क्रिप्टोक्यूरेंसी का परिचय

एंजेल इन्वेस्टमेंट का परिचय

एंजेल इन्वेस्टमेंट का परिचय

RBL Bank Full Form in Hindi

RBL Bank Full Form : RBL बड़े बैंक के लिस्ट में से एक बैंक है लेकिन क्या आप आरबीएल के बारे में जानते हैं RBL Ka Full Form जानते हैं, क्या आपको RBL Bank Full Form in Hindi पता है अगर नहीं तो आप आरबीएल बैंक के बारे में इस आर्टिकल में जान जाएंगे

Table of Contents

आरबीएल बैंक जिसे पहले रत्नाकर बैंक (Ratnakar Bank) के नाम से जाना जाता था यह एक निजी क्षेत्र का बैंक है जिसका मुख्यालय मुंबई में और इसकी स्थापना 1943 में की गई थी

आरबीएल बैंक फुल फॉर्म इन हिंदी

RBL ka ful form “द रत्नाकर बैंक लिमिटेड” जा सकता है क्योंकि या आरबीएल का पुराना नाम है 2014 में द रत्नाकर बैंक लिमिटेड को आरबीएल कर दिया गया

RBL Bank Full Form “Ratnakar Bank Limited” होता है जिसे हिंदी में “द रत्नाकर बैंक लिमिटेड” के नाम से जाना जाता है इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है.

आरबीएल बैंक बेस्ट एंड पॉपुलर सर्विस (RBL Bank Services)

No.RBL Bank Services
01आरबीएल क्रेडिट कार्ड (RBL Credit Card)
02आरबीएल डिजिटल अकाउंट (RBL Digital Account)
03आरबीएल सेविंग अकाउंट (RBL Saving Account)
04आरबीएल फिक्स्ड डिपॉजिट (RBL Fixed Deposit)
05आरबीएल करंट अकाउंट (RBL Current Account)
06आरबीएल बिजनेस लोन (RBL Business Loan)
07आरबीएल इन्वेस्टमेंट सर्विस (RBL Investment Service)
08आरबीएल इंश्योरेंस (RBL Insurance)
09आरबीएल पर्सनल लोन (RBL Personal Loan)

अन्य पढ़े :

आरबीएल बैंक जिस का फुल फॉर्म द रत्नाकर बैंक लिमिटेड है या एक निजी क्षेत्र का बैंक है जिसका सर्विस काफी अच्छा है इनकी शुरुआत 1943 में हुई थी और आरबीएल बैंक को रत्नाकर बैंक के नाम से भी जाना जाता है

आरबीएल बैंक का मालिक कौन है

आरबीएल बैंक का मालिक विश्ववीर आहूजा है जो इस समय (वर्तमान) बैंक के सीईओ हैं आरबीएल बैंक में वर्तमान में करीब 6000 कर्मचारी काम करते हैं और इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल की कमाई आरबीएल की लगभग 8000 करोड हुई थी

* लोगो के द्वारा यह भी पूछा गया *

आरबीएल बैंक भारतीय बैंक है

आरबीएल बैंक का मुख्यालय मुंबई भारतमें स्थित है.

आरबीएल बैंक की स्थापना अगस्त 1943 में एक प्राइवेट बैंक के तौर पर हुआ था

LIC IPO इन दो चीजों के बिना नहीं कर सकते निवेश जानें पूरी डिटेल्स

भारत सरकार के स्वामित्व वाली जीवन बीमा कंपनी LIC यानी कि Life Insurance Corporation Of India! देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी में से एक है! जो की जल्द ही निवेशकों और अपने पॉलिसी धारकों के लिए अपना LIC IPO लाने जा रही है! सरकार द्वारा इसके कुछ हिस्से को बेचा जाना सुनिश्चित किया गया है! जिसके लिए लगभग सभी तियारियां पूरी कर ली गयी हैं! और इसके IPO का काम इस समय अंतिम दौर में हैं!

जैसी की उम्मीद और अनुमान लगाया जा रहा है उस हिसाब से मार्च के शुरुआत अथवा अंत तक सरकार द्वारा LIC IPO को जारी किया जा सकता है ! SEBI से अनुमति मिलते ही इसे स्टॉक मार्केट NSE/BSE में लिस्टिंग के लिए उतार दिया जाएगा! जिसके बाद से ही कंपनी के पॉलिसी धारक और निवेशक इसके शेयर्स को खरीदकर कंपनी में अपनी सहभागिता और स्वामित्व सुनिश्चत कर सकेंगे!

आपको बता दें कि कंपनी का IPO लगभग 1 लाख करोड़ रूपये के आस पास तक का होने का अनुमान! लगाया जा रहा है ! यानी कि IPO का साइज़ 1 लाख करोड़ रूपये तक हो सकता है ! सरकार अपने इस IPO को जारी करके 1 लाख करोड़ रूपये जुटाने की कोशिश कर रही है!

आज की इस पोस्ट में हम आपको उन दो जरुरी और महत्वपूर्ण बातों को बताने जा रहे हैं! जिसके बगैर आप LIC के IPO में निवेश स्टार्ट नहीं कर पायेंगे ! इसलिए पोस्ट को पूरा पढ़ें जिससे कि अगर आप भी LIC IPO में निवेश की सोच रहे हैं! तो आपको पूरी और सटीक जानकारी मिल सके!

यह भी पढ़ें – Adani Wilmar IPO जानें लिस्टिंग के दौरान निवेशकों को फायदा हुआ या नुकसान ?

यहाँ जानें निवेश के लिए कौन सी हैं वो दो जरुरी चीजें :

हाल ही में LIC नें एक विज्ञापन के दौरान कहा था कि कंपनी IPO में निवेश के लिए पालिसी धारकों का पैन कार्ड कंपनी निगम में रजिस्टर्ड कराना आवश्यक होगा! आपको बता दें कि कंपनी की आधिकारिक वेबसाईट पर पैन रजिस्टर्ड और अपडेट कराये जाने की सुविधा भी उपलब्ध है!

इसके अलावा अगर आप LIC IPO में निवेश शुरू करना चाहते हैं तो निवेश स्टार्ट करने से पहले ग्राहकों के पास एक वैलिड डीमैट अकाउंट का होना! विशेष रूप से अनिवार्य है! क्योंकी डीमैट अकाउंट के बिना IPO स्टॉक/शेयर मार्केट म्यूचुअल फण्ड इन्वेस्टमेंट को स्टार्ट नहीं किया जा सकता है!

LIC IPO निवेश के लिए आवश्यक चीजें :

  • पॉलिसी होल्डर का पैन कार्ड LIC के आधिकारिक पोर्टल पर अपडेट होना चाहिए !
  • IPO इन्वेस्टमेंट स्टार्ट करने के लिए पॉलिसी होल्डर्स के पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए !

How To Update Pan Details On LIC Portal

अगर आपने अभी तक अपनी पैन डिटेल्स को LIC की आधिकारिक वेबसाईट पर अपलोड नहीं किया है! तो यहाँ पर हमारे द्वारा पैन डिटेल्स को आधिकारिक वेबसाईट पर अपडेट करने का पूरा प्रोसेस बताया जा रहा है! क्योंकी LIC IPO में निवेश करने से पहले आपका पैन कंपनी के डाटा में अपडेट होना चाहिए तभी आप LIC IPO इन्वेस्टमेंट का लाभ उठा पायेंगे! जिसके माध्यम से आप अपनी पैन डिटेल्स को कंपनी की आधिकारिक वेबसाईट पर अपडेट कर सकेंगे!

  • एलआईसी के आधिकारिक पोर्टल पर पैन डिटेल्स को अपलोड करने के लिए सबसे पहले आपको LIC की आधिकारिक वेबसाइट- https://licindia.in/ पर जाना है आप चाहें तो आप यहाँ दिए जा रहे! डायरेक्ट लिंक के माध्यम से अपलोड डिटेल्स के पेज पर जा! सकते हैं – https://linkpan.licindia.in/UIDSeedingWebApp/
  • होम पेज पर आने के बाद आपको Online PAN Registration का ऑप्शन सेलेक्ट कर लेना है!
  • ऑनलाइन PAN रजिस्ट्रेश पेज पर जाकर Proceed बटन को क्लिक करें!
  • अब आपको अपना सही ईमेल एड्रेस और PAN मोबाइल नंबर और LIC पॉलिसी नंबर भरें!
  • मोबाइल नंबर और पॉलिसी नंबर दर्ज करने के बाद बॉक्स में Captcha कोड दर्ज करें!
  • कैप्चा कोड दर्ज करने के बाद Get OTP के विकल्प पर आपको क्लिक करना है!
  • जब OTP आ जाएगा तो OTP को पोर्टल पर दर्ज करें और Submit के बटन पर टिक करें!
  • इस प्रकार कंपनी की आधिकारिक वेबसाईट पर आपकी पैन डिटेल्स अपलोड हो जायेंगी!

कैसे चेक करें PAN-LIC स्टेटस?

पैन डिटेल्स को कंपनी की आधिकारिक वेबसाईट पर अपलोड करने के बाद आप चाहें तो हमारे द्वारा बताये जा रहे स्टेप्स को फॉलो करके अपना PAN-LIC स्टेटस भी चेक कर सकते हैं ! इसके लिए आपको यहाँ पर बताये जा रहे स्टेप्स को फॉलो करना है !

  • https://linkpan.licindia.in/UIDSeedingWebApp/getPolicyPANStatus पर जाएं!
  • पॉलिसी नंबर जन्म तिथि और PAN डिटेल साथ ही Captcha दर्ज करें! फिर Submit बटन दबाएं!
  • सबमिट करते ही आपके सामने PAN-LIC स्टेटस शो हो जाएगा! इस प्रकार आधिकारिक वेबसाईट पर आप अपने पैन PAN-LIC स्टेटस को चेक कर पायेंगे!

डीमैट अकाउंट क्या होता है ?

IPO में शेयर के लिए सब्सक्राइब करने या स्टॉक एक्सचेंजों पर स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए सबसे पहले आपके पास डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है! भारत में दो मुख्य डिपॉजिटरी हैं – NSDL और CDSL। कई बैंकों सहित कई वित्तीय संस्थाएं इन डिपॉजिटरी में पार्टनर हैं! और इसी के चलते उन्हें ‘डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स’ या DP कहा जाता है!

डीपी के उदाहरणों में निम्निल्खित बैंक शामिल हैं:

स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL) ICICI बैंक और HDFC बैंक जो डीमैट अकाउंट सर्विस देते हैं! इसके अलावा डिजिटल और ट्रेडिशनल ब्रोकरेज फर्म्स के माध्यम से भी आप अपना DEMAT ACCOUNT OPENING करा सकते हैं !

वर्तमान में बैंकों के अलावा सभी डिजिटल और ट्रेडिशनल ब्रोकरेज फर्म्स डीमैट यानी की ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं साथ ही साथ डिजिटल और ट्रेडिशनल ब्रोकरेज फर्म्स डीमैट अकाउंट यानी की शेयर मार्केट ट्रेडिंग अकाउंट खोलने पर आपको विशेष डिस्काउंट का लाभ भी देते हैं!

अगर LIC पॉलिसी होल्डर के पास पहले से ही एक डिमैट अकाउंट है, तो उसे नया अकाउंट खोलने की कोई जरूरत नहीं है! अगर आपके पास डीमैट अकाउंट नहीं है! तो आप अपनी पसंद के किसी भी डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के साथ अपना एक नया डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं!

FAQs About LIC IPO :

प्रश्न 1. वर्तमान में LIC के पास लगभग कितने करोड़ रूपये के एसेट्स हैं ?

उत्तर. FY 21 के अनुसार वर्तमान में LIC के पास लगभग 44 लाख करोड़ रूपये के एसेट्स हैं !

प्रश्न 2. IPO के बाद LIC का मार्केट कैप लगभग कितना हो जाएगा ?

उत्तर. ब्रोकरेज फर्म एंजेल वन के अनुसार IPO के बाद LIC का मार्केट कैप लगभग 13-15 लाख अरब रूपये हो जाएगा !

प्रश्न 3. वैल्यूएशन के हिसाब से सरकार LIC में लगभग कितनी प्रतिशत हिस्सेदारी को बेच सकती है ?

उत्तर. वैल्यूएशन के हिसाब से सरकार LIC में लगभग 5 से 10 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेच सकती है!

एंजेल इन्वेस्टमेंट का परिचय

साल 2020 की शुरुआत की बात है। केरल के कोच्चि में दोस्त के साथ मिलकर एक होटल लीज पर लिया था। करीब 1.5 करोड़ रुपए इसमें लग गए। बड़े-बड़े होटल इंडस्ट्री वालों से बढ़िया तालमेल था। कॉर्पोरेट सेक्टर में भी अच्छी पैठ थी। उम्मीद थी कि बंपर कमाई होगी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

अभी प्रोजेक्ट पूरा भी नहीं हुआ था कि कोरोना आ धमका। लॉकडाउन लगा और एक झटके में सबकुछ खत्म हो गया। कई महीने डिप्रेशन में रहा। लोगों ने कहा कि अब घर लौट जाओ, आगे आपके लिए कोई स्कोप नहीं है।

लेकिन मैं जानता था कि अंत हमेशा अंत नहीं होता है। खुद को संभाला और इंटरनेट पर अलग-अलग आइडियाज को खंगालना शुरू कर दिया। तब मुझे पता चला कि कोरोना में छोटे होटल वाले सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। क्योंकि उनके पास बुकिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं हैं।

बस यही से मेरे सफर की शुरुआत हुई और अपना ऐप डेवलप कराया। महज 18 महीने में ही मेरी कंपनी का वैल्यूएशन 100 करोड़ रुपए हो गया।

यह कहानी है बिहार के भागलपुर के रहने वाले चंदन पांडे की। वे WB होटल्स एंड रिसॉर्टस नाम की कंपनी के को-फाउंडर हैं। देश के 22 राज्यों में 700 से ज्यादा होटल वाले उनके क्लाइंट हैं।

अपनी पढ़ाई-लिखाई को लेकर चंदन पांडे बताते हैं, मुंबई के नेवल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था। उस वक्त नेवी ने डिफेंस सर्विस के लिए कैटरिंग ऑफिसर तैयार करने के लिए इस कोर्स को शुरू किया था, लेकिन सरकार का कहना था कि इस रैंक के ऑफिसर तैयार करने के लिए UPSC के अलावा कोई दूसरा प्लेटफॉर्म नहीं हो सकता है। सरकार और नेवी की इस रस्साकशी में सरकार जीत गई। यानी नेवी में जाने का सपना टूट गया।

3 दोस्तों ने राख से बनाई ईंट, स्कूटर पर घूमकर करते थे मार्केटिंग, 75 हजार में शुरू हुई कंपनी अब हो गई 40 करोड़ की

खैर तीन साल बाद पढ़ाई पूरी हुई और मुंबई के एक अमेरिकन होटल में जॉब लगी। साल 1999 से 2001 तक वहां काम किया। इसके बाद देश के बड़े-बड़े होटल्स में ट्रेनी से लेकर टॉप पोजिशन्स पर काम किया। साल 2015 तक नौकरियों का यह सिलसिला चलता रहा।

चंदन बताते हैं, उनका इस दौरान कॉर्पोरेट सेक्टर में अच्छा नेटवर्क हो चुका था। लिहाजा मैंने सोचा कि नौकरी छोड़कर क्यों न इवेंट मैनेजमेंट कंपनी खोली जाए? जिसके बाद 2015 में एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी खोल ली। 2 साल में ही इवेंट मैनेजमेंट कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ रुपए का हो गया, लेकिन उनका मन इस सेक्टर में नहीं लग रहा था। लिहाजा उन्होंने कंपनी बंद कर दी।

दरअसल, चंदन फिर से होटल इंटस्ट्री में आना चाह रहे थे। इसके लिए उन्होंने ब्लू रॉक नाम की हॉस्पिटैलिटी वेंचर फंड कंपनी जॉइन की। इस कंपनी का काम बड़े ब्रांड्स के लिए होटल ऑपरेट करना था। चंदन के लिए यहां काम करना काफी फायदेमंद रहा। बहुत कुछ उन्हें सीखने-समझने को मिला।

इसके बाद चंदन ने तय किया कि वे होटल इंडस्ट्री में ही खुद का कुछ करेंगे। वे कहते हैं कि होटल इंडस्ट्री में हर स्तर पर काम करने की वजह से मुझे सभी तरह के अनुभव मिल चुके थे। इसलिए मैंने नौकरी छोड़ दी और एक पार्टनर के साथ 2020 में वेस्ट ब्रीज नाम से कोच्चि में एक होटल लिया, लेकिन वो प्रोजेक्ट कोरोना की भेंट चढ़ गया।

चंदन कहते हैं- बड़े होटल्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपना कारोबार कर रहे थे, लेकिन छोटे होटल्स वाले इस टेक्नोलॉजी को न तो समझते हैं, न मानते हैं और न ही वो इसका खर्च उठा पाते हैं।बस उन्हीं को ध्यान में रखकर मैंने WB होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत की।

अपने फंड जुटाने के प्रोसेस को लेकर वो बताते हैं, अपने एक पार्टनर के साथ शुरुआत में 50 लाख रुपए का इंवेस्ट किया था। यानी चंदन और उनके पार्टनर ने 25-25 लाख रुपए एंजेल इन्वेस्टमेंट का परिचय इंवेस्ट किए थे। इसके लिए भी चंदन और उनके पार्टनर को 15-15 लाख रुपए अपने परिवार से लेने पड़े थे। उसके बाद कंपनी के ग्रोथ को देखते हुए कई एंजेल इन्वेस्टर्स ने उनकी कंपनी में इन्वेस्ट किए। जिससे 18 महीने बाद ही उनकी कंपनी का वैल्यूएशन 100 करोड़ का हो गया।

चंदन कहते हैं, कंपनी की ग्रोथ को देखते हुए एंजेल इन्वेस्टर्स ने हमारी कंपनी में इन्वेस्ट किया था। दरअसल, एंजेल इन्वेस्टर्स यह देखकर पैसा लगते हैं कि बीते एक-डेढ़ सालों में कंपनी का ग्रोथ स्केल कैसा रहा? आगे का भविष्य क्या है? आइडिया क्या है? प्लानिंग क्या है? बिजनेस मॉडल क्या है? चंदन बताते हैं कि अब वेंचर कैपिटिलिस्ट से इन्वेस्टमेंट की हमारी बात चल रही है। अगले एक साल में इसे एक हजार करोड़ रुपए करने का टारगेट है।

उनकी कंपनी किस तरह से काम करती है? इस सवाल पर चंदन कहते हैं, मेरे पास इंजीनियर्स की बड़ी फौज है जो ऐप-वेबसाइट और कस्टमर से जुड़ी समस्याओं को देखती है। 75 रेगुलर और 100 फ्रीलांसर्स की ऐसी टीम है जो देशभर में घूमती है और छोटे-छोटे होटल्स को बताती है कि उनकी कंपनी के साथ जुड़ने से उनका कितना फायदा होगा। जो होटल चंदन की कंपनी से जुड़ जाते हैं, उनके नाम के आगे WB लग जाता है।

नमन ने बेकार सिगरेट से खड़ी की करोड़ों की कंपनी, बनाते हैं खाद और सॉफ्ट टॉयज; लिम्का बुक में दर्ज कराया नाम

अपने बिजनेस मॉडल को लेकर चंदन का कहना है कि छोटे होटल्स अपने कमरे ऑनलाइन नहीं बेच पाते हैं। क्योंकि ये टेक्नोलॉजी से वाकिफ नहीं होते हैं। चंदन की कंपनी एंजेल इन्वेस्टमेंट का परिचय होटल ओनर को कस्टमर तक पहुंच बनाती है। होटल इसके बदले 10% से 15% चंदन की कंपनी को पे करते हैं।

अगर आप भी इस तरह के स्टार्टअप की प्लानिंग कर रहे हैं तो इन 5 बातों का रखें ध्यान.

कोरोना के बाद भी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री तेजी से ग्रो कर रही है। अगले साल तक इसका मार्केट साइज करीब 1,210 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

इस सेक्टर में करियर बनाने के लिए बेहतर प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जरूरत होती है। HTI, IIHM, NMIMS जैसे संस्थानों से इसका एंजेल इन्वेस्टमेंट का परिचय कोर्स किया जा सकता है।

इसमें बैचलर्स और मास्टर्स लेवल पर कोर्स किया जा सकता है। इसकी एवरेज फीस करीब 50 हजार से 1 लाख रुपए सालाना होती है।

आप इस फील्ड में छोटे लेवल पर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो 5-10 लाख रुपए की जरूरत होगी। एग्रीगेटर्स से टाइअप करके अपना दायरा बढ़ा सकते हैं।

आप चाहें तो इस फील्ड में काम करने वाले छोटे स्टार्टअप्स के साथ शेयरिंग भी कर सकते हैं। इससे आपको काम समझने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

एंजेल इन्वेस्टमेंट का परिचय

साल 2020 की शुरुआत की बात है। केरल के कोच्चि में दोस्त के साथ मिलकर एक होटल लीज पर लिया था। करीब 1.5 करोड़ रुपए इसमें लग गए। बड़े-बड़े होटल इंडस्ट्री वालों से बढ़िया तालमेल था। कॉर्पोरेट सेक्टर में भी अच्छी पैठ थी। उम्मीद थी कि बंपर कमाई होगी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

अभी प्रोजेक्ट पूरा भी नहीं हुआ था कि कोरोना आ धमका। लॉकडाउन लगा और एक झटके में सबकुछ खत्म हो गया। कई महीने डिप्रेशन में रहा। लोगों ने कहा कि अब घर लौट जाओ, आगे आपके लिए कोई स्कोप नहीं है।

लेकिन मैं जानता था कि अंत हमेशा अंत नहीं होता है। खुद को संभाला और इंटरनेट पर अलग-अलग आइडियाज को खंगालना शुरू कर दिया। तब मुझे पता चला कि कोरोना में छोटे होटल वाले सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। क्योंकि उनके पास बुकिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं हैं।

बस यही से मेरे सफर की शुरुआत हुई और अपना ऐप डेवलप कराया। महज 18 महीने में ही मेरी कंपनी का वैल्यूएशन 100 करोड़ रुपए हो गया।

यह कहानी है बिहार के भागलपुर के रहने वाले चंदन पांडे की। वे WB होटल्स एंड रिसॉर्टस नाम की कंपनी के को-फाउंडर हैं। देश के 22 राज्यों में 700 से ज्यादा होटल वाले उनके क्लाइंट हैं।

अपनी पढ़ाई-लिखाई को लेकर चंदन पांडे बताते हैं, मुंबई के नेवल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था। उस वक्त नेवी ने डिफेंस सर्विस के लिए कैटरिंग ऑफिसर तैयार करने के लिए इस कोर्स को शुरू किया था, लेकिन सरकार का कहना था कि इस रैंक के ऑफिसर तैयार करने के लिए UPSC के अलावा कोई दूसरा प्लेटफॉर्म नहीं हो सकता है। सरकार और नेवी की इस रस्साकशी में सरकार जीत गई। यानी नेवी में जाने का सपना टूट गया।

3 दोस्तों ने राख से बनाई ईंट, स्कूटर पर घूमकर करते थे मार्केटिंग, 75 हजार में शुरू हुई कंपनी अब हो गई 40 करोड़ की

खैर तीन साल बाद पढ़ाई पूरी हुई और मुंबई के एक अमेरिकन होटल में जॉब लगी। साल 1999 से 2001 तक वहां काम किया। इसके बाद देश के बड़े-बड़े होटल्स में ट्रेनी से लेकर टॉप पोजिशन्स पर काम किया। साल 2015 तक नौकरियों का यह सिलसिला चलता रहा।

चंदन बताते हैं, उनका इस दौरान कॉर्पोरेट सेक्टर में अच्छा नेटवर्क हो चुका था। लिहाजा मैंने सोचा कि नौकरी छोड़कर क्यों न इवेंट मैनेजमेंट कंपनी खोली जाए? जिसके बाद 2015 में एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी खोल ली। 2 साल में ही इवेंट मैनेजमेंट कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ रुपए का हो गया, लेकिन उनका मन इस सेक्टर में नहीं लग रहा था। लिहाजा उन्होंने कंपनी बंद कर दी।

दरअसल, चंदन फिर से होटल इंटस्ट्री में आना चाह रहे थे। इसके लिए उन्होंने ब्लू रॉक नाम की हॉस्पिटैलिटी वेंचर फंड कंपनी जॉइन की। इस कंपनी का काम बड़े ब्रांड्स के लिए होटल ऑपरेट करना था। चंदन के लिए यहां काम करना काफी फायदेमंद रहा। बहुत कुछ उन्हें सीखने-समझने को मिला।

इसके बाद चंदन ने तय किया कि वे होटल इंडस्ट्री में ही खुद का कुछ करेंगे। वे कहते हैं कि होटल इंडस्ट्री में हर स्तर पर काम करने की वजह से मुझे सभी तरह के अनुभव मिल चुके थे। इसलिए मैंने नौकरी छोड़ दी और एक पार्टनर के साथ 2020 में वेस्ट ब्रीज नाम से कोच्चि में एक होटल लिया, लेकिन वो प्रोजेक्ट कोरोना की भेंट चढ़ गया।

चंदन कहते हैं- बड़े होटल्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपना कारोबार कर रहे थे, लेकिन छोटे होटल्स वाले इस टेक्नोलॉजी को न तो समझते हैं, न मानते हैं और न ही वो इसका खर्च उठा पाते हैं।बस उन्हीं को ध्यान में रखकर मैंने WB होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत की।

अपने फंड जुटाने के प्रोसेस को लेकर वो बताते हैं, अपने एक पार्टनर के साथ शुरुआत में 50 लाख रुपए का इंवेस्ट किया था। यानी चंदन और उनके पार्टनर ने 25-25 लाख रुपए इंवेस्ट किए थे। इसके लिए भी चंदन और उनके पार्टनर को 15-15 लाख रुपए अपने परिवार से लेने पड़े थे। उसके बाद कंपनी के ग्रोथ को देखते हुए कई एंजेल इन्वेस्टर्स ने उनकी कंपनी में इन्वेस्ट किए। जिससे 18 महीने बाद ही उनकी कंपनी का वैल्यूएशन 100 करोड़ का हो गया।

चंदन कहते हैं, कंपनी की ग्रोथ को देखते हुए एंजेल इन्वेस्टर्स ने हमारी कंपनी में इन्वेस्ट किया था। दरअसल, एंजेल इन्वेस्टर्स यह देखकर पैसा लगते हैं कि बीते एक-डेढ़ सालों में कंपनी का ग्रोथ स्केल कैसा रहा? आगे का भविष्य क्या है? आइडिया क्या है? प्लानिंग क्या है? बिजनेस मॉडल क्या है? चंदन बताते हैं कि अब वेंचर कैपिटिलिस्ट से इन्वेस्टमेंट की हमारी बात चल रही है। अगले एक साल में इसे एक हजार करोड़ रुपए करने का टारगेट है।

उनकी कंपनी किस तरह से काम करती है? इस सवाल पर चंदन कहते हैं, मेरे पास इंजीनियर्स की बड़ी फौज है जो ऐप-वेबसाइट और कस्टमर से जुड़ी समस्याओं को देखती है। 75 रेगुलर और 100 फ्रीलांसर्स की ऐसी टीम है जो देशभर में घूमती है और छोटे-छोटे होटल्स को बताती है कि उनकी कंपनी के साथ जुड़ने से उनका कितना फायदा होगा। जो होटल चंदन की कंपनी से जुड़ जाते हैं, उनके नाम के आगे WB लग जाता है।

नमन ने बेकार सिगरेट से खड़ी की करोड़ों की कंपनी, बनाते हैं खाद और सॉफ्ट टॉयज; लिम्का बुक में दर्ज कराया नाम

अपने बिजनेस मॉडल को लेकर चंदन का कहना है कि छोटे होटल्स अपने कमरे ऑनलाइन नहीं बेच पाते हैं। क्योंकि ये टेक्नोलॉजी से वाकिफ नहीं होते हैं। चंदन की कंपनी होटल ओनर को कस्टमर तक पहुंच बनाती है। होटल इसके बदले 10% से 15% चंदन की कंपनी को पे करते हैं।

अगर आप भी इस तरह के स्टार्टअप की प्लानिंग कर रहे हैं तो इन 5 बातों का रखें ध्यान.

कोरोना के बाद भी हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री तेजी से ग्रो कर रही है। अगले साल तक इसका मार्केट साइज करीब 1,210 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

इस सेक्टर में करियर बनाने के लिए बेहतर प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जरूरत होती है। HTI, IIHM, NMIMS जैसे संस्थानों से इसका कोर्स किया जा सकता है।

इसमें बैचलर्स और मास्टर्स लेवल पर कोर्स किया जा सकता है। इसकी एवरेज फीस करीब 50 हजार से 1 लाख रुपए सालाना होती है।

आप इस फील्ड में छोटे लेवल पर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो 5-10 लाख रुपए की जरूरत होगी। एग्रीगेटर्स से टाइअप करके अपना दायरा बढ़ा सकते हैं।

आप चाहें तो इस फील्ड में काम करने वाले छोटे स्टार्टअप्स के साथ शेयरिंग भी कर सकते हैं। इससे आपको काम समझने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

बिना मैनेजमेंट डिग्री के इस शख्स ने किया कमाल, अपने बिजनेस को पहुंचाया बुलंदी पर, हॉवर्ड-IIM वाले भी फेल!

This person did wonders without a management degree took his business to the top Howard-IIM people also failed!

बिना मैनेजमेंट डिग्री के इस शख्स ने किया कमाल, अपने बिजनेस को पहुंचाया बुलंदी पर, हॉवर्ड-IIM वाले भी फेल!

This person did wonders without a management degree, took his business to the top, Howard-IIM people also failed!

हाल ही में Zerodha के सीईओ नितिन कामथ अपने कर्मचारियों को दिए चैलेंज को लेकर सुर्खियों में रहे थे. उन्होंने एक महीने की बोनस सैलरी पाने के लिए कर्मचारियों को अपने रोजना फिटनेस लक्ष्य का 90 फीसदी हासिल करने का चैलेंज दिया था. इसके साथ ही इसमें 10 लाख रुपये का एक लकी ड्रा भी रखा था.

कहते हैं जज्बा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं और काबिलियत के लिए किसी ड्रिगी-डिप्लोमा की जरूरत नहीं बस जुनून ही काफी है. ये कहावतें भारत के यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में से एक जेरोधा के फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ के ऊपर बखूबी लागू होती है. नितिन ने कैसे बिना किसी बिजनेस स्कूल की पढ़ाई किए ही अपने बिजनेस को इतनी बुलंदियों पर पहुंचा दिया कि कई हॉवर्ड और आईआईएम वाले भी फेल नजर आते हैं.

नितिन के पास नहीं था कोई Plan-B
देश के टॉप ब्रोकरेज हाउस जेरोधा के फाउंडर और CEO नितिन कामथ के पास कोई प्लान बी नहीं था. उनकी मानें तो अगर मैं भी दुनिया के बड़े बिजनेस स्कूल आईआईएम या फिर हार्वर्ड का छात्र होता, तो मुझे पता होता कि अगर एक काम नहीं करूंगा, तो दूसरी नौकरी तलाश लूंगा. लेकिन इसके साथ ही कामथ का कहना है कि बिजनेस स्कूल की शिक्षा एक पैराशूट जरूर है, लेकिन यह मुझे अपने सपनों को पूरा करने से रोकती है. जेरोधा आज एक टॉप ब्रोकरेज हाउस है और इसके करीब 40 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं.

शेयर बाजार का एक्सपीरियंस आया काम
नितिन कामथ का मानना है कि इस स्टार्टअप ने आज जो भी सफलता पाई है, उसमें भाई निखिल कामथ के साथ जेरोधा की शुरुआत से पहले शेयर बाजार बिताए गए 10-12 सालों का बड़ा रोल है. गौरतलब है कि जेरोधा, आज देश में 100 से अधिक यूनिकॉर्न में से एक है और भारत की स्टार्ट-अप कहानियों में एक महत्वपूर्ण किरदार अदा करती है. बता दें भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है.

KV Kamath ने भी की सराहना
हाल ही में ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Zerodha की नेशनल बैंक फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रेसिडेंट केवी कामथ ने भी सराहना की थी. अनुभवी बैंकर ने एक कार्यक्रम में बूटस्ट्रैप्ड और कैश-फ्लो पॉजिटिव वेंचर होने के लिए जेरोधा को बधाई देते हुए इसे कारोबार के लिए एक अच्छा मॉडल करार दिया था. जेरोधा एक फाइनेंसियल सर्विस कंपनी है. ये शेयर मार्केट में स्टॉक की खरीद-बिक्री करती है और म्यूचुअल फंड में ट्रांजेक्शन के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है

दिलचस्प है नितिम कामथ का सफर
नितिन कामथ ने 90 के दशक में ही Share Bazar में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी. वे अपनी मां के ऑफलाइन ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे भी निवेश करने लगे थे. इसके बाद उन्होंने एंजेल इन्वेस्टमेंट का परिचय कॉल सेंटर में भी काम किया. कम उम्र में ही शेयरों की अच्छी समझ ने उन्हें अपना लक्ष्य स्थापित करने में मदद की. 2005 में उन्होंने अपना एडवाइजरी बिजनेस भी शुरू किया था. इसके कुछ समय बाद NSE ने फ्री ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था, जहां से नितिन कामत को जीरोधा की शुरुआत का आइडिया मिला.

2010 में जेरोधा की शुरुआत
नितिन कामथ अक्सर Social Media पर लोगों को कई टॉपिक पर अवेयर करते रहते थे, जो अभी भी लगातार जारी है. खासकर स्टॉक मार्केट की उठा-पठक और इन्वेस्टमेंट करने को लेकर वह अपनी जानकारियां सोशल मीडिया पर डालते रहते हैं. साल 2010 में नितिन कामथ ने अपने छोटे भाई निखिल कामथ के साथ मिलकर ब्रोकरेज फर्म जेरोधा की नींव रखी थी. इसके बाद दोनों भाइयों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2020 में फोर्ब्स ने इन दोनों भाइयों को भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में भी शामिल किया था.

छात्रों का रहता है नौकरी पर फोकस
एक ओर जहां देश में स्टार्टअप्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है और नितिन कामथ जैसे कारोबारी मिसाल पेश कर रहे हैं. विशेषज्ञों का भी मानना है कि देश को सैकड़ों हजारों उद्यमियों की जरूरत है. इंडियन एंजेल नेटवर्क की को-फाउंडर और IAN फंड की फाउंडिंग पार्टनर पद्मजा रूपारेल का कहना है कि हमारे देश के 90 फीसदी छात्र अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद मोटी सैलरी वाली जॉब पाने पर ज्यादा फोकस करते हैं. वाधवानी फाउंडेशन के वाधवानी एंटरप्रेन्योर के कार्यकारी उपाध्यक्ष राजीव वारियर का कहना है कि हम एक नौकरी-उन्मुख अर्थव्यवस्था में हैं, न कि स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था में.

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