कमोडिटी मार्केट क्या है?

पहला: स्टॉप लॉस लगाना जरूरी(Keep Stop Loss): जितना अधिक जोखिम, उतना अधिक लाभ, यह बात कमोडिटी मार्केट क्या है? कमोडिटी कारोबार के ऊपर सटीक तरीके से लागू होती है। ऐसे में यदि आपने सही निर्णय लिया तो आप काफी तेजी से पैसे बना सकते हैं। इस क्षेत्र में जोखिम को कम करने के लिए सबसे पहले आपको स्टॉप लॉस निर्णयों को सटीक तरीके से लागू करना चाहिए। ध्यान रखें कि स्टॉप लॉस न लगाने पर आप पूरी पूंजी से हाथ धो सकते हैं।
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भारत में, आप पैसे का निवेश कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो को कई तरह से स्वस्थ और लाभदायक बनाए रखने के लिए उसमें विविधता ला सकते हैं। सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक कमोडिटी ट्रेडिंग है।
जबकि कमोडिटी बाजार भारत में सौ से अधिक वर्षों से अस्तित्व में है, हालांकि कमोडिटी बाजार शेयर बाजारों की तुलना में कम लोकप्रिय हैं, वे भारतीय अर्थव्यवस्था के कामकाज और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस पोस्ट में, आइए हम भारत में कमोडिटी बाजारों की भूमिका और महत्व को समझने की कोशिश करें।
कमोडिटी बाजार क्या हैं?
जिस तरह शेयर बाजार व्यापारिक शेयरों की सुविधा देता है, वैसे ही धातु, सोना, चांदी, कृषि उत्पाद, और अन्य जैसी वस्तुओं का कारोबार कमोडिटी कमोडिटी मार्केट क्या है? बाजार नामक समर्पित बाजारों में किया जाता है। व्यापारी, निर्माता, उत्पादक और अन्य लोग विभिन्न वस्तुओं की कीमत की खोज के लिए इन बाजारों का व्यापक रूप से उपयोग करते हैं।
शेयर बाजार की तरह, खरीदने और बेचने के लिए स्टैंडअलोन कमोडिटी एक्सचेंज हैं। वर्तमान में, देश में तीन मुख्य कमोडिटी एक्सचेंज संचालित होते हैं - एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज), आईसीईएक्स (इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज), और एनसीडीईएक्स (नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज)।
हालांकि, एमसीएक्स भारत में अग्रणी कमोडिटी एक्सचेंज है, जहां स्पॉट ट्रेडिंग और डेरिवेटिव दोनों में सबसे अधिक दैनिक कारोबार होता है।
भारत में कमोडिटी बाजार कितने महत्वपूर्ण हैं?
भारत में कमोडिटी बाजार देश की अर्थव्यवस्था, निवेशकों और अपने जीवन यापन के लिए वस्तुओं पर निर्भर लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। कमोडिटी बाजारों की कुछ सबसे महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं:
ये बाजार लोगों को भारत में कृषि उत्पादों सहित विभिन्न वस्तुओं की वास्तविक कीमतों का पता लगाने की अनुमति देते हैं। ये बाजार सुनिश्चित करते हैं कि वस्तुओं को कम कीमत पर नहीं बेचा जाता है, जिससे कोई नुकसान नहीं होता है।
गुणवत्ता रखरखाव
कमोडिटी बाजारों में खरीद और बिक्री के लिए उपलब्ध वस्तुओं की गुणवत्ता के संबंध में सख्त आवश्यकताएं हैं। इस तरह की नीतियां सुनिश्चित करती हैं कि पूरे देश में माल की गुणवत्ता बेहतर हो, जिससे आपूर्तिकर्ताओं और उपभोक्ताओं को भी लाभ हो।
कमोडिटी फ्यूचर्स में ट्रेडिंग ब्रोकर के साथ बनाए गए मार्जिन के माध्यम से लीवरेज पर आधारित होती है। हाथ में बहुत कम मात्रा में नकदी के साथ एक बड़ा लेनदेन किया जा सकता है।
भारत में कमोडिटी बाजारों की भूमिका
इसके महत्व को देखते हुए, यह कहना आसान है कि भारत में कमोडिटी बाजारों की भूमिका नागरिकों की रक्षा और अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ तरीके हैं जिनसे बाजार अपनी भूमिका निभाता है।
कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में बड़ा निवेश
आज, कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है एक अच्छी तरह से डिजाइन की गई फसल के बाद की प्रणाली का अभाव, जो संचरण के दौरान खाद्यान्न की पर्याप्त हानि की ओर जाता है, कीमतों को प्रभावित करता है और किसानों को नीचे रखता है। नुकसान।
एक विनियमित वस्तु बाजार किसानों, दलालों, उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए बचाव का काम करता है। इस तरह की व्यवस्था बेहतर परिवहन सुविधाओं और वेयरहाउसिंग सिस्टम में कृषि में बड़े निवेश को प्रोत्साहित करती है। यह बदले में, एक बेहतर विकसित पारिस्थितिकी तंत्र का परिणाम देगा।
Commodity Meaning in Hindi
कमोडिटी संपत्ति या सामान का एक समूह है जो रोजमर्रा की जिंदगी में महत्वपूर्ण है, जैसे भोजन, ऊर्जा या धातु। कमोडिटी वैकल्पिक रूप से और प्रकृति में विनिमय योग्य है। इसे हर तरह यहां से वहां ले जाई जाने योग्य वस्तु के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है जिसे कार्यवाई योग्य तथा धन के सिवा खरीदा और बेचा जा सकता है।
सामान्य तौर पर, कमोडिटी को चार प्रकारों कमोडिटी मार्केट क्या है? में वर्गीकृत किया जाता है:-
- कीमती धातु – सोना, चांदी और प्लेटिनम
- बेस मेटल – कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम
- एनर्जी – क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन
- मसाले – काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.
- अन्य – सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना
What is Commodity Trading In Hindi
कमोडिटी Trading एक सम्पति या समान का समूह है, जोकि हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में महत्वपूर्ण जैसे की भोजन, उर्जा व् धातु की जरुरत होती है । जोकि Commodity के अंतगर्त आती है, Commodity Trading में Trade करने का अवसर प्रदान करती है । जिसके चलते ट्रेडर को इस Commodity Trading के माध्यम से खरीद कमोडिटी मार्केट क्या है? व् बिक्री करते है । जिसे हम Commodity Trading के नाम से जानते है
Commodity Trading means किसे comandity जिसे हम रोजमरा की चीजे जैसे भोजन सामग्री , तेल , ऊर्जा , धातु अदि के नाम से भी जानते है, में Trade करते है । जैसे Stock Traders Share Trading करते है । जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (Commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (Share Market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (Commodity Trading) कहते हैं।
कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है – Difference Between Stock Trade and Commodity Trade
कमोडिटी ट्रेडिंग और स्टॉक ट्रेडिंग में मूलभूत अंतर है। Share Market में आप एक बार शेयर खरीद सकते हैं और कई सालों बाद उन्हें बेच सकते हैं, लेकिन Commodity Market में लेन-देन केवल दो या तीन महीने में होता है। इसलिए, किसी पोजीशन को खरीदते या बेचते समय एक निश्चित कमोडिटी मार्केट क्या है? अवधि का पालन करना आवश्यक है। यह ट्रेडिंग स्टॉक फ्यूचर्स के समान है।
यदि आप Commodity Trading में निवेश करना चाहते हो तो सबसे पहले आपके पास एक Demant account और Trading account होना चाहिये। उसके बाद आपको अपने base metals पर ट्रेडिंग करना होगा, जिसके चलते आप bullions, agro, commodities व् energy जैसे कंपोनेंट्स पर निवेश कर सकते हो। लेकिन याद रहे जब भी आप Commodity Trading करो तो ऐसे में ट्रेडिंग करते समय stop loss का जरुर उपयोग करे । जिससे की आप आसानी से अपने पैसे को नुकसान से बचा सको और अपने लिए प्रॉफिट मार्जिन book कर सको ।
कमोडिटी ट्रेडर्स के लिए बड़ी खबर, 14 मार्च से बदलेगा एमसीएक्स ट्रेडिंग का समय
14 मार्च से एमसीएक्स ट्रेडिंग का समय बदल जायेगा। यूएस डेलाइट सेविंग टाइमिंग में बदलाव के कारण मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) में ट्रेडिंग समय 14 मार्च से संशोधित किया जाएगा। सोमवार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदर्भ योग्य गैर-कृषि कमोडिटी के लिए ट्रेडिंग का समय सुबह 9 बजे से रात 11.30 बजे तक होगा।
कपास के लिए ट्रेडिंग टाइम
जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदर्भ योग्य कृषि वस्तुओं जैसे कपास, सीपीओ और कपास के लिए ट्रेडिंग का समय सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक होगा। अन्य सभी कमोडिटी का कारोबार सुबह नौ से शाम पांच बजे के बीच होगा। उपरोक्त के लिए क्लाइंट कोड संशोधन सत्र व्यापार के समापन समय के ठीक बाद और लगभग 15 मिनट के लिए होगा। इससे पहले, 14 फरवरी को, एक्सचेंज ने एक्सचेंज के नियमों, उप-नियमों और व्यावसायिक नियमों के प्रावधानों के संदर्भ में संशोधित ट्रेडिंग समय के बारे में अधिसूचित किया था।
कैसे कमाए मुनाफा कमोडिटी मार्किट से, क्या हैं कमोडिटी में ट्रेडिंग का मन्त्र
अनिश्चितताओं से भरे कमोडिटी बाजार में मुनाफा कमाना आसान नहीं होता है। मोटे फायदे की संभावनाओं की तलाश अक्सर लोग इस वायदा आधारित जिंस (कमोडिटी) बाजार की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन कमोडिटी में ट्रेडिंग शुरू करने से पहले यह जानना काफी जरूरी है कि यह क्षेत्र काफी जोखिम भरा होता है। ऐसे में आवश्यक है कि आप इस ट्रेडिंग में प्रवेश करने से पहले अपना होमवर्क पूरा कर लें। जिंस बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर ये तीन सूत्र अपनाए जाएं, तो निवेशक जोखिम से बचा पाएंगे और मुनाफा भी कमा सकेंगे। दरअसल किसी कमोडिटी में कई बार कोई खबर आने से उसमें काफी तेज उछाल या काफी तीखी गिरावट आती है। अगर आपकी उस पर नजर बनी हुई है तो आप अच्छा फायदा उठा सकते हैं। इसके अलावा बढ़ती महंगाई के दौर में भी कमोडिटी बाजार आपको शानदार कमाई का मौका मुहैया कराता है। आम तौर पर यह देखा गया है कि महंगाई में कई कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी का रुझान आ जाता है। यही नहीं, आप कमोडिटी का इस्तेमाल हेजिंग के लिए भी कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट से होने वाले इनकम का अंतर,
स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में एक और सबसे बड़ा अंतर ये है कि स्टॉक मार्केट में ख़रीदे गए स्टॉक पर आपको डिविडेंड (लाभांश) का लाभ होता है,
जबकि कमोडिटी मार्केट में आपको डिविडेंड के इनकम का लाभ नहीं होता है, कमोडिटी मार्केट में आपको सिर्फ अपने ट्रेड पर प्रॉफिट या लोस होता है,
3.स्टॉक मार्केट निवेश है जबकि कमोडिटी मार्केट सिर्फ ट्रेडिंग है,
स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में एक और सबसे बड़ा अंतर ये है कि स्टॉक मार्केट में आप स्टॉक खरीद कर निवेश कर सकते है, और उस निवेश से आपको डिविडेंड और कैपिटल गेन का लाभ मिलेगा,
जबकि कमोडिटी मार्केट में आप शुद्ध निवेश नहीं कह सकते है, कमोडिटी मार्केट में आपको पूरी तरह से एक ट्रेडर की तरह से व्यवहार करना पड़ता है, ट्रेडर एक ट्रेड लेता है और उस ट्रेड को पूरा करता है,
इस तरह, कमोडिटी मार्केट में आप लम्बे समय के लिए निवेश नहीं कर सकते है, जबकि स्टॉक मार्केट में लम्बे समय के लिए निवेश किया जा सकता है,
स्टॉक मार्केट निवेश और कमोडिटी मार्केट के प्रोडक्ट की अलग अलग विशेषता है,
स्टॉक मार्केट में जहा हर कंपनी के स्टॉक की ट्रेडिंग होती है, और स्टॉक चाहे किसी भी कंपनी का हो, भाव कम या ज्यादा जरुर होता है, लेकिन होता स्टॉक है, और स्टॉक की विशेषताए एक जैसी होती है,
जबकि कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी जैसे – सोना चांदी तेल अनाज की ट्रेडिंग होती है, और इस मार्केट में हर प्रोडक्ट की विशेषता अलग अलग होती है, जैसे सोने की विशेषता कुछ और चांदी की विशेषता कुछ और है जबकि तेल की विशेषता कुछ और है,
5.स्टॉक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में प्रोडक्ट की सप्लाई
स्टॉक मार्केट में शेयर की ट्रेडिंग होती है, और शेयर हमेशा निश्चित मात्रा में ही किसी कंपनी द्वारा जारी किये जाते है, और इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि स्टॉक मार्केट में स्टॉक की सप्लाई लगभग निश्चित है, और इसलिए क्योकि स्टॉक लिमिटेड मात्रा में होते है, इसलिए कुछ लोग जानबूझकर साजिश करके किसी कंपनी के स्टॉक को घटा या बढ़ा सकते है,
जबकि कमोडिटी मार्केट में स्टॉक की मात्रा की कोई निश्चित सीमा नहीं है, और इसलिए इसमें आसानी से किसी तरह की साजिश के बावजूद भी कमोडिटी के भाव को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं है,
आशा है, इस पोस्ट से आप समझ पाए होंगे की स्टोक मार्केट और कमोडिटी मार्केट में मुख्य अंतर क्या है, अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते है और अपने विचार की प्रतिक्रया भी कमेंट में लिख सकते है,