मार्केट रिसर्च करके जरुरत को समझे

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मार्केट रिसर्च करके जरुरत को समझे
थोड़े को बहुत समझे India Today Hindi | July 28, 2021 कोविड के ताजातरीन दिशानिर्देश कहते हैं कि हल्के संक्रमण वाले मामलों में कोई दवाई न दी जाए. आखिर क्यों? सोनाली आचार्जी
जब भी मैं कुछ ठोस खाना खाती हूं, लगता है पेट में आग-सी भड़क उठी है." यह कहना है कोलकाता की 39 वर्षीया साउंड इंजीनियर सुप्रिया मलिक का. उनकी कोविड जांच दो महीने पहले नेगेटिव आई थी. तब से लगातार गैस्ट्रोइंटस्टाइनल (जीआइ) यानी पेट और पाचन की परेशानियों से उनका वजन 15 किलो घट गया. मलिक को हल्का कोविड हुआ था. करीब दो दिन बुखार रहा और थोड़ी सूखी खांसी. वे बताती हैं कि डर के मारे उन्होंने खुद ही ऐंटीबायोटिक दवा डॉक्सीसाइक्लीन ले ली, जो भारत में डॉक्सी 100 के नाम से बिकती है. उनके पिता को हल्की बीमारी के लिए यह दवा दी गई थी और उन्हीं का परचा देखकर मलिक ने यह ले ली. लेकिन दवाई लेने के बाद उन्हें शरीर में कमजोरी महसूस होने लगी. यही नहीं, उन्हें पहले गैस्ट्रोइसोफैगल रिफ्लक्स बीमारी रही थी, जो और बढ़ गई. फिलहाल कोलकाता के अपोलो अस्पताल में इलाज करा रहीं मलिक कहती हैं, "पेट की परेशानियां पूरे परिवार में हैं. मेरे डॉक्टर का कहना है कि मुझे डॉक्सी 100 की जरूरत नहीं थी. इसे लेने के कारण आंत से अच्छे बैक्टीरिया निकल गए. तभी से मुझे पेट और पाचन की गंभीर परेशानियां रहने लगी.' महामारी के दौरान ऐंटीबायोटिक की खपत में बढ़ोतरी ने चिकित्सा विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की माइक्रोबायोलॉजिस्ट कामिनी वालिया कहती हैं, "सकंडरी बैक्टीरियल इफेक्शन के डर या कोविड का निश्चित इलाज नहीं होने से जमकर ऐंटीबायोटिक दवाइयां लिखी गईं. ऐंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध अपने आप में भारत में खामोश महामारी है, जिसे कोविड और बढ़ा रहा है."
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Investment Strategy : Financial Freedom का अर्थ हैं अगर प्रत्येक महीना आपका खर्च 10 हजार रुपये हैं तो ये 10,000 रुपये प्रत्येक महीना बिना कुछ किये ही आपको मिलता रहे.
अगर आप सोच रहे की ये कैसे पॉसिबल है, तो आप हमारे टिप्स और ट्रिक्स को फॉलो करें, अगर अभी आपकी उम्र 21 वर्ष है तो 28 वर्ष की उम्र तक आप फाइनेंसियल फ्रीडम हो जाएंगे.
“1990 के दशक में शेयर मार्केट अपने शुरुआती दौड़ में था, उस वक्त जिंन्होने भी रिसर्च कर इन्वेस्टमेंट किया आज वे करोड़ो के मालिक हैं”
जो शेयर मार्केट को जान समझ रहें हैं वे अपने गार्जियन को कभी न कभी ये जरूर कह देते हैं कि आप शेयर में क्यो नही इन्वेस्ट किये थे. अगर 10 हजार भी कर दिए रहते तो आज उसका वैल्यू 1 करोड़ रुपये से ऊपर रहता.
इन्वेस्टमेंट शुरू करने से पहले SIP को समझे
SIP का अर्थ है Sistmatic Investment Plan मतलब किसी भी फंड मे एक निश्चित अंतराल पर लगातार किया गया निवेश.
दरअसल SIP फण्ड मे निवेश करने का एक आसान तरीका है जिसके माध्यम मार्केट रिसर्च करके जरुरत को समझे से छोटी-छोटी रकम एक निश्चित अंतराल पर किसी फण्ड मे निवेश किया जाता है.
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छोटे रकम से निवेश : अगर आप के पास एकमुश्त रकम नही हैं तो SIP मे आप सिर्फ Rs 500 मासिक निवेश से सुरुआत कर सकते है , यह पैसा आप अपनी दिन चर्या मे होने वाले खर्चो में से बचा सकते है और धीरे-धीरे यही छोटी रकम एक दिन बड़ी रकम का रूप ले लेगी.
वो कहते है ना कि बून्द-बून्द से तालाब भी भर जाता हैं ठीक उसी प्रकार इस छोटी-छोटी रकम से एक दिन आपके पास बड़ी रकम बन जाएगी और यह आपके भविष्य में आपकी जरूरतों को पूरा करने में काफी मददगार साबित होगा.
कहां करें निवेश
आप शेयर स्टोक्स और Cryptocurrency दोनो में ही SIP कर सकतें हैं, अगर आप कई गुना ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो आपके लिए Cryptocurrency सबसे बेस्ट ऑप्शन हैं. इस बात को आप अच्छे से समझ लें की Cryptocurrency में इन्वेस्टमेंट मतलब हाई रिस्क हाई रिटर्न है.
जैसे 1990 के दशक में शेयर बाजार अपने शुरुआती दौर में था ठीक उसी प्रकार Cryptocurrency आज के मार्केट रिसर्च करके जरुरत को समझे दौर में अपने शुरुआती समय मे है.
वर्ष 2017 में जिंन्होने ने भी Cryptocurrency में 1,000 ( एक हजार रुपये) निवेश किया था आज 2021 में उसका वैल्यू 2 लाख रुपये हैं, और जिंन्होने प्रत्येक महीने सिर्फ 500 रुपये SIP किया होगा आज वें करोड़ों के मालिक हैं.
Cryptocurrency से ये पॉसिबल हैं, मगर ध्यान रहें इसमे वहीं पैसा लगाए जिसे आप खोने के लिए रेडी हैं, मतलब यहां सबसे ज्यादा रिस्क हैं तो वहीं सबसे ज्यादा रिटर्न भी यहिं मिलेगा हैं.
कैसे करें निवेश
क्रिप्टो करेंसी में निवेश क्रिप्टो एक्सचेंज के माध्यम मार्केट रिसर्च करके जरुरत को समझे से किया जाता हैं इसके लिए सबसे पहले आपको क्रिप्टो एक्सचेंज पर अपना खाता बनाना होगा.
क्रिप्टो एक्सचेंज पर खाता बनाने के लिए नाम, ईमेल, मोबाईल नंबर और आपका आधार या ड्राविंग लाइसेंस के साथ आपका फ़ोटो लगेगा. सभी प्रक्रिया पूरा हो जाने के बाद आपका एकाउंट क्रिप्टो एक्सचेंज पर बन जायेगा.
अकाउंट बन जाने मार्केट रिसर्च करके जरुरत को समझे के बाद आप Fund में जाकर UPI या बैंक एकाउंट के माध्यम से अपने क्रिप्टो एक्सचेंज वॉलेट में पैसा डाल सकेंगे.
पैसा डालने के बाद आप किसी भी क्रिप्टो कॉइन को खरीद सकेंगे. और उस क्रिप्टो कॉइन पर SIP स्ट्रेटजी को फॉलो कर आने वाले वर्षो में फाइनेंशियल फ्रीडम के साथ साथ आपके पास बड़ी रकम भी होगी.
भारत में 100% जैनुन और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टो एक्सचेंज में वज़ीरक्स और बाईनेंस को जाना जाता हैं, आप इन दोनों क्रिप्टो एक्सचेंज पर नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर अपना एकाउंट बना कर अपने भविष्य को संवार सकते हो. (इन दोनों ही एक्सचेंज पर अपना एकाउंट बना लें, आने वाले समय मे इन दोनों एक्सचेंज की आपको जरूरत होगी)
वेडिंग प्लानिंग बिजनेस से होगी शानदार कमाई, इन टिप्स को करें फॉलो
भारत में शादियों के मायने बहुत खास होते हैं. शादी यहां किसी त्योहार से कम नहीं होती. हमारे देश में शादियां बहुत ही भव्य और शानदार होती हैं. डेस्टिनेशन वेडिंग से लेकर बॉलीवुड-थीम वाले निजी समारोहों तक, मार्केट रिसर्च करके जरुरत को समझे शादी समारोह और अधिक चकाचौंध भरे हो रहे हैं. इन सब के चलते देश में वेडिंग प्लानिंग बिजनेस खूब हिट हो रहा है. वेडिंग प्लानिंग का बिजनेस एक अच्छा ऑप्शन है. आप भी इस बिजनेस से शानदार कमाई कर सकते हैं. आजकल हर कोई शानदार शादी चाहता है, जिसमें सबकुछ परफेक्ट हो. इसी के चलते वेडिंग प्लानर की मांग में बहुत इजाफा हुआ है. अगर आपमें भी क्रिएटिवटी हैं तो आप इस बिजनेस को शुरु कर सकते हैं.
शेयर कैसे खरीदते है
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शेयर खरीदने के लिए आपको सबसे पहले यह तय करना होगा कि आप किस कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं एक बार आपने यह तय कर लिया तो आपको शेयर खरीदने में बड़ी आसानी होगी. आप नीचे दी गई steps को follow करके शेयर खरीद सकते है.
सबसे पहले अपने डिमैट अकाउंट को ओपन कर के टर्मिनल पर जाएं
अब आप जिस कंपनी के शेयर को खरीदना चाहते हैं उसका नाम लिखकर सर्च करें
जैसे ही आपको कंपनी का नाम मिल जाए तो उसको select करें
अब आप शेयर खरीदने से पहले उस company के शेयर की कीमत में हुए उतार-चढ़ाव देख ले इससे आपको पता चलेगा कि शेयर बाजार में इस शेयर की कीमत कितने रुपए ज्यादा हुई और कितने रुपए कम हुई.
Share Kharidne Ke Fayde
शेयर खरीदने के बहुत फायदे हैं एक बार आप किसी कंपनी के शेयर को खरीद कर रख लेते हैं तो उस कंपनी के शेयर को आप चौगुनी और हजार गुना दाम में बैच सकते हैं.
बशर्ते आप ने कंपनी के शेयर को कम कीमत में खरीदा हो क्योंकि अगर आपने उस कंपनी के शेयर को ज्यादा कीमत में खरीदा और भविष्य में उस कंपनी के शेयर की कीमत और भी ज्यादा कम हो गई तब आपको ऐसी स्थिति में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
इसलिए हमेशा किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उसकी हिस्ट्री को जांच लें और यह पता लगा लेंगे उस शेयर की कीमत कितनी हमेशा रहती है और उसकी कितनी कम कीमत जाती है
किस कंपनी के शेयर खरीदे
कौन सा शेयर खरीदने लायक है यह बता पाना थोडा मुश्किल है क्योंकि हर रोज बदलती कीमत के कारण हर एक शेयर आपको खरीदने लायक लगेगा और उसकी कीमत बढ़ जाने पर आपको वह शेयर एक नुकसान मार्केट रिसर्च करके जरुरत को समझे का सौदा साबित लगेगा. इसलिए यह आप पर निर्भर करता है कि आप उस से कितना प्रॉफिट कमाना चाहते हैं.
क्या है ओवरस्पेंडिंग?
ओवरस्पेंडिंग का अर्थ किसी व्यक्ति के द्वारा जरूरत से अधिक पैसा खर्च करना कहा जाता है। हालांकि इसका मतलब केवल फिजूल खर्च नहीं होता है, बल्कि मौजूद साधनों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल भी ओवरस्पेंडिंग में गिना जाता है। ऐसे में अगर आप अपनी क्षमता से ज्यादा कोई भी साधन या पैसे खर्च करते हैं, तो इसे आपकी ओवरस्पेंडिंग हैबिट कहा जाता है।
कहां पर कितना खर्च करते हैं भारतीय?
बता दें कि ओवर स्पेंडिंग से जुड़ी Dailysuny.com की रिसर्च से हमें यह पता चलता है कि भारतीय किन जगहों पर कितना खर्च करते हैं।
- 30% से ज्यादा भारतीयों का मानना है कि वो छुट्टियों पर जाने का खर्च नहीं उठा पाते हैं।
- लगभग आधे भारतीय महीने भर में 500 रुपये से लेकर 2,500 रुपये अपने कपड़े पर खर्च करते हैं।
- 15 लाख या उससे ज्यादा आय वाले 75 % भारतीय कपड़ों पर हर माह 1,500 रुपये से ज्यादा खर्च करते हैं।
- 16 % भारतीय पुरुषों की तुलना में 21% महिलाएं जूतों पर खर्च करती हैं।
- मध्य भारत के हर 3 में से 1 भारतीय यह मानता है कि वो बाहर का खाना बर्दाश्त नहीं कर सकता है, वहीं पश्चिम भारत में 10 में 1 लोग ही ऐसा मानते हैं।
- 70% भारतीय ऑनलाइन खरीदारी करते समय 1,999 से कम खर्च करते हैं।
- उत्तर भारत में लोग सबसे अधिक ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। साथ ही विवाहित लोगों से ज्यादा अविवाहित लोग ऑनलाइन खरीदारी पर खर्च करते हैं।
- पैसे बचाने में कमजोर हैं भारतीय-
- रिसर्च के अनुसार 57% लोग अपने बचत खाते या आपातकालीन समस्याओं के लिए 5,000 से कम रखते हैं।
- विवाहित भारतीय अविवाहित भारतीयों के अपेक्षा ज्यादा पैसों की बचत करते हैं।
- 3 में से 1 अधिक भारतीय अपनी तनख्वाह के सहारे गुजारा करते हैं।
- 80 % अविवाहित भारतीय अपनी मासिक आय का 10%भी नहीं बचा पाते हैं।
- केवल 30 % भारतीय अपना पैसा कहीं न कहीं पर निवेश करते हैं।
ओवरस्पेंडिंग को ये चीजें देती हैं बढ़ावा-
ऐसी कई चीजें हैं जो ओवरस्पेंडिंग को बढ़ावा दे रही हैं। इनमें मीडिया विज्ञापन, सोशल मीडिया प्रेशर को बढ़ावा मिलता है। ऐसे में जो लोग खरीदारी को लेकर कंफ्यूज रहते हैं, उनके लिए बेकाबू खर्च को कंट्रोल करना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। कंफ्यूज लोग अक्सर Ads और प्रमोशन इमेज देखकर ही चीजों से आकर्षित हो जाते हैं, जिस वजह से ये बिना सोचे-समझे कुछ भी खरीद लेते हैं।
करें कैश पेमेंट-
कार्ड या ऑनलाइन पेमेंट करने पर हमें खर्च का अहसास नहीं होता है। इस वजह से लोग फिजूल खर्च कर देते हैं।
रखें हिसाब-
अपने खर्च को एक्सल शीट या डायरी में मेंशन करें। इससे आपको पता चलेगा कि आपने कहां पर कितने पैसे खर्च किए हैं।