चलती औसत ट्रेडिंग रणनीति

फोरेक्स क्या है और यह कैसे काम करता है

फोरेक्स क्या है और यह कैसे काम करता है

जानिए फॉरेक्स ट्रेडिंग से कैसे बना सकते हैं पैसा

फॉरेक्स ट्रेडिंग में अलग-अलग देशों की करेंसी का लेन-देन होता है। इसे ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहते हैं। फॉरेक्स मार्केट में एक करेंसी को दूसरे देश की करेंसी में बदला जाता है।

आजकल के इस अर्थ युग में हर कोई पैसे के लिए परेशान नजर आ रहा है। लोग ऐसे निवेश की तलाश में है, जहां रुपये का पेड़ लगाने पर मनचाहा रिटर्न मिले। ऐसे में अगर आप बेहतर रिटर्न चाहते हैं, तो हम आपको सबसे बढ़िया और सबसे अच्छा उपाय बता रहे हैं। इस उपाय के जरिए आप करोडों, अरबों में खेल सकते हैं। इस उपाय का नाम है फॉरेक्स ट्रेडिंग। जी हां फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए आप मनचाहा पैसा कमा सकते हैं। फॉरेक्स ट्रेडिंग का नाम सुनकर घबराने की जरूरत नहीं है। यह बहुत ही सरल है। एक बार आप इसे सीख गए, तो फिर समझो कि दुनिया की करेंसी जैसे डॉलर, यूरो आपकी मुट्ठी में होगी। तो फिर पहले समझते हैं फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग को ही फॉरेक्स करेंसी ट्रेडिंग कहते हैं। इसी को एफएक्स (FX) मार्केट भी कहते हैं। यह शेयर बाजार की तरह काम करता है। जैसे शेयर बाजार में लेन-देन होता है। वैसे ही फॉरेक्स ट्रेडिंग में भी होता है। अंतर इस बात का है कि शेयर बाजार में शेयर का लेन-देन होता है वहीं फॉरेक्स ट्रेडिंग में अलग-अलग देशों की करेंसी का लेन-देन होता है। इसे ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहते हैं। इसे आप भी कर बैठे इंटरनेट के जरिए कर सकते हैं। फॉरेक्स मार्केट में एक करेंसी को दूसरे देश की करेंसी में बदला जाता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात याद रखना है एक्सचेंज रेट का। एक करेंसी को दूसरे देश की करेंसी में बदलने की दर को एक्सेचेंज रेट कहते हैं। यानी आप यूरो से डॉलर में, डॉलर को यूरो में, रुपये को डॉलर में या किसी भी देश की करेंसी को किसी भी देश की करेंसी के साथ बदल सकते हैं।

कैसे करें ट्रेडिंग :-

फॉरेक्स ट्रेडिंग आजकल ट्रेडिंग का सबसे ज्यादा हॉटस्पॉट प्लेस है। यहां एक से बढ़कर एक बिजनेस मैन ट्रेडिंग करते हुए नजर आएंगे। अगर आप भी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि ट्रेडिंग कैसे करें और किस तरह से की जाती है। ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपके पास डीमैट एकाउंट होना जरूरी है।

ट्रेडिंग करेंसी ऑनलाइन:-

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग यानी यहां पर आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसके लिए आपका डीमैट एकाउंट होना जरूरी है। एकाउंट ओपने के बाद आपको हर देश की करेंसी के उतार-चढ़ाव पर ध्यान देना है। यानी एक्सचेंज रेट पर ध्यान देना है। इसमें जो एक्सचेंज रेट आपको अच्छा लगे, उसी में लॉक कर देना है। फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए ये सबसे बेहतर उपाय है।

ब्रोकरेज फर्म के जरिए कमाई:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग में अगर आपने महारत हासिल कर ली, तो फिर ब्रोकरेज फर्म उसका अगला स्टेप है। इसमें आप ब्रोकरेज फर्म खल सकते हैं। इसके जरिए आप अन्य निवेशकों से ट्रेडिंग कराएं। इसमें आपको निवेशकों द्वारा खरीदने, बेचने पर कमीशन मिलेगा। इसके अलावा अगर आप निवेशक को बेहतर एक्सचेंज दिलाते हैं। आपकी साख भी बढ़ेगी। जिससे आपके यहां निवेशक बढ़ेंगे। इसमें आप बिना ट्रेडिंग किए हुए करोड़ों, अरबों कमा सकते हैं।

वेबसाइट के जरिए फॉरेक्स ट्रेडिंग:-

फॉरेक्स ट्रेडिंग में आप वेबसाइट खोलकर भी पैसे कमा सकते हैं। इस वेबसाइट पर आपको फॉरेक्स ट्रेडिंग करने वालों की जरूरते पूरी करनी होगी। वेबसाइट पर लोगों को फॉरेक्स ट्रेडिंग से संबंधित जानकारी देनी होगी। आप अपने वेबसाइट के जरिए लोगों को को एक से पांच साल की सदस्यता देकर उनको अपना ग्राहक बना सकते हैं। इसमें आपको डीमैट एकाउंट के बारे में जानकारी देनी होगी। फिर आप सलाहकार के रूप में फीस लेकर भी निवेशकों को सुविधा दे सकते हैं। यहां भी आप बिना ट्रेडिंग किए मोटी रकम कमा सकते हैं।

मनी एक्सचेंज एजेंसी खोलना:-

एक्सचेंज रेट के बारे में अच्छी जानकारी रखने वालों के लिए एक्सेचेंज एजेंसी खोलना सबसे बढ़िया उपाय है। इसके जरिए आप लोगों की करेंसी को एक्सचेंज (बदल) सकते हैं। इसमें आपको हर दिन कमाई होती रहेगी। करेंसी को बदलने पर आपको शानदार कमीशन मिलेगा। कुल मिलाकर आप एक्सचेंज एजेंसी के जरिए भी बेहतर कमाई कर सकते हैं।

इस प्रकार से फॉरेक्स ट्रेडिंग की बारीकियों को समझने और एक्सचेंज रेट पर पैनी नजर रखने वाले करोड़ों, अरबों की कमाई कर सकते हैं।

फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है? कैसे शुरू करें।

फॉरेक्स ट्रेडिंग से भले ही आप परिचित हों या नहीं, लेकिन लाभ प्राप्त करने का यानिकी निवेश से कमाई करने का यह भी एक शानदार तरीका है। इसलिए इसे समझने से पहले हमें यह समझना होगा की प्रत्येक देश की अपनी अलग अलग मुद्रा होती है। और प्रत्येक राष्ट्र की मुद्रा एक दुसरे के मुकाबले मूल्य के आधार पर कमजोर एवं मजबूत होती है। कहने का अभिप्राय यह है की इस वैश्वीकरण के युग में पूरी दुनिया में कहीं भी बिजनेस किया जा सकता है और इन्टरनेट ने इसे और आसान बना दिया है।

आज व्यक्ति चाहे तो भारत में बैठे बैठे विदेशी मुद्रा जैसे डॉलर, यूरो, पौंड इत्यादि कमा सकता है यह सब इन्टरनेट के कारण मुमकिन हुआ है। खैर इस लेख में हम केवल फॉरेक्स ट्रेडिंग पर ही अपना ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे। वह इसलिए क्योंकि वर्तमान में फोरेक्स ट्रेडिंग भी कमाई करने का एक माध्यम बन सकता है। लेकिन यह कार्य व्यक्ति केवल किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के माध्यम से ही कर सकता है। हालांकि विभिन्न देशों की मुद्राओं के प्रति हमारा आकर्षण बचपन से ही पैदा हो जाता है।

इसलिए यदि हमारे पास भारत के अलावा किसी अन्य देश की मुद्रा कभी आती है तो हम उसे संग्रहित करना शुरू कर देते हैं। वयस्क होने पर मुद्राओं के प्रति यही आकर्षण हमें फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में और जानने को उत्सुक करता है। लोगों की इसी उत्सुकता को ध्यान में रखते हुए आज हम फॉरेन करेंसी एक्सचेंज ट्रेडिंग के बारे में जानने का प्रयत्न कर रहे हैं।

फॉरेक्स ट्रेडिंग की जानकारी

फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है (What is Forex Trading in Hindi):

फॉरेक्स ट्रेडिंग में पहला शब्द फ़ॉरेक्स का अर्थ फॉरेन एक्सचेंज होता है। साधारण शब्दों में फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग का अर्थ एक दुसरे के बीच विभिन्न विदेशी मुद्राओं का व्यापार करना है अर्थात इस प्रक्रिया के अंतर्गत विभिन्न देशों की मुद्राओं में उनके मूल्य के घटते बढ़ते रहने के कारण व्यापार होता है। कोई भी व्यक्ति जो विदेशों से किसी भी प्रकार का कोई सौदा करना चाहता है उसे वह सौदा खरीदने के लिए उस देश की मुद्रा की आवश्यकता हो सकती है।

चाहे कोई छुट्टी पर भ्रमण करने के लिए गया हो, या फिर वह विदेश से कुछ खरीदना चाहता हो, या किसी सर्विस के लिए भुगतान कर रहा हो इत्यादि के लिए उसे उस देश की मुद्रा की आवश्यकता होती है। उदाहरणार्थ: अमेरिका में स्थित कॉलेज का शुल्क देने के लिए व्यक्ति को US Dollor की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि अमेरिका में स्थित कॉलेज भारतीय रूपये में फीस स्वीकार नहीं करेगा। इसलिए डॉलर में भुगतान करने के लिए सर्वप्रथम व्यक्ति को US Dollor खरीदने होंगे।

इन्हें खरीदने के लिए व्यक्ति को उस समय निर्धारित डॉलर मूल्य के आधार पर भारतीय रुपयों में भुगतान करना होगा। बस इन्हीं आवश्यकताओं के फलस्वरूप फॉरेक्स ट्रेडिंग की शुरुआत होती है जहाँ विदेशी मुद्रा की बिक्री एवं विनिमय किया जाता है। और जहाँ व्यक्ति ने भारतीय रूपये देकर US Dollor की प्राप्ति की उसे Exchange कहा जाता है। इस स्थिति में इस एक्सचेंज द्वारा US Dollor फॉरेन एक्सचेंज मार्किट से खरीदे जायेंगे। साधारण शब्दों में विदेशी मुद्रा की ट्रेडिंग ही फॉरेक्स ट्रेडिंग कहलाती है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे काम करती है ?

फॉरेक्स ट्रेडिंग भी इक्विटी ट्रेडिंग की तरह ही है बस फर्क सिर्फ इतना है की इक्विटी ट्रेडिंग में कमाई या नुकसान के लिए शेयर का मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है। तो वहीँ फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में एक्सचेंज मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है। फॉरेक्स ट्रेडिंग से कमाई करने के लिए व्यक्ति अपनी अपेक्षा एवं जानकारी के अनुसार कोई भी मुद्रा खरीद सकता है। और अच्छे ढंग से समझने के लिए आप नीचे दिए गए उदाहरणों को पढ़ सकते हैं।

उदाहरणार्थ:

माना की प्रमोद नामक व्यक्ति डॉलर की बढती हुई कीमतों का लाभ उठाना चाहता है चूँकि डॉलर आज 70 रूपये पर कारोबार कर रहा है। प्रमोद को अपनी जानकारी एवं अनुभव के आधार पर लगता है की यह तीन महीनों के अन्दर अन्दर 73 रूपये तक जा सकता है। तो इस स्थिति में व्यक्ति USD खरीद सकता है और जब तीन महीने बाद यह 73 रूपये पर पहुँच जाए तो इन्हें बेच सकता है। इस प्रकार व्यक्ति प्रत्येक 1000$ पर 3000 रूपये तक की कमाई कर पाने में सफल होगा।

भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें:

हालांकि भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग आम लोगों की पहुँच से दूर है इसके अनेकों कारण जैसे इस प्रक्रिया में अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता होती है। और दूसरा लोग अक्सर इस बारे में भी भ्रमित रहते हैं की भारत में इस तरह का काम करना कानूनी तौर पर सही है या फिर यह अवैध होता है। इसलिए यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना जरुरी है की भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग को लेकर काफी नियम शर्तें निर्धारित की गई हैं।

इसलिए फॉरेक्स ट्रेडिंग नामक इस प्रक्रिया को सिर्फ वही व्यक्ति कर सकता है जिसके पास किसी SEBI Registered Broker का अकाउंट हो। कहने का आशय यह है की ऐसा कोई भी व्यक्ति जो फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहता हो के पास किसी फ़ॉरेक्स ब्रोकर के साथ अकाउंट होना अति आवश्यक है।

वर्तमान में कानूनी रूप से फ़ॉरेक्स की अनुमति कुछ भारतीय एक्सचेंजों, बीएसई, एनएसई, एमसीएक्स-एसएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) इत्यादि को है। भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए व्यक्ति को किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के साथ ही अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है। और इसी खाते के माध्यम से व्यक्ति फॉरेक्स ट्रेडिंग कर सकता है।

सफल फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए कुछ टिप्स :

यद्यपि जैसे की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की फॉरेक्स ट्रेडिंग भी इक्विटी ट्रेडिंग यानिकी शेयर मार्किट की तर्ज पर ही कार्य करती है। जहाँ शेयर मार्किट में शेयर का मूल्य नफा नुकसान तय करता है वही इसमें एक्सचेंज मूल्य। इसलिए यह जरुरी नहीं है की जो फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग करेगा वह लाभ ही प्राप्त करेगा हो सकता है उसे नुकसान भी हो। इसलिए यहाँ नीचे हम कुछ ऐसी बातों का जिक्र कर रहे हैं जिनका अनुसरण करके सफल फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग की जा सकती है।

  • फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें की आपको मार्किट की उचित जानकारी एवं पर्याप्त अनुभव प्राप्त है।
  • यद्यपि फ़ॉरेक्स मार्किट सप्ताह के पांच दिन चौबीस घंटे खुली रहती है लेकिन भारत का बाजार शाम 5 बजे बंद हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को इंट्राडे का चुनाव करना चाहिए।
  • स्कैम इत्यादि से सावधान रहने की आवश्यकता है किसी रजिस्टर्ड फ़ॉरेक्स ब्रोकर के माध्यम से ही इस तरह की ट्रेडिंग करें।
  • प्रत्येक ट्रेड के लिए स्टॉप लॉस सेट करें अन्यथा विफल हो सकते हैं।
  • फॉरेक्स ट्रेडिंग करने से पहले ट्रेडिंग करने की योजना बना लें और हमेशा उसका अनुसरण करें।
  • ट्रेडिंग से हमेशा अपनी भावनाओं को अलग करके रखें क्योंकि भावनाओं में अक्सर मनुष्य अव्यवहारिक निर्णय ले लेता है।
  • ध्यान रहे अपने नुकसान की पूर्ति के लिए ट्रेड न करें बल्कि तभी ट्रेड करें जब आपको लगता है की यह आपके लिए एकदम सही है।

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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।

विनिमय बाजार क्या है - विदेशी विनिमय बाजार के कार्य

विदेशी विनिमय बाजार एक विकेन्द्रीकृत वैश्विक बाजार है जहां सभी दुनिया की मुद्राओं का कारोबार होता है एक दूसरे, और व्यापारी मुद्राओं के मूल्य परिवर्तन से लाभ या हानि बनाते हैं। विदेशी मुद्रा बाजार को विदेशी मुद्रा बाजार, FX या मुद्रा ट्रेडिंग मार्केट के रूप में भी जाना जाता है।

यह आसान है ना? व्यापारियों को मुद्रा बाजारों में उतार-चढ़ाव से लाभ उठाने के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।. बाजार का आकार वास्तव में बड़ा है, लेकिन जिस तरह से एफएक्स बाजार अन्य वित्तीय बाजारों के विपरीत कार्य करता है, वह काफी सरल है.

अब पूरी तरह से विचार करते हैं विनिमय बाजार क्या है.

विदेशी विनिमय बाजार

विदेशी विनिमय बाजार दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है प्रति दिन $ 5 ट्रिलियन से अधिक औसत व्यापार मूल्य के साथ.

विदेशी मुद्रा शुरुआती अक्सर सोच रहे हैं - जहां विदेशी विनिमय बाजार स्थित है? सवाल यह है - विदेशी मुद्रा का कोई केंद्रीकृत बाजार नहीं है जहां लेनदेन आयोजित किए जाते हैंd. विदेशी मुद्रा व्यापार इलेक्ट्रॉनिक रूप से ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) किया जाता है, जिसका अर्थ है कि सभी व्यापारिक लेनदेन दुनिया भर के व्यापारियों और अन्य बाजार प्रतिभागियों द्वारा कंप्यूटर के माध्यम से किए जाते हैं.

ट्रेडों का कोई केंद्रीकृत स्थान नहीं होने के साथ, विदेशी विनिमय बाजार दिन में 24 घंटे खुला रहता है, साढ़े पांच सप्ताह में दिन, और मुद्राओं लगभग हर समय क्षेत्र में दुनिया भर में कारोबार कर रहे हैं.

विदेशी मुद्रा बाजार सबसे अधिक तरल बाजार है और इसकी उच्च तरलता का मतलब है कि समाचार और अल्पकालिक घटनाओं के जवाब में कीमतें तेजी से बदल सकती हैं, जिससे कई व्यापारिक अवसर पैदा हो सकते हैं.

world map

कैसे विदेशी मुद्रा बाजार पर व्यापार करने के लिए

अब, विनिमय बाजार क्या है, की बेहतर समझ होने के बाद, आइए देखें कि वास्तव मेंकैसे विदेशी मुद्रा बाजार काम करता है.

विदेशी मुद्रा बाजार में होने वाले व्यापार में एक साथ खरीद शामिल है एक मुद्रा और दूसरे की बिक्री। इसका कारण यह है कि एक मुद्रा का मूल्य सापेक्ष है अन्य मुद्रा के लिए और उनकी तुलना से निर्धारित होता है। एक खुदरा व्यापारी के नजरिए से विदेशी मुद्रा व्यापार दूसरे के सापेक्ष एक मुद्रा के मूल्य पर अटकलें है.

यहां यह कैसे चला जाता है:

प्रत्येक मुद्रा जोड़ी एक "आधार मुद्रा" (पहली मुद्रा) से मिलकर एक इकाई के बारे में सोचा जा सकता है और एक "काउंटर (या उद्धृत) मुद्रा" (दूसरी मुद्रा) जिसे खरीदा या बेचा जा सकता है। यह दिखाता है कि कितना बेस करेंसी की एक यूनिट खरीदने के लिए काउंटर करेंसी की जरूरत होती है। तो, EUR/USD मुद्रा जोड़ी में EUR आधार मुद्रा है और USD काउंटर मुद्रा है। यदि आप यूरो की कीमत के खिलाफ वृद्धि की उम्मीद अमेरिकी डॉलर की कीमत आप EUR/USD मुद्रा जोड़ी खरीद सकते हैं । जबकि एक मुद्रा जोड़ी खरीदने (लंबे समय तक जा रहा है) बेस करेंसी (यूरो) खरीदी जा रही है, जबकि काउंटर करेंसी (USD) बेची जा रही है। इस प्रकार, आप खरीदते हैं EUR/USD मुद्रा जोड़ी कम कीमत पर बाद में इसे उच्च कीमत पर बेचने के लिए और एक परिणाम के रूप में एक लाभ बनाते हैं । यदि आप विपरीत स्थिति की उम्मीद है, आप मुद्रा जोड़ी बेच सकते हैं (कम जाओ), जिसका अर्थ है यूरो बेचते हैं और अमेरिकी डॉलर खरीदते हैं.

विदेशी विनिमय बाजार

हालांकि, जोखिम हमेशा रहता है। यदि आप अमेरिकी डॉलर के खिलाफ यूरो खरीदते हैं, कि यूरो की उम्मीद कीमत में वृद्धि होने जा रहा है, लेकिन इसके बजाय अमेरिकी डॉलर मजबूत, आप तो नुकसान भुगतना होगा । इसलिए विदेशी मुद्रा व्यापार से आप जो लाभ उठा सकते हैं, इसके अलावा, आपको हमेशा इसमें शामिल जोखिम पर विचार करना चाहिए।

जैसा कि आप देख सकते हैं कि विदेशी विनिमय बाजार समझने के लिए इतना जटिल नहीं है और इतना खतरनाक नहीं है प्रवेश करना। आप कुछ ही मिनटों में बाजार के प्रतिभागियों में से एक बन सकते हैं और अधिक से अधिक पैसा कमाना शुरू कर सकते हैं आसानी.

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विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास

विदेशी मुद्रा बाजार के इतिहास में दो विशेष घटनाओं जो अपने गठन और विकास पर एक गहरी छाप छोड़ी द्वारा चिह्नित है। इन दो घटनाओं के ऐतिहासिक स्वर्ण मानक प्रणाली और ब्रेटन वुड्स प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं.

गोल्ड स्टैंडर्ड और ब्रेटन वुड्स सिस्टम

गोल्ड स्टैंडर्ड प्रणाली 1875 में मुख्य विचार गठन के पीछे यह सरकारों की गारंटी है कि कि एक मुद्रा सोने के द्वारा समर्थित किया जाएगा था। सभी प्रमुख आर्थिक देशों सोने की एक औंस के लिए मुद्रा की राशि में परिभाषित के रूप में सोने की शर्तें और इन राशियों के लिए अनुपात में उनकी मुद्राओं के मूल्य इन के लिए मुद्रा विनिमय दरों बन गया। यह इतिहास में मुद्रा विनिमय फोरेक्स क्या है और यह कैसे काम करता है की पहली मानकीकृत साधन के रूप में चिह्नित। हालांकि, मैं विश्व युद्ध के सोने के मानक प्रणाली देशों की आर्थिक नीतियों, जो सोने के मानक के स्थिर विनिमय दर प्रणाली से विवश नहीं किया जाएगा आगे बढ़ाने की मांग की के रूप में की एक टूटने का कारण बना.

जुलाई 1944 में मित्र राष्ट्रों से 700 से अधिक प्रतिनिधियों के लिए एक मौद्रिक प्रणाली है जो अंतर को सोने के मानक के पीछे छोड़ दिया भरना होगा के महत्व को आगे लाया। वे ब्रेटन वुड्स, न्यू हैम्पशायर में एक बैठक की व्यवस्था की, एक प्रणाली है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा प्रबंधन की ब्रेटन वुड्स प्रणाली बुलाया जाएगा स्थापित करने के लिए। ब्रेटन वुड्स प्रणाली के निर्माण के स्थिर विनिमय दर के गठन के लिए नेतृत्व के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका के सोने की एक औंस के लिए $ 35 के बराबर और अन्य देशों के संदर्भ में अमेरिकी डॉलर के मूल्य में परिभाषित डॉलर के लिए अपनी मुद्राओं आंकी। अमेरिकी डॉलर के मुख्य आरक्षित मुद्रा और केवल मुद्रा है कि सोने से समर्थन प्राप्त हुआ। हालांकि, 1970 में अमेरिका स्वर्ण भंडार इसलिए समाप्त हो गया है कि यह असंभव था अमेरिकी कोष सभी विदेशी केंद्रीय बैंकों द्वारा आयोजित भंडार को कवर करने के लिएs.

अगस्त 1971 में अमेरिका ने घोषणा की कि यह होगा कि अमरीकी डॉलर विदेशी केंद्रीय बैंकों रिजर्व .इस में था के लिए अब कोई विदेशी मुद्रा सोने ब्रेटन वुड्स प्रणाली के अंत और विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग सिस्टम की शुरुआत थी.

विदेशी मुद्रा बाजार व्यापार सत्र

मुद्रा विनिमय बाजार कभी नहीं सोता है, और उद्धरण लगातार बदलते हैं । सप्ताह में पांच दिन घड़ी के आसपास यही एकमात्र बाजार खुला रहता है। मुद्राओं की बड़ी मात्रा ज्यूरिख, हांगकांग, न्यूयॉर्क, टोक्यो, फ्रैंकफर्ट, लंदन, सिडनी, पेरिस और अन्य वैश्विक वित्तीय केंद्रों में अंतरराष्ट्रीय इंटरबैंक बाजार पर कारोबार कर रहे हैं । इसका मतलब यह है कि इंटरबैंक बाजार हमेशा खुला रहता है-जब दुनिया के एक हिस्से में वर्किंग डे खत्म होता है, तो दूसरे गोलार्द्ध में बैंकों ने पहले ही अपने दरवाजे खोल दिए हैं और व्यापार चल रहा है.

कोई समय सीमा नहीं - एक व्यस्त काम कार्यक्रम वाले व्यापारियों के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण शर्त। उन्हें इंटरबैंक बाजार पर व्यापार सत्रों के खुलने और बंद होने के घंटों के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है और वे कभी भी अपने व्यापार की व्यवस्था करने के लिए स्वतंत्र हैं, क्योंकि यह विदेशी मुद्रा व्यापारियों के लिए कोई फर्क नहीं पड़ता है जो बैंक उनके लेनदेन के लिए तरलता प्रदान करता है.
लेकिन विदेशी मुद्रा बाजार तरलता दिन के दौरान बदल सकते हैं, जो समय क्षेत्र बैंकों के आधार पर इस समय काम कर रहे है (जब तरलता गिर जाता है, फैलता है और मूल्य परिवर्तन की गति धीमा) । उदाहरण के लिए, जापानी येन के साथ जोड़े जापानी बैंकों के काम के समय के दौरान सबसे अधिक तरल हो जाएगा.

नीचे आप इंटरबैंक बाजार (यानी उच्च तरलता की अवधि) पर व्यापार सत्रों के उद्घाटन और समापन घंटे पा सकते हैं, फोरेक्स क्या है और यह कैसे काम करता है जो प्रत्येक समय क्षेत्र के सबसे बड़े बैंकों के शुरुआती घंटों द्वारा निर्धारित होते हैं.

Forex Trading को लेकर RBI से बड़ा अपडेट! 34 फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के नामों की लिस्ट हुई जारी, इनपर न करें ट्रेड

रिजर्व बैंक ने आज 34 ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी की है जो बिना रिजर्व बैंक की मंजूरी के ट्रेडिंग करा रहे हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे प्लेटफॉर्म फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या फिर इलेट्रॉनिक प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के तहत रिजर्व बैंक के पास रजिस्टर्ड नहीं है.

रिजर्व बैंक ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए मुनाफा कराने वालों के बारे में लोगों को आगाह किया है. रिजर्व बैंक ने आज 34 ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी की है जो बिना रिजर्व बैंक की मंजूरी के ट्रेडिंग करा रहे हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे प्लेटफॉर्म फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या फिर इलेट्रॉनिक प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के तहत रिजर्व बैंक के पास रजिस्टर्ड नहीं है. रिजर्व बैंक के मुताबिक ये लिस्ट अभी के हिसाब से और इसमें अगर शिकायतें आएंगी तो जांच के बाद लिस्ट की संख्या बढ़ भी सकती है. इसका मतलब ये भी नहीं है कि जिन प्लेटफॉर्म के नाम इस लिस्ट में नहीं हैं वो ऑथराइज्ड ही हैं. ऑथराइज्ड स्टेटस जांचने के लिए रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर मुहैया ऑथराइज्ड लोगों और ऑथराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट से मिलान किया जा सकता है.

रिजर्व बैंक ने आगाह किया है कि केवल अधिकृत संस्थाओं से ही फॉरेक्स सौदे किए जा सकते हैं और केवल उसी मद में किए जा सकते हैं जिनकी नियमों के तहत इजाजत है. जिन फॉरेक्स सौदों की इजाजत है वो केवल रिजर्व बैंक से ऑथराइज्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से ही होना चाहिए. या फिर BSE, NSE जैसे मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज से किए जा सकते हैं. ऐसे में लोगों को रिजर्व बैंक ने आगाह किया है कि वो अनाधिकृत प्लेटफॉर्म्स से फॉरेक्स के सौदे न करें. अगर कोई अनाधिकृत सौदे करेगा तो फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) नियमों के तहत कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा.

अगर आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो आपने भी Forex Trading के जरिए रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाने वाले एडवर्टीज़मेंट देखे होंगे. ऐसे विज्ञापन अकसर महंगाई का सौदा होते हैं. ये फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स निवेशकों को पहली बार ट्रेड के लिए फ़्री कैश या फ्री ट्रेडिंग कोर्स जैसे ऑफर देते हैं. खुद को क्रेडिबल दिखाने के लिए बड़े-बड़े दावे भी करने से पीछे नहीं हटते हैं. आरबीआई काफी वक्त से इनके खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहा है.

आरबीआई इसके पहले भी कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ लोगों को आगाह कर चुकी है. इनमें से OctaFx, OlympTrade, Alpari, Forex.com, Ava Trade, FBS, I-Forex, Binomo.com, IQ Option, TP Global Forex जैसे प्लेटफॉर्म पर फॉरेक्स ट्रेडिंग रिजर्व बैंक नियमों के तहत कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है. ये प्लेटफॉर्म्स रिजर्व बैंक या सेबी में से किसी के पास भी रजिस्टर्ड नहीं हैं.

forex trading in hindi.फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है ?

forex trading in hindi.फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है ?

मनस्ते दोस्तों। आज हम जानने वाले है की forex trading in hindi में क्या होता है। और कैसे हम फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकते है। क्या हम फोरेक्स ट्रेडिंग कर के भी अच्छा खासे पैसे कमा सकते है भी या नहीं।और क्या फोरेक्स ट्रेडिंग भारत में की जा सकती है या नहीं। की जा सकती है तो फिर किस माध्यम से की जा सकती है। इन सब के बारे में आज हम सीखने वाले है।

forex trading in hindi.फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है ?

forex trading का मतलब होता है की बाहर की देशो के जो मुद्राये होती है। यानि की करेंसी उनकी जो खरेदी बिक्री की जाती है। उसेही forex trading in hindi में कहा जाता है। forex ये शब्द foreign +exchange से आया है। हम कोई भी देश की मुद्रा यानि की करेंसी हमारी करेन्सी में डिजिटली खरीद या बेच सकते है। उसेही फोरेक्स ट्रेडिंग कहा जाता है।

forex trading भी ये हमरे शेयर बाजार की तरह ही होता है। लेकिन इसका जो मूल्य है यानि की valume जो होता है वो हमारे शेयर बाजार से ज्यादा होता है। क्युकी इसमें स्टॉक की ट्रेडिंग नहीं होती। इसमें होती है मुद्रा यानि करेंसी की ट्रेडिंग। जो पुरे देश में चलती फोरेक्स क्या है और यह कैसे काम करता है है। यानि फोरेक्स ट्रेडिंग पूरा देश में की जाती है। इसीलिए इसका मूल्य हमारे शेयर बाजार से कई गुना ज्यादा होता है।

forex trading in india

जैसे की मैंने आपको बताया फोरेक्स ट्रेडिंग शेयर बाजार जैसे होती है। भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए सेबी रजिस्टर ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है। अगर आपका शेयर बाजार का पहले से ही ट्रेडिंग अकाउंट है तो आप उसमेंही फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकते है।

भारत में हम ७ पेयर्स में फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकते है। पहले तो सिर्फ चार ही पेयर्स थे लेकिन अभी हम साथ पेयर्स में भारत में ट्रेडिंग कर सकते है। भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग हमेश जोड़ो में की जाती है। और हर मुद्रा के मुद्रा से जोड़कर की जनि वाले ट्रेडिंग को ही फोरेक्स ट्रेडिंग करते है। जैसे की –

इनमे से सबसे बड़ी करेंसी है USD .और जिस जोड़ी में INR लगा है।उस पेयर्स में हम भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकता है। वो भी हमारे भारत के सेबी रजिस्टर ब्रोकर के माध्यम से। और अगर आपको और भी पियर्स में ट्रेडिंग करनी है तो आपको अंतररास्ट्रीय प्लेटफार्म पर अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है।

forex trading kaise kare for begginers

आप अपने भारत सेबी रजिस्टर ब्रोकर से अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा लीजिये। और जैसे की मैंने कहा आप चार पेयर्स में भारत में ट्रेडिंग कर सकते है। भारत में आप future & option में फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकते हो। आपको पहले कोनसा भी पेयर्स का चयन करना होगा।

फोरेक्स ट्रेडिंग करने के लिए हमें ब्रोकर्स से अच्छा मार्जिन मिलता है। जो हम ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते है। जैसे की हमने USD/INR में ट्रेडिंग करनी है। तो हम USD/INR का लॉट खरीदेंगे। जैसे निचे दिखाए गए इमेज में आप देख सकते है।

forex trading in hindi

आपको आपके वॉचलिस्ट में टाइप करना है USD/INR आपको अगर option trading करनी है तो आप एक्सपायरी देख कर लॉट खरीद सकते है।

forex trading se paise kaise kamaye

अभी USD/INR का प्राइज चल रहा है ७५ रुपये। और अगर आपने अभी इसे खरीद लिया। और अगर थोड़े दिनों के बाद अगर ये बढ़ जाता है। तो आपको मुनाफा होगा। और अगर घाट जाता ये यानि की अगर ये ७३ रुपये हो जाता है तो आपको १ रुपये का नुकसान हो जायेगा। लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग में ध्यान रहे ये आपको एक्सपायरी के पहले बेच देना है।

फोरेक्स ट्रेडिंग (forex trading in hindi) की एक खासियत ये की वो ज्यादा वोलेटाइल नहीं होता। मतलब वो दिन में सिर्फ १० पैसो से लेकर ५० या फिर ७० पैसो तक ही ऊपर निचे होता है। मतलब आपको ज्यादा नुकसान नहीं हो सकता। सिर्फ आपको १० से ५० पैसो कही नुकसान हो सकता है।

फोरेक्स ट्रेडिंग में आपको लॉट साइज होती है। मतलब आपको अगर करेंसी खरीदनी है तो आपको एक फिक्स मात्रा में करेंसी खरीदनी होती है। आम तौर पे अगर आप एक लॉट ७४ रुपये के प्राइज पे usd/inr खरीदते हो तो वो २२०० रुपये तक आ जायेगा। क्युकी आपको ब्रोकर मार्जिन देता है।

forex trading example

हम अभी उदहारण के तौर पर समझते है। अभी डॉलर का भाव चल रहा है ७५ रुपये। यानि हमें १ डॉलर खरीदने के लिए ७५ भारतीय डॉलर देने पड़ेंगे। समझो अगर आप विदेश जाते है। यानि आप अगर अमेरिका गए तो वहापर हमारी भारत की मुद्रा (करेंसी ) नहीं चलती। तो आपको हमारे भारतीय रुपये अमेरिका के डॉलर में रूपांतरित करने होते है। जैसे की हमारे पास १ लाख रुपये तो डॉलर में वो रूपांतरित होने के बाद वो १३३४ डॉलर बन जायेंगे।

और १ महीने के बाद आप अगर वापस भारत आना चाहते हो। लेकिन भारत में तो डॉलर नहीं चलता। तो आपको वही डॉलर को भारतीय रुपयों में रूपांतरित कारणा होगा। अभी वही १३३४ डॉलर को आप रूपांतरित करने जाते हो तो आपको १०६७२० रुपये मिलेंगे।

लेकिन ये कैसे आप को तो एक लाख रुपये मिलने चाहिए। लेकिन एक महीने में जो डॉलर का भाव जो ७५ रुपये था वो अभ बढाकर ८० रुपये हो गया है। इसीलिए आपको ऊपर का मुनाफा यानि छे हजार सात्सो बिस रुपये का होगा।

यकीं हे आपको यह उदहारण समज आ गया होगा। की डॉलर का भाव चढ़ाता घटता रहता है।उसके मुताबिक ही हमारे भारतीय रुपयेसे उसे हम खरीद या बेच सकते है।

forex trading time

अगर हमारे भारत की बात करे तो फोरेक्स ट्रेडिंग (forex trading in hindi) का वक्त सुबह ९ बजे से लेकर शाम के ५ बजे तक ही होता है। हलाकि forex trading २४ घंटे चालू रहता है। लेकिन सेबी के मुताबिक हमारे भारत में उसका टाइम ९ ले लेकर ५ बजे तक निचित किया गया है। सेबी के माध्यम से ही हम फोरेक्स में ट्रेडिंग कर सकते है।

अगर आपको फोरेक्स में ट्रेडिंग करना यानि की अगर आपको सभी करेंसी में ट्रेडिंग करनी है। तो आपको फोरेक्स ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर्स की जरुरत पड़ेगी। जो आपको forexbrokers.com पे मिलेंगे। आप चाहे तो उन ब्रोकर्स के नाम इस वेबसाइट पे जाकर पढ़ सकते हो।

निष्कर्ष

forex trading in hindi हमारे भारत में लीगल यानि क़ानूनी है। और हम हमारे ब्रोकर के माध्यम से जो की सेबी रजिस्टर है forex trading कर सकते है। और ये काम वोलेटाइल होने की वजह से ये शेयर बाजार से काम रिस्की होता है। लेकिन फोरेक्स ट्रेडिंग के लिए आपके पास फोरेक्स ट्रेडिंग ज्ञान भी होना जरुरी है। तब जेक आप forex trading में पैसे कमा सकते है।

यकीं है की आपको forex trading in hindi में क्या होता है। forex trading kaise karte hai , forex trading time ,forex trading se paise kaise kamaye, forex trading kaise kare for begginers ,और forex trading kya hota hai .इन सब के बारे में जानकारी मिल गयी होगी।

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