विश्लेषण और योजना

वर्ष 2007 में सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट (सीएसई) ने ज्यादा से ज्यादा काम शुरू करने और उन्हें पूरा नहीं करने के चलन को सबसे पहले सामने लाया था। सीएसई की ओर से अखिल भारतीय स्तर पर हुए इस सर्वे ने सामने लाया था कि कार्य पूरा नहीं किए जाने के कारण लोग इस योजना में दैनिक मजदूरी के नजरिए से भी लाभ नहीं ढूंढ़ सके। दूरगामी फायदे के मद्देनजर इस योजना के तहत गांवों में स्थानीय पारिस्थितिकी का पुनरुत्थान एक मूल उद्देश्य था। उदाहरण के लिए, योजना के तहत कम-से-कम चार हेक्टेयर के भूभाग में जल संचय संरचना का निर्माण किया गया। यह लोगों को कार्यक्रम से जोड़ने पर केंद्रित है। इसके अलावा, इस कार्यक्रम के तहत गरीबी रेखा से नीचे के अनुसूचित जाति-जनजाति श्रेणी के लोग अपनी निजी भूमि पर भी काम कर सकते हैं। यही एक बड़ा कारण है, जिससे इस श्रेणी की एक बड़ी आबादी की इस योजना में भागीदारी रही।
पावर सेक्टर – सूचना साझाकरण और विश्लेषण केंद्र (आईएसएसी – पावर)
क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की साइबर सुरक्षा दुनिया भर में व्यापार और सरकारों के बीच बढ़ती चिंता है। विश्लेषण और योजना भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के माध्यम से सीईआरटी-इन की नींव रखी, जो साइबर सुरक्षा मानकों, अनुपालन, हादसा प्रतिक्रिया और मार्गदर्शन के लिए समर्पित संगठन है। भारत सरकार ने क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की जरूरतों की समीक्षा करने के बाद समर्पित सेक्टोरल सीईआरटी का निर्माण किया।
भारत सरकार / सीईआरटी-इन के निर्देशों के बाद, एमओपी ने छः सेक्टोरल सीईआरटी बनाए:
क्र.सं. | सेक्टोरल सीईआरटी | नोडल संगठन |
1. | सीईआरटी – थर्मल | एनटीपीसी |
2. | सीईआरटी – हाइड्रो | एनएचपीसी |
3. | सीईआरटी – ट्रांसमिशन | पावरग्रिड |
4. | सीईआरटी – वितरण | डीपी और टी डिवीजन, केविप्रा |
5. | सीईआरटी – ग्रिड प्रचालन | एनएलडीसी |
6. | सीईआरटी – नवीकरणीय ऊर्जा | एमएनआरई/एसईसीआई |
प्रकरण विश्लेषण योजना: जो चरणों शामिल
"युद्ध और शांति", लिओ टोल्स्टाय ने लिखा है, 3 खंडों में जारी किया गया था, और प्रत्येक पुस्तक में अपने एपिसोड है कि पूरे काम का अर्थ समझने के लिए विश्लेषण की आवश्यकता थी। पूरी किताब में प्रमुख एपिसोड में से एक Borodino में है, जो एक अलग हिस्सा बन जाता है और समय और अंतरिक्ष में बंद कर दिया की लड़ाई है।
पहली बात यह है कि आप शुरू करने की जरूरत है योजना का विश्लेषण घटना की: साबित होता है कि इस घटना के फ्रेंच पर विजय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद, जो निर्धारित पात्रों प्रकरण (पियरे, एंड्रयू, Drubetskoy, Dolokhov) में मौजूद हैं, वे क्या महसूस करते हैं, वे क्या लेखक को दिखाते हैं।
अगले कदम - mikroepizody में विभाजन बेहतर देख सकते हैं और पात्रों को समझने के लिए। उदाहरण के लिए, के रूप में "बैटरी पर पियरे" या इस तरह के भागों विश्लेषण और योजना में विभाजित किया जा सकता है "रिजर्व में प्रिंस एंड्रयू।"
भारतीय भाषाओं के प्रौद्योगिकी विकास संबंधित योजना की वेबसाइट देखें
संचार विश्लेषण और योजना एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा भारतीय भाषाओं के प्रौद्योगिकी विकास संबंधित योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों विश्लेषण और योजना एवं तकनीकों को विकसित किया जायगा ताकि मानव एवं मशीनी संवाद के बीच भाषा बाधक ना बने। आप इस वेबसाइट पर भाषा से संबंधित मुफ्त सॉफ्टवेयर एवं उपकरणों, भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी प्रसार और परिनियोजन केंद्र, पेटेंट विश्लेषण प्रबंधन प्रणाली, विधिमान्यकरण/स्थानीयकरण उपकरणों, भाषाई संसाधनों एवं उपकरणों इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। भाषा प्रौद्योगिकी साधनों एवं भाषा.
भारत की आपराधिक बर्बादी: मनरेगा के तहत एक करोड़ से अधिक का काम अधूरा
By Richard Mahapatra
Published: Friday 13 October 2017
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में काम पूरा करने की दर में पिछले साढ़े तीन वर्षों के अंदर भारी गिरावट आई है। इसके कारण एक तरफ सरकारी राशि बर्बाद विश्लेषण और योजना हो रही है तो दूसरी ओर गांवों को सूखा प्रभावित होने के लिए छोड़ दिया गया है। योजना से लोगों की दूरी बनाने का एक कारण यह भी हो सकता है।
जब बारिश की कमी के कारण भारत के एक-तिहाई से अधिक जिले सूखे जैसी स्थिति से जूझ रहे थे, उसी समय एक और बुरी खबर आ गई। मनरेगा के तहत शुरू हुए काम, जिनमें से लगभग 80 फीसदी जल संरक्षण, सिंचाई और विश्लेषण और योजना भूमि विकास से संबंधित थे, उन्हें अपूर्ण या आदतन छोड़ दिया जा रहा है।
वर्तमान स्थिति:
- योजना लागू होने के पाँच वर्ष बाद उपलब्ध आँकड़ों में देखा जा सकता है कि योजना के क्रियान्वन में सांसदों के मध्य शुरुआत से ही उत्साह की कमी रही है।
- योजना के चौथे चरण के अंतर्गत गाँवों विकास के लिये अभी तक लिये दो तिहाई लोकसभा सांसदों ने अपने संसदीय क्षेत्र से ग्रामसभाओं का चुनाव भी नहीं किया है।
- संसद के दोनों सदनों में सदस्यों की वर्तमान संख्या 790 है, जबकि दोनों सदनों से केवल 252 सदस्यों ने ही अभी तक चयनित ग्रामसभाओं की सूची साझा की है, जिनमें 208 लोकसभा तथा 44 सदस्य राज्यसभा से हैं।
- इस योजना में शुरुआत के कुछ महीनों के बाद से ही संसद के सदस्यों की भागीदारी में कमी देखी गई है। योजना के पहले चरण में जहाँ लोकसभा के 703 सांसदों ने हिस्सा लिया था, वहीं दूसरे चरण में इनकी संख्या केवल 497 और तीसरे चरण में घटकर मात्र 301 रह गई।
- वर्तमान में लोकसभा की सदस्य संख्या 545 है जिनमें 543 सदस्य चुनाव के द्वारा और 2 सदस्य मनोनीत होकर भारत के विभिन्न क्षेत्रों की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- साथ ही राज्यसभा की सदस्य संख्या 245 है जिनमें से 12 सांसद मनोनयन की प्रक्रिया से इस सदन का हिस्सा बनते हैं, वर्तमान में संसद के इस सदन में 240 सदस्य हैं, जबकि 5 सीटें अभी खाली हैं।
- पिछले माह संसद की एक स्टैंडिंग कमेटी ने इस योजना की कमियों पर अपनी चिंता प्रकट की, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना का उद्देश्य विभिन्न योजनाओं के सामंजस्य और अभिसरण को सुनिश्चित कर तथा उनके पूर्ण क्रियान्वन को प्राथमिकता देकर आदर्श (Model) गाँवों का निर्माण करना था।
- कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस योजना के आदर्श वाक्य की पूर्ति के लिये जिस गंभीरता की आवश्यकता थी, संसद सदस्यों में उसकी भारी कमी देखी गई है। ऐसे में कमेटी ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को यह सलाह दी है कि मंत्रालय इस योजना के परिकल्पित ध्येय के अनुरूप SAGY गाँव का विकास सुनिश्चित करे तथा यह भी सुनिश्चित करे की योजना के अंतर्गत कोई भी गाँव छूटने न पाए।