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बिटकॉइन किस देश की करेंसी है

बिटकॉइन किस देश की करेंसी है

Jagran Trending: जानें किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी है वैध और किन देशों ने लगाई है पाबंदी

अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन कहां लीगल है और कहां अवैध।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?

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क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल या डिजिटल करेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी कई तरह की होती है। इसमें से बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन की तरह ही कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होती है, लेकिन काम वैसे ही करती है। इस करेंसी को वर्चुअल स्पेस में भी रखा जा सकता है। हालांकि, यह अभी भारत में लीगल नहीं है। सरकार ने ऐसी मुद्रा को मंजूरी नहीं दी है।

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इन देशों में प्रतिबंधित है बिटकॉइन

दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी का स्वागत किया जाता है। फिर भी कुछ देशों ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है, जिनमें अल्जीरिया, बोलीविया, बांग्लादेश, मिनिकन गणराज्य, घाना, नेपाल, मैसेडोनिया गणराज्य, कतर, वनुआटू देश मुख्य रूप से शामिल हैं। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां क्रिप्टोकरेंसी कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं। ऐसे देशों में बिटकॉइन कुछ हद तक प्रतिबंधित है और इसका व्यापार या भुगतान के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है। इनमें बहरीन, चीन, हॉगकॉग, ईरान, कजाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, टर्की और वियतनाम मुख्य देश हैं।

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वे देश जहां बिटकॉइन कानूनी है

कम से कम 111 राज्य ऐसे हैं, जहां बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे प्रमुख देश क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आम तौर पर क्रिप्टो-फ्रेंडली रवैया अपनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चिली, फिनलैंड, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, आयरलैंड, जापान, लिथुआनिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला ऐसे देश हैं, जहां बिटकॉइन पूरी तरह से कानूनी है।

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इन देशों में ऑफिशियल लीगल टेंडर है क्रिप्टोकरेंसी

अल साल्वाडोर (El Salvador - Country in Central America) यह अब तक का एकमात्र देश है, जो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता देता है। इसे निवेशकों के जोखिम के रूप में मान्यता दी गई थी। यदि भविष्य में अधिक से अधिक देश क्रिप्टोकरेंसी को अपनाना शुरू करते हैं, तो अल सल्वाडोर का कदम इतिहास में एक उल्लेखनीय मिसाल हो सकता है।

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वे देश जहां बिटकॉइन न तो कानूनी है और न ही अवैध

कुछ देशों ने अभी भी यह तय नहीं किया है कि बिटकॉइन का क्या किया जाए। इन देशों में कोई स्पष्ट नियम या कानूनी सुरक्षा नहीं है। ये देश अभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने में लगे हुए हैं। ऐसे देशों में भारत के अलावा कई देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख देश अल्बानिया, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ब्रिटिश वर्जिन आईलैन्ड्स, कंबोडिया, क्यूबा, पाकिस्तान और केन्या भी शामिल हैं।

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क्यों भारत में लीगल नहीं है क्रिप्टोकरेंसी?

आपने ऊपर पढ़ा कि कितने देशों में Cryptocurrency को लीगल कर दिया गया है। लेकिन, भारत सरकार का रुख इसके लिए स्पष्ट नहीं है। सरकार इसे रेगुलेट करने पर अभी विचार कर रही है।

बिटकॉइन क्या है? 1 बिटकॉइन कितने रुपए का आता है? क्या है इसका भविष्य

बिटकॉइन क्या है: Digital लेनदेन का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। कई लेनदेन डिजिटल करेंसी के रूप में भी होता है। इसके साथ ही इन्टरनेट की दुनिया में और अपने आसपास आपने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में तो जरुर सुना होगा। कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी आज के टाइम में इन्टरनेट पर उपलब्ध है जैसे DogeCoin, BitCoin इत्यादि। ऐसी ही क्रिप्टोकरेंसी की सूची में बिटकॉइन भी एक ऐसी ही करेंसी है। हम आज इस आर्टिकल में इसी करेंसी के बारे में बताने जा रहे है। उम्मीद करते है आपको यह लेख पसंद आएगा।

बिटकॉइन क्या है?

बाज़ार में कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी होती है, यह बिटकॉइन भी कुछ इस तरह की ही एक क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन की जब शुरुआत हुई थी तब इसकी प्राइस इतनी कम थी की आप एक चिप्स के पैकेज की रेट में इसे खरीद सकते थे। आज इस एक बिटकॉइन की रेट उतनी है की उसमे आप आज एक बड़ा और Luxary फ्लैट खरीद सकते है।

बिटकॉइन क्या है

BitCoin की कीमत कितनी है?

इस बिटकॉइन की शुरुआत में इसकी कीमत तक़रीबन 50 रूपये थी परन्तु आज के समय में इसकी कीमत तक़रीबन 23,47,739 रूपये के आसपास है। बिटकॉइन की किमत रोजाना बढ़ रही है। वर्तमान में इसकी कीमत तक़रीबन 23 लाख के आसपास थी जो की काफी कम है क्योंकि इससे पहले यह कीमत 50 लाख के आसपास हो चुकी थी।

बिटकॉइन का भविष्य क्या है?

अगर हम बात करे इस क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य की तो यह भारत मी ही नही बल्कि पूरी दुनिया में लेनदेन का एक जरिया बन चुकी है। इस क्रिप्टो करेंसी की अपनी एक अलग वैल्यू और अपनी एक अलग ही ब्रांड वैल्यू है। इसके साथ ही इस इसका भविष्य भी काफी सुरक्षित है।

भारत ने भी अपनी खुद की क्रिप्टो करेंसी ला रहा है। इसके बाद इस करेंसी का भविष्य क्या हो सकता है इसके बारे में अभी कुछ नही कहा जा सकता है। भारत के अलावा और भी कई देश है जहा पर इस क्रिप्टोकरेंसी को एक लीगल अस्सेस्ट माना जा चूका है।

कई देशों में इस करेंसी को लीगल माना जाता है तो कई देशों में इस क्रिप्टोकरेंसी को बेन करने की गुहार चलाई जा रही है।

बिटकॉइन का भारत में भविष्य –

भारत में इसका भविष्य भी फिलहाल तो सुनहरा दिखाई दे रहा है। इस करेंसी में भारत में लोग निवेश करते है। इसके अलावा भारत में इस पर 30 प्रतिशत टैक्स की घोषणा की गई है। अगर कोई इसमें भारत में निवेश करता है तो उसे 30 प्रतिशत तक का टैक्स देना पड़ सकता है फिर चाहे उसे नुकसान हो या लाभ। हालांकि भारत सरकार ने यह भी घोषणा की है की भारत अपनी खुद की करेंसी लाएगा जिसके बाद शायद इसका इस्तेमाल भारत में कम हो जाए।

बिटकॉइन का मालिक कौन है?

बिटकॉइन जो की भारत में ही नही बल्कि विश्व में भी काफी महत्वपूर्ण डिजिटल बन चुकी है। अब कई लोगो के मन में यह सवाल आता होगा की इस बिटकॉइन का मालिक कौन है ? आईये जानते है इसके मालिक के बारे में।

इस करेंसी को 2008 में एक सॉफ्टवेर के रूप में Develope किया गया था। इस सॉफ्टवेर को डिजाईन करने का श्रेय सातोशी नाकामोतो को जाता है। ऐसा माना जाता है की वर्तमान में हम जिस सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करते है उसका मालिक सातोशी है बिटकॉइन किस देश की करेंसी है और इस एक बिटकॉइन 10 करोड़ सातोशी के बराबर है। सातोशी नाकमोतो को ही इस बिटकॉइन का फाउंडर माना जाता है।

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बिटकॉइन किस देश की करेंसी है?

Bitcoin किस देश की कंपनी है इसको जानने से पहले हम इस बात के बारे में जान लेते है की BitCoin नेशनल है या इंटरनेशनल है। BitCoin एक इंटरनेशनल डिजिटल करेंसी है जिसका इस्तेमाल डिजिटल करेंसी के बिटकॉइन किस देश की करेंसी है रूप में होता है और इस करेंसी की मदद से कई लेनदेन ऑनलाइन होते है।

बिटकॉइन किस देश की कंपनी है, वैसे तो इस करेंसी के फाउंडर जापान देश का है और इस हिसाब से इस करेंसी को भी जापान देश का ही माना जाता है परन्तु बिटकॉइन को किसी भी देश की करेंसी नही माना गया है। यह एह डिजिटल और इंटरनेशनल करेंसी है और इसका इस्तेमाल पूरी दुनिया के साथ भारत में भी होता है।

बिटकॉइन के नुकसान –

Bitcoin एक ऐसी करेंसी है जिसने कई लोगो को लखपति से करोड़पति बनाया है वही इसने कई करोड़पतियों को सड़क पर लाके रख दिया है। बिटकॉइन का यह एक बहुत ही बड़ा नुकसान है की इस करेंसी की प्राइस स्टेबल नही है। यह हमेशा बदलती रहती है और यह कई बार तो निम्नतम स्तर पर आ जाती है।

क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत

Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.

Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट बिटकॉइन किस देश की करेंसी है में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार बिटकॉइन किस देश की करेंसी है यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?

वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों बिटकॉइन किस देश की करेंसी है ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा बिटकॉइन किस देश की करेंसी है और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

कब से लगेगा नया टैक्स?

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

दुनिया की पहली Bitcoin City बनाने जा रहा ये देश, ऐसे होगी फंडिंग

बिटकॉइन (What is Bitcoin Currency) एक डिजिटल करेंसी है. इसे हम आम भाषा में इंटरनेट करेंसी भी कहते हैं. इसे हम अपने घर या वॉलेट में स्टोर करके नहीं रख सकते. बिटकॉइन को आप सिर्फ ऑनलाइन ही इस्तेमाल कर सकते हैं. बिटकॉइन एक विकेंद्रीकरण की तरह है. मतलब इसे कंट्रोल करने के लिए कोई अथॉरिटी, बैंक या सरकार नहीं है. ये Peer to Peer Network Base पर काम करता है. इस तरह ये एक ग्लोबल करेंसी बन गया है. (सभी फोटो- AP)

  • News18Hindi Last Updated : November 22, 2021, 07:05 IST

 एल सल्वाडोर डिजिटल करेंसी बिटकॉइन (What is Bitcoin Currency) को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने वाला पहला देश है. अब ये देश दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी (World First Bitcoin City) बनाने की तैयारी कर रहा है. शनिवार को इस बारे में एल सल्वाडोर (El-Salvador) के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने आधिकारिक घोषणा की. राष्ट्रपति ने कहा कि देश की बिटकॉइन सिटी को शुरू में बिटकॉइन बॉन्ड से फंडिंग होगी. बुकेले ने उम्मीद जताई कि यह योजना देश की क्रिप्टोकरेंसी पर दांव को दोगुना कर देगा.

एल सल्वाडोर डिजिटल करेंसी बिटकॉइन (What is Bitcoin Currency) को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने वाला पहला देश है. अब ये देश दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी (World First Bitcoin City) बनाने की तैयारी कर रहा है. शनिवार को इस बारे में एल सल्वाडोर (El-Salvador) के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने आधिकारिक घोषणा की. राष्ट्रपति ने कहा कि देश की बिटकॉइन सिटी को शुरू में बिटकॉइन बॉन्ड से फंडिंग होगी. बुकेले ने उम्मीद जताई कि यह योजना देश की क्रिप्टोकरेंसी पर दांव को दोगुना कर देगा.

 एल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा,

एल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा, "हम 2022 में वित्त पोषण शुरू करेंगे. ये बॉन्ड 2022 में उपलब्ध होंगे." नायब बुकेले ने कहा कि बिटकॉइन के लिए नियोजित शहर को एक ज्वालामुखी से आपूर्ति होगी और वैल्यू एडेड टैक्स को छोड़कर कोई कर नहीं लगाया जाएगा.

क्रिप्टोकरेंसी : बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला अल सल्वाडोर पहला देश बना

पांच जून को राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा था कि वे बिटकॉइन को देश की वैध मुद्रा बनाने के लिए जल्द ही बिटकॉइन किस देश की करेंसी है बिल पेश करेंगे।

Bitcoin

मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। अल सल्वाडोर कांग्रेस ने 9 जून को देश में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन किस देश की करेंसी है बिटकॉइन को कानूनी तौर पर मान्यता देने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। इसका इस्तेमाल अल-सल्वाडोर की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर के साथ किया जाएगा।

अल सल्वाडोर की संसद में राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई। बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने का कानून 90 दिनों में लागू हो जाएगा

आर्थिक विकास में होगा मददगार: बुकेले
अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले के अनुसार बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले अल सल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा।

बुकेले ने एक ट्वीट में कहा, यह हमारे देश के लिए वित्तीय समावेशन, निवेश, पर्यटन, नवाचार और आर्थिक विकास लाएगा। इस कदम से अल सल्वाडोर के लोगों के लिए वित्तीय सेवाएं खुल जाएंगी। विदेशों में काम कर रहे सल्वाडोर के लोग काफी तादाद में करेंसी अपने घर भेजते हैं। विश्व बैंक के डाटा के अनुसार साल 2019 में लोगों ने कुल छह अरब डॉलर देश में भेजे थे।

क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टो-करेंसी है, जो तत्काल भुगतान को सक्षम बनाती है। बिटकॉइन को वर्ष 2009 में दुनिया के सामने पेश किया गया था। यह एक ओपन-सोर्स प्रोटोकॉल पर आधारित है और इसे किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है।

बिटकॉइन की उत्पत्ति को लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। कई लोग मानते हैं कि वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के बाद सातोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह द्वारा बिटकॉइन के रूप में पहली क्रिप्टो-करेंसी विकसित की गई थी, हालांकि सातोशी नाकामोतो के बारे में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है।

विस्तार

मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। अल सल्वाडोर कांग्रेस ने 9 जून को देश में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी तौर पर मान्यता देने वाले बिल को मंजूरी दे दी है। इसका इस्तेमाल अल-सल्वाडोर की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर के साथ किया जाएगा।

अल सल्वाडोर की संसद में राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई। बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने का कानून 90 दिनों में लागू हो जाएगा

आर्थिक विकास में होगा मददगार: बुकेले
अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले के अनुसार बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले अल सल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा।

बुकेले ने एक ट्वीट में कहा, यह हमारे देश के लिए वित्तीय समावेशन, निवेश, पर्यटन, नवाचार और आर्थिक विकास लाएगा। इस कदम से अल सल्वाडोर के लोगों के लिए वित्तीय सेवाएं खुल जाएंगी। विदेशों में काम कर रहे सल्वाडोर के लोग काफी तादाद में करेंसी अपने घर भेजते हैं। विश्व बैंक के डाटा के अनुसार साल 2019 में लोगों ने कुल छह अरब डॉलर देश में भेजे थे।

क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टो-करेंसी है, जो तत्काल भुगतान को सक्षम बनाती है। बिटकॉइन को वर्ष 2009 में दुनिया के सामने पेश किया गया था। यह एक ओपन-सोर्स प्रोटोकॉल पर आधारित है और इसे किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है।

बिटकॉइन की उत्पत्ति को लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। कई लोग मानते हैं कि वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के बाद सातोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह द्वारा बिटकॉइन के रूप में पहली क्रिप्टो-करेंसी विकसित की गई थी, हालांकि सातोशी नाकामोतो के बारे में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है।

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