बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें

पेंशन कैलकुलेटर
फिंतरा का रिटायरमेंट प्लानिंग कैलकुलेटर कुल सेवानिवृत्ति कोष, सेवानिवृत्ति पर उपलब्ध मासिक पेंशन और चक्रवृद्धि की बुनियादी बातों का उपयोग करके आपके सेवानिवृत्ति लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आवश्यक मासिक बचत की गणना करता है।
फिंतरा पेंशन प्लानर के बारे में - सेवानिवृत्ति योजना कैलकुलेटर भारत
जब आप अपने जीवन के सेवानिवृत्ति चरण की योजना बना रहे होते हैं, तो इसमें व्यक्तिगत और वित्तीय नियोजन का मिश्रण शामिल होता है। व्यक्तिगत नियोजन की बात करें तो यह उसके सेवानिवृत्त जीवन के दौरान की संतुष्टि को निर्धारित करता है। दूसरी ओर, वित्तीय नियोजन किसी की योजना के आधार पर आय और व्यय के बजट में मदद करता है।
फिंतरा का रिटायरमेंट प्लानिंग कैलकुलेटर उस राशि को निर्धारित करने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज नियमों का उपयोग करता है जो एक व्यक्ति परिपक्वता के बाद किए गए निवेश के अनुसार जमा कर सकता है। अद्वितीय कैलकुलेटर की तुलना व्यवसाय के अन्य सर्वश्रेष्ठ कैलकुलेटरों से की जा सकती है।
फिंतरा पेंशन प्लानर - सेवानिवृत्ति योजना कैलकुलेटर भारत का उपयोग कैसे करें?
फिंतरा पेंशन प्लानर कैलकुलेटर प्रत्येक व्यक्ति को यह गणना करने में सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि उन्हें रिटायर होने के समय तक कितनी राशि जमा करनी होगी और वित्तीय रूप से खुद को सुरक्षित करने के लिए हर महीने कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी।
कैलकुलेटर के लिए आपको अपनी सेवानिवृत्ति की सही गणना और योजना बनाने के लिए कुछ सवालों के जवाब देने होंगे। सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको निम्नलिखित डेटा प्रदान करने की आवश्यकता है:
जब सभी डेटा बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें पेंशन प्लानर कैलकुलेटर में भर दिया गया है, तो "सबमिट" पर क्लिक करें, और तुरंत परिणाम प्रदर्शित होंगे।
पूछे जाने वाले प्रश्न
फिंतरा की पेंशन योजना (सेवानिवृत्ति योजना) कैलकुलेटर के क्या लाभ हैं?
सबसे विश्वसनीय ऑनलाइन पेंशन योजना और सेवानिवृत्ति योजना कैलकुलेटर की तरह, फिंतरा का कैलकुलेटर एक विशेष वित्तीय उपकरण है जिसे हर महीने बचाने के लिए आवश्यक सटीक रकम निर्धारित करने में आपकी सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह दीर्घकालिक निवेश योजना में भी सहायता करता है।
कुछ अन्य फायदे हैं:
* यह विश्वसनीय और उपयोग में आसान है।
*यह एक शांत सेवानिवृत्ति के लिए आवश्यक कोष का निर्धारण करने वाले एक मानकीकृत सूत्र का उपयोग करता है
यदि आप एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी में काम कर रहे हैं, तो क्या आपके पास एक निजी सेवानिवृत्ति योजना होनी चाहिए?
इसका जवाब है हाँ। प्रत्येक व्यक्ति जो अपने भविष्य को सुरक्षित करने की योजना बना रहा है और सक्रिय सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद मन की शांति रखता है, उसके पास एक निजी सेवानिवृत्ति योजना होनी चाहिए।
आपको अपने भविष्य के लिए बचत करने के लिए आदर्श राशि क्या है?
भारत में थोक और खुदरा महंगाई दर बढ़ रही है और ब्याज दरें गिर रही हैं। इसलिए, आपकी सेवानिवृत्ति के लिए जल्द ही बचत शुरू करने का बुद्धिमानी भरा निर्णय है। फिंतरा के वित्तीय विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि लगभग रु। 1 करोड़ कम या ज्यादा पर्याप्त है। हालाँकि, इतना कुछ जमा करने में वर्षों लग जाते हैं और इस कारण से, समझदारी से निवेश करने की सलाह दी जाती है।
कुछ सबसे अनुशंसित निवेश उपकरण क्या हैं?
निम्नलिखित कुछ सुझाए गए निवेश विकल्प हैं जो अधिकतम रिटर्न सुनिश्चित करते हैं:
Bekhabaron ki khabar - बेखबरों की खबर
उज्जैन। वाणिज्य अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय एवं एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित निवेशक जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ श्री एन. एस. वेंकटेश, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ए.एम. एफ. आई. के मुख्य आतिथ्य एवं विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक उपस्थित थे।
प्रारंभ में अतिथियों ने मां बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत डॉ. एस. के. मिश्रा, डॉ आशीष मेहता, डॉ नागेश पाराशर, डॉ. नेहा माथुर, डॉ. कायनात तंवर एवं डॉ परिमिता सिंह ने किया। स्वागत भाषण एवं अतिथि परिचय विभागाध्यक्ष डॉ. एस. के. मिश्रा ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए ख्याति प्राप्त वित्तीय सलाहकार ए. एम. एफ़. आई. सूर्यकांत शर्मा, ने व्यक्तियों की वित्तीय सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक निवेशक को समृद्धि से पहले वित्तीय सुरक्षा का इंतज़ाम बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें करना चाहिए तथा पर्याप्त जीवन बीमा, उचित चिकित्सा बीमा कवर और एक आपातकालीन निधि को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें नियमित बचत और प्रति वर्ष बचत में न्यूनतम 10% की वृद्धि के लिए जोरदार दलील दी। साथ ही उन्होंने समृद्धि के लिए धन सृजन की आवश्यकता के बारे में विस्तार से बताया और इस बात पर जोर दिया कि निवेशकों को धन संचयकर्ता नहीं बल्कि धन सृजनकर्ता होना चाहिए। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी कि उन्हें वास्तविक रिटर्न पर ध्यान देना चाहिए न कि आभासी रिटर्न पर, क्योंकि मुद्रास्फीति और कर देयता काफी हद तक रिटर्न का बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें बड़ा हिस्सा ले लेती है। इसके बाद उन्होंने बाजार में उपलब्ध विभिन्न निवेश के तरीकों के बारे में बुनियादी जानकारी साझा की। सरकारी/आरबीआई बांड, कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी योजनाएं, डाकघर योजनाएं, पीपीएफ, एनपीएस, सुकन्या समृद्धि योजना, अचल संपत्ति, सोना और प्रतिभूति बाजार आदि । ये सभी निवेश अलग अलग हैं और सबकी अपनी अलग-अलग विशेषताएं हैं और निवेशकों को अपनी जोखिम लेने की क्षमता, निवेश समयानिधि को देख कर ही भिन्न-भिन्न निवेश योजनाओं में निवेश करना चाहिए। श्री शर्मा ने बताया कि, सामान्य निवेशक के लिए प्रतिभूति बाजार में सीधे निवेश की बजाय, म्युचुअल फंड बेहतर विकल्प है जिसमें हर तरह के निवेशक के लिए म्यूचूअल फंड में योजनाएं उपलब्ध है। सामान्य निवेशक लम्बी अवधि में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से न्यूनतम 500/- रुपये की राशि का निवेश कर एक अच्छा कोष बना सकता है जिससे अपनी पारिवारिक जिम्मदारियों को अच्छी तरह से पूरी कर सकता हैं उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि म्यूचुअल फंड में इक्विटी फंड से लेकर डेट फंड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड तक म्यूचुअल फंड योजनाओं का एक विस्तृत स्पेक्ट्रम है, जिसमें से एक निवेशक अपने जोखिम और निवेश क्षितिज के अनुसार योजना चुन सकता है। अंत में, उन्होंने प्रतिभागियों को प्रभावी तरीके से आगाह किया कि वे एजेंटों सहित दूसरों की सलाह पर अपनी मेहनत की कमाई का निवेश न करें और कभी भी अनधिकृत फंड जुटाने की योजनाओं जैसे - पोंजी योजना, चिट फंड और समितियों आदि में निवेश न करें जो शुरुआत में उच्च और त्वरित रिटर्न का आश्वासन देते हैं लेकिन अंततः निवेशकों की मेहनत की कमाई के साथ गायब हो जाते हैं।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि श्री एन एस वेंकटेश ने उद्देश्य अनुसार निवेश करने और वित्तीय नियोजन के महत्व को विस्तार से समझाया। आपने लम्बी समयावधि के निवेश और निवेश में चक्रवृद्धि के नियम को अपनाने पर अत्यधिक जोर दिया। आपने कहा कि हम सभी कि यह सामाजिक जिम्मेदारी बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें है कि हम निवेशकों को ऐसी निवेश योजनाओं के खतरे के बारे में जागरूक करें।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे ने कहा कि जिस प्रकार बचत एवं निवेश हमारे जीवन का अनिवार्य अंग है उसी प्रकार जिस संस्था में नौकरी कर हम बचत निवेश के लिए सक्षम हुए है उसके प्रति पूर्ण ईमानदारी एवं वफादारी होना अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर अतिथियों का शॉल, श्रीफल एवं मोमेंटो प्रदान कर स्वागत किया गया। वाणिज्य विषय में विशेष योगदान के लिए डॉ केशव मणी शर्मा का विशिष्ट अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ अनुभा गुप्ता ने किया तथा आभार डॉ. शैलेंद्र भारल ने व्यक्त किया।
सीमा पर जैसा बर्ताव होगा, उसका वैसा ही जवाब दिया जाएगा; मोदी-जिनपिंग की मुलाकात के बाद विदेश मंत्री का बयान
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन भारत से तनाव कम करना चाहता है। इसके लिए चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ उसके संबंधों में दखल न दें।
मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई इलाकों में भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच गतिरोध बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें चल रहा है। इसके बीच यह खबर बेहद अहम है।
अमेरिका को चेताया
अमेरिकी संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ टकराव के बीच चीनी अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कमतर बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें दिखाने की कोशिश की है। इस बात पर जोर दिया है कि चीन की मंशा सीमा पर स्थिरता कायम करना और भारत के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों को गतिरोध से होने वाले नुकसान से बचाना है।
चीन की सैन्य निर्माण क्षमता पर पेश हालिया रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा, चीनी तनाव कम करने की कोशिशों में जुटा है, ताकि भारत अमेरिका के और करीब न जाए। चीन के अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप न करें।
बातचीत में न्यूनतम प्रगति
पेंटागन ने कहा कि वर्ष 2021 के दौरान पीएलए ने भारत-चीन सीमा के एक खंड पर सैन्य बलों की तैनाती बरकरार रखी और एलएसी के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण भी जारी रखा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि गतिरोध के समाधान के बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें लिए भारत और चीन के बीच वार्ता में न्यूनतम प्रगति हुई है, क्योंकि दोनों पक्ष सीमा पर अपने-अपने स्थान से हटने का विरोध करते हैं। पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था।
सैन्य बल वापसी की मांग
पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य बलों की वापसी की मांग कर रहे हैं और गतिरोध पूर्व की स्थिति में लौटना चाहते हैं, लेकिन न तो चीन और न ही भारत उन शर्तों पर सहमत हैं, जिसके कारण टकराव जैसी स्थिति बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 की झड़प के बाद से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने लगातार सैन्य बलों की उपस्थिति बनाए रखी है और वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की गलवान घाटी की घटना पिछले 46 वर्षों में दोनों देशों के बीच संघर्ष की सबसे घातक घटना थी। चीन ने इससे पहले भारत के साथ उसके सीमा विवाद पर बयान देने के लिए अमेरिका की आलोचना की थी।
भारत लगातार यह कहता रहा है कि एलएसी पर अमन-चैन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। सीमा पर गतिरोध को हल करने के लिए भारतीय और चीनी सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की बैठकें की हैं।
चीन के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर साफ कह चुके हैं कि सीमा पर जैसा बर्ताव होगा, उसका वैसा ही जवाब दिया जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धैर्य ही दोनों देशों के बीच सामान्य संबंध का आधार हैं। सेंटर फॉर कंटेम्पररी चाइना स्टडीज के सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि मौजूदा गतिरोध के जारी रहने से भारत या चीन को कोई फायदा नहीं होगा।
ऐसे में दोनों देशों को अपने संबंधों के बारे में दीर्घकालीन दृष्टिकोण अपनाने की इच्छा ही प्रदर्शित करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि भारत को अपने पड़ोसियों से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।
पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना कंबोडिया, थाइलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, यूएई, केन्या, सेशेल्स, इक्वेटोरियल गिनी, तंजानिया, अंगोला और ताजिकिस्तान में अपने सैन्य केंद्र बनाने की योजना पर विचार कर रही।
इससे दक्षिण चीन सागर से लेकर अफ्रीका तक समुद्र में चीनी सेना का दबदबा बढ़ जाएगा। चीन कंबोडिया में रीआम नेवल बेस बना रहा जहां से हिंद महासागर में चीनी सेना की पहुंच मजबूत हो जाएगी।जी-20 सम्मेलन में मिले थे मोदी-जिनपिंग
इंडोनेशिया के बाली में कुछ दिनों पहले हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आमना-सामना हुआ था।
गलवान में वर्ष 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसा हुई थी, उसके बाद पहली बार दोनों आमने-सानमे आए, हाथ मिलाया और कुछ देर तक बात भी की थी। इससे संबंधों में सुधार के संकेत के तौर पर देखा गया था।