बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं

काल्पनिक मूल्य है: 1 * 1 * 8,249.60 = 8,249.60 USD
मार्जिन आवश्यक है: 8,249.60 USD * 0.02 = 164.99 USD
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लिमिट और स्टॉप स्तरों के साथ जोखिम प्रबंधन
ऋणात्मक खाता शेष सुरक्षा के साथ फंड की सुरक्षा
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Cryptocurrencies
दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पर ट्रेड करें
मान अंकों में स्वैप करें | ट्रेडिंग समय | |||||||
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प्रतीक | विवरण | बोली में विशिष्ट स्प्रेड मुद्रा प्रति इकाई | लीवरेज (तक) | शोट | लॉंग | सोमवार खुला | शुक्रवार बंद | ब्रेक |
XMRUSD | Monero | 1.4 | 1:10 | -107.9 | -107.9 | 0:05:00 | 23:54:59 | |
DSHUSD | Dashcoin US Dollar | 1.7 | 1:10 | -32.5 | -32.5 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
BTCUSD | Bitcoin US Dollar | 56.0 | 1:50 | -15139.8 | -15139.8 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
ETHUSD | Ethereum US Dollar | 3.9 | 1:50 | -1116.7 | -1116.7 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
ETHEUR | Ethereum Euro | 4.3 | 1:50 | -1116.7 | -1116.7 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
LTCEUR | Litecoin Euro | 2.0 | 1:50 | -39.0 | -39.0 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
BNBUSD | Binance Coin | 0.1 | 1:10 | -210.6 | -210.6 | 0:05:00 | 23:54:59 | |
BTCEUR | Bitcoin Euro | 37.0 | 1:50 | -15130.7 | -15130.7 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
LTCUSD | Litecoin US बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं Dollar | 2.3 | 1:50 | -3890.9 | -3890.9 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
XRPUSD | Ripple US Dollar | 0.014 | 1:5 | -23.4 | -23.4 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
BCHUSD | BItcoin Cash | 2.1 | 1:10 | -83.2 | -83.2 | 0:05:00 | 23:54:59 | |
XLMUSD | Stellar Lumens | 0.0006 | 1:10 | -7.8 | -7.8 | 0:05:00 | 23:54:59 | |
EOSUSD | EOSUSD | 0.06 | 1:10 | -10.4 | -10.4 | 0:05:00 | 23:54:59 | |
NEOUSD | Neo US Dollar | 1.0 | 1:10 | -1.3 | -1.3 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
TRXUSD | TRON US Dollar | 0.004 | 1:10 | -5.2 | -5.2 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
OMGUSD | OmiseGo US Dollar | 0.09 | 1:10 | -1.3 | -1.3 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
IOTUSD | IOTA US Dollar | 0.02 | 1:10 | -2.6 | -2.6 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
ZECUSD | ZCash US Dollar | 1.1 | 1:10 | -44.2 | -44.2 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
ETCUSD | Ethereum Classic US Dollar | 1.5 | 1:10 | -23.4 | -23.4 | 0:05:00 | 23:54:59 | - |
क्रिप्टोकरंसी क्या हैं?
क्रिप्टोकरंसी, या क्रिप्टो, अद्वितीय और लोकप्रिय डिजिटल मुद्राएं हैं जो वित्तीय उद्योग को तेजी से बदल रही हैं। उनके भौतिक रूप की कमी और विकेन्द्रीकृत प्रकृति, ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी के उपयोग से हासिल, उन्हें ट्रेड के लिए एकदम आदर्श बनाती है।
2009 में लॉन्च किया गया, बिटकॉइन पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल क्रिप्टोकरंसी थी। इसकी विशेषताएं पारंपरिक मुद्राओं के बजाय वस्तुओं से अधिक मिलती-जुलती हैं। यह अक्सर सूचीबद्ध सभी एक्सचेंजों में उच्चतम ट्रेडिंग वॉल्यूम रिकॉर्ड करती है।
बिटकॉइन ट्रेडिंग:
जब आप बिटकॉइन पर डेरिवेटिव की ट्रेडिंग चुनते हैं, तो कीमत आमतौर पर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कोट की जाती है। दूसरे शब्दों में, आप बिटकॉइन खरीदने के लिए यूएसडी बेच रहे हैं। अगर बिटकॉइन की कीमत बढ़ती है, तो आपको लाभ कमाने के लिए BTCUSD खरीदना होगा, क्योंकि बिटकॉइन की कीमत अब आपके बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं द्वारा खरीदे गए यूएसडी से अधिक है। यदि आप BTCUSD को बेचने का निर्णय लेते हैं और कीमत बढ़ जाती है, तो आपको नुकसान होगा।
बिटकाॅइन से नहीं है किसी भी मुद्रा को नुकसान (Bitcoin is Not Harmful For Any Currency)
जब से बिटकॉइन बना है तब से यह मुद्दा भी सामने आने लगा है कि क्या बिटकॉइन किसी देश की स्थानीय मुद्रा की जगह ले सकता है? क्या आने वाले समय में बिटकॉइन इतना मजबूत हो जाएगा की सभी देशों की मुद्रा को खत्म कर देगा?
इस विषय को गहराई से समझने की जरुरत है क्योंकि जैसे जैसे बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो के साथ क्रिप्टो क्षेत्र आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसके बारे में गलत जानकारी भी भ्रम पैदा कर रही हैं। पिछले कुछ समय में कई देशों ने अलग अलग तरीके से अपने देश में बिटकॉइन को मान्यता दी है। किसी देश में आप बिटकॉइन से टैक्स दे सकते हैं, कई देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो से खरीदारी कर सकते हैं। केवल एक देश ऐसा है जिसने बिटकॉइन को अपनी अधिकारिक मुद्रा होने का दर्जा दिया है और इसका नाम है एल सल्वाडोर। कुछ देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है और कुछ जगहों की सरकार इस विषय पर अभी विचार कर रही है।
बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क
इस विषय में सबसे पहले समझने वाली बात है कि ‘बिटकॉइन और मुद्रा में’ क्या फर्क है? बिटकॉइन एक विकेन्द्रीयकृत तकनीक पर आधारित है और इसका नियंत्रण किसी एक व्यक्ति या समुदाय के हाथ में नहीं है! बिटकॉइन की कार्य प्रणाली पहले से ही निर्धारित कोडिंग पर चलती है और इसे बदला नहीं जा सकता और न ही इस से छेड़छाड़ की जा सकती है। बिटकॉइन की मात्रा को बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता।
इसके विपरीत हर देश की मुद्रा पर वहां की सरकार का नियंत्रण होता है और मुद्रा से सम्बंधित सभी निर्णय उस देश की सरकार लेती है। स्थानीय मुद्रा का नियंत्रण सरकार के हाथ में होने के कारण वह इसके विषय में समय समय पर कानून बनाती रहती है और जरुरत पड़ने पर मुद्रा की मात्रा को बढ़ाया जाता है।सरकार चाहे तो कभी भी अपने देश की मुद्रा को बंद कर सकती है। अगर आपके पास बिटकॉइन है तो आप 100% उसके मालिक हैं लेकिन मुद्रा पर सरकार का नियंत्रण होने के कारण हम मुद्रा का इस्तेमाल तो कर सकते हैं लेकिन हम उसके मालिक नहीं बन सकते।
मुद्रा और बिटकॉइन के इस्तेमाल में फर्क
बिटकॉइन पूरी तरह से इंटरनेट पर आधारित है और इसके इस्तेमाल के लिए इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर का होना अनिवार्य है। इन दो सुविधाओं के बिना बिटकॉइन का लेनदेन संभव नहीं है। अगर हम मुद्रा की बात करें तो यहाँ पर कई तरीके हैं लेनदेन को मुद्रा से पूरा करने के। अगर इंटरनेट और फ़ोन है तो एप्लीकेशन के द्वारा इसका लेनदेन किया जा सकता है लेकिन अगर यह सुविधाएं नहीं है तब भी कैश लेनदेन किया जा सकता है। कैश लेनदेन की एक समस्या है कि इस से सीमित मात्रा में ही लेनदेन किया जा सकता है और इसका दायरा सीमित है यानि जहां आप हैं वहीं लेनदेन कर सकते हैं किसी और जगह नहीं। बिटकॉइन से असीमित लेनदेन किया जा सकता है और कही भी लेनदेन कि कीमत को चुकाया जा सकता है। इसके इलावा बैंक भी चेक द्वारा लेनदेन को पूरा करने कि सुविधा देते हैं। बिटकॉइन कि कीमत स्थिर नहीं है इस लिए बिटकॉइन से खरीदारी करने और बेचने वाले को फायदा और नुकसान दोनों कि सम्भावनाएं है लेकिन मुद्रा कि कीमत स्थिर है इस लिए मुद्रा के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं है।
Cryptocurrency: 1.5 करोड़ भारतीय कर रहे हैं Trading; जानिए क्या है इससे जुड़े नफा-नुकसान
पिछले साल अप्रैल में एक क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 12000 रुपये थी जो अभी 25000 रुपये के स्तर पर है। एक साल में इस प्रकार के रिटर्न को देखते हुए ही भारतीय निवेशकों का रूझान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर साफ देखा जा सकता है।
नई दिल्ली, राजीव कुमार। पिछले साल अप्रैल में एक क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 12,000 रुपये थी जो अभी 25,000 रुपये के स्तर पर है। एक साल में इस प्रकार के रिटर्न को देखते हुए ही भारतीय निवेशकों का रूझान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर साफ देखा जा सकता है। पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली भारतीय निवेश में 612 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। ब्लाकचेन एनालिटिक्स फर्म चेनएनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल क्रिप्टो बाजार में भारतीयों का निवेश 92.30 करोड़ डालर का था जो एक साल में बढ़कर 6.6 अरब डॉलर हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक डेढ़ करोड़ भारतीय फिलहाल क्रिप्टो की ट्रेडिंग करते हैं।
बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.