम सहमति बनी कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के जरिए बंपर कमाई का लालच और अपारदर्शी विज्ञापनों के जरिए युवाओं को बरगलाने के प्रयासों को कड़ाई से रोका जाए। उसी मीटिंग में यह भी कहा गया कि क्रिप्टो मार्केट मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग का भी प्लैटफॉर्म बन सकते हैं।
9. गंभीर सवालों के नहीं मिले जवाब
बीते सोमवार को भी वित्तीय मामलों की स्थाई समिति के साथ शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़ क्रिप्टो करेंसी से जुड़े विभिन्न पक्षों और इस उद्योग के प्रतिनिधियों की मीटिंग हुई। इसमें सभी ने क्रिप्टो मार्केट को रेग्युलेट करने की जरूरत बताई, लेकिन जब समिति के शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़ सदस्यों ने उनसे कुछ गंभीर सवाल किए तो किसी के पास कोई जवाब नहीं था। इससे क्रिप्टो इंडस्ट्री के देश विरोधी गतिविधियों में मददगार बन जाने की आशंका मजबूत होती है।
10. निवेशकों के लिए विकल्प भी
हालांकि, विधेयक में डिजिटल करेंसी में निवेश के शौकीनों के लिए थोड़ी सी राहत भी दी गई है। उनके लिए सरकारी डिजिटल करेंसी का विकल्प लाने का आश्वासन दिया गया है। आरबीआई की डिजिटल करेंसी का रास्ता तैयार करने के लिए विधेयक में 'डिजिटल करेंसी की अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दिए जाने' का भी प्रस्ताव किया गया है। यानी, अगर किसी को डिजिटल करेंसी में बेहतर भविष्य दिख रहा है तो वो बिटकॉइन, इथेरियम जैसी प्राइवेट क्रिप्टो में निवेश भले ही नहीं कर पाएगा, लेकिन सरकारी करेंसी का विकल्प खुला रहेगा।
शेयर बाजार और क्रिप्टो मार्केट के बाद रीयल एस्टेट का नंबर? मस्क भी इस आशंका को लेकर सहमत
स्टॉक और क्रिप्टो मार्केट के बाद अगली बारी रीयल एस्टेट की है.
दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी बिकवाली चल रही है. क्रिप्टो मार्केट की भी स्थिति सही नहीं दिख रही है.
दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी बिकवाली चल रही है. क्रिप्टो मार्केट की भी स्थिति सही नहीं दिख रही है और सबसे अधिक मार्केट कैप वाली बिटक्वाइन (BitCoin) के भाव रिकॉर्ड हाई से करीब 70 फीसदी फिसल चुके हैं. क्रिप्टोकरेंसी डॉजक्वाइन (DogeCoin) के को-फाउंडर बिली मार्कस (Billy Markus) का मानना है कि स्टॉक और क्रिप्टो मार्केट के बाद अगली बारी रीयल एस्टेट की है. उनके इस आउटलुक से दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क (Elon Musk) भी समहत दिख रहे हैं यानी उनकी भी मानना है कि अगला नंबर रीयल एस्टेट का है.
मीम के जरिए जताई आशंका
डॉजक्वाइन के को-फाउंडर ने अपनी आशंका को व्यक्त करने के लिए एक मीम का सहारा लिया है. इस मीम में एक कमरे के भीतर से स्टॉक्स का खून निकलता दिख रहा है और दूसरे दरवाजे से क्रिप्टोकरेंसी का. इसके शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़ बाद तीसरे रीयल एस्टेट के कमरे के दरवाजे को खटखटाते हुए हमलावर को दिखाया जा रहा है. इस मीम पर मस्क ने रिप्लाई करते हुए लिखा-ट्रू.
शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़
बढ़ती महंगाई दर और रेट हाइक के चलते दुनिया भर के शेयर बाजारों में भगदड़ मची हुई है. पिछले पांच कारोबारी दिनों में सेंसेक्स 4 फीसदी टूटकर 52541 तक फिसल चुका है और निफ्टी 50 भी करीब 4 फीसदी फिसलकर 15700 के नीचे आ चुका है. क्रिप्टो मार्केट भी कमजोर दिख रहा है. बिटक्वाइन की बात करें तो क्वाइनडेस्क पर दिए गए भाव के मुताबिक 53.9 लाख रुपये की रिकॉर्ड हाई से फिसलकर यह 16.6 लाख रुपये के भाव पर ही रह गया है. वहीं डॉजक्वाइन 57.83 रुपये की रिकॉर्ड हाई से फिसलकर महज 4.18 रुपये के भाव पर रह गया है.
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LIC के शेयरों के भाव में गिरावट लगातार जारी, रिटेल इन्वेस्टर्स का भरोसा हुआ कमजोर
एक तरफ भारतीय शेयर बाजार के सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब खड़े हैं तो दूसरी तरफ देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC में गिरावट देखने को मिल रही है.
- Money9 Hindi
- Publish Date - October 29, 2022 / 01:00 PM IST
एक तरफ भारतीय शेयर बाजार के सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब खड़े हैं तो दूसरी तरफ देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC में गिरावट देखने को मिल रही है. एलआईसी के शेयरों की लिस्टिंग के बाद से तमाम इन्वेस्टर्स अच्छे दिन का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इसका हाल सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है. हर गुजरते महीने के साथ एलआईसी के शेयरों का भाव गिर रहा है और यह लगातार नया लो लेवल बना रहा है.
LIC का IPO जोर-शोर से हुआ था लॉन्च
मौजूदा वित्त वर्ष की शुरुआत में सरकारी बीमा कंपनी LIC का IPO बड़े जोर-शोर से लॉन्च हुआ. कई महीनों से इसके लिए माहौल बनाया गया और इन्वेस्टर्स को आकर्षित करने के लिए कई उपाय किए गए. खासकर रिटेल इन्वेस्टर्स को आईपीओ में पैसे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया. हालांकि शेयर बाजार में एलआईसी ने लिस्टिंग के दिन ही निराश कर दिया.
रिटेल इन्वेस्टर्स का भरोसा हुआ कमजोर
आंकड़े बताते हैं कि एलआईसी के शेयरों को लेकर रिटेल इन्वेस्टर्स का भरोसा हाल के दिनों में कमजोर हुआ है. सिर्फ दूसरी तिमाही में 2.65 लाख रिटेल इन्वेस्टर्स एलआईसी से बाहर निकल गए. एलआईसी के शेयरों के भाव में जिस तरह से गिरावट आई है, उसके हिसाब से रिटेल इन्वेस्टर्स के बीच मची यह भगदड़ तार्किक भी साबित होती है.
LIC IPO का इश्यू प्राइस 904 रुपए था
LIC IPO में रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए इश्यू प्राइस 904 रुपए था. वहीं एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स के लिए यह 889 रुपए था. आम इन्वेस्टर्स के लिए एलआईसी आईपीओ का इश्यू प्राइस 949 रुपए था. हालांकि इसकी लिस्टिंग 17 शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़ मई को 872 रुपए पर हो पाई. इसका मतलब हुआ कि LIC IPO ने इन्वेस्टर्स को पहले ही दिन घाटा करा दिया. शुक्रवार को दोपहर में बीएसई पर एलआईसी का शेयर नुकसान के साथ 595 रुपए पर ट्रेड कर रहा था. इससे पहले एलआईसी स्टॉक 588 रुपए का ऑल टाइम लो भी छू चुका है.
कुछ इन्वेस्टर्स कर रहे शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़ डिप बाइंग
हालांकि कुछ ऐसे भी रिटेल इन्वेस्टर्स हैं, जो इस मौके का फायदा उठाकर डिप बाइंग कर रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, रिटेल इन्वेस्टर्स के पास जून तिमाही के अंत में एलआईसी के 11.86 करोड़ शेयर थे. यह सितंबर तिमाही में 12.21 करोड़ पर पहुंच गया. यानी इन तीन महीनों में रिटेल इन्वेस्टर्स ने एलआईसी के करीब 35 लाख शेयर खरीदे. इस दौरान एफपीआई ने भी एलआईसी पर भरोसा दिखाया और इसके 33 लाख शेयर खरीदे. वहीं म्यूचुअल फंड्स का भरोसा कम हुआ और इन्होंने एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी 0.10 फीसदी कम की.
खराब प्रदर्शन के बाद भी बहुत उम्मीदें
एलआईसी के शेयरों के भविष्य की बात करें तो अब तक के खराब प्रदर्शन के बाद भी ब्रोकरेज फर्म्स को इससे उम्मीदें हैं. फॉरेन ब्रोकरेज सिटी ने इसे Buy रेटिंग के साथ 1000 रुपए का टारगेट दिया है. इसी तरह मोतीलाल ओस्वाल ने एलआईसी को 830 रुपए का और एमके ग्लोबल ने 800 रुपए का टारगेट दिया है.
इंश्योरेंस मार्केट में LIC का मार्जिन गिरा
ओपन मार्केट में एलआईसी शेयरों की चाल पर कंपनी के बिजनेस का भी असर पड़ा है. बिजनेस के लिहाज से इंश्योरेंस मार्केट में एलआईसी का मार्जिन पहले ही अन्य कंपनियों की तुलना में कम था. यह मार्जिन जून तिमाही में 13.6 फीसदी पर आ गया, जो मार्च तिमाही में 15 फीसदी से ज्यादा था. अन्य कंपनियों की बात करें तो एसबीआई लाइफ और आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल का मार्जिन 30 फीसदी से ज्यादा है. जबकि एचडीएफसी लाइफ का मार्जिन करीब 27 फीसदी है.
सरकार की बात करें तो DIPAM सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे की एक हालिया टिप्पणी का जिक्र जरूरी हो जाता है. बकौल दीपम सेक्रेटरी एलआईसी को बाजार में पैर जमाने के लिए कई नई चीजें करनी होंगी. उन्होंने माना कि कंपनी के मैनेजमेंट को नए सिरे से सोचने की जरूरत है. शेयरों की लिस्टिंग से एक नई कहानी शुरू होती है और अब एलआईसी के मैनेजमेंट को अगले 20 साल के लिए रणनीति बनाने की जरूरत है.
सेंसेक्स : क्या निवेशकों के लिए डरने की है बात ?
हैदराबाद: बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) यानि बॉम्बे शेयर मार्किट ने शुक्रवार को इतिहास रचते हुए शुक्रवार को पहली बार 60,000 अंक के पार पहुंच गया. वहीं निफ्टी भी 17850 के पार पहुंच गया. बाजार गुलजार है तो निवेशकों ने मुनाफा भी बनाया है. लेकिन बाजार की खरगोश से तेज चाल अब डरा भी रही है लोगों को कन्फ्यूज भी कर रही है. दरअसल 60 हजार पहुंचे सेंसेक्स ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं
25 जुलाई 1990 को सेंसेक्स पहली बार हजार अंक के स्तर पर पहुंचा. उसके बाद कई उतार चढ़ाव को देखते हुए करीब 31 साल बाद 24 सितंबर 2021 को भारतीय बाजार अब तक के सबसे अधिक 60,000 अंक तक पहुंच गया.
क्या है इस उछाल की वजह ?
सेंसेक्स के 50 हजार से 60 हजारी बनने में अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की भूमिका रही. बजाज फिनसर्व से लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और टेक महिन्द्रा से लेकर टाटा स्टील और बजाज फाइनेंस तक के शेयरों में तेजी आई. लेकिन इसमें सबसे बड़ा योगदान इंफोसिस, शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़ रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल का रहा है.
वैसे इन दिनों विदेशी संस्थागत निवेशक (Foreign institutional investors) और घरेलू संस्थागत निवेशक बाजार (domestic institutional investor) भी जमकर बाजार में पैसा लगा रहे हैं जिससे ये तेजी आई है. जानकार मानते हैं कि अगर यही रफ्तार बनी रही तो अगले साल जून तक सेंसेक्स 70,000 का आंकड़ा भी छू लेगा. लेकिन कुछ जानकार मानते हैं कि कुछ जोखिम बाजार की रफ्तार पर लगाम लगा सकते हैं.
दरअसल अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने साफ कर दिया है कि वह 2022 के मध्य से पहले इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी नहीं करेगा. हालांकि नवंबर 2021 से इसमें कमी की जा सकती है. वर्तमान में अमेरिकी फेडरल रिजर्व हर महीने 120 बिलियन डॉलर का बॉन्ड खरीदता है और अर्थव्यवस्था को लिक्विडिटी की मदद से पंप कर रहा है. नवंबर से इसमें कटौती की जा सकती है.
बीएसई के मुख्य कार्यपालक शेयर बाजारों और क्रिप्टो मार्केट में मची है भगदड़ अधिकारी और प्रबंध निदेशक आशीष कुमार चौहान ने कहा, ‘सेंसेक्स आज 60,000 अंक पर पहुंच गया. यह भारत की वृद्धि की संभावना को दर्शाता है. साथ ही जिस तरीके से भारत कोविड अवधि के दौरान एक विश्व नेता के रूप उभरा है, उसे भी अभिव्यक्त करता है… इसके अलावा दुनियाभर में सरकारों ने अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रा प्रसार किया और वित्तीय नीतियों को उदार बनाया, उससे भी शेयर बाजारों में गतिविधियां बढ़ी हैं.’
इस साल सेंसेक्स 25 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है और महज 245 दिन में 10 हजार अंक जोड़कर 50 हजार से रिकॉर्ड 60 हजार के स्तर को पार कर गया है. बाजार की रफ्तार हमेशा डराती है और इस बार से रफ्तार इतनी तेज है कि डरना लाजमी है.
कुछ जानकार मानते हैं कि बैंकिंग समेत कई सेक्टर्स की तेजी अभी छोटे निवेशकों को लुभा सकती है. बीएसई आने वाले दिनों 65 हजार और निफ्टी 20 हजार तक भी पहुंच सकता है लेकिन जब बाजार इस रफ्तार से बढ़ रहा हो तो खरीदारी से बचें, ऐसे में निवेशकों को SIP की सलाह देते हैं.