डीमैट खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के प्रकार

अक्टूबर आ रहा है, आप ई-अकाऊंट के बिना ज्यादातर बीमा पॉलिसियॉं खरीदने में समर्थ नहीं होंगे
बीमा उद्योग जल्द ही डिजिटल क्रांति का गवाह बनने के लिए तैयार है. 1 अक्टूबर 2016 से बीमा पॉलिसियां इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी होने लगेंगी. यह ऑनलाइन शेयर खरीदने की तरह डीमैट खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के प्रकार है, जिसके बाद उन्हें डीमैट रूप में रखा जाता है. सभी मोटर बीमा और विदेश यात्रा बीमा पॉलिसियों सहित ज्यादातर पॉलिसियां, केवल डीमैट रूप में खरीददारी योग्य होंगी. इसलिए, अक्टूबर 2016 से ज्यादातर पॉलिसियां खरीदने या नवीनीकृत कराने के लिए आपको ई-इंश्योरेंस अकाऊंट(ईआईए) चाहिए होगा.
इस समय, इंश्योरेंस रिपॉजिटरीज मौजूदा भौतिक पॉलिसी दस्तावेजों को डीमैट रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया में हैं, लेकिन अक्टूबर से पॉलिसियां डीमैट रूप में जारी की जाएंगी. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (ई-इंश्योरेंस पॉलिसियों का निर्गमन) विनियम, 2016 डिजिटल बीमा पॉलिसियों के कामकाज के लिए दिशा निर्देशों का उल्लेख करता है.
डीमैट खाता शेयर, बांड सहित सिक्योरिटीज में निवेश करने के लिए जो फायदे ले आया है, पॉलिसीधारकों के लिए ई-इंश्योरेंस का लाभ उसके समान हो सकता है. आवेदन पत्र भरने से लेकर पॉलिसी दस्तावेज जारी करने से लेकर ऑनलाइन भुगतान करने तक, पूरी प्रक्रिया जल्द ही कागज रहित हो सकती है.
जरा डुप्लीकेट पॉलिसी दस्तावेज के लिए आवेदन न करने के बारे में सोचे, जो एफआईआर दर्ज कराने और क्षतिपूर्ति बांड तैयार करने सहित लंबी प्रक्रिया की जरूरत पर जोर देता है. अब कई कंपनियों के पॉलिसी दस्तावेज, रिकॉर्ड बनाए रखना और प्रबंधन करना भी आसान हो जाएगा.
फ्यूचर जेनेराली इंडिया इंश्योरेंस की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, ऐश्वरा नारायणन कहती हैं "इससे भी बढ़कर महत्वपूर्ण बात, ग्राहक अब धोखेबाजों, धोखेबाजी और जालसाजी वाली पॉलिसियों द्वारा धोखा दिए जाने से असुरक्षित नहीं रहेंगें क्योंकि डिजिटल पॉलिसियां प्रामाणिक होंगी".
समय के साथ एकल विचार मंच से निश्चित रूप से पॉलिसीधारक के अनुभव में सुधार आना चाहिए. लेकिन ऐसा लगता है कि प्रतिक्रिया अभी तक उत्साहजनक नहीं रही है. एसवी रामानन, सीईओ, सीएएमएस रिपॉजिटरी सर्विस बताते हैं, "ई-इंश्योरेंस अकाऊंट के प्रति प्रतिक्रिया अभी तक उत्साहजनक नहीं रही. कारण यह है कि यह अभी अच्छी तरह से बाजार में जाना नहीं गया है. पॉलिसीधारक सेल्सपर्सन या बीमा कंपनी की सिफारिश पर भरोसा करते हैं और इस समय यह उनकी प्राथमिकता नहीं है."
इसलिए, रिपॉजिटरी और बीमा कंपनियों सहित सभी हितधारकों को कुछ प्रकार की जागरूकता पैदा करना चाहिए. अनिल चोपड़ा, समूह सीईओ और निदेशक, बजाज कैपिटल, कहते हैं, "दोनों श्रेणियों से ई-इंश्योरेंस अकाऊंट की स्वीकार्यता और उपयोग बड़ी चुनौती है. इस सुविधा के बारे में गैर-जागरूकता और बीमा कंपनियों की ओर से ईआईए को बढ़ावा न देना बड़ी बाधा है . इसलिए दोनों खंडों में प्रतिक्रिया कम है."
इसलिए यदि पॉलिसी के नवीकरण का समय आ रहा है, खासकर यदि इसमें कार बीमा शामिल है, तो आप अपने पास पहले से ही ई-आकऊंट होना सुनिश्चित करें. रामानन कहते हैं, "सभी मोटर पॉलिसियां नवीकरण के समय नई पॉलिसी संख्या के साथ नई पॉलिसियां हो जाती हैं. इसलिए यह नया विनियमन सभी नवीकरणों को कवर करेगा. ई-इंश्योरेंस अकाऊंट खोलने की सुविधा बीमा कंपनी द्वारा प्रदान की जाएगी और पॉलिसीधारकों को तकलीफ़ नहीं उठानी पड़ेगी."
बीमित राशि और प्रीमियम राशि के आधार पर, नियामक (आईआरडीएआई) ने बीमा पॉलिसियां अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी करने के लिए ग्रिड तैयार किया है. यह कमोबेश सभी पॉलिसियां इलेक्ट्रॉनिक मोड में ले आएगा. (नीचे दी गई तालिका देखें)
नियामक ने आपदा की आशंका वाले और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से ही ई-इंश्योरेंस पॉलिसियां जारी करना अनिवार्य बना दिया है. मोहित रोचलानी, परिचालन और दावा निदेशक, इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस का कहना है, "जब तक इन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी है और ग्राहक प्रौद्योगिकी की समझ रखने वाला है, इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसियां जारी करना संभव होगा."
जगह अब आड़े नहीं आएगी और प्रौद्योगिकी के साथ, सर्विसिंग आसान हो सकती है. फ्यूचर जेनराली इंडिया इंश्योरेंस के नारायणन कहते हैं, "भौतिक सीमाओं को ध्यान में रखते हुए जो आपदा की आशंका वाले और संवेदनशील क्षेत्रों में हो सकती है उपयुक्त स्थान से इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसियां जारी करना और उन्हें ईआईए में जमा करवाना समझदार विकल्प होगा."
इस समय, बीमा कंपनी पॉलिसीधारक को दस्तावेज की भौतिक प्रति जारी करती है. दस्तावेज़ बीमा कंपनी और पॉलिसीधारक के बीच पॉलिसी अनुबंध होता है और इसका कानूनी दर्जा होता है. हालांकि, अधिकांश बीमा कंपनियों ने पहले से ही भौतिक दस्तावेज़ के अलावा सॉफ्ट कॉपी भी भेजना शुरू कर दिया है.
दस्तावेजों की भौतिक प्रकृति दूर करने के लिए, इलेक्ट्रॉनिक रूप में बीमा पॉलिसियां रखने के लिए आपको किसी भी बीमा रिपॉजिटरी के पास ईआईए खोलना होगा. देश में पांच पंजीकृत बीमा रिपॉजिटरी हैं जिसमें कार्वी इंश्योरेंस रिपॉजिटरी, सेंट्रल इंश्योरेंस रिपॉजिटरी, सीएएमएस रिपोजिटरी सर्विस, एनएसडीएल डेटाबेस प्रबंधन और एसएचसीआईएल प्रोजेक्ट्स शामिल हैं.
रोचलानी का कहना है, "चूंकि अधिकांश बीमा कंपनियों ने पहले से ही इंश्योरेंस रिपॉजिटरी के साथ टाई-अप कर लिया है इसलिए विनियमों के अनुसार समयसीमा के मामले में इलेक्ट्रॉनिक बीमा पॉलिसियां जारी करना बड़ी चुनौती नहीं होना चाहिए, हालांकि इन विनियमों पर जीवन बीमा परिषद के माध्यम से इस उद्योग द्वारा कुछ स्पष्टीकरण मांगे गए हैं."
प्रारंभिक हिचकोले
हालांकि, ईआईए खोलेने में उसकी अपनी चुनौतियां हो सकती हैं. नई बीमा पॉलिसिया खरीदने वालों के लिए ईआईए की आवश्यकता होगी और यहां तक कि मौजूदा पॉलिसीधारक भी डिजिटल रूप में आपनी पॉलिसीयां रखने के लिए ईआईए खाता खोलने का विकल्प चुन सकते हैं.
बीमा एजेंट की सेवाएं इसके लिए काम आ सकती हैं. नीलेश परमार, सीओओ, एडलवाइस टोक्यो लाइफ कहते हैं, 'तत्काल अवधि में, हम सभी ऑनलाइन ग्राहकों के लिए ई-बीमा पॉलिसियां अनिवार्य रूप से जारी करने के कारण कुछ व्यवधान देखते हैं. जिनके पास ऐसा खाता नहीं है, ऐसे डीमैट खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के प्रकार ग्राहकों को ईआईए खाता खोलने की जरूरत समझाना और ग्राहकों के विशाल बहुलांश के लिए यह खाता खोलने की वास्तविक प्रक्रिया कुछ चुनौतियां खड़ी कर सकती है."
भौतिक फार्म भरने की बजाय, आपके लिए ई-प्रस्ताव फार्म भरना आवश्यक हो जाएगा. जहां तक डिजिटल पहुंच का सवाल है, तो अभी भी देश का ऐसा विशाल क्षेत्र है जहां यह संभव नहीं हो सकता है. चोपड़ा कहते हैं, "छोटे शहरों और गांवों तक और ऐसे पॉलिसीधारक तक, जो इंटरनेट की समझ रखने वाले नहीं हैं, इसका विस्तार चुनौतीपूर्ण है". इस मामले में, ई-प्रस्ताव फार्म का भौतिक संस्करण भरना होगा और फिर बीमा कंपनी को दी गई जानकारी इलेक्ट्रॉनिक संस्करण में परिवर्तित करनी होगी.
नारायणन कहते हैं, "कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक इंश्योरेंस अकाऊंट खोलने के लिए रिपॉजिटरी के पास व्यवस्था शुरु करने के अलावा डिजिटल हस्ताक्षर आयोजित करना पड़ सकता है. ये बड़ी चुनौतियां नहीं हैं".
निष्कर्ष
बीमा क्षेत्र में डिजिटल प्लेटफार्म का उद्भव न केवल सुरक्षा और सुविधा लाएगा बल्कि प्रीमियम में कमी भी लाएगा. विनियम छूट की पेशकश करने की अनुमति देते हैं, और भविष्य में यह किस प्रकार बीमा उद्योग के परिदृश्य में परिवर्तन लाएगा देखने की बात है.
डीमैट खाता क्या होता है तथा ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें? (How to Open a Demat Account)
नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका जानकारी ज़ोन में जहाँ हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, ऑनलाइन कमाई तथा यात्रा एवं पर्यटन जैसे अनेक क्षेत्रों से महत्वपूर्ण तथा रोचक जानकारी आप तक लेकर आते हैं। हम सभी को बैंकिंग सेवाओं का लाभ लेने के लिए एक बैंक खाते (Bank Account) की आवश्यकता होती है ताकि विशाल बैंकिंग नेटवर्क में हमारी एक निश्चित पहचान सुनिश्चित की जा सके।
बैंक खाते की भाँति किसी भी प्रकार की डिजिटल संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए हमें डिजिटल दुनियाँ में एक खाते (Account) की आवश्यकता होती है, ताकि डिजिटल दुनियाँ में हम किसी स्थान विशेष में अपनी संपत्तियों को सुरक्षित रख सकें। ऐसा ही एक खाता है डीमैट खाता (Demat Account) , जिसके बारे में आज इस लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे, जानेंगे इसका इस्तेमाल कहाँ किया जाता है तथा आप अपना डीमैट खाता ऑनलाइन माध्यम से किस प्रकार खोल सकते हैं?
डीमैट खाता क्या है?
शेयर बाज़ार में निवेश करने पर हम किसी कंपनी के एक छोटे से हिस्से के मालिक बन जाते हैं, शेयर बाज़ार के डिजिटलीकरण से पूर्व इस हिस्सेदारी के दस्तावेज भौतिक रूप में शेयरधारक को प्राप्त होते थे, किन्तु डिजिटलीकरण के पश्चात अब भौतिक दस्तावेजों की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
वर्तमान में किसी भी निवेशक को शेयर खरीदने पर कंपनी के शेयर डिजिटल रूप में प्राप्त होते हैं और डिजिटल रूप में प्राप्त ये शेयर जिस खाते में सुरक्षित किए जाते हैं उसे ही डीमैट खाता कहा जाता है, यहाँ किसी निवेशक द्वारा खरीदे गए शेयर सुरक्षित रखे जाते हैं, जो उन शेयरों पर खाताधारक के स्वामित्व को संदर्भित करता है।
डीमैट खाता खोलने से पूर्व किन बातों का रखें ध्यान?डीमैट खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के प्रकार
(1) आप डीमैट खाता ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन दोनों प्रकार से खोल सकते हैं। यहाँ हम ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने के विभिन्न चरणों की चर्चा करेंगे और जानेंगे कि किन बातों का आपको ध्यान रखना होगा।
(2) अपने आवश्यक दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, पेन कार्ड, एक रद्द किया गया चेक, एक पासपोर्ट साइज फ़ोटो आदि को तैयार रखें।
(3) डीमैट खाता उपलब्ध कराने वाली विभिन्न कंपनियों में से किसी एक का चुनाव करें। भारत की सबसे अधिक ग्राहकों वाली कंपनी और सबसे कम सेवा शुल्क होने के कारण हम आपको सुझाव देंगे कि आप ज़ेरोधा मे अपना खाता खोलें। यहाँ हम ज़ेरोधा में खाता खोलने के विभिन्न चरणों की चर्चा करेंगे।
कैसे खोलें ज़ेरोधा में डीमैट खाता?
- सबसे पहले ज़ेरोधा की वेबसाइट अपने ब्राउज़र में खोलें और Sign upपर क्लिक करें।
- मोबाइल नम्बर डालें और OTP को दर्ज कर मोबाइल नम्बर सत्यापित कराएं।
- अपना नाम और ई-मेल दर्ज करें।
- पेन कार्ड नम्बर और जन्म तिथि दर्ज करें।
- खाता खोलने के लिए शुल्क का भुगतान करें। यहाँ आपको खाते में दो विकल्प दिए जाते हैं, जिनके लिए आपको अलग अलग भुगतान करना होता है।
- Equity market (जहाँ आप किसी कंपनी के शेयर खरीद अथवा बेच सकते हैं)
- Commodity market ( जहाँ आप उत्पादों को खरीद या बेच सकते हैं जैसे सोना, चाँदी, विभिन्न अनाज़, तेल आदि)
POA प्रिंट करें।
आपका आवेदन पूर्ण हो जाने पर डीमैट पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) डाउनलोड करें और उसे प्रिंट तथा हस्ताक्षर करने के बाद कंपनी द्वारा बताए गए पते पर डाक द्वारा भेज दें। यहाँ आपके पास डिजिटल हस्ताक्षर का विकल्प नहीं है आप POA को केवल भौतिक रूप में ही भेज सकते हैं।
क्या है पीओए (POA)?
आपको बता दें आपके खरीदे गए शेयर डीमैट खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रहते हैं। जब आप अपने खरीदे हुए शेयर बेचते हैं तो आपके ब्रोकर को आपके खाते से शेयर निकालने (Withdrawal) की आवश्यकता होती है। इसलिए आपको चाहिए कि, आप अपने ब्रोकर को यह अधिकार प्रदान करें कि, वह आपके बेचे जाने पर आपके खाते से शेयर निकाल ले। पावर ऑफ अटॉर्नी वही दस्तावेज है जिसमें आप अपने ब्रोकर को उक्त अधिकार प्रदान करते हैं।
ज़ेरोधा डीमैट एकाउंट शुल्क
- खाता खोलने का शुल्कइक्विटी सेवा -200रु
- कॉमोडिटी सेवा – 100रु
- ब्रोकरेज शुल्कIntraday :- 20रु या 0.01% प्रति ऑर्डर जो भी कम हो। :- NIL
कैसे करें शेयरों की खरीद बिक्री?
खाता बन जाने के बाद आपको ज़ेरोधा की तरफ़ से आपके खाते को लॉगिन करने के लिए User ID तथा Password उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद आप ज़ेरोधा की वेबसाइट अथवा मोबाइल एप्लीकेशन पर अपना खाता लॉगिन करके शेयरों की खरीद बिक्री कर सकते हैं। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि आप शेयरों को खाता बन जाने के तुरंत बाद ख़रीद तो सकते हैं किंतु बेचनें के लिए आपको अपने ब्रोकर को POA दस्तावेज अपने हस्ताक्षर करके भेजना अनिवार्य है, जिसके बारे में हमनें ऊपर समझाया है। POA आपके ब्रोकर के पास पहुँच जाने के बाद आप शेयरों को बेच सकते हैं।
महत्वपूर्ण शब्दावलियाँ
आइए अब उक्त लेख में प्रयोग हुई कुछ महत्वपूर्ण शब्दावलियों पर एक नजर डालते हैं
Digi Locker
ऊपर हमनें Digilocker से सत्यापन की चर्चा की थी जिन लोगों को नहीं पता Digilocker क्या है उनकी जानकारी के लिए बता दें कि, Digilocker भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक एप्लिकेशन है। सरल शब्दों में कहें तो यह आपके दस्तावेजों का एक डिजिटल बैग है, जहाँ आप अपने सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में रख सकते हैं तथा अपने दस्तावेजों का ऑनलाइन सत्यापन कराने की स्थिति में उपयोग कर सकते हैं।
Intraday Trading
जब आप एक ही दिन किसी कंपनी के शेयर खरीद तथा बेच देते हैं तो ऐसी ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाती है।
Delivery Trading
जब आप किसी कंपनी के शेयरों को खरीदने वाले दिन न बेचकर भविष्य में कभी भी बेचते हैं तो इस प्रकार की ट्रेडिंग डिलिवरी ट्रेडिंग कहलाती है। चूँकि आपके खरीदे गए शेयर 2 दिन बाद आपके डीमैट खाते (How to Open a Demat account in Hindi) में जमा किये जाते हैं अतः केवल डिलिवरी ट्रेडिंग की स्थिति में ही शेयर आपके खाते में जमा होते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग की स्थिति में वास्तव में शेयर आपके खाते में जमा नहीं होते।
यह भी पढ़ें : शेयर बाज़ार क्या है तथा यहाँ से कैसे पैसे कमा सकते हैं?
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डीमेट एकाउंट (Demat Account) कैसे खोलें, यहाँ से जानें पूरी जानकारी
डीमेट एकाउंट हिंदी में – सम्पूर्ण विश्व में लोग धन को अधिक से अधिक प्राप्त करना चाहते है इसके लिए वह कई प्रकार के तरीकों का उपयोग करते है। इन तरीकों में शेयर मार्केट एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। इसमें रिस्क थोड़ा अधिक रहता है लेकिन यदि यूजर को सही जानकारी हो तो वह इसके माध्यम से अच्छा पैसा अर्जित कर सकता प्रत्येक देश में इसके लिए रोजाना नियमानुसार शेयर बाजार को निर्धारित समय के लिए खोला और बंद किया जाता है। इस माध्यम से पैसा अर्जित करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यदि आप भी इसमें निवेश करना चाहते है तो आपको एक डीमेट एकाउंट की आवश्यकता होती है। यदि आपको डीमेट एकाउंट के बारे में जानकारी नहीं है, तो इस लेख में हम आपको डीमेट एकाउंट क्या है और डीमेट एकाउंट (Demat Account) कैसे खोलें ? इसके बारे में जानकारी प्रदान कर रहे है।
डीमेट एकाउंट क्या है (What is Demat Account)
डीमेट एकाउंट हिंदी में – शेयर मार्केट में अपने पैसे का निवेश करने और उससे प्राप्त लाभ को प्राप्त करने के लिए एक एकाउंट को खोलना पड़ता है इस एकाउंट को ही डीमेट एकाउंट कहा जाता है। यह हमारे बैंक एकाउंट की तरह ही होता है जैसे हम साधारण खाते में पैसे को जमा करते है और निकालते है उसी से मिलता- जुलता डीमेट एकाउंट भी होता है इसमें पैसे का आदान- प्रदान ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है।
इसको इस प्रकार से भी समझा जा सकता है, हमारे साधारण बैंक खातें में जिस प्रकार से भौतिक रूप से रुपयों को नही रखा जाता है, केवल उनकी इंट्री को ही प्रदर्शित किया जाता है। इसी तरह से डीमेट एकाउंट में भी शेयरों का आदान- प्रदान की इंट्री और उससे प्राप्त धन के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके द्वारा हम अपने डीमेट एकाउंट में होने वाले लाभ और हानि को समझ सकते है।
जब हम शेयर को खरीदते है तो हमारे डीमेट एकाउंट से पैसा कट जाता है और जब भी हम अपने शेयर को बेचते है तो उससे प्राप्त रूपये हमारे डीमेट एकाउंट में जमा कर दिए जाते है इन जमा रुपयों को हम अपने साधारण बैंक खातें में ट्रांसफर करके नगद रूपए प्राप्त कर सकते है।
डीमेट एकाउंट का फुल फॉर्म डीमैटरियलाइज्ड एकाउंट होता है इसके द्वारा निवेशक डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शेयर और प्रतिभुतियो को खरीद और बेच सकते है।
भारत में डीमेट एकाउंट को खोलने की दो संस्थानों के द्वारा प्रदान की जाती है। प्रथम नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड और दूसरा सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड इन दोनों के माध्यम से ही अन्य छोटी- छोटी कम्पनियाँ इसे खोलने में सहायता प्रदान करती है।
इस सहायता के द्वारा वह लोगों को होने वाली परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया जाता है। डीमैट खाते को खोलने के लिए आपको किसी भी प्रकार का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं रहती है।
नियमानुसार इसमें किसी भी निर्धारित मिनिमम बैलेंस रखने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि आप शेयर मार्केट के द्वारा पैसे अर्जित करना चाहते है तो आपके पास डीमेट एकाउंट होना अतिआवश्यक है।
डीमेट एकाउंट का महत्व (Importance of Demat Account)
- इसके द्वारा शेयरों और प्रतिभूतिभूयों को डिजिटल रूप से अपने खाते में रखा जा सकता है।
- इसके माध्यम से शेयरों और प्रतिभूतिभूयों के प्रमाणपत्रों की चोरी, जालसाजी, हानि और क्षति की समस्या समाप्त हो जाती है।
- डीमेट एकाउंट के द्वारा शेयरों को तुरंत ही बेचा और ख़रीदा जा सकता है।
डीमैटरियलाइजेशन-डीमैट क्या होता है (what is Dematerialization)
डीमेट एकाउंट हिंदी में – डीमैटरियलाइजेशन एक प्रकार की प्रक्रिया है जिसके द्वारा शेयर प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदला जाता है। इसके द्वारा इसको कही से भी एक्सेस किया जा सकता है। कुछ वर्षों पूर्व जब डिजिटलीकरण नहीं हुआ था उस समय शेयरों के प्रमाणपत्रों को भौतिक रूप से सुरक्षित रखा जाता था परन्तु आज के समय में यह सभी कार्य डिजिटल फॉर्म में किया जाता है। इसके द्वारा हमे प्रमाण पत्र हमेशा भौतिक रूप से अपने पास रखने की आवश्यकता नहीं रहती है।
जब से डीमैट खाते का आगमन हुआ तब से शेयरों को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। अगर कोई निवेशक अपने भौतिक शेयरों को डिजिटलीकरण करना चाहता है तो उसे एक डीमैटरियलाइजेशन-डीमेट एकाउंट को खोलना होगा।
डीमैट खाते के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents Required for Demat Account)
- आय का प्रमाण
- पहचान का प्रमाण
- पते का प्रमाण
डीमैट खाते के लिए आय का प्रमाण (Demat Account Income Proof)
आय प्रमाण के रूप में आप इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) या पिछले 6 महीने का बैंक विवरण अथवा सैलरी स्लिप का प्रयोग कर सकते है।
डीमैट खाते के लिए पहचान का प्रमाण (Demat Account Identity Proof)
- पहचान के प्रमाण हेतु आप आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र या ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट या पैन का उपयोग कर सकते है।
- पते के लिए आप पासपोर्ट या आधार कार्ड या राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस या मकान या फ़्लैट की रजिस्ट्री का उपयोग कर सकते है।
डीमेट एकाउंट किस प्रकार खोला जाता है (Demat Account Kaise Open Kare)
Demat Account Kaise Khola Jata Hai- डीमेट एकाउंट के लिए हमारे देश में दो डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड के द्वारा खोला जाता है। इसमें 500 से अधिक डिपॉजिटरीज एजेंट के रूप में डीमेट एकाउंट को खोलने में सहायता प्रदान करते है। डिपॉजिटरीज एजेंट को आम भाषा में डीपी के नाम से जाना जाता है।इन सभी डीपी का प्रमुख कार्य यह है कि जो भी निवेशक शेयर मार्केट में निवेश करना चाहता है उसका डीमेट एकाउंट खुलवाना होता है।
डीमैट अकाउंट क्या है? | What Is Demat Account In Hindi
एक डीमैट खाता, जिसे डीमैटरियलाइज्ड खाते के रूप में भी जाना जाता है, प्रतिभूतियों में व्यापार करने के लिए आवश्यक शर्तों में से एक है। डीमैट खाते का उपयोग उन शेयरों और प्रतिभूतियों को रखने के लिए किया जाता है जिन्हें खरीदा या डीमैटरियलाइज़ किया गया है, जिससे ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा होती है जैसे शेयर खरीदना या बेचना या यहां तक कि भौतिक शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करना।
आप अपने डीमैट खाते में कई प्रतिभूतियां, जैसे ईटीएफ, स्टॉक, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड रख सकते हैं। ऐसे खाते शेयरों को सुरक्षित रखते हैं और शेयरों के नुकसान या जालसाजी से संबंधित किसी भी प्रकार के जोखिम को रोकते हैं। इसके अलावा, एक डीमैट खाते के माध्यम से, निवेशक इंट्राडे ट्रेड करना चुन सकते हैं।
डीमैट खाते का महत्व (Importance of Demat Account)डीमैट खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के प्रकार
- एक डीमैट खाता दस्तावेजों के नुकसान को रोकता है और स्टॉक खरीदने और बेचने की पूरी प्रक्रिया को गति देता है।
- डीमैट खाता एक निवेशक के लिए पूरी निवेश यात्रा को सरल बनाता है और उन्हें एक ही स्थान पर एक ही स्थान पर अपने सभी विविध निवेशों को ट्रैक करने में मदद करता है।
- यह निवेशकों को आगामी आईपीओ में आसान और सरल तरीके से भाग लेने में मदद करता है।
डीमैटरियलाइजेशन (डीमैट) क्या है? (What is dematerialization (Demat)?)
डीमैट, जो डीमैटरियलाइजेशन का संक्षिप्त नाम है, शेयरों को भौतिक रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया है। डीमटेरियलाइजेशन रिकॉर्ड बनाए रखने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। ऑनलाइन ट्रेडिंग के समय, शेयरों को डीमैट खाते में खरीदा और रखा जाता है, जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए आसान ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा होती है।
डीमैट खाते के लाभ (Benefits of a Demat Account)
- निवेशकों के लिए सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह डिजिटल है। जिसका मतलब है कि इसे ऑनलाइन खोला जा सकता है और आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।
- एक डीमैट खाता भौतिक शेयरों के विपरीत शेयरों को सुरक्षित रखता है जो खो जाने, क्षतिग्रस्त होने या चोरी होने का जोखिम उठाते हैं।
- जालसाजी या चोरी की कोई संभावना नहीं है।
- एक डीमैट खाता साझा भंडारण और हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है। इसके परिणामस्वरूप, आप कितने भी शेयर स्टोर कर सकते हैं। आप वॉल्यूम में ट्रेड कर सकते हैं और यहां रखे गए सभी शेयरों के विवरण की निगरानी कर सकते हैं। इसके अलावा, यह ऑनलाइन ट्रेडिंग करते समय शेयरों के तेजी से हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है।
- भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों के लिए कागजी कार्रवाई और स्वामित्व के हस्तांतरण में समय की देरी की आवश्यकता होती है। एक डीमैट खाता सभी कागजी कार्रवाई को मिटा देता है और शेयरों को ऑनलाइन स्थानांतरित करना आसान बनाता है।
- चूंकि एक डीमैट खाता इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित होता है, एक उपयोगकर्ता अपने खाते को विभिन्न स्पर्श बिंदुओं जैसे मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, पीसी आदि से एक्सेस कर सकता है।
- एक डीमैट खाता विभिन्न प्रकार के निवेशों को संग्रहीत कर सकता है। यह बांड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), म्यूचुअल फंड, सरकारी प्रतिभूतियों आदि जैसी कई संपत्तियां रख सकता है।
- एक डीमैट खाता डिपॉजिटरी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार नामांकन की सुविधा देता है। निवेशक की मृत्यु की स्थिति में, नियुक्त नामित व्यक्ति डीमैट खाते में शेयरधारिता प्राप्त करने का हकदार होता है।
डीमैट खाते के प्रकार (Types of Demat account)
आइए विभिन्न प्रकार के डीमैट खातों को देखें:
- नियमित डीमैट खाता (Regular Demat Account): यह केवल भारतीय नागरिकों के लिए है, जो भारत में रहते हैं।
- प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account): इस प्रकार का डीमैट खाता अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए है। एक बार जब कोई ग्राहक एनआरआई बन जाता है, तो उसे अपना नियमित डीमैट खाता बंद करना होगा और अनिवासी बाहरी बैंक खाते के साथ एक अनिवासी साधारण (एनआरओ) डीमैट खाता खोलना होगा, जो अनिवासी भारतीयों के लिए जरूरी है।
- गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-Repatriable Demat Account): यह अनिवासी भारतीयों के लिए एक डीमैट खाता है, हालांकि, इस खाते के माध्यम से धन को विदेश में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।
डीमैट खाता कैसे खोलें (How to Open a Demat Account)
डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने की डिजिटल प्रक्रिया ने सभी व्यापारियों और निवेशकों के लिए व्यापार करना बहुत आसान बना दिया है। यह उतना ही सरल है जितना कि ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना या किसी ई-कॉमर्स साइट से खरीदारी करना। डीमैट खाता खोलने के लिए, एक स्टॉक ब्रोकर का चयन करना होगा जो सेबी में पंजीकृत हो और एनएसडीएल और सीडीएसएल में डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट हो। डीमैट खाता खोलने के लिए, पैराग्राफ में नीचे दिए गए सरल चरणों का पालन करें
Step 1: डीमैट खाता खोलने के फॉर्म पर जाएं
एक खाता खोलें पर क्लिक करें और ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने के लिए अपना आवेदन पत्र भरना शुरू करें। मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज करें और आरंभ करें।
Step 2: अपना पैन नंबर, मूल विवरण, पता और बैंक विवरण दर्ज करें आवश्यक बुनियादी विवरण जैसे पैन नंबर अपडेट करें जो आपके डीमैट और ट्रेडिंग खाते से लिंक करने के लिए एक अनिवार्य और बैंक विवरण है।
Step 3: केवाईसी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी अपलोड करें
एक बार जब आप सभी विवरण भर देते हैं, तो आपको केवाईसी उद्देश्यों जैसे आय प्रमाण, बैंक विवरण, फोटो आदि के लिए अपने स्कैन किए गए दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।
Step 4: पूर्ण व्यक्ति सत्यापन (आईपीवी) में
व्यक्तिगत सत्यापन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आप अपने दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के इरादे से 30 सेकंड के लिए खुद को रिकॉर्ड करते हैं। रिकॉर्डिंग करते समय, अपना पैन और अन्य दस्तावेज अपने पास रखें क्योंकि आपको सभी विवरणों को स्पष्ट और जोर से पढ़ने की जरूरत है।
Step 5: आधार से जुड़े मोबाइल नंबर का उपयोग करके फॉर्म पर ई-हस्ताक्षर करें
सफेद पृष्ठभूमि पर एक हस्ताक्षर करें और अपने आधार कार्ड से जुड़े अपने मोबाइल नंबर के साथ जहां आवश्यक हो वहां ई-साइन के रूप में अपलोड करें।
शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी, जानिए Demat Account से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात
स्टॉक मार्केट में अच्छे रिटर्न को देखते हुए कई लोग इसमें पैसा लगाना चाहते हैं पर रास्ता नहीं जानते तो हम बता रहे हैं कि कैसे स्टॉक मार्केट में उतरने के लिए सबसे पहले डीमैट खाता खोला जा सकता है और Demat Account से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात लेख में जानें।
भारत में अगर आप शेयर, बॉन्ड या म्यूचुअल फंड जैसे वित्तीय साधनों में निवेश करना चाहते हैं या स्टॉक एक्सचेंज में किसी भी प्रकार का ट्रांजैक्शन करना चाहते हैं, तो आपके पास एक डीमैट एकाउंट (Demat Account) होना चाहिए। ₹आइए कुछ चीजें देखें जो आपको एक डीमैट एकाउंट के बारे में पता होनी चाहिए। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, आइए समझते हैं कि यह क्या है।
डीमैट एकाउंट क्या है? | What is Demat Account in Hindi
Dematerialised या Demat Account के साथ, निवेशकों को अपने सिक्योरिटी डॉक्यूमेंट को फिजिकल रूप से अपने पास रखने की आवश्यकता नहीं है, इसके बजाय वित्तीय इंस्ट्रूमेंट को एक रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के पास इलेक्ट्रॉनिक रूप से डीमैट एकाउंट में रखा जाता है। Demat Account खोलना यूजर्स के लिए आसान व्यापार करना संभव बनाता है, इसमें वह सभी निवेश होते हैं जो एक व्यक्ति शेयरों या म्यूचुअल फंड आदि में करता है।
डिपॉजिटरी क्या है? | What is a Depository in Hindi
एक डिपॉजिटरी एक ऐसा संगठन है जो इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में सिक्योरिटीज शेयर, डिबेंचर, बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, म्यूचुअल फंड यूनिट आदि रखता है। एक Depository एक बैंक के समान है, यह सुरक्षा और तरलता भी प्रदान करता है वर्तमान में, दो डिपॉजिटरी - नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) - SEBI के साथ रजिस्टर्ड हैं। NSDL नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के लिए काम करता है, जबकि CDSL बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के लिए काम करता है।
डीमैट खाते का उद्देश्य क्या है? | Purpose of Demat Account in Hindi
एक डीमैट एकाउंट एक इलेक्ट्रॉनिक वॉल्ट है जो स्टॉक, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर इत्यादि डीमैट खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के प्रकार जैसे विभिन्न निवेशों के लिए की गई खरीद और बिक्री की खाता बही प्रविष्टि रखता है। अब आप अपनी बीमा पॉलिसी को डीमैट रूप में भी रख सकते हैं। इस लिहाज से डीमैट एकाउंट बिल्कुल बैंक खाते की तरह काम करता है। आप सीधे अपने फ़ोन या डेस्कटॉप से भी व्यापार कर सकते हैं
आपका Demat Account एक ट्रेडिंग और बैंकिंग एकाउंट से जुड़ा होता है। हर बार जब आप 'Buy' या 'Sell' का रिक्वेस्ट करते हैं, तो आपका डीपी इसे स्टॉक एक्सचेंज को भेज देता है जो बदले में आपके रिक्वेस्ट के लिए एक खरीदार/विक्रेता ढूंढता है और बदले में व्यापार को सुविधाजनक बनाने में मदद करता है। तदनुसार, आपके डीमैट एकाउंट को ट्रांजैक्शन के आधार पर डेबिट या क्रेडिट किया जाता है।
डीमैट एकाउंट कैसे खोलें? | How to Open a Demat Account in Hindi
डीमैट एकाउंट खोलने के लिए, आपको एक रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) से संपर्क करना चाहिए। DP एक ऐसी संस्था है जो निवेशक और डिपॉजिटरी के बीच मीडिएटर का काम करती है। कमर्शियल बैंक, स्टॉक ब्रोकर, राज्य वित्तीय निगम अन्य लोगों के बीच SEBI के साथ DP के रूप में रजिस्टर्ड कर सकते हैं। 2018 तक, 851 डिपॉजिटरी प्रतिभागियों को SEBI के साथ रजिस्टर्ड किया गया था। यह सूची आप NDSL और CDSL की वेबसाइटों पर देख सकते हैं।
डीमैट एकाउंट के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं? | Documents Required for Demat Account?
डीमैट एकाउंट खोलने के लिए, आपको अपने डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे।
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बिजली/फोन बिल की वेरिफाइड कॉपी
- पहचान का प्रमाण (ड्राइविंग लाइसेंस/पासपोर्ट / आधार कार्ड/मतदाता पहचान पत्र)
- निवास का प्रमाण (ड्राइविंग लाइसेंस/पासपोर्ट/आधार कार्ड/मतदाता पहचान पत्र)
- आपके पैन कार्ड की कॉपी
- इन दस्तावेजों के साथ एक आवेदन पत्र जमा करने पर, डीमैट एकाउंट खोलने में 1-2 सप्ताह लगते हैं।
डीमैट एकाउंट शुल्क क्या हैं? | What are Demat Account charges?
डीमैट एकाउंट खोलने का शुल्क डिपॉजिटरी प्रतिभागियों के अनुसार अलग-अलग होता है। जबकि अधिकांश DP एकाउंट खोलने का शुल्क लेते हैं, कुछ निजी बैंक डीमैट खाता खोलने के लिए कोई शुल्क नहीं लेते हैं। खाता खोलने के शुल्क के अलावा, कुछ अन्य शुल्क भी हो सकते हैं जैसे एनुअल मेंटेनेंस चार्ज (AMC), क्रेडिट चार्ज, स्टेटमेंट के लिए मेलिंग चार्ज आदि।
शेयर बाजार में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए, SEBI ने एक बेसिक सर्विसेज डीमैट एकाउंट पेश किया है जो सीमित सेवाओं के साथ एक नो-फ्रिल्स एकाउंट है। 50,000 रुपये तक के निवेश को रखने के लिए कोई एनुअल मेंटेनेंस चार्ज नहीं है। 50,001 रुपये से 2,00,000 रुपये के बीच निवेश के लिए, एएमसी 100 रुपये चार्ज करता है।