सफलता की कहानी

मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई

मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई
इसके अलावा भारतीय सोशल मीडिया पर सुनक के पीएम बनने को लेकर ख़ासी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. भारतीय व्यवसायी आनंद महिंद्रा ने भी उन्हें ट्वीट करते हुए बधाई दी है. उन्होंने कहा, 'विंस्टन चर्चिल ने साल 1947 में भारतीय स्वतंत्रता के मौक़े पर कहा था कि '. भारतीय नेता कम क्षमताओं वाले लोग होंगे.' आज हमारी आज़ादी के 75वें वर्ष में हम भारतीय मूल के एक शख़्स को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनते देख रहे हैं. ज़िंदगी ख़ूबसूरत है.'

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मुक्त व्यापार समझौतों को मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई लेकर प्रतिबद्धता जताई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चाल्र्स मिशेल ने आज द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने का संकल्प लिया और दोनों देशों ने प्रस्तावित भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर लंबे समय से बाधित बातचीत बहाल करने पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने यहां अपनी मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय व्यापार में विविधता लाकर और निवेश संबंधों को विस्तारित करके आर्थिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई नेताओं की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी की पूर्ण क्षमता का मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई इस्तेमाल करने पर सहमति जताई तथा भारत-यूरोपीय व्यापक आधारित व्यापार एवं निवेश समझौते (बीटीआईए) पर बातचीत 'परस्पर सहमत शर्तों' पर बहाल करने की इच्छा जताई।

बेल्जियम 28 देशों वाले यूरोपीय संघ का सदस्य है। मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत मई 2013 से रुकी हुई है क्योंकि दोनों पक्षों को अभी महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर पर्याप्त अंतरों को दूर करना है जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए डेटा सुरक्षा दर्जा शामिल है। पिछले दो महीने में दोनों पक्षों के अधिकारियों की इस मुद्दे पर दो बार बैठक हो चुकी है लेकिन अगली दौर की बातचीत के लिए कोई तिथि अभी तक तय नहीं हुई है। बेल्जियम की 160 से अधिक कंपनियां भारत में काम कर रही हैं। वहीं भारत की करीब 80 कंपनियां बेल्जियम में कारोबार कर रही हैं।

भारत, ब्रिटेन के मंत्री व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने को लेकर अगला कदम उठाने पर सहमत

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री लिज ट्रस के साथ सोमवार को वचुअर्ल बैठक की.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई गोयल ने ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री लिज ट्रस के साथ सोमवार को वचुअर्ल बैठक की.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री लिज ट्रस के साथ सोमवार को वचुअर्ल बैठक . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 15, 2021, 02:10 IST

नई दिल्ली. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री लिज ट्रस के साथ सोमवार को वचुअर्ल बैठक की. इस बैठक में ब्रिटेन भारत व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू करने के लिये अगला कदम उठाये जाने पर सहमति जताई गई. ब्रिटेन की सरकार ने यह कहा.

ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआईटी) ने कहा कि दोनों मंत्रियों के बीच बातचीत भारत ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिये गुंजाइश और आकांक्षा पर केन्द्रित रही. इस बातचीत से पहले 31 अगस्त को ब्रिटेन ने औपचारिक विचार विमर्श की प्रक्रिया को पूरा कर लिया.

ब्रिटेन के नए पीएम ऋषि सुनक क्या देंगे भारत को दिवाली 'गिफ्ट'?

By: ABP Live | Updated at : 27 Oct 2022 10:04 AM (IST)

भारतीय मूल के ऋषि सुनक के ब्रिटेन का पीएम बनने से उम्मीद भारत में उम्मीद लगाई जा रही है कि अब दोनों के बीच मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की वार्ता को जरूरी रफ्तार देने में मदद मिलेगी.

दरअसल भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की समयसीमा दीपावली तक रखी गई थी. लेकिन ब्रिटेन में हुए राजनीतिक परिवर्तन के बीच इस समझौते की समयसीमा पार हो गई है.

वहीं, सुनक ने मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई एफटीए के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. उन्होंने वित्तीय सेवाओं को द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में विशेष रूप से ‘रोमांचक’ पहलू बताया है. उन्होंने वित्तीय प्रौद्योगिकी तथा बीमा क्षेत्र में दोनों देशों के लिए भारी अवसरों की ओर इशारा किया है.

सुनक ने पीएम बनने से पहले जुलाई में कहा था, “मैं इस क्षेत्र और दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका का समर्थन करता हूं. इस दिशा में एफटीए एक बड़ा कदम साबित होगा.”

ब्रिटेन के लोगों की जेब ढीली करके बड़ा झटका देंगे ऋषि सुनक! बजट में ऐलान संभव

ब्रिटेन के लोगों की जेब ढीली करके बड़ा झटका देंगे ऋषि सुनक! बजट में ऐलान संभव

TV9 Bharatvarsh | Edited By: हर्षित मिश्रा

Updated on: Nov 03, 2022 | 12:51 PM

ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद कुछ बड़े फैसलों पर विचार कर रहे हैं. सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार ऋषि सुनक की नई सरकार आर्थिक चुनौतियां झेल रहे ब्रिटेन को इससे निकालने का प्लान तैयार कर रही है. जल्द ही उनकी सरकार अपना पहला बजट पेश करने वाली है. लेकिन इस बजट से ब्रिटेन के लोगों को झटका लग सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ऋषि सुनक की सरकार ब्रिटिश लोगों से अधिक टैक्स वसूलने पर मुहर लगा सकती है.

भारत से ट्रेड डील पर सुनक ने जताई प्रतिबद्धता

वहीं दूसरी ओर भारत से मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई बेहतर संबंधों को लेकर भी ब्रिटेन ने प्रतिबद्धता जताई है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को कहा था कि नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक संतुलित समझौते को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में भारत व मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर गहन बातचीत चल रही है. पिछले हफ्ते ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद सुनक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी जिसमें दोनों पक्षों ने एफटीए के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी.

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भारत-न्यूजीलैंड संबंधों में नई ताज़गी आने की उम्मीद

विगत दिनों न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की भारत दौरे पर आए थे। रूस, चीन, अमेरिका आदि तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों की तुलना में उनका यह भारत दौरा मीडिया कवरेज के लिहाज से काफी शांत रहा, लेकिन इससे ऐसा नहीं समझना चाहिए कि इसका महत्व कम है। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के इस दौरे में दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए दो बिंदु सबसे महत्वपूर्ण माने जा रहे थे। पहला तो ये कि भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए न्यूजीलैंड का समर्थन प्राप्त करने की दिशा में पहल करेगा और दूसरा ये कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में दोनों देशों के बीच आम सहमति बनेगी। जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉन की ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया तो स्पष्ट हो गया कि इन बिन्दुओं पर न केवल बातचीत हुई है, बल्कि भारत न्यूजीलैंड को अपने पक्ष में करने में संभवतः सफल भी रहा है। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की ने इस संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के शामिल होने को लेकर बातचीत हुई है और एनएसजी में भारत के शामिल होने की महत्ता को वे स्वीकार करते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की सदस्यता को लेकर वर्तमान में एनएसजी में जारी प्रक्रिया में न्यूजीलैंड रचनात्मक रूप से मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई योगदान करना जारी रखेगा तथा एनएसजी सदस्यों के साथ मिलकर इस सम्बन्ध में जल्द से जल्द किसी नतीजे पर पहुंचा जाएगा। इसके अलावा उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात यह भी कही कि न्यूजीलैंड संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने के सम्बन्ध में भी भारत का समर्थन करेगा। इसके अलावा आतंकवाद के मसले पर भी दोनों देशों के बीच सहमति बनी है। इस सम्बन्ध में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद और कट्टरपंथ समेत साइबर हमलों के खतरे के विरुद्ध दोनों देश एक-दुसरे का सहयोग करने पर सहमति बनी है। ये बातें सुनने में तो काफी अच्छी लगती हैं और आशा जगाती हैं, मगर व्यावहारिकता में ये न्यूजीलैंड अपनी इन बातों पर कितना खरा उतरता है, ये तो समय ही बताएगा।

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