क्रिप्टोक्यूरेंसी का परिचय

ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है?

ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है?

इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम

इंट्राडे ट्रेडिंग यानी की एक ही दिन के अंतराल में स्टॉक को बाय और सेल करना । लेकिन मार्केट के 6 घंटे की अवधि किस अवधि में इंट्राडे ट्रेडिंग करना फायदेमंद होता है, साथ ही इक्विटी और कमोडिटी के लिए क्या इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम रखा गया है, ये सभी ज़रूरी बातो को यह विस्तार में जानेंगे।

Intraday Trading Time in Hindi

अब जैसे की आप जानते है कि शेयर बाजार के नियम है जिसका पालन कर आप ट्रेड कर सकते ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है? है । सभी नियमों में से एक नियम शेयर मार्केट के समय का है जिसमे आप ट्रेड कर सकते है। इक्विटी शेयर बाजार की बात करे तो वह सुबह 9:15 से शाम 3:15 तक खुला रहता है । यह 6 घंटे की अवधि एक ट्रेडर के लिए विभिन्न अवसर लेकर आती है जिसमे ट्रेडर मुनाफा कमा सकता है।

लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में मुनाफे के लिए ज़रूरी है एक सही समय का चुनाव करना । ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रेडिंग के दौरान वोलैटिलिटी, लिक्विडिटी और अन्य कारक प्राइस में तेज़ी से उतार-चढ़ाव लाते है जिसकी वजह से एक ट्रेडर को नुकसान भी हो सकता है।

अब ये तो स्पष्ट है कि इक्विटी इंट्राडे ट्रेडिंग सुबह 9:15 से दोपहर 3:20 तक कर सकते है, अब इस दौरान आप एक या एक से अधिक पोजीशन मार्केट में ले सकते है, लेकिन यहाँ पर ये ज़रूरी है कि आप जो भी पोजीशन मार्केट में ले उसे 3:20 से पहले बंद भी करें ।

ऐसा न करने पर आपको स्टॉक ब्रोकर खुद ही आपकी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ कर देता है और आपके इसके लिए अतिरिक्त शुल्क अपने ब्रोकर को देने होते है ।

कमोडिटी इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम

कमोडिटी मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम रात को 11:55 तक खुली रहती है तो अगर किसी कमोडिटी (crude oil, cotton, natural gas, etc) में ट्रेड करते है तो आप अपनी पोजीशन को रात तक ओपन करके रख सकते है ।

लेकिन इक्विटी मार्केट की तरह यहाँ भी आपको स्क्वायर-ऑफ टाइम का ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है? ध्यान रखना है और मार्केट बंद होने से कम से कम 15 मिनट पहले अपनी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होता है ।

इंट्राडे ट्रेडिंग स्क्वायर ऑफ का समय हर ब्रोकर का अलग होता है और इसलिए आप अपने ब्रोकर से इसकी जानकारी ज़रूर प्राप्त करें ।

इंट्राडे ट्रेडिंग करने का सही समय

इंट्राडे ट्रेडिंग उन्ही स्टॉक में ज़्यादातर की जाती है जिसमे अस्थिरता ज़्यादा होती है, अब यहाँ पर अलग अलग समय में वोलैटिलिटी भी अलग होती है जिसके अनुसार इंट्राडे ट्रेडिंग समय ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है? सीमा को निम्नलिखित चरणों में बांटा गया है:

ये इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम सबसे ज़्यादा वोलेटाइल होता है। सुबह के पहले घंटे में इंट्राडे स्टॉक में सबसे ज़्यादा अस्थिरता देखी जाती है, इसका सबसे बढ़ा कारण मार्केट बंद होने के बाद आयी कोई न्यूज़ या अन्य कोई कारण हो सकता है। ये वह समय में सबसे ज़्यादा वॉल्यूम देखि जाती है यानी की इस समय सबसे ज़्यादा ट्रेडर एक्टिव रहते है।

ये समय ट्रेडर्स के लिए मुनाफा कमाने का अवसर लेकर आता है लेकिन वोलैटिलिटी अधिक होने के कारण इस समय नुक्सान भी ज़्यादा हो सकता है और इसलिए शुरूआती ट्रेडर को इस समय इंट्राडे ट्रेड करने की सलाह नहीं दी जाती।

  • दूसरा चरण (सुबह 10:30 से दोपहर 12 बजे)

ये औसत वोलैटिलिटी का समय होता है जिसमे स्टॉक में एक एवरेज वॉल्यूम में ट्रेड किया जाता है। यह आम तौर पर वह समय होता है जब कीमतें स्थिर हो जाती हैं, बाजार की दिशा निर्धारित हो जाती है और यहां तक कि इंडेक्स भी स्थिर हो जाते हैं।

अब अवसरों का समय है और यह इस चरण में है कि आपके चार्ट, पैटर्न और न्यूज़ फ्लो इंट्राडे ट्रेड के मामले में काम करेंगे। एक शुरूआती ट्रेडर इस चरण का सर्वोत्तम लाभ उठा सकते है।

दोपहर 12 बजे से 2.30 बजे के बीच तीसरा चरण आम तौर पर बाजारों की अधिक आराम की अवधि है। यहां वैश्विक डेटा फ्लो , डॉव फ्यूचर्स के खुलने, एशियाई बाजारों में ट्रेड को बंद करने और यूरोपीय बाजारों के वास्तविक ओपनिंग जैसी किसी विशिष्ट घटना या समाचार प्रवाह पर अधिक ध्यान दिया जाता है।

यह एक ऐसी अवधि है जब आप केवल तभी ट्रेड करते हैं जब आपके पास कोई कहानी हो या यदि आप अपने मूल्य लक्ष्य प्राप्त करते हैं तो अपनी स्थिति को बंद कर दें।

  • आखिरी और चौथा चरण (दोपहर 2:30 बजे से 3:20 तक)

अंत में, हम दोपहर 2.30 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक ट्रेडिंग के अंतिम घंटे में आते हैं। इस समय जी भी ट्रेडर्स ने अपनी इंट्राडे ट्रेडिंग पोजीशन को ओपन रखा होता है वह क्लोज करते है और इसलिए इस समय फिर से मार्केट में काफी वॉल्यूम देखी जाती है और स्टॉक का प्राइस ज़्यादातर विपरीत दिशा में ट्रेड करने लगता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम नियमित रूप से पैसे कमाने का एक बहुत अच्छा जरिया है लेकिन इसमे 99% प्रतिशत लोग केवल नुकसान ही करते है क्योँकि बिना समझ के मार्केट में प्रवेश करते है|

लेकिन असंभव कुछ भी नहीं अगर आप सही इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी (intraday trading strategy in hindi) का पालन कर टेक्निकल एनालिसिस करते है तो आप जरूर इसमें पैसा बना पाएंगे। अपने ज्ञान और समझ को बढ़ाने के आप स्टॉक मार्केट कोर्स ले सकते है जो आपको मार्केट में वोलैटिलिटी, वॉल्यूम और अन्य महत्वपूर्ण पहलूओं को समझने में मदद करता है।

अगर आप स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है? सीखने से जुड़े कुछ सवाल पूछना चाहते है तो संपर्क करने के लिए नीचे दिए गए फॉर्म में अपना विवरण भरे:

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Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन इतने बजे पैसे लगाने से निश्चित होगी धन की वर्षा! जान लीजिए शेयर मार्केट का सीक्रेट 'शुभ मुहूर्त'

Diwali Muhurat Trading 2022: हिंदू संवत वर्ष 2079 की शुरुआत के पहले दिन दिवाली है और इस मौके पर प्रमुख शेयर बाजार बीएसई और एनएसई में एक घंटे का विशेष कारोबारी सत्र यानी ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ होगा. यानी इस एक घंटे में आप निवेश कर सकते हैं.

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Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन इतने बजे पैसे लगाने से निश्चित होगी धन की वर्षा! जान लीजिए शेयर मार्केट का सीक्रेट

Share Market Shubh Muhurt: शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए खास खबर है. अगर ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है? है? आप भी करोड़पति बनना चाहते हैं तो ये खबर जरूर पढ़ लें. वैसे तो दिवाली के दिन शेयर बाजार में ट्रेडिंग नहीं होती है लेकिन इस खास दिन पर एक सीक्रेट 'शुभ मुहूर्त' होता है, जिस समय निवेश करने पर आप मालामाल बन सकते हैं. दिवाली के दिन शाम के वक्त एक घंटे के लिए आपको पैसे लगाने का मौका मिलेगा. दरअसल, हिंदू संवत वर्ष 2079 की शुरुआत के पहले दिन दिवाली है और इस मौके पर प्रमुख शेयर बाजार बीएसई और एनएसई में एक घंटे का विशेष कारोबारी सत्र यानी ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ होगा. यानी इस एक घंटे में आप निवेश कर सकते हैं.

जानिए क्या है टाइमिंग?

आपको बता दें कि यह खास कारोबारी सत्र शाम को 6:15 बजे से 7:15 बजे के बीच होगा. बाजार के एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस मुहूर्त के दौरान सौदा करना शुभ होता है और आर्थिक समृद्धि लाता है. अधिकतर निवेशक इस खास मौके पर निवेश का इंतजार करते हैं. निवेशकों का भी ऐसा मानना है कि इस मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान पैसे लगाने पर निवेशक मालामाल होंगे.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

अपस्टॉक्स में निदेशक पुनीत माहेश्वरी ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा, ‘किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के लिए दीपावली को सबसे अच्छा वक्त माना जाता है. बाजार में धारणा सकारात्मक ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है? है और विभिन्न क्षेत्रों में खरीदारी हो रही है. माना जाता है कि इस सत्र के दौरान खरीदारी करने पर निवेशक को सालभर लाभ मिलता है. यह सत्र केवल एक घंटे का है इसलिए नए कारोबारियों को इस दौरान सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव आता रहता है.'

इसके अलावा सेंकटम वैल्थ से जुड़े मनीष जेलोका ने बताया, 'संवत 2078 के दौरान भारतीय शेयर बाजारों ने वैश्विक बाजारों की तुलना में कहीं अच्छा प्रदर्शन किया था जो संवत 2079 में भी जारी रहने की उम्मीद है. बता दें कि शेयर बाजार 26 अक्टूबर को बंद रहेंगे. ऐसे में अगर आप भी बाजार में निवेश करना चाहते हैं ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है? तो इस मुहूर्त से न चूकें.

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच अंतर को समझें

वारेन बफेट - वह वह व्यक्ति है जिसके बारे में बात करने पर अधिकांश लोग प्रेरित हो जाते हैंनिवेश. ज़रूर, आपने उसके बारे में सुना होगा, है ना? जब आप उनके निवेश पोर्टफोलियो को देखेंगे, तो आपको लंबी अवधि के शेयरों की एक श्रृंखला मिलेगी। और, यहीं से अपेक्षाकृत नए निवेशक भ्रमित होने लगते हैं। आखिरकार, लंबी अवधि के व्यापार के लिए एक पोर्टफोलियो बनाना हर किसी के बस की बात नहीं हो सकती है। यहीं से इंट्राडे और डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग के बीच चयन करने की दुविधा सामने आती है।

जबकि इन ट्रेडिंग प्रकारों के लिए रणनीतियाँ अलग हैं, वहीं अन्य महत्वपूर्ण पहलू भी हैं जिन्हें इंट्राडे और डिलीवरी के बीच के अंतर के बारे में बात करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। आइए इन दोनों विकल्पों को एक साथ रखें और इस पोस्ट में उनके अंतरों का पता लगाएं।

Intraday Vs Delivery Trading

इंट्राडे ट्रेडों को परिभाषित करना

इस ट्रेडिंग सिस्टम में ट्रेडिंग सत्र के भीतर स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल है, जो उसी दिन होता है। यदि तुमविफल दिन के अंत तक आपकी स्थिति को स्क्वायर करने के लिए, विशिष्ट ब्रोकरेज योजनाओं के तहत आपका स्टॉक स्वचालित रूप से समापन मूल्य पर बेचा जाता है।

अधिकांश व्यापारी शेयरों की कीमत निर्धारित करके इस व्यापार की शुरुआत करते हैं और यदि वे लक्ष्य से कम व्यापार कर रहे हैं तो उन्हें खरीद लेते हैं। और फिर, लक्ष्य तक पहुंचने पर वे स्टॉक को बेच देते हैं। और, ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है? अगर स्टॉक के लक्ष्य तक नहीं पहुंचने की भविष्यवाणी है, तो व्यापारी इसे उस कीमत पर बेच सकते हैं जो सबसे अच्छी लगती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ

    ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है?
  • आपको पूरी राशि का केवल एक निश्चित भाग का भुगतान करके शेयर खरीदने को मिलता है; इस प्रकार, आपको कम निवेश करने और अधिक लाभ प्राप्त करने को मिलता है
  • यदि आपको लगता है कि किसी निश्चित कीमत की कीमत दिन में कहीं गिर सकती है, तो आप शेयर को बिना खरीदे ही बेच सकते हैं; इस तरह, आप कीमत के आधार पर बाद में स्टॉक खरीद सकते हैं और पर्याप्त लाभ कमा सकते हैं
  • डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग की तुलना में, इंट्राडे में ब्रोकरेज कम होता है

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

  • आप समय नहीं दे सकतेमंडी, और इस प्रकार के व्यापार में कोई भविष्यवाणी काम नहीं करती है; इस प्रकार, आपके पास कितना भी अच्छा पैसा क्यों न हो, आपके पास 24 घंटे से अधिक के लिए स्टॉक नहीं हो सकता है
  • इस ट्रेडिंग में, आपको स्टॉक को पर रखने की सुविधा नहीं हैरिकॉर्ड करने की तारीख राइट्स इश्यू, बोनस, लाभांश, और बहुत कुछ
  • आपको बेहद सतर्क रहना होगा और हर मिनट बाजार पर नज़र रखनी होगी

डिलीवरी-आधारित ट्रेडों को परिभाषित करना

जहां तक डिलीवरी ट्रेडों का संबंध है, खरीदे गए स्टॉक को इसमें जोड़ा जाता हैडीमैट खाता. जब तक आप बेचने का फैसला ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है? नहीं करते तब तक वे कब्जे में रहते हैं। भिन्नइंट्राडे ट्रेडिंग, इसकी कोई सीमित समयावधि नहीं है। आप अपने स्टॉक को दिनों, हफ्तों, महीनों या वर्षों में भी बेच सकते हैं।

डिलिवरी-आधारित ट्रेडिंग के लाभ

  • अगर आपको लगता है कि कंपनी काफी अच्छा कर रही है तो आपको किसी स्टॉक में लंबे समय तक निवेश करने का फायदा मिलता है
  • जोखिम इंट्राडे से कम है

डिलिवरी-आधारित ट्रेडिंग के नुकसान

  • स्टॉक खरीदने के लिए आपको पूरी राशि का भुगतान करना होगा; इस तरह, जब तक आप अपने शेयर बेचने का निर्णय नहीं लेते, तब तक आपके फंड ब्लॉक हो जाते हैं

डिलीवरी और इंट्राडे दृष्टिकोण के बीच अंतर

अब जब आप इंट्राडे और डिलीवरी के अंतर को समझ गए हैं, तो यहां बताया गया है कि उनका व्यापार करने का तरीका भी अलग है:

वॉल्यूम ट्रेड

इसे एक दिन के भीतर किसी कंपनी के शेयर खरीदे और बेचे जाने की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है। आमतौर पर अच्छी तरह से स्थापित और बड़े संगठनों के लिए उनकी विश्वसनीयता के कारण मात्रा अधिक होती है। इस प्रकार, यदि आप इंट्राडे चुन रहे हैं, तो विशेषज्ञ आपको इन ट्रेडों से चिपके रहने की सलाह देंगे।

लंबी अवधि के लिए कारोबार करने वालों के संदर्भ में, वे अस्थिरता के पहलू पर कम निर्भर करते हैं क्योंकि स्टॉक बेचने को तब तक के लिए टाल दिया जा सकता है जब तक कि यह आपके द्वारा निर्धारित लक्ष्य मूल्य तक नहीं पहुंच जाता।

कीमत के स्तर

दोनों ट्रेडों के लिए, मूल्य लक्ष्य निर्धारित करना एक आदर्श तरीका है। हालांकि, यह इंट्राडे ट्रेडों में बेहतर काम करता है क्योंकि ये अधिक समय के प्रति संवेदनशील होते हैं। इस पद्धति से, आप अधिक लाभदायक अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

लंबी अवधि के ट्रेडों के लिए, आप निवेश की अवधि बढ़ा सकते हैं, भले ही आप लक्ष्य मूल्य से चूक गए हों। कई व्यापारी लक्ष्य को ऊपर की ओर संशोधित कर सकते हैं और लाभ प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक स्टॉक रख सकते हैं।

निवेश का विश्लेषण

आमतौर पर, इंट्राडे ट्रेड तकनीकी संकेतकों पर आधारित होते हैं। ये स्टॉक के अल्पकालिक मूल्य आंदोलन को दर्शाते हैंआधार ऐतिहासिक मूल्य चार्ट के। इतना ही नहीं, बल्कि यह ट्रेडिंग इवेंट-संचालित भी हो सकती है। हालांकि, इनमें से कोई भी दृष्टिकोण दीर्घकालिक सफलता की गारंटी नहीं दे सकता है।

डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग के संबंध में, विशेषज्ञ सलाह देते हैंमौलिक विश्लेषण. इसका मतलब उन कंपनियों में निवेश करना है जिनके पास लंबी अवधि की भविष्यवाणी है। इसके लिए कंपनी के कारोबारी माहौल और आंतरिक संचालन के गहन विश्लेषण की जरूरत है। लेकिन ध्यान रखें कि किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझने के लिए आपको असंख्य संख्याओं और आंकड़ों से गुजरना होगा।

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग के बीच अंतर: आपको कौन सा चुनना चाहिए?

ज़रूर, इंट्राडे ट्रेडिंग लुभाने लगती है, लेकिन यह सभी के लिए नहीं है। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, आपको सफलता हासिल करने के लिए हर मिनट बाजार पर नजर रखनी होगी। साथ ही, इस प्रकार को चुनना आपको तकनीकी पहलुओं, जैसे कि एल्गोरिदम और चार्ट पर निर्भर रहने के लिए मजबूर करेगा। इस प्रकार, यदि आप इस दृष्टिकोण से सहज नहीं हैं, तो आपको इस ट्रेडिंग प्रकार से दूर रहना चाहिए।

दूसरी ओर, यदि आप कुछ घंटों का निवेश करके जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं, तो डिलीवरी-आधारित ट्रेडिंग आपके लिए एक बढ़िया विकल्प नहीं है क्योंकि इस प्रकार के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही इसमें फंडामेंटल अप्रोच की मदद से पैसा लगाने की भी जरूरत होती है।

आज दिवाली के दिन बंद रहेगा शेयर बाज़ार, लेकिन एक घंटे के लिए होगी मुहूर्त ट्रेडिंग

हर साल की तरह इस साल भी दिवाली की शाम महूर्त ट्रेडिंग होगी। आज 24 अक्टूबर को एक घंटे के लिए शाम 6.15 से 7.15 बजे तक देश के प्रमुख शेयर बाजारों BSE और NSE में मुहूर्त कारोबार होगा। पिछले कुछ सालों से मुहूर्त कारोबार में बाजार ज्यादातर समय तेजी के साथ ही बंद हुआ है। इस साल भी निवेश इसमें ऐसी ही तेज़ी देखने की कामना कर रहे है।

एक्सपर्ट की माने तो मुहूर्त कारोबार का अपना एक अलग ही महत्व है, क्यूंकि इसी के साथ संवत 2079 की शुरुआत भी होती है। जिसके कारण हर निवेशक इस दिन कुछ न कुछ खरीदारी करनी होती है। जैसे हम धनतेरस में सोने-चांदी की खरीदारी करते हैं।

एक्सपर्ट के मुताबिक, निवेशक इस साल मुहूर्त कारोबार में जिन शेयरों पर दांव लगा सकते हैं उनमें लगा सकते हैं, उनमें Aarti Industries, Ami Organics, Bajaj Finance, Devyani International, Hindustan Unilever, ICICI Bank, Infosys, Mindtree, UltraTech और Zydus Cadila जैसे नाम शामिल हैं।

आप Aarti Industries को 1,094 रुपये के लक्ष्य पर खरीद सकते हैं। इसमें 39 फीसदी का फायदा मिलेगा। Ami Organics को 1,229 के लक्ष्य पर खरीद सकते हैं। इसमें 34 फीसदी का फायदा मिलने की उम्मीद है। इसी तरह Devyani International में 21 फीसदी, ICICI बैंक में 19 फीसदी, Hindustan Unilever में 18 फीसदी और Bajaj Finance में 17 फीसदी का फायदा मिलने की उम्मीद है।

वहीं Infosys के शेयर में 21 फीसदी, UltraTech में 21 फीसदी और ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है? Zydus Cadila के शेयर में 20 फीसदी और Mindtree के शेयर में 12 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिलने की उम्मीद है।

पिछले साल मुहूर्त कारोबार में अच्छा रिटर्न मिलने वाले शेयरों में ITC ने 47 फीसदी, Devyani ने 76 फीसदी, UPL ने 19 फीसदी,Uno Minda ने 64 फीसदी और SBI लाइफ ने 14 फीसदी का लाभ दिया था। 2017 के मुहूर्त कारोबार में जिन शेयरों ने ज्यादा लाभ दिया, उसमें HDFC limited ने 41 फीसदी, HDFC बैंक ने 32 फीसदी, UPL ने 105 फीसदी, Infosys ने 76 फीसदी, HCL टेक ने 62 फीसदी का रिटर्न दिया। Sundaram ने 115 फीसदी और ITC ने 101 फीसदी का फायदा दिया था।

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