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चित्र ध्वज

चित्र ध्वज
याचिका में कहा गया है कि कुतुबुद्दीन ऐबक ने 27 हिंदू और जैन मंदिरों की जगह कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बना दी। ऐबक मंदिरों को पूरे तरीके से नष्ट नहीं कर सका और मंदिरों के मलबे से ही मस्जिद का निर्माण किया गया। याचिका में कहा गया था कि कुतुब मीनार परिसर की दीवारों, खंभों और छतों पर हिन्दू और जैन देवी-देवताओं के चित्र बने हुए हैं। इन पर भगवान गणेश, विष्णु, यक्ष, यक्षिणी, द्वारपाल. भगवान पार्श्वनाथ. भगवान महावीर, नटराज के चित्रों के अलावा मंगल कलश, शंख, गदा, कमल, श्रीयंत्र, मंदिरों के घंटे इत्यादि के चिह्न मौजूद हैं। ये सभी बताते हैं कि कुतुब मीनार परिसर हिंदू और जैन मंदिर थे। याचिका में कुतुब मीनार को ध्रुव स्तंभ बताया गया था।

संयुक्त राष्ट्र का ध्वज

उत्तरी ध्रुव पर केंद्रित अज़ीमुथल समदूरस्थ प्रक्षेपण का प्रतिनिधित्व करने वाला दुनिया का एक नक्शा, जैतून के पेड़ की पार की गई पारंपरिक शाखाओं से युक्त पुष्पांजलि में खुदा हुआ है। . . मानचित्र का प्रक्षेपण ६० डिग्री दक्षिण अक्षांश तक फैला हुआ है, और इसमें पाँच संकेंद्रित वृत्त शामिल हैं।

जैतून शाखाओं एक हैं शांति के लिए प्रतीक , और दुनिया के नक्शे सभी लोगों और दुनिया के देशों का प्रतिनिधित्व करता है।

सफेद और नीला संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक रंग हैं । संयुक्त राष्ट्र के ध्वज पर प्रतीक का आकार स्वयं ध्वज की चौड़ाई का आधा है। [2]

हल्के नीले रंग का बैकग्राउंड कलर कोड पैनटोन मैचिंग सिस्टम 2925 है। [3]

चित्र ध्वज

फाइल फोटो

नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने कुतुब मीनार परिसर में पूजा की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज दिनेश कुमार ने मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को करने का आदेश दिया।

बता दें कि 20 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले में कुंवर महेंद्र ध्वज की पक्षकार बनाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह का कहना था कि उनके पूर्वज आगरा प्रांत के शासक थे। कुतुब मीनार समेत दक्षिणी दिल्ली में उनका शासन था। लिहाजा कुतुब मीनार चित्र ध्वज जिस जमीन पर है उस पर उनका मालिकाना हक है। इसलिए सरकार कुतुबमीनार के आसपास की जमीन पर फैसला नहीं ले सकती है।

24 मई को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से वकील हरिशंकर जैन चित्र ध्वज ने कहा था कि पिछले आठ सौ वर्षों से चित्र ध्वज इस परिसर का इस्तेमाल मुस्लिमों ने नहीं किया है। चित्र ध्वज उन्होंने कहा था कि जब मस्जिद के काफी पहले यहां मंदिर था तो पूजा की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती है। हरिशंकर जैन ने एंशियंट मॉनुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट की धारा 16 का हवाला दिया था जिसमें पूजा स्थल की सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि देवता हमेशा देवता रहेंगे और ध्वस्तीकरण से उसका चरित्र या उसकी गरिमा नहीं खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि मैं एक पूजा करने वाला व्यक्ति हूं। वहां के चित्र अभी भी दिखाई देते हैं। अगर देवता हैं तो पूजा करने का अधिकार भी है।

Mahakal Sawari: शाही सवारी मार्ग से भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे भगवान महाकाल

Mahakal Sawari: अनेक स्थानों पर होगा पालकी का पूजन, दर्शन को उमड़ेंगे भक्त। मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कार्तिक अगहन मास की आखिरी सवारी शाही सवारी की तर्ज पर भव्यता लिए हुए रहेगी। चित्र ध्वज इसमें सबसे आगे मंदिर का प्रतीक चांदी का ध्वज रहेगा।

Mahakal Sawari: शाही सवारी मार्ग से भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे भगवान महाकाल

Mahakal Sawari: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से सोमवार कार्तिक अगहन मास में भगवान महाकाल की आखिरी सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर परंपरागत शाही सवारी मार्ग से भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। महाकाल मंदिर से शाम 4 बजे शाही ठाठ बाट के साथ सवारी शुरू होगी। मंदिर प्रशासन द्वारा सवारी को लेकर चाकचौबंद व्यवस्था की जा रही है।

युवक की संदिग्ध लाश मिलने से ककराली में मची अफरा-तफरी

क्षेत्र के ककराली गांव के खेत में मंगलवार को गोवर्धनपुरा गांव निवासी यज्ञ नारायण उर्फ योगेश (30) पुत्र चिंरजी लाल की लाश संदिग्ध अवस्था में पड़ी मिली। टहला पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी टहला की मोर्चरी में रखवा दिया है।

थाना प्रभारी श्रीपाल सिंह ने बताया कि दोपहर में ककराली गांव में लक्ष्मण धोबी के खेत में किसी का शव पड़े होने की सूचना मिली थी। जांच के दौरान मिले मोबाइल से शव की पहचान

गोवर्धनपुरा निवासी यज्ञ नारायण के रूप में हुई। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने शव को पहचान लिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को सीएचसी टहला रखवा दिया है।

थाना प्रभारी के अनुसार शव क ा चेहरा नीला पड़ा हुआ था। शव के पास ही उसका मोबाइल व चप्पल पड़ी हुई मिली है। शव के पास खरपतवार कीटनाशक दवा की शीशी भी पड़ी मिली है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। मृतक के परिजनों ने बताया कि यज्ञ नारायण 18 जुलाई से घर नहीं आया था। उसकी परिचितों व रिश्तेदारों के यहां भी तलाश की गई थी।

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